सम्राट पृथ्वीराज चौहान में लोगों ने जिस तरह अक्षय कुमार को नकार दिया था, उसी तरह 'आदिपुरुष' (Adipurush) में भगवान राम के रूप में प्रभास लग रहे हैं. पृथ्वीराज चौहान में सब कुछ सही था मगर फिर फिल्म के लिए अक्षय कुमार को कास्ट कर लिया गया. यही गलती ओम राउत के निर्देशन में भगवान श्रीराम के जीवन पर बनी फिल्म 'आदिपुरुष' में दोहराई गई है. प्रभास (Prabhas) बाहुबली के किरदार में जम सकते हैं लेकिन राम के रोल में नहीं...
राम के रूप में महेश बाबू जैसे एक्टर को कास्ट करना चाहिए था और रावण के रूप में भल्लालदेव यानी राणा दग्गुबती जैसे अभिनेता को कास्ट करना चाहिए था. सैफअली खान को नहीं... जिनकी ना कद है ना काठी. वे रावण कम और मुगलों खूंखार शासक ज्यादा लग रहे हैं. रावण की मूछे थीं मगर बढ़ी हुई दाड़ी नहीं थी. मेरे हिसाब से प्रभास जिस रूप में नजर आ रहे हैं उन्हें रावण का रोल सूट करता.
वहीं राम के रूप में प्रभास को कुछ ज्यादा ही पौरुष के रूप में दिखा गया है. ना राम वाली सौम्यता है ना भव्यवता. ऊपर से इतनी बड़ी-बड़ी मूछें. मैंने राम के रूप में किसी एक्टर को आजतक मूछों में नहीं देखा. ऊपर से प्रभास ने उदास रंग के अजीब से कपड़ें पहन रखे हैं. इनको देखकर आरआरआर में कुछ देर के लिए भगवान बने अभिनेता रामचरण की याद आ गई, वो प्रभास से कहीं गुना ज्यादा बढ़िया लग रहे हैं.
हमारे राम शालीन है, शांत हैं... यह बात प्रभास में कहीं से नहीं दिख रही. प्रभास को देखकर कहीं से भी मन में राम की...
सम्राट पृथ्वीराज चौहान में लोगों ने जिस तरह अक्षय कुमार को नकार दिया था, उसी तरह 'आदिपुरुष' (Adipurush) में भगवान राम के रूप में प्रभास लग रहे हैं. पृथ्वीराज चौहान में सब कुछ सही था मगर फिर फिल्म के लिए अक्षय कुमार को कास्ट कर लिया गया. यही गलती ओम राउत के निर्देशन में भगवान श्रीराम के जीवन पर बनी फिल्म 'आदिपुरुष' में दोहराई गई है. प्रभास (Prabhas) बाहुबली के किरदार में जम सकते हैं लेकिन राम के रोल में नहीं...
राम के रूप में महेश बाबू जैसे एक्टर को कास्ट करना चाहिए था और रावण के रूप में भल्लालदेव यानी राणा दग्गुबती जैसे अभिनेता को कास्ट करना चाहिए था. सैफअली खान को नहीं... जिनकी ना कद है ना काठी. वे रावण कम और मुगलों खूंखार शासक ज्यादा लग रहे हैं. रावण की मूछे थीं मगर बढ़ी हुई दाड़ी नहीं थी. मेरे हिसाब से प्रभास जिस रूप में नजर आ रहे हैं उन्हें रावण का रोल सूट करता.
वहीं राम के रूप में प्रभास को कुछ ज्यादा ही पौरुष के रूप में दिखा गया है. ना राम वाली सौम्यता है ना भव्यवता. ऊपर से इतनी बड़ी-बड़ी मूछें. मैंने राम के रूप में किसी एक्टर को आजतक मूछों में नहीं देखा. ऊपर से प्रभास ने उदास रंग के अजीब से कपड़ें पहन रखे हैं. इनको देखकर आरआरआर में कुछ देर के लिए भगवान बने अभिनेता रामचरण की याद आ गई, वो प्रभास से कहीं गुना ज्यादा बढ़िया लग रहे हैं.
हमारे राम शालीन है, शांत हैं... यह बात प्रभास में कहीं से नहीं दिख रही. प्रभास को देखकर कहीं से भी मन में राम की छवि की याद नहीं आ रही. प्रभास सपुरहिट हीरो हो सकते हैं, एक्टिंग कर सकते हैं मगर अपने निभाए रोल में भगवान राम नहीं लग सकते हैं.
चलो एक बार को मान लेते हैं कि आपने राम को बॉडी बिल्डर के रूप में दिखा दिया मगर रावण जैसी मूछों का मैं क्या करूं? इतना जरूर कहूंगी कि इसकी तुलना रामानंद सागर के रामायण से तो नहीं की जा सकती, भगवान राम बने अरुण गोविल से तो बिल्कुल नहीं... मेरा कहना है कि या तो फिल्म ‘आदिपुरुष‘ की कहानी पौराणिक कथा 'रामायण' पर आधारित नहीं होती या फिर राम और रावण के किरदारों के साथ छेड़छाड़ नहीं हुई होती.
जरूरी नहीं है कि प्रभास, बाहुबली बनकर छा गए तो वे प्रभु राम के रूप में भी कीर्तिमान स्थापित कर लेंगे. प्रभास अपनी बाहुबली की छवि से बाहर ही नहीं निकल पा रहे हैं. वहीं आदिपुरुष का टीजर देखकर लोगों ने उन्हें भगवान राम के किरदार से भी नकार दिया है. अब सवाल यह है कि आदिपुरुष में राम बने प्रभास क्या बाहुबली से बड़ा किरदार रच पाएंगे या नहीं?
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