Pathaan Trailer Launch : तो भइया Finally The Wait Is Over, कंट्रोवर्सी अपनी जगह रही हो, लेकिन यशराज कैम्प की शाहरुख़ खान-दीपिका पादुकोण-जॉन अब्राहम स्टारर पठान का ट्रेलर आना था, आ गया. यूट्यूब पर ट्रेलर रिलीज हुए अभी कुछ ही घंटे हुए हैं और ट्रेलर को लाखों में व्यूज मिलना इसकी पुष्टि कर देता है कि हो हल्ला जितना हो, शाहरुख़ खान इग्नोर किया जाने वाला मटेरियल नहीं हैं. बॉलीवुड पर लगातार ये आरोप लग रहे थे कि यहां या तो साउथ की रीमेक का बोलबाला है. या फिर वही घिसा पिटा कंटेंट नयी रैपिंग में दर्शकों के सामने परोसा जा रहा है. पठान का ट्रेलर लॉन्च देखकर कह सकते हैं कि और फिल्मों के मुकाबले निर्देशक सिद्धार्थ आनंद और निर्माता आदित्य चोपड़ा ने मेहनत जरूर की है. पठान मेकर्स की ये मेहनत रंग लाती है और Boycott Bollywood के इस निर्णायक दौर में दर्शक बॉक्स ऑफिस तक आते हैं. हमें जल्द ही पता चल जाएगा. लेकिन जो बात है फिल्म का मामला ये बड़ा विरोधाभासी. ट्रेलर के जरिये भले ही मेकर्स के आशीर्वाद से शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण अपनी राष्ट्रवादी छवि बनाने में कामयाब हुए हों. मगर जो कुछ भी सिद्धार्थ और आदित्य ने जॉन के साथ किया वो गुनाह ए अज़ीम है.
ट्रेलर बता रहा है कि फिल्म में जॉन को एक ऐसा आतंकवादी दिखाया गया है जो हिंदुस्तान पर हमले की तैयारी कर रहा है. सवाल ये है कि क्या बतौर दर्शक इस अहम जानकारी को इतनी ही आसानी के साथ पचाया जा सकता है? हजम होगी ये बात? सवाल क्यों किया गया है इसके लिए हमें फ्लैशबैक में जाना होगा और जॉन की फिल्मों का अवलोकन करना होगा. शुरुआती दौर को छोड़ दें तो बाद में फिल्मों का चयन करते हुए जॉन को थोड़ी अक्ल आई और उन्होंने वो...
Pathaan Trailer Launch : तो भइया Finally The Wait Is Over, कंट्रोवर्सी अपनी जगह रही हो, लेकिन यशराज कैम्प की शाहरुख़ खान-दीपिका पादुकोण-जॉन अब्राहम स्टारर पठान का ट्रेलर आना था, आ गया. यूट्यूब पर ट्रेलर रिलीज हुए अभी कुछ ही घंटे हुए हैं और ट्रेलर को लाखों में व्यूज मिलना इसकी पुष्टि कर देता है कि हो हल्ला जितना हो, शाहरुख़ खान इग्नोर किया जाने वाला मटेरियल नहीं हैं. बॉलीवुड पर लगातार ये आरोप लग रहे थे कि यहां या तो साउथ की रीमेक का बोलबाला है. या फिर वही घिसा पिटा कंटेंट नयी रैपिंग में दर्शकों के सामने परोसा जा रहा है. पठान का ट्रेलर लॉन्च देखकर कह सकते हैं कि और फिल्मों के मुकाबले निर्देशक सिद्धार्थ आनंद और निर्माता आदित्य चोपड़ा ने मेहनत जरूर की है. पठान मेकर्स की ये मेहनत रंग लाती है और Boycott Bollywood के इस निर्णायक दौर में दर्शक बॉक्स ऑफिस तक आते हैं. हमें जल्द ही पता चल जाएगा. लेकिन जो बात है फिल्म का मामला ये बड़ा विरोधाभासी. ट्रेलर के जरिये भले ही मेकर्स के आशीर्वाद से शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण अपनी राष्ट्रवादी छवि बनाने में कामयाब हुए हों. मगर जो कुछ भी सिद्धार्थ और आदित्य ने जॉन के साथ किया वो गुनाह ए अज़ीम है.
