नाम बड़े और दर्शन छोटे...ये लोकोक्ति ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम हो रही वेब सीरीज 'पॉप कौन' पर बिल्कुल सटीक बैठ रही है. क्योंकि इसमें जितने बड़े-बड़े कलाकार अलग-अलग किरदारों में मौजूद हैं, उनके देखकर कोई भी धोखा खा सकता है. किसी को भी इस बात का भ्रम हो सकता है कि ये बहुत बेहतरीन वेब सीरीज है. इसमें कुणाल खेमू, जॉनी लीवर, सौरभ शुक्ला, सतीश कौशिक, राजपाल यादव और चंकी पांडे जैसे सितारे मौजूद हैं. हर कलाकार अपने अकेले के दम पर किसी फिल्म या सीरीज को हिट कराने का मादा रखता है.
खासकर के कॉमेडी कैटेगरी की फिल्मों के तो ये सभी महारथी हैं. इन सबके अलावा इस सीरीज के निर्देशक का भी कॉमेडी में बड़ा नाम है. फरहाद सामजी को 'बच्चन पांडे', 'एंटरटेनमेंट', 'हाऊसफुल 3' और 'हाऊसफुल 4' जैसी कॉमेडी फिल्मों के निर्माण के लिए जाना जाता है. इतना ही नहीं वो इस वक्त सलमान खान की फिल्म 'किसी का भाई किसी की जान' और कल्ट क्लासिक कॉमेडी फिल्म 'हेरा फेरी 3' की शूटिंग भी कर रहे हैं. इसके बावजूद ये वेब सीरीज 'कॉमेडी' के नाम पर दर्शकों के साथ क्रूर मजाक है.
इस वेब सीरीज के टाइटल 'पॉप कौन' की तरह इसकी कहानी भी अजीब है, जिसका कोई सिर पैर नजर नहीं आता है. सबसे ज्यादा दुख तो इसके निर्देशक को लेकर होता है. क्योंकि लोग जानते हैं कि फरहाद सामजी ने न केवल अच्छी कॉमेडी फिल्में लिखी हैं, बल्कि उनका निर्देशन भी किया है. लेकिन इस सीरीज को उन्होंने इतना हल्के में लेकर हल्का बना दिया है कि अब तो सलमान खान का भविष्य भी संकट में नजर आने लगा है. सामजी सलमान की फिल्म 'किसी का भाई किसी की जान' का भी निर्देशन कर रहे हैं.
ये सलमान का बहुत अहम प्रोजेक्ट...
नाम बड़े और दर्शन छोटे...ये लोकोक्ति ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम हो रही वेब सीरीज 'पॉप कौन' पर बिल्कुल सटीक बैठ रही है. क्योंकि इसमें जितने बड़े-बड़े कलाकार अलग-अलग किरदारों में मौजूद हैं, उनके देखकर कोई भी धोखा खा सकता है. किसी को भी इस बात का भ्रम हो सकता है कि ये बहुत बेहतरीन वेब सीरीज है. इसमें कुणाल खेमू, जॉनी लीवर, सौरभ शुक्ला, सतीश कौशिक, राजपाल यादव और चंकी पांडे जैसे सितारे मौजूद हैं. हर कलाकार अपने अकेले के दम पर किसी फिल्म या सीरीज को हिट कराने का मादा रखता है.
खासकर के कॉमेडी कैटेगरी की फिल्मों के तो ये सभी महारथी हैं. इन सबके अलावा इस सीरीज के निर्देशक का भी कॉमेडी में बड़ा नाम है. फरहाद सामजी को 'बच्चन पांडे', 'एंटरटेनमेंट', 'हाऊसफुल 3' और 'हाऊसफुल 4' जैसी कॉमेडी फिल्मों के निर्माण के लिए जाना जाता है. इतना ही नहीं वो इस वक्त सलमान खान की फिल्म 'किसी का भाई किसी की जान' और कल्ट क्लासिक कॉमेडी फिल्म 'हेरा फेरी 3' की शूटिंग भी कर रहे हैं. इसके बावजूद ये वेब सीरीज 'कॉमेडी' के नाम पर दर्शकों के साथ क्रूर मजाक है.
