भारतीय सिनेमा के दिग्गज फिल्मकार मणि रत्नम की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'पोन्नियिन सेल्वन' का पहला पार्ट सिनेमाघरों में रिलीज किया जा चुका है. हिंदी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम भाषा में पैन इंडिया रिलीज हुई इस फिल्म की कहानी चोल साम्राज्य पर आधारित है. इस कहानी को कल्कि कृष्णमूर्ति के उपन्यास 'पोननियन सेल्वन' से लिया गया है, जिसे 1955 में प्रकाशित किया गया था. फिल्म में चियान विक्रम, ऐश्वर्या राय, तृषा, जयम रवि, और कार्ति जैसे कलाकार अहम किरदारों में हैं. एआर रहमान ने इसका म्युजिक और बैकग्राउंड स्कोर दिया है. फिल्म को देखकर आए दर्शकों में गजब का उत्साह देखा जा रहा है. लोग इसे मणि रत्नम की अब तक की सबसे बेहतरीन फिल्म बता रहे हैं. इसके म्युजिक, बैकग्राउंड स्कोर और वीएफएक्स सहित तकनीक की जमकर तारीफ कर रहे हैं. फिल्म में कहानी का निष्पादन इतना बेहतरीन है, जो कि काबिले तारीफ है.
साउथ सिनेमा के फिल्म क्रिटिक श्रीधर पिल्लई फिल्म के बारे में लिखते हैं, ''पोन्नियिन सेल्वन उत्तम दर्जे की एक मनोरंजक फिल्म है. कल्कि के क्लासिक उपन्यास के रूपांतरण में आप मणिरत्नम को महसूस कर सकते हैं. बहुत ही बेहतरीन तरीके से कहानी कही गई है, महल की चारदिवारी के बीच होने वाली साजिशों और राजनीति को अच्छी तरह से पेश किया गया है. वीएफएक्स के शानदार इस्तेमाल से समुंद्र के अंदर के दृश्य जीवंत हो उठे हैं. बहुत ही सफाई से हर किरदार का परिचय कराया गया है. रवि वर्मन की सिनेमैटोग्राफी और एआर रहमान का म्युजिक फिल्म की सबसे बड़ी यूएसपी है.'' फिल्म समीक्षक सिद्धार्थ श्रीनिवास लिखते हैं, ''इस फिल्म में मास्टर एआर रहमान ने एक बार फिर अपना बेहतरीन परफॉर्मेंस दिया है. उनका म्युजिक और बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की जान है. मणि रत्नम और रहमान की जोड़ी ने कमाल कर दिया है. ऐतिहासिक फिल्म बनी है.''
भारतीय सिनेमा के दिग्गज फिल्मकार मणि रत्नम की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'पोन्नियिन सेल्वन' का पहला पार्ट सिनेमाघरों में रिलीज किया जा चुका है. हिंदी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम भाषा में पैन इंडिया रिलीज हुई इस फिल्म की कहानी चोल साम्राज्य पर आधारित है. इस कहानी को कल्कि कृष्णमूर्ति के उपन्यास 'पोननियन सेल्वन' से लिया गया है, जिसे 1955 में प्रकाशित किया गया था. फिल्म में चियान विक्रम, ऐश्वर्या राय, तृषा, जयम रवि, और कार्ति जैसे कलाकार अहम किरदारों में हैं. एआर रहमान ने इसका म्युजिक और बैकग्राउंड स्कोर दिया है. फिल्म को देखकर आए दर्शकों में गजब का उत्साह देखा जा रहा है. लोग इसे मणि रत्नम की अब तक की सबसे बेहतरीन फिल्म बता रहे हैं. इसके म्युजिक, बैकग्राउंड स्कोर और वीएफएक्स सहित तकनीक की जमकर तारीफ कर रहे हैं. फिल्म में कहानी का निष्पादन इतना बेहतरीन है, जो कि काबिले तारीफ है.
साउथ सिनेमा के फिल्म क्रिटिक श्रीधर पिल्लई फिल्म के बारे में लिखते हैं, ''पोन्नियिन सेल्वन उत्तम दर्जे की एक मनोरंजक फिल्म है. कल्कि के क्लासिक उपन्यास के रूपांतरण में आप मणिरत्नम को महसूस कर सकते हैं. बहुत ही बेहतरीन तरीके से कहानी कही गई है, महल की चारदिवारी के बीच होने वाली साजिशों और राजनीति को अच्छी तरह से पेश किया गया है. वीएफएक्स के शानदार इस्तेमाल से समुंद्र के अंदर के दृश्य जीवंत हो उठे हैं. बहुत ही सफाई से हर किरदार का परिचय कराया गया है. रवि वर्मन की सिनेमैटोग्राफी और एआर रहमान का म्युजिक फिल्म की सबसे बड़ी यूएसपी है.'' फिल्म समीक्षक सिद्धार्थ श्रीनिवास लिखते हैं, ''इस फिल्म में मास्टर एआर रहमान ने एक बार फिर अपना बेहतरीन परफॉर्मेंस दिया है. उनका म्युजिक और बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की जान है. मणि रत्नम और रहमान की जोड़ी ने कमाल कर दिया है. ऐतिहासिक फिल्म बनी है.''