ट्रेलर बता रहा है कि फिल्म में जॉन को एक ऐसा आतंकवादी दिखाया गया है जो हिंदुस्तान पर हमले की तैयारी कर रहा है. सवाल ये है कि क्या बतौर दर्शक इस अहम जानकारी को इतनी ही आसानी के साथ पचाया जा सकता है? हजम होगी ये बात? सवाल क्यों किया गया है इसके लिए हमें फ्लैशबैक में जाना होगा और जॉन की फिल्मों का अवलोकन करना होगा. शुरुआती दौर को छोड़ दें तो बाद में फिल्मों का चयन करते हुए जॉन को थोड़ी अक्ल आई और उन्होंने वो फ़िल्में साइन करनी शुरू कर दीं जिन्हें बतौर दर्शक हम परिवार के साथ बैठकर देख सकते हैं. ऐसी फिल्मों में जॉन फिल्म में तो होते लेकिन क्रेडिट कोई और ले जाता.
इसके बाद जॉन ने वो फ़िल्में की जिनमें पूरी फिल्म का दारोमदार उनके कंधों पर था. इन फिल्मों में हमें जॉन अलग अलग रूप में अलग अलग मौकों पर देश की हिफाजत करते उसके लिए अपना खून बहते नजर आए.चाहे वो मद्रास कैफे हो, परमाणु हो सत्यमेव जयते 1 और 2 हो या फिर बटला हाउस और अटैक वन जैसी फ़िल्में इन तमाम फिल्मों में जॉन हमें उस रूप में दिखे जो हमारी सोच और कल्पना से परे थे.
इन तमाम फिल्मों में जॉन ने काबिल ए तारीफ एक्टिंग तो की है अगर ये फ़िल्में ठीक थक बिजनेस करने में कामयाब हुईं तो उसकी वजह ये कि इन फिल्मों में जॉन की छवि एक ऐसे इंसान की थी जिसके लिए देश ही सब कुछ है जो अपने देश और उसके मान के लिए हर वक़्त कुछ भी करने को तैयार रहता है. मतलब खुद सोचिये कि जिस एक्टर को आपने अभी कुछ दिनों पहले देश के दुश्मनों से लड़ते देखा. वही पठान के जरिये देश का दुश्मन बन गया है और उसे नीस्त-ओ-नाबूद करने की फ़िराक़ में है.
वाक़ई हमारी समझ में ये बात नहीं आ रही है कि आखिर क्या हिओ सोचकर जॉन ने इस फिल्म को करने के लिए हां कहा. मन ये मान ही नहीं रहा कि वो जॉन जिसने अभी कुछ दिनों पहले सत्यमेव जयते नाम की फिल्म में अपने सीने से तिरंगा खून निकाला था वो देश के लोगों के खून का प्यासा है? आखिर ऐसा मिसमैच कैसे हो सकता है? जिस तरह का रोल पठान में जॉन ने किया है हमें पूरा यकीन है कल की तारीख में एक अभिनेता के रूप में जॉन को भी दर्शकों के कोप कपो भोगना पड़ेगा.
जिक्र गड़बड़ घोटाले का हुआ है तो सिर्फ जॉन ही नहीं जब हम दीपिका को द्देखते हैं तो उनके रोल में भी कई विरोधाभास हैं. भले ही निर्माता निर्देशक ने दीपिका को लारा क्रॉफ्ट टॉम्ब राइडर का देसी वर्जन बना दिया हो लेकिन दीपिका में हमें वो एंजेलिना जोली वाला स्पार्क नहीं दिखता.
इन तमाम बातों के बाद जिक्र अगर पठान यानी शाहरुख़ का हो तो अम्मी जान के आदेशानुसार जो रईस में तमाम तरह के गलत धंधे कर रहा था वो अगर स्पाई बन देश बचाए तो अजीब लगेगा और ये स्वाभाविक भी है. बहरहाल पठान फिल्म है और फिल्मों की दुनिया में असंभव भी संभव है.
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