साल 1971 में एक फिल्म 'कारवां' आई थी. जितेंद्र और आशा पारेश स्टारर इस फिल्म का एक गाना ''पिया तू अब तो आजा, शोला सा मन दहके आ के बुझा जा, तन की ज्वाला ठंडी हो जाए, ऐसे गले लगा जा, मोनिका, माई डार्लिंग''...बहुत ज्यादा मशहूर हुआ था. मजरूह सुल्तानपुरी के बोल और आर डी बर्मन के संगीत पर आधारित आशा भोसले का गाया ये गाना आज भी लोगों के जुबां पर है. इसका जादू लोगों के सिर चढ़कर इस कदर बोलता है कि इस बोल पर एक फिल्म ही बना दी गई है. जी हां, हम वासन बाला के निर्देशन में बनी क्राइम थ्रिलर फिल्म 'मोनिका ओ माय डार्लिंग' की बात कर रहे है, जो इस वक्त ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है. इस फिल्म में रहस्य और रोमांच कूट-कूट कर भरा है. बहुत दिनों बाद एक ऐसी थ्रिलर फिल्म देखने को मिली है, जिसे देखने के दौरान रोम रोम रोमांचित हो उठता है.
मैचबॉक्स शॉट्स के बैनर तले बनी फिल्म 'मोनिका ओ माय डार्लिंग' का निर्देशन वासन बाला ने किया है. वासन 'आमिर', 'मर्द को दर्द नहीं होता', 'रमन राघव 2.0' और 'रे' जैसी फिल्मों और सीरीज के लिए जाने जाते हैं. फिल्म की कमान उनके हाथों में होना ही इस बात का भरोसा देता है कि कुछ अच्छा दिखने वाला है. पुणे शहर की पृष्ठभूमि पर बुनी गई एक मर्डर मिस्ट्री को उन्होंने जिस अनोखे अंदाज में पेश किया है, वो काबिले तारीफ है. ऐसा वासन ही कर सकते हैं कि एक साधारण सी हत्या को रोमांच के धागे से इस तरह बुन दे कि देखने वाले स्क्रीन से नजर ही न हटा सकें. फिल्म की कहानी जापानी लेखक केइगो हिगाशिनो के दिलचस्प उपन्यास 'बुरुतासु नो शिंज़ौ' से प्रेरित है. इसे भारतीय परिवेश में ढ़ालकर पटकथा का रूप देने का काम योगेश चंदेकर ने बखूबी किया है. फिल्म के सभी कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया है.
साल 1971 में एक फिल्म 'कारवां' आई थी. जितेंद्र और आशा पारेश स्टारर इस फिल्म का एक गाना ''पिया तू अब तो आजा, शोला सा मन दहके आ के बुझा जा, तन की ज्वाला ठंडी हो जाए, ऐसे गले लगा जा, मोनिका, माई डार्लिंग''...बहुत ज्यादा मशहूर हुआ था. मजरूह सुल्तानपुरी के बोल और आर डी बर्मन के संगीत पर आधारित आशा भोसले का गाया ये गाना आज भी लोगों के जुबां पर है. इसका जादू लोगों के सिर चढ़कर इस कदर बोलता है कि इस बोल पर एक फिल्म ही बना दी गई है. जी हां, हम वासन बाला के निर्देशन में बनी क्राइम थ्रिलर फिल्म 'मोनिका ओ माय डार्लिंग' की बात कर रहे है, जो इस वक्त ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है. इस फिल्म में रहस्य और रोमांच कूट-कूट कर भरा है. बहुत दिनों बाद एक ऐसी थ्रिलर फिल्म देखने को मिली है, जिसे देखने के दौरान रोम रोम रोमांचित हो उठता है.
मैचबॉक्स शॉट्स के बैनर तले बनी फिल्म 'मोनिका ओ माय डार्लिंग' का निर्देशन वासन बाला ने किया है. वासन 'आमिर', 'मर्द को दर्द नहीं होता', 'रमन राघव 2.0' और 'रे' जैसी फिल्मों और सीरीज के लिए जाने जाते हैं. फिल्म की कमान उनके हाथों में होना ही इस बात का भरोसा देता है कि कुछ अच्छा दिखने वाला है. पुणे शहर की पृष्ठभूमि पर बुनी गई एक मर्डर मिस्ट्री को उन्होंने जिस अनोखे अंदाज में पेश किया है, वो काबिले तारीफ है. ऐसा वासन ही कर सकते हैं कि एक साधारण सी हत्या को रोमांच के धागे से इस तरह बुन दे कि देखने वाले स्क्रीन से नजर ही न हटा सकें. फिल्म की कहानी जापानी लेखक केइगो हिगाशिनो के दिलचस्प उपन्यास 'बुरुतासु नो शिंज़ौ' से प्रेरित है. इसे भारतीय परिवेश में ढ़ालकर पटकथा का रूप देने का काम योगेश चंदेकर ने बखूबी किया है. फिल्म के सभी कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय किया है.
