हिंदी सिनेमा की यह बात गौर करने लायक है कि हीरो के मुक़ाबले हीरोइन की उम्र हमेशा कम होती है. बॉलीवुड का हीरो पचास साल का भी हो जाय फिर भी वो तीस साल का हीरो बन सकता है. लेकिन उसके उम्र की हीरोइन को उसी हीरो की मां का किरदार निभाना होता है. हाल ही में ऐसा एक बार फिर देखने को मिला है. 58 साल के संजय दत्त की अगली फिल्म "साहब बीवी और गैंगस्टर 3" में संजय दत्त की मां का किरदार नफ़ीसा अली निभा रही हैं. बता दें कि नफ़ीसा अली संजय दत्त से उम्र में सिर्फ दो साल बड़ी हैं. ये वही नफ़ीसा अली हैं जिन्होंने 1979 में श्याम बेनेगल की फिल्म "जुनून" में शशि कपूर के अपोजिट डेब्यू किया था.
लगभग उसी दौर में हमउम्र या हीरोइन के तौर पर दिखनेवाली अभिनेत्री को उसी हीरो की मां का किरदार मिलने का यह पहला मामला नहीं है. इसमें सबसे पहला नाम याद आता है राखी का जो अमिताभ बच्चन के साथ 1976 की फिल्म "कभी-कभी", 1978 की "कस्में वादे", "त्रिशूल" और "मुक़द्दर का सिकंदर" में बतौर हिरोइन नजर आई. इन फिल्मों में इन...
हिंदी सिनेमा की यह बात गौर करने लायक है कि हीरो के मुक़ाबले हीरोइन की उम्र हमेशा कम होती है. बॉलीवुड का हीरो पचास साल का भी हो जाय फिर भी वो तीस साल का हीरो बन सकता है. लेकिन उसके उम्र की हीरोइन को उसी हीरो की मां का किरदार निभाना होता है. हाल ही में ऐसा एक बार फिर देखने को मिला है. 58 साल के संजय दत्त की अगली फिल्म "साहब बीवी और गैंगस्टर 3" में संजय दत्त की मां का किरदार नफ़ीसा अली निभा रही हैं. बता दें कि नफ़ीसा अली संजय दत्त से उम्र में सिर्फ दो साल बड़ी हैं. ये वही नफ़ीसा अली हैं जिन्होंने 1979 में श्याम बेनेगल की फिल्म "जुनून" में शशि कपूर के अपोजिट डेब्यू किया था.
लगभग उसी दौर में हमउम्र या हीरोइन के तौर पर दिखनेवाली अभिनेत्री को उसी हीरो की मां का किरदार मिलने का यह पहला मामला नहीं है. इसमें सबसे पहला नाम याद आता है राखी का जो अमिताभ बच्चन के साथ 1976 की फिल्म "कभी-कभी", 1978 की "कस्में वादे", "त्रिशूल" और "मुक़द्दर का सिकंदर" में बतौर हिरोइन नजर आई. इन फिल्मों में इन दोनों का लव एंगल देखने को मिला था. वहीं 1979 में आई फिल्म "जुर्माना" और "काला पत्थर", 1981 में "बरसात की एक रात", 1982 में "बेमिसाल", और फिर 1982 में ही आई फिल्म "शक्ति" में राखी को अमिताभ बच्चन की मां का किरदार निभाना पड़ा. राखी के अभिनय की बहुत तारीफ हुई और दर्शकों ने अमिताभ और राखी को मां बेटे के तौर पर स्विकार भी कर लिया था, हालांकि बॉक्स ऑफिस पर ये फिल्म कुछ खास कमाई नहीं कर पाई थी. वहीदा रहमान के साथ भी यही देखने को मिला. पहले तो वहीदा रहमान अमिताभ की पत्नी के रोल में 1976 की फिल्म "कभी-कभी" में और 1976 की फिल्म "अदालत" में दिखी. हालांकि "अदालत" में अमिताभ का डबल रोल था, वो वहीदा के पति भी बने थे और बेटे भी. दोबारा वहीदा जी ने अमिताभ की मां का किरदार 1978 की फिल्म "त्रिशूल" में निभाया था. एक बार फिर 1983 की फिल्म "महान" में वहीदा अमिताभ बच्चन की पत्नी भी बनी और मां भी, इस फिल्म में अमिताभ ने ट्रिपल रोल में नजर आए थे.
शाहरुख, सलमान, आमिर, अजय देवगन, अक्षय कुमार की हीरोइन्स भी अब बदल गई हैं. जब इन सबने शुरूआत की थी तो ये माधुरी दीक्षित, जूही चावला, काजोल, करिश्मा कपूर, रवीना टंडन के साथ नजर आते थे. आब चाहे माधुरी दीक्षित हो या तब्बु या रवीना टंडन, ये अभिनेत्रियां फिल्मों में ना के बराबर नजर आती हैं. ये भी कह सकते इनके लिये रोल्स आजकल कम लिखे जाते हैं. लेकिन ये तय है कि ये सभी अब मां या भाभी के किरदार में ही ज्यादा दिखती हैं. जबकी इनके साथ के हीरो अब भी 35 और चालीस साल के किरदार में अपने से आधी उम्र की लड़कियों के साथ हीरो बनकर दिख रहे हैं.
दीपिका-शाहरुख, कटरीना-सलमान, या अक्षय जो हाल में हुमा कुरैशी के साथ जॉली एलएलबी में, वहीं इलियाना के साथ फिल्म रुसतम में दिखे थे. इलियाना हाल ही में आई फिल्म बादशाहों में देवगन के साथ रोमान्स करते दिखी थीं. देवगन "once upon a time in Mumbai" में कंगना के साथ रोमान्स करते दिखे थे. इस लिस्ट में आमिर ही ऐसे कलाकार है जो दंगल में दो लड़कियों के पिता के तौर पर दिखे थे, जो लगभग उनकी असल उम्र भी है.
अब चाहे आप इसे लोगों की मानसिकता कहे या समय की डिमांड.
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जब उम्र को पीछे छोड़ पर्दे पर आया मां-बेटे का रिश्ता:
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