इस वेब सीरीज के टाइटल 'पॉप कौन' की तरह इसकी कहानी भी अजीब है, जिसका कोई सिर पैर नजर नहीं आता है. सबसे ज्यादा दुख तो इसके निर्देशक को लेकर होता है. क्योंकि लोग जानते हैं कि फरहाद सामजी ने न केवल अच्छी कॉमेडी फिल्में लिखी हैं, बल्कि उनका निर्देशन भी किया है. लेकिन इस सीरीज को उन्होंने इतना हल्के में लेकर हल्का बना दिया है कि अब तो सलमान खान का भविष्य भी संकट में नजर आने लगा है. सामजी सलमान की फिल्म 'किसी का भाई किसी की जान' का भी निर्देशन कर रहे हैं.
ये सलमान का बहुत अहम प्रोजेक्ट है, जिससे उनको बहुत उम्मीदें भी हैं. लेकिन 'पॉप कौन' की हालत देखने के बाद 'किसी का भाई किसी की जान' के भविष्य के बारे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है. इसकी कहानी फरहाद सामजी ने ताशा भांब्रा और स्पर्श खेत्रपाल के साथ मिलकर लिखी है. पटकथा ताशा भांब्रा और संवाद स्पर्श खेत्रपाल ने लिखे हैं. पटकथा तो छोड़िए एक भी संवाद ऐसे नहीं है, जिससे सुनने के बाद हंसी आए. हां, कुछ सीन ऐसे हैं, जो हंसाते हैं, लेकिन उसका श्रेय उस सीन में दिख रहे कलाकार को जाता है.
वेब सीरीज 'पॉप कौन' एक शख्स साहिल त्रिवेदी (कुणाल खेमू) के ईर्द-गिर्द घूमती है. साहिल एक बडे़ नेता ब्रिज किशोर त्रिवेदी (जॉनी लीवर) का बेटा है. बचपन से ही वो अपने पिता के नाम का सहारा लेकर लोगों पर अपनी धौंस जमाता है. उसका एक पेट डायलॉग है, ''जानते हो मेरा बाप कौन है?'' साहिल और पीहू (नुपुर सेनन) एक-दूसरे प्यार करते हैं. शादी करना चाहते हैं. पीहू अपने पिता बिश्वजीत चौपाला से अपने मन की बात कहती है. चौपाला ब्रिज किशोर से मिलकर दोनों की शादी तय कर देता है. सगाई भी हो जाती है.
लेकिन जिस दिन ब्रिज किशोर साहिल को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित करते हैं, उसी दिन उनका छोटा बेटा एक बहुत बड़ा खुलासा कर देता है. वो बता देता है कि साहिल ब्रिज किशोर का अपना बेटा नहीं है. इस बात से चौपाला नाराज हो जाते हैं. उनका कहना है कि जिस बच्चे के बाप का पता नहीं, उससे अपनी बेटी की शादी नहीं करेंगे. वो साहिल को अपना पिता खोजने के लिए कहते हैं. साहिल जब उनकी तलाश शुरू करता है, तो एक के बाद एक उसके पिता बदलते जाते हैं. वो भी अलग-अलग धर्मों से संबंध रखने वाले.
ब्रिज किशोर त्रिवेदी से शुरू हुई पिता की तलाश, सुल्तान कुरैशी (राजपाल यादव), डॉ. करतार सिंह (सतीश कौशिक) से होते हुए एंथनी गोंसाल्विस (चंकी पांडे) तक पहुंच जाती है. लेकिन इसके बाद उसका असली पिता नहीं मिलता है. इसी बीच उसकी मां को उसके असली पिता का नाम याद आ जाता है. उसका नाम सुनकर सभी हैरान रह जाते हैं. यहां तक साहिल औप पीहू की शादी मुश्किल में पड़ जाती है. यही इस फिल्म की कहानी है, जिसे कॉमेडी के नाम पर दर्शकों के सामने सीरीज के रूप में पेश किया गया है.
इसे देखने के दौरान बहुत कम ऐसे मौके आते हैं, जब हंसी आती है. दरअसल, बॉलीवुड के फिल्म मेकर अभी भी दर्शकों को मूर्ख समझ रहे हैं. सिनेमा के नाम पर घिसी-पिटी फॉर्मूला फिल्में पेश कर रहे हैं. जैसे रोहित शेट्टी की कॉमेडी फिल्मों में कलाकारों की फौज दिखती है. सभी एक-दूसरे के पीछ भागते दिखते हैं. उसी तरह इस फिल्म में भी कॉमेडी के सितारों का जमघट है, लेकिन कोई भी अपने उद्देश्य में सफल नहीं दिखता है. बेहद कमजोर निर्देशन और खराब पटकथा ने पूरी सीरीज को डूबो दिया है. इसे देखना समय की बर्बादी है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.