बॉलीवुड के मशहूर फिल्म क्रिटिक रमेशा बाला ने फिल्म को 5 में 4 स्टार देते हुए लिखा है, ''इस एपिक ड्रामा को कल्कि द्वारा लिखे गए महान उपन्यास बेहतरीन एडैप्टेशन कहा जा सकता है. चोल के महान राजवंश की इस गाथा और स्क्रीन प्ले में पर्याप्त ट्विस्ट एंड टर्न हैं, जो पूरी फिल्म में दिलचस्पी बनाए रखते हैं. ऐसा केवल मणि रत्नम जैसे महान फिल्मकार ही कर सकते हैं. फिल्म में काम करने वाले सभी कलाकारों ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया है. ऐश्वर्या राय को देखकर तो ऐसा लगता है कि उनका जन्म ही नंदनी के किरदार के लिए हुआ है. कुंडवई के किरदार में तृषा ने अपने करियर का अबतक का बेहतरीन परफॉर्मेंस दिया है. फिल्म में संगीत देने वाले एआर रहमान को नेशनल अवॉर्ड मिल सकता है. किसी महाकाव्य पर फिल्म बनाना इतना आसान कार्य नहीं है, लेकिन मणि रत्नम ने इसे कर दिखाया है. पोन्नियिन सेल्वन जैसी फिल्म पर भारतीय सिनेमा को गर्व होना चाहिए.''
ट्विटर पर एक यूजर राजशेखर ने लिखा है, ''पोन्नियिन सेल्वन का फर्स्ट हॉफ शानदार है. लीक से हटकर फिल्में बनाने के लिए मशहूर मणि रत्नम ने इस बार भी गजब का काम किया है. उन्होंने फिल्म के किरदारों को जिस तरह से स्थापित किया है, वो हर किसी के बस की बात नहीं है. बिना किसी भ्रम के किरदार के साथ कहानी बहती चली जाती है. कहानी का प्रवाह बहुत ही जैविक और मनोरंजक है. फिल्म में कार्ति को रोमांच और ऊर्जा के लिए, चियान विक्रम को डार्क पास्ट के लिए, ऐश्वर्या को उनकी रहस्यमयी सुंदरता के लिए, तृषा को उनके राजसी चरित्र चित्रण और अलौकिक सुंदरता के लिए, एरआर रहमान और रवि वर्मन को उनके बेहतरीन काम के लिए लंबे समय तक याद रखा जाएगा. मणि रत्नम बधाई के पात्र है, जो कि उन्होंने इतनी कुशलता और सुंदरता के साथ इस महाकाव्य को रूपहले पर्दे पर जीवंत कर दिया है. सेकेंड हॉफ को थोड़ा बेहतर बनाया जा सकता था.''
सर्च इंजन गूगल के रिव्यू सेगमेंट में भी फिल्म को लेकर सकारात्मक पोस्ट देखने को मिल रही है. प्रभा चंदर लिखते हैं, ''बेहतरीन मूवी! मुझे मणि रत्नम की पटकथा बहुत पसंद आई. उन्होंने इस फिल्म पर बेहतरीन काम किया है. कलाकारों ने भी अपने-अपने किरदारों के साथ न्याय करते हुए असाधारण काम किया है. इस फिल्म को देखना एक करिश्माई अनुभव रहा, लेकिन जिन लोगों ने उपन्यास नहीं पढ़ा है, उनके लिए कहानी का अनुसरण करना थोड़ा कठिन होगा. क्योंकि मणि रत्नम ने पांच भागों की एक पुस्तक सीरीज को तीन पार्ट्स एक फिल्म में शामिल किया है, जिसकी वजह से कहानी तेज चलती है. एआर रहमान के गानों ने पूरी फिल्म पर राज किया है. संगीत अविश्वसनीय रूप से मंत्रमुग्ध कर देने वाला है. कुल मिलाकर पोन्नियिन सेल्वन देखने लायक फिल्म है. मुझे बहुत पसंद आई. मैंने उपन्यास पढ़ी है, इसलिए कह सकता हूं कि ये तमिल सिनेमा की प्रतीक है.''
बताते चलें कि पीएस-1 दो पार्ट में बन रही है, जो इसी नाम से लिखी गई कल्कि की किताब पर आधारित है. यह दक्षिण भारत में लंबे समय तक शासन करने वाले चोल साम्राज्य की कहानी है. इसे पैन इंडिया हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ में रिलीज किया जा रहा है. चोल राजा राजाराजा चोल पर दक्षिण भारत के जाने माने लेखक कल्कि कृष्णामूर्ति ने कई हिस्सों में पोन्नियिन सेल्वन के नाम से हिट नॉवेल लिखा है. फिल्म राजकुमार अरुलमोजिवर्मन के शुरुआती दिनों की कहानी कहती है, जिसके बाद वह महान चोल सम्राट राज राज चोला बनते हैं. उसका शासन काल 947 से 1014 ईंसवी यानि 67 सालों तक होता है. इसी समय दक्षिण भारत एक कमजोर हो चुके चोल वंश को बहुत ताकतवर होते हुए देखता है. इस उपन्यास को पहले भी फिल्मी पर्दे पर उतारने की कोशिश तो हुई लेकिन बात बन नहीं पाई है. मणि रत्नम ने भी दूसरे प्रयास में फिल्म बनाई है.
नीचे ट्विटर पर फिल्म को लेकर आई लोगों की प्रतिक्रिया पढ़िए...
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