अपने देश भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्मश्री अवॉर्ड विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में दिया गया. इस अवॉर्ड को पाने वाली फिल्मी हस्तियों में सबसे ज्यादा चर्चित नाम एक्ट्रेस कंगना रनौत और फिल्म मेकर करण जौहर का रहा है. सही मायने में कहें तो एक ही कैटेगरी के अवॉर्ड में इन दोनों धुरविरोधी कलाकारों का नाम आना कई लोगों के लिए हैरतअंगेज है. क्योंकि दोनों के गुण अलग-अलग हैं और दोनों के बीच छत्तीस का आंकड़ा जगजाहिर है. लेकिन केंद्र की मोदी सरकार की 'फिल्मीनीति' का इसे बेहतरीन नमूना कह सकते हैं, जिसने दो ध्रुवी कलाकारों का सम्मान एक साथ किया है. इसकी वजह से आलोचना करने वाले के मुंह भी बंद हो गए हैं और फिल्म इंडस्ट्री के दोनों पक्ष के लोग भी खुश नजर आ रहे हैं.
कंगना रनौत को हमेशा से ही मोदी और बीजेपी का प्रशंसक माना जाता रहा है. सुशांत सिंह राजपूत केस के बहाने उन्होंने जिस तरह से महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था, उसने कहीं न कहीं बीजेपी को जरूर खुश किया था. इसके बाद उनकी जान को खतरा बताकर केंद्र सरकार ने जब उनको वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की, तब हर किसी ने कहा कि एक्ट्रेस इस वक्त मोदी सरकार की गुड लिस्ट में हैं. कंगना इस बात को स्वीकार नहीं करती, तो कभी इंकार भी नहीं करती हैं. वो हर बड़े मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखती हैं. खुद को राष्ट्रवादी अभिनेत्री साबित करती हैं. यदि किसी भी मुद्दे पर मोदी सरकार की आलोचना होती है, तो वहां सरकार की प्रवक्ता की तरह बचाव करते हुए विरोधियों को घेरती हुई नजर आती हैं. ऐसे में उनको मिले सम्मान को लोग सियासी नजरिए से देखते हैं.
अपने देश भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्मश्री अवॉर्ड विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में दिया गया. इस अवॉर्ड को पाने वाली फिल्मी हस्तियों में सबसे ज्यादा चर्चित नाम एक्ट्रेस कंगना रनौत और फिल्म मेकर करण जौहर का रहा है. सही मायने में कहें तो एक ही कैटेगरी के अवॉर्ड में इन दोनों धुरविरोधी कलाकारों का नाम आना कई लोगों के लिए हैरतअंगेज है. क्योंकि दोनों के गुण अलग-अलग हैं और दोनों के बीच छत्तीस का आंकड़ा जगजाहिर है. लेकिन केंद्र की मोदी सरकार की 'फिल्मीनीति' का इसे बेहतरीन नमूना कह सकते हैं, जिसने दो ध्रुवी कलाकारों का सम्मान एक साथ किया है. इसकी वजह से आलोचना करने वाले के मुंह भी बंद हो गए हैं और फिल्म इंडस्ट्री के दोनों पक्ष के लोग भी खुश नजर आ रहे हैं.
कंगना रनौत को हमेशा से ही मोदी और बीजेपी का प्रशंसक माना जाता रहा है. सुशांत सिंह राजपूत केस के बहाने उन्होंने जिस तरह से महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था, उसने कहीं न कहीं बीजेपी को जरूर खुश किया था. इसके बाद उनकी जान को खतरा बताकर केंद्र सरकार ने जब उनको वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की, तब हर किसी ने कहा कि एक्ट्रेस इस वक्त मोदी सरकार की गुड लिस्ट में हैं. कंगना इस बात को स्वीकार नहीं करती, तो कभी इंकार भी नहीं करती हैं. वो हर बड़े मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखती हैं. खुद को राष्ट्रवादी अभिनेत्री साबित करती हैं. यदि किसी भी मुद्दे पर मोदी सरकार की आलोचना होती है, तो वहां सरकार की प्रवक्ता की तरह बचाव करते हुए विरोधियों को घेरती हुई नजर आती हैं. ऐसे में उनको मिले सम्मान को लोग सियासी नजरिए से देखते हैं.
हालही में जब कंगना रनौत को नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला तो हर किसी ने कहा कि मोदी सरकार की तारीफ की वजह से उनको ये सम्मान मिला है. कई लोगों ने उनको दिए सम्मान का विरोध भी किया था. लेकिन इस बार जब पद्मश्री सम्मान के समय उनके साथ करण जौहर और एकता कपूर जैसे सेलेब्स का नाम सामने आया, तो किसी ने भी पक्षपात का आरोप नहीं लगाया है. सरकार ने इस बार एक तीर से कई निशाने लगाए हैं. सभी जानते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री इस वक्त दो धड़े में बंटी हुई है. एक जो मोदी और बीजेपी का सीधा समर्थक है, दूसरा मूक विरोधी है, क्योंकि इस वक्त खुलेआम विरोध करके खतरे कोई भी मोल नहीं लेना चाहता. दूसरे वर्ग में करण जौहर को माना जाता है. उनके सबसे करीबी मित्र शाहरुख खान हैं और उनके कांग्रेस के साथ संबंधों को हर कोई जानता है. ऐसे में करण भी उसी पक्ष में बताए जाते हैं.
इसके अलावा करण जौहर को फिल्म इंडस्ट्री का किंग, तो एकता कपूर को टीवी इंडस्ट्री की क्वीन माना जाता है. दोनों अपने-अपने क्षेत्र के मठाधीश है. अधिकतर फिल्में और सीरियल इनके प्रोडक्शन हाऊस में बनते हैं. चूंकि सिनेमा और समाज का सीधा सरोकार है. समाज से सियासत का सरोकार है. ऐसे में मोदी सिनेमा का प्रभाव समझते हैं और ऐसे किसी शख्स को नाराज नहीं करना चाहते, जो सिनेमा पर राज कर रहा है. वैसे भी मोदी का सिनेमा प्रेम जगजाहिर है. उनमें फिल्मी सितारों का आकर्षण कई बार देखा गया है. याद कीजिए गुजरात के सीएम रहते हुए उन्होंने अमिताभ बच्चन और सलमान खान जैसी कई फिल्मी हस्तियों को बुलाया था. इसके बाद जब वो प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने दो गेट टुगेदर किया, जिसमें फिल्म इंडस्ट्री के सभी बड़े एक्टर, डायरेक्टर, सिंगर, म्यूजिशियन और कॉमेडियन आए हुए थे.
इस तरह पद्मश्री अवॉर्ड के बहाने मोदी ने एक तरह जहां अपनी प्रशंसक कंगना रनौत का सम्मान कराया, तो वहीं दूसरी तरह करण जौहर और एकता कपूर का सम्मान कराकर विरोधियों को चुप रहने पर मजबूर कर दिया और संतुलन बनाने की सकारात्मक कोशिश भी की है. वैसे कंगना ने अवॉर्ड पाने के बाद हमेशा की तरह अपनी बात रखी, जिसमें उन्होंने कहा कि ये सम्मान बहुत से लोगों का मुंह बंद करेगा. कंगना ने कहा, ''एक कलाकार के रुप में मुझे बहुत प्यार और सम्मान मिला है, लेकिन आज पहली बार एक आदर्श नागरिक होने के नाते देश से अवॉर्ड मिला है. मैंने जब अपने करियर की शुरुआत की तो मुझे कई सालों तक सफलता नहीं मिली. लेकिन जब मुझे 8-10 सालों बाद सफलता मिली तो मैंने सफलता का मजा नहीं लिया. मैंने कई चीजों का बहिष्कार किया चाहे वह आइटम नंबर हो या बड़े प्रोडक्शन की फिल्में. यहां तक की पैसों से ज्यादा दुश्मन बनाए. जब देश के खिलाफ होने वाली चीजों के खिलाफ आवाज उठाई. यहां तक की मुझ पर कई केस भी चल रहे हैं.''
कंगना रनौत को फिल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान के लिए पद्मश्री से नवाजा गया है. इससे पहले कंगना रनौत को हाल ही में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी नवाजा गया था. कंगना को उनकी दो फिल्मों 'मणिकर्णिका' और 'पंगा" के लिए यह पुरस्कार मिला था. कंगना के अलावा पाकिस्तान से आकर भारत में बसे सिंगर अदनान सामी, सुरेश वाडेकर, बालाजी टेलीफिल्म की मालकिन एकता कपूर और धर्मा प्रोडक्शन के मालिक करण जौहर को भी पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. बताते चलें कि इस बार 10 हस्तियों को पद्म भूषण, 102 हस्तियों को पद्म श्री और 7 हस्तियों को पद्म विभूषण अवार्ड मिला है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों सभी को ये सम्मान मिला. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे.
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