अब तो बॉक्स ऑफिस कलेक्शन और क्रिटिक ही तय करेगा कि काबिल और रईस हिट होगी या फ्लॉप. पर ये तो तय है कि फिल्म को लेकर जितना प्रचार स्टार्स ने न किया हो पर एक ट्वीट ने जरूर कर दिया.
किसी चुनाव में वोटर टर्नआउट मुद्दे की वजह से ज्यादा होता है या नेता की वजह से ? लेकिन, कोई नेता विवाद खड़ा कर दे, तो तस्वीर बदल जाती है. जैसे, सोनिया गांधी का गुजरात चुनाव में मोदी को 'मौत का सौदागर' कहना. या बिहार में मोदी का नीतीश पर वार करते हुए उनके डीएनए की बात करना. ये बातें, वोटरों में उत्साह भरती हैं और उन्हें मतदान केंद्र तक ले आती हैं.
अब बात फिल्म की. फिल्म प्रमोशन का मुद्दा तो स्टोरी, टेक्नोलॉजी, डायरेक्शन, एक्शन होते हैं. लेकिन यदि फिल्म से पहले उससे कोई विवाद जुड़ जाए. तो बाकी बातें, बेमानी हो जाती हैं. यानी दर्शकों को पोलराइजेशन. यदि ज्यादातर लोग विवाद को लेकर विरोध में आ जाएं तो फिल्म का पिटना तय है. शाहरुख की पिछली मूवीज को ही देख लीजिए. शाहरुख खान ने अपने 50वें जन्मदिन पर फैन्स के सवालों का जवाब देते हुए देश में असहिष्णुता पर बयान दिया था. उन्होंने कहा कि देश में असहिष्णुता बढ़ी है. इस बयान के बाद सियासी गलियारों में खूब हंगामा मचा और उनकी भारी खिचाई हुई, जिसका फिल्म के कारोबार भी असर पड़ा और किंग खान का स्टार्डम भी धुमला सा लगने लगा.
26 जनवरी की छुट्टियों में भी दो फिल्म आई हैं. वो है रितिक की काबिल और शाहरुख की रईस. दोनों को लेकर राजनीति चरम पर है. रिलीज से 1 दिन पहले ही एक ट्वीट हुआ और ट्रेंड करने लगे कॉन्ट्रोवर्शियल भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय. इस फिल्मी ट्वीट में उन्होंने पीएम मोदी को 'काबिल' बताया और 'रईस' राहुल गांधी को. इसके बाद तो मानों काबिल और रईस को लोगों ने सीरियसली ले लिया.
किसी चुनाव में वोटर टर्नआउट मुद्दे की वजह से ज्यादा होता है या नेता की वजह से ? लेकिन, कोई नेता विवाद खड़ा कर दे, तो तस्वीर बदल जाती है. जैसे, सोनिया गांधी का गुजरात चुनाव में मोदी को 'मौत का सौदागर' कहना. या बिहार में मोदी का नीतीश पर वार करते हुए उनके डीएनए की बात करना. ये बातें, वोटरों में उत्साह भरती हैं और उन्हें मतदान केंद्र तक ले आती हैं.
अब बात फिल्म की. फिल्म प्रमोशन का मुद्दा तो स्टोरी, टेक्नोलॉजी, डायरेक्शन, एक्शन होते हैं. लेकिन यदि फिल्म से पहले उससे कोई विवाद जुड़ जाए. तो बाकी बातें, बेमानी हो जाती हैं. यानी दर्शकों को पोलराइजेशन. यदि ज्यादातर लोग विवाद को लेकर विरोध में आ जाएं तो फिल्म का पिटना तय है. शाहरुख की पिछली मूवीज को ही देख लीजिए. शाहरुख खान ने अपने 50वें जन्मदिन पर फैन्स के सवालों का जवाब देते हुए देश में असहिष्णुता पर बयान दिया था. उन्होंने कहा कि देश में असहिष्णुता बढ़ी है. इस बयान के बाद सियासी गलियारों में खूब हंगामा मचा और उनकी भारी खिचाई हुई, जिसका फिल्म के कारोबार भी असर पड़ा और किंग खान का स्टार्डम भी धुमला सा लगने लगा.
26 जनवरी की छुट्टियों में भी दो फिल्म आई हैं. वो है रितिक की काबिल और शाहरुख की रईस. दोनों को लेकर राजनीति चरम पर है. रिलीज से 1 दिन पहले ही एक ट्वीट हुआ और ट्रेंड करने लगे कॉन्ट्रोवर्शियल भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय. इस फिल्मी ट्वीट में उन्होंने पीएम मोदी को 'काबिल' बताया और 'रईस' राहुल गांधी को. इसके बाद तो मानों काबिल और रईस को लोगों ने सीरियसली ले लिया.
ऐसा नहीं कि फिल्म फ्लॉप ही होगी. विवाद को लेकर लोग बराबर बंट गए हों तो फिल्म का सुपरहिट होना भी तय है. उदाहरण के तौर पर लें तो ऐ दिल है मुश्किल और शिवाय. दोनों की रिलीज डेट सेम थीं. शिवाय में अजय देवगन और ऐ दिल है मुश्किल करण जौहर की. दोनों का क्लैश हो... तो दर्शक कंफ्यूज हो जाते हैं कौन सी मूवी देखी जाए. ऐसे में काम आता है विवाद. प्रमोशन के दौरान ही करण ने अजय पर इलजाम लगाया था कि काजोल की दोस्ती अजय की वजह से टूटी. इसी दौरान केआरके ने दावा किया था कि उन्हें करण जौहर की आने वाली फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' के सपॉर्ट में ट्वीट करने के लिए 25 लाख रुपये मिले हैं. इसके बाद जो हुआ वो सबके सामने था. ऐ दिल है मुश्किल 100 करोड़ क्लब में शामिल हो गई और शिवाय फ्लॉप मूवी साबित किया गया.
अब तो बॉक्स ऑफिस कलेक्शन और क्रिटिक ही तय करेगा कि फिल्म हिट हुई या फ्लॉप. पर ये तो तय है कि फिल्म को लेकर जितना प्रचार स्टार्स ने न किया हो पर एक ट्वीट ने जरूर कर दिया.
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