'कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है, की जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए', मुकेश का ये गाना बहुत लोगों के दिल के करीब होगा. हो भी क्यों ना गाने के बोल इतने सच्चे जो लगते हैं। इस गीत को जाने माने गायक मुकेश ने गाया था और लगता है कि मुकेश के पोते नील नितिन मुकेश ने इस गाने को अपने दिल के बहुत करीब रख लिया है. हाल ही में नील ने अपने एक इंटरव्यू में कहा है कि उनकी मां अगले जनम में उनकी गर्लफ्रेंड बनना चाहती हैं. जी हां, ये बात खुद नील ने सबके सामने स्वीकारी है. नील के इस बयान को लेकर लोग बहुत अजीब-अजीब सी बातें कर रहे हैं. कोई इसे निहायती गिरा हुआ बयान बता रहा है तो कोई इसे नील का नया पब्लिसिटी स्टंट कह रहा है.
ट्विटर पर तो जनाब नील के इस बयान को लेकर बहस ही छिड़ गई है. कई लोगों का मानना है कि नील ने ये लोकप्रिय और कई गलत कारणों से चर्चा में रहे विदेशी धारावाहिक गेम ऑफ थ्रोन्स में जाने के लिए किया है. अब हो भी क्यों ना पिछले साल नील ने इस बात का दावा भी तो किया था कि उन्हें गेम ऑफ थ्रोन्स से में किरदार निभाने के लिए बुलाया गया है. इतना ही नहीं नील के इस बयान के बाद तो उनकी तुलना ग्रीस के देवता ईडपस (Oedipus) से भी की जा रही है. पौराणिक ग्रीक मान्यता के अनुसार ईडपस ने अपने पिता को मारकर मां से ब्याह रचा लिया था.
ये भी पढ़ें - मन की बातें कह डालिए पापा से, इससे पहले की देर हो जाए
मुकेश और उनके सुपुत्र नितिन मुकेश तो अपने रोमांटिक होने के लिए मश्हूर हैं ही, लेकिन नील नितिन मुकेश ने तो खुद को दुनिया का सबसे रोमांटिक इंसान ही बता...
'कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है, की जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए', मुकेश का ये गाना बहुत लोगों के दिल के करीब होगा. हो भी क्यों ना गाने के बोल इतने सच्चे जो लगते हैं। इस गीत को जाने माने गायक मुकेश ने गाया था और लगता है कि मुकेश के पोते नील नितिन मुकेश ने इस गाने को अपने दिल के बहुत करीब रख लिया है. हाल ही में नील ने अपने एक इंटरव्यू में कहा है कि उनकी मां अगले जनम में उनकी गर्लफ्रेंड बनना चाहती हैं. जी हां, ये बात खुद नील ने सबके सामने स्वीकारी है. नील के इस बयान को लेकर लोग बहुत अजीब-अजीब सी बातें कर रहे हैं. कोई इसे निहायती गिरा हुआ बयान बता रहा है तो कोई इसे नील का नया पब्लिसिटी स्टंट कह रहा है.
ट्विटर पर तो जनाब नील के इस बयान को लेकर बहस ही छिड़ गई है. कई लोगों का मानना है कि नील ने ये लोकप्रिय और कई गलत कारणों से चर्चा में रहे विदेशी धारावाहिक गेम ऑफ थ्रोन्स में जाने के लिए किया है. अब हो भी क्यों ना पिछले साल नील ने इस बात का दावा भी तो किया था कि उन्हें गेम ऑफ थ्रोन्स से में किरदार निभाने के लिए बुलाया गया है. इतना ही नहीं नील के इस बयान के बाद तो उनकी तुलना ग्रीस के देवता ईडपस (Oedipus) से भी की जा रही है. पौराणिक ग्रीक मान्यता के अनुसार ईडपस ने अपने पिता को मारकर मां से ब्याह रचा लिया था.
ये भी पढ़ें - मन की बातें कह डालिए पापा से, इससे पहले की देर हो जाए
मुकेश और उनके सुपुत्र नितिन मुकेश तो अपने रोमांटिक होने के लिए मश्हूर हैं ही, लेकिन नील नितिन मुकेश ने तो खुद को दुनिया का सबसे रोमांटिक इंसान ही बता दिया. उनका कहना है कि यही वजह है जो उनकी मां उन्हें ही डेट करना चाहती हैं. अब भला इसमें समस्या क्या है? परिवार का मोह तो दुनिया के सबसे बड़े मोह में गिना जाता है ऐसे में अगर कोई मां अपने बेटे से ऐसी कोई बात कहती है तो क्या हर्ज है? आखिर वो इस जनम के अपने रिश्ते का मान तो रख ही रही है ना. दुनिया की हर मां के लिए उसका बेटा सबसे अच्छा होता है फिर चाहें वो कितना ही बुरा क्यों ना हो.
ये भी पढ़ें - जिंदगी में आई 'गुडि़या' तो देखिए कैसे कैसे रिश्ते बने
चलो माना की नील नितिन मुकेश पिछले कुछ समय से अपने स्टंट्स और बयानो को लेकर चर्चा में रहे हैं, लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि क्या कोई मां अपने बेटे को लाड़ में ऐसी कोई बात बोले तो उसे इतना बड़ा मुद्दा बनाना जरूरी है? अरे मां है वो बेटे को लाड़ करे या लताड़े क्या फर्क पड़ता है. मैं पूछती हूं अगर आज ये बयान हममे से किसी आम इंसान ने दिया होता तो क्या इतनी छीछी- थूथू होती?
अपनी मां के साथ नील नितिन मुकेश |
जमाना है साहब, हर चीज को गलत ही तरीके से देखता है. प्यार के मायने सिर्फ गलत लेने की जगह अगर हम उसे सही तरह से देखें तो भी काम चल जाएगा, लेकिन गेम ऑफ थ्रोन्स का जमाना है भाई, जहां उसमें भाई बहन के प्यार का नजरिया बदल दिया गया है वहीं, मां और बेटे के प्यार को भी उसी नजर से देख रहे हैं. नील ने अपने भोलेपन में ये बयान दिया, पब्लिसिटी के लिए दिया या फिर सच में मां के प्यार के जरिए ये बताना चाहा की वो कितने केयरिंग हैं ये तो वही जानें, लेकिन इससे सुर्खियों में तो वो आ गए.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.