फिल्म 'मोनिका ओ माय डार्लिंग' में हुमा कुरैशी, राजकुमार राव, राधिका आप्टे, सिकंदर खेर, भगवती पेरुमल, आकांक्षा रंजन कपूर, सुकांत गोयल और जायेन मारी खान जैसे कलाकार अहम किरदारों में हैं. इसमें हुमा कुरैशी, राजकुमार राव और राधिका आप्टे की भूमिका अहम है. जयंत अरखेडकर उर्फ जॉनी के किरदार में राजकुमार राव, मोनिका मचाडो के किरदार मेंहुमा कुरैशी और एसीपी विजयशांति नायडू के किरदार में राधिका आप्टे ने दमदार अभिनय किया है. लंबे समय बाद राजकुमार राव अपनी अदाकारी से प्रभावित करते दिख रहे हैं. हुमा कुरैशी का तो कहना ही क्या. सोनी लिव की वेब सीरीज 'महारानी' के बाद उन्होंने जिस तरह से अपना क्रेज पैदा किया है, उसे इस फिल्म में भी बरकरार रखा है. मोनिका को उनके अब तक के बेहतरीन किरदारों में से एक कहा जा सकता है. पुलिस अफसर के रोल में राधिका आप्टे भी जम रही हैं.
फिल्म की कहानी जयंत अरखेडकर (राजकुमार राव) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो कि एक रोबोटिक्स एक्सपर्ट होता है. एक छोटे से कस्बे अंगोला का रहने वाला जय बहुत बड़े-बड़े सपने देखता है. यही वजह है कि आईआईटी से इंजनीयरिंग पास करने के बाद एक बड़ी कंपनी यूनिकॉर्न ग्रुप में खूब मेहनत करता है. उसकी मेहनत से खुश होकर कंपनी का मालिक सत्यनारायण अधिकारी उसे अपनी कंपनी में डायरेक्टर बना देता है. कंपनी के शेयर भी देता है. उसकी बेटी निक्की (आकांशा रंजन कपूर) जय से प्यार करती है. दोनों शादी करने वाले हैं. लेकिन इसी बीच एक सीन में पता चलता है कि जय और कंपनी में काम करने वाली मोनिका (हुमा कुरैशी) के बीच शारीरिक संबंध है. मोनिका जय से कहती है कि वो उसके बच्चे की मां बनने वाली है. जय परेशान हो जाता है. उसे अबॉर्शन कराने के लिए कहता है, लेकिन मोनिका उसे ब्लैकमेल करने लगती है.
इसी बीच एक दिन ऑफिस में उसे एक लिफाफा मिलता है. इसमें उसकी मोनिका के साथ अंतरंग तस्वीरें होती हैं. तस्वीरें भेजने वाला उसे मिलने के लिए एक होटल में बुलाता है. वहां जाने के बाद जय को पता चलता है कि वहां कंपनी के मालिक सत्यनारायण अधिकारी का बेटा निशिकांत अधिकारी (सिकंदर खेर) मौजूद है. उसे देखकर जय घबड़ा जाता है. हालांकि, निशि कहता है कि वो उसे ब्लैकमेल करने के लिए नहीं बुलाया है, बल्कि वो खुद मोनिका से ब्लैकमेल हो रहा है. उसकी कंपनी का एक अकाउंटेंट भी ब्लैकमेल हो रहा है. इस तरह तीनों साथ मिलकर मोनिका को जान से मारने की योजना बनाते हैं. तीनों की जिम्मेदारी तय की जाती है. तय योजना के अनुसार मोनिका की हत्या करके उसकी लाश को जंगल में ठिकाने लगा दिया जाता है. लेकिन अगले दिन मोनिका ऑफिस में जिंदा देख जय के होश उड़ जाते हैं. आगे की कहानी के लिए फिल्म देखनी होगी.
फिल्म की सबसे खास बात कहानी के अनुसार कलाकारों का परफेक्ट चयन है. इसके अलावा वासन बाला ने अपनी काबिलियत से इन सभी कलाकारों से उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराया है. इन सारी खूबियों के केंद्र में राजकुमार राव हैं. यदि आप उनके प्रशंसक हैं और उनकी पिछली फिल्मों में उनके काम को देखकर निराश हो चुके हैं, तो आपको ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए. आपका प्यार वापस जग जाएगा. जयंत अरखेडकर के किरदार में उन्होंने जान डाल दी है. एक छोटा कस्बे का महत्वाकांक्षी लड़का, कंपनी के मालिक के आंखों का तारा, उसकी बेटी का प्रेमी और उसी समय में एक दूसरी महिला के साथ अफेयर, इन सभी रूपों में उनका अलग-अलग रंग दिखता है. हुमा कुरैशी का किरदार सबसे ज्यादा रहस्यमयी है. फिल्म का टाइटल से ही पता चलता है कि उनके किरदार के बिना इसकी कल्पना बेमानी है. छोटी सी भूमिका में ही सही सिकंदर खेर ने प्रभावित किया है.
कुल मिलाकर, यदि आपने श्रीराम राघवन के निर्देशन में बनी आयुष्मान खुराना, तब्बू और राधिका आप्टे स्टारर 'अंधाधुन' देखी है, तो आपको फिल्म 'मोनिका ओ माय डार्लिंग' जरूर पसंद आएगी. दिलचस्प बात ये है कि दोनों फिल्मों की कहानी एक ही लेखक ने लिखी है. उनका नाम पहले ही बता दिया गया है, जो कि योगेश चंदेकर है.
iChowk.in रेटिंग: 5 में से 4 स्टार
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