बिग बॉस फेम एक्ट्रेस, डांसर और मॉडल राखी सावंत इनदिनों सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बनी हुई हैं. अपनी अजीबो-गरीब हरकतों, विवादास्पद बयानों और लोगों से बेवजह पंगे लेने की वजह से आए दिन सुर्खियों में बने रहने वाली राखी की राजनीतिक महकमें में चर्चा की वजह भी अजीब है. ऐसा नहीं है कि वो किसी राजनीतिक दल को ज्वाइन करने जा रही हैं या फिर किसी के लिए प्रचार कर रही हैं, बल्कि राजनेता खुद राजनीतिक मसलों में उनके नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं. कोई कपड़ों की वजह से राखी सावंत की तुलना महात्मा गांधी से कर रहा है, तो कोई अपने विरोधी दल के नेता का मजाक उड़ाने और उसे नीचा दिखाने के लिए राखी का नाम ले रहा है. यही वजह है कि टेलीविजन की 'ड्रामा क्वीन' इस वक्त सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही हैं.
सबसे पहले बात करते हैं उत्तर प्रदेश की, जहां इनदिनों राखी सावंत के चर्चे आम हैं. दरअसल, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने उन्नाव में आयोजित प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में महात्मा गांधी की तुलना राखी सावंत से कर दी. मीडिया में उनका बयान सामने आने के बाद बापू बनाम राखी सावंत की चर्चा शुरू हो गई. इसके बाद हृदय नारायण दीक्षित को अपने बयान पर सफाई देनी पड़ी. उन्होंने कहा कि संचालक ने उनका परिचय प्रबुद्ध कहकर दिया था. इसी को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने गांधीजी और राखी सावंत का जिक्र किया, लेकिन गलत मतलब निकाला गया. अब भला मतलब कुछ भी हो, लेकिन विपक्षी दल कहां मौका चूकने वाले हैं. कांग्रेस के साथ ही समाजवादी पार्टी ने उनके बयान की आलोचना करते हुए हमला बोल दिया है.
पंजाब में मचे सियासी घमासान से तो हर कोई वाकिफ है. यहां कांग्रेस के कद्दावर...
बिग बॉस फेम एक्ट्रेस, डांसर और मॉडल राखी सावंत इनदिनों सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बनी हुई हैं. अपनी अजीबो-गरीब हरकतों, विवादास्पद बयानों और लोगों से बेवजह पंगे लेने की वजह से आए दिन सुर्खियों में बने रहने वाली राखी की राजनीतिक महकमें में चर्चा की वजह भी अजीब है. ऐसा नहीं है कि वो किसी राजनीतिक दल को ज्वाइन करने जा रही हैं या फिर किसी के लिए प्रचार कर रही हैं, बल्कि राजनेता खुद राजनीतिक मसलों में उनके नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं. कोई कपड़ों की वजह से राखी सावंत की तुलना महात्मा गांधी से कर रहा है, तो कोई अपने विरोधी दल के नेता का मजाक उड़ाने और उसे नीचा दिखाने के लिए राखी का नाम ले रहा है. यही वजह है कि टेलीविजन की 'ड्रामा क्वीन' इस वक्त सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही हैं.
सबसे पहले बात करते हैं उत्तर प्रदेश की, जहां इनदिनों राखी सावंत के चर्चे आम हैं. दरअसल, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने उन्नाव में आयोजित प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में महात्मा गांधी की तुलना राखी सावंत से कर दी. मीडिया में उनका बयान सामने आने के बाद बापू बनाम राखी सावंत की चर्चा शुरू हो गई. इसके बाद हृदय नारायण दीक्षित को अपने बयान पर सफाई देनी पड़ी. उन्होंने कहा कि संचालक ने उनका परिचय प्रबुद्ध कहकर दिया था. इसी को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने गांधीजी और राखी सावंत का जिक्र किया, लेकिन गलत मतलब निकाला गया. अब भला मतलब कुछ भी हो, लेकिन विपक्षी दल कहां मौका चूकने वाले हैं. कांग्रेस के साथ ही समाजवादी पार्टी ने उनके बयान की आलोचना करते हुए हमला बोल दिया है.
पंजाब में मचे सियासी घमासान से तो हर कोई वाकिफ है. यहां कांग्रेस के कद्दावर नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच राजनीतिक झगड़ा अपने चरम पर है. इसी बीच पंजाब में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के लिए ताल ठोक रखी आम आदमी पार्टी ने भी अपना बयान जारी कर दिया. आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने नवजोत सिंह सिद्धू की तुलना राखी सावंत से करते हुए उनको 'पंजाब की राखी सावंत' कह डाला. इस पर खूब हंगामा हुआ. यहां तक कि इस बयान से राखी सावंत और उनके पति रितेश ने सार्वजनिक रूप से राघव चड्ढा के बयान पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. यहां तक कि राखी ने ट्विटर पर आप मुखिया अरविंद केजरीवाल, पंजाब पुलिस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी को टैग करके चड्ढ़ा के बयान पर आपत्ति जताई है.
राखी का पब्लिसिटी स्टंट
राखी सावंत के कथित पति रितेश ने लिखा है, ''अपने राजनीतिक फायदे के लिए किसी की भी छवि को मत खराब करो. केजरीवाल जी कृपया अपने एम.एल.ए. को शिक्षित कीजिए, अगर मैंने शिक्षित किया तो AAP देख नहीं पाएंगे.' इसके बाद ड्रामा क्वीन ने इस पोस्ट की स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए लिखा है, 'मेरे पति ने राघव चड्ढा को जवाब दिया है. मुझे अभी तक अकेले जानकर लोग सताते थे. आज ये कहते हुए मेरी आंखों में आंसू हैं कि आज मेरा भी कोई है, जो मेरे मान-सम्मान की रक्षा के लिए खड़ा है. शुक्रिया मेरे पति!!!' जब बिना किसी कोशिश के पब्लिसिटी का इतना बड़ा मुद्दा मिल जाए, तो भला राखी कहां पीछे रहने वाली है. उन्होंने मौके पर चौका लगाते हुए इसे जमकर भुनाने की