नेटफ्लिक्स की ओरिजिनल तमिल वेबसीरीज 'नवरस' का प्रोडक्शन कई मायनों में तारीफ़ के काबिल है. सीरीज अगले महीने 6 अगस्त से स्ट्रीम होगी. इसमें नौ छोटी कहानियां दिखाई जाएंगी. सीरीज के साथ दक्षिण भारत के सिनेमा जगत की दिग्गज हस्तियां जुड़ी हैं. इसमें जो नौ छोटी कहानियां दिखाने की तैयारी है वो नौ रसों यानी इमोशंस पर आधारित हैं. सीरीज के प्रोडक्शन के लिए मणिरत्नम और जयेंद्र साथ आए हैं. नवरस की सबसे ख़ास बात इसका मकसद है. दरअसल, नवरस से होने वाली कमाई उन लोगों की मदद के लिए दी जाएगी जो कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन में प्रभावित हुए. सीरीज से जुड़े किसी भी अभिनेता और निर्देशक ने अपने काम के बदले कोई पारिश्रमिक नहीं लिया है.
महामारी से प्रभावित लोगों की मदद के लिए तमिल इंडस्ट्री का ये कदम किसी मिसाल से कम नहीं है. भारतीय सिनेमा में अलग-अलग फिल्म इंडस्ट्रीज और सितारों ने महामारी से निपटने के लिए अपने स्तर पर काफी प्रयास किए हैं. निश्चित ही मुश्किल वक्त में कई सितारों के य्वाक्तिगत प्रयास काफी बड़े और सराहनीय रहे. लेकिन ऐसा उदाहरण देखने को नहीं मिलता जिसमें बड़े पैमाने पर इंडस्ट्री के दिहाड़ी मजदूरों की मदद के लिए इस तरह का सामूहिक प्रयास किया गया हो. प्रोजेक्ट की पूरी कमाई को ही लॉकडाउन से प्रभावित इंडस्ट्री के जरूरतमंदों को देना रहा हो.
रिपोर्ट्स की मानें तो प्रोजेक्ट की कमाई को फिल्म इम्प्लाई फेडरेशन ऑफ़ साउथ इंडिया के मेम्बर्स को दान में जाएगी. ऐसे मेंबर्स जो इंडस्ट्री में सबसे निचले पायदान पर हैं और दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं. नवरस का निर्माण पिछले साल अनलॉक के बाद अक्टूबर में शुरू हुआ था. इस साल मार्च के अंत से ही इंडस्ट्री के वर्कर्स को चिन्हित कर प्रीपेड कार्ड बांटे गए. इसी कार्ड के जरिए हर लाभार्थी को पांच महीने तक प्रति माह 1,500 दिए जाने की योजना...
नेटफ्लिक्स की ओरिजिनल तमिल वेबसीरीज 'नवरस' का प्रोडक्शन कई मायनों में तारीफ़ के काबिल है. सीरीज अगले महीने 6 अगस्त से स्ट्रीम होगी. इसमें नौ छोटी कहानियां दिखाई जाएंगी. सीरीज के साथ दक्षिण भारत के सिनेमा जगत की दिग्गज हस्तियां जुड़ी हैं. इसमें जो नौ छोटी कहानियां दिखाने की तैयारी है वो नौ रसों यानी इमोशंस पर आधारित हैं. सीरीज के प्रोडक्शन के लिए मणिरत्नम और जयेंद्र साथ आए हैं. नवरस की सबसे ख़ास बात इसका मकसद है. दरअसल, नवरस से होने वाली कमाई उन लोगों की मदद के लिए दी जाएगी जो कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन में प्रभावित हुए. सीरीज से जुड़े किसी भी अभिनेता और निर्देशक ने अपने काम के बदले कोई पारिश्रमिक नहीं लिया है.
महामारी से प्रभावित लोगों की मदद के लिए तमिल इंडस्ट्री का ये कदम किसी मिसाल से कम नहीं है. भारतीय सिनेमा में अलग-अलग फिल्म इंडस्ट्रीज और सितारों ने महामारी से निपटने के लिए अपने स्तर पर काफी प्रयास किए हैं. निश्चित ही मुश्किल वक्त में कई सितारों के य्वाक्तिगत प्रयास काफी बड़े और सराहनीय रहे. लेकिन ऐसा उदाहरण देखने को नहीं मिलता जिसमें बड़े पैमाने पर इंडस्ट्री के दिहाड़ी मजदूरों की मदद के लिए इस तरह का सामूहिक प्रयास किया गया हो. प्रोजेक्ट की पूरी कमाई को ही लॉकडाउन से प्रभावित इंडस्ट्री के जरूरतमंदों को देना रहा हो.
रिपोर्ट्स की मानें तो प्रोजेक्ट की कमाई को फिल्म इम्प्लाई फेडरेशन ऑफ़ साउथ इंडिया के मेम्बर्स को दान में जाएगी. ऐसे मेंबर्स जो इंडस्ट्री में सबसे निचले पायदान पर हैं और दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते हैं. नवरस का निर्माण पिछले साल अनलॉक के बाद अक्टूबर में शुरू हुआ था. इस साल मार्च के अंत से ही इंडस्ट्री के वर्कर्स को चिन्हित कर प्रीपेड कार्ड बांटे गए. इसी कार्ड के जरिए हर लाभार्थी को पांच महीने तक प्रति माह 1,500 दिए जाने की योजना है. बताया जा रहा है कि फिल्म इंडस्ट्री और थियेटर के करीब 11 हजार से ज्यादा लोगों को मदद मिलेगी. महामारी में मजदूरों के लिए इस मदद के काफी मायने हैं.
नवरस से दक्षिण सिनेमा के तमाम दिग्गज जुड़े हैं. इसमें निर्देशक, अभिनेता, संगीतकार, गायक और तकनीशियन शामिल हैं. ज्यादातर तमिल और भारतीय सिनेमा की दिग्गज हस्तियां हैं. सूर्या, विजय सेतुपति, अरविन्द स्वामी, अशोक सेलवन, नागा शौर्य, सिद्धार्थ, प्रकाश राज, मणि कुट्टन जैसे दिग्गज अभिनेता प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं. नवरस का ट्रेलर रिलीज किया जा चुका है.
नीचे ट्रेलर देख सकते हैं:-
नवरस में कुल नौ छोटी कहानियों को रतिन्द्रन आर प्रसाद, अरविन्द स्वामी, बीजॉय नाम्बियार, गौतम वासुदेव मेनन, सर्जुन केएम, प्रियदर्शन, कार्तिक नरेन, कार्तिक सुब्बराज और वसंत ने निर्देशित किया है. सभी ने अलग-अलग हिस्सों को निर्देशित किया है. हर कहानी में दिग्गज अभिनेता मुख्य भूमिका में नजर आने वाले हैं.
क्रोध, करुणा, साहस, घृणा, भय, हंसी, प्रेम, शांति और आश्चर्य नौ रस हैं. इन्हीं के केंद्र में कहानियों को बुना गया है. हर कहानी की लेंथ 30 से 40 मिनट लंबी है. नवरस में 10 म्यूजिकल ट्रैक भी हैं. नवरस के टाइटल थीम को इआर रहमान ने कम्पोज किया है. सीरीज में तमिल इंडस्ट्री के प्रयोग पर सबकी नजरें होंगी. नवरस के जरिए मणिरत्नम का बैनर मद्रास टाकिज डिजिटल डेब्यू भी करने जा रहा है. प्रोजेक्ट की शूटिंग कोरोना महामारी के पहले फेज के बाद हुई.
नवरस का मकसद सराहनीय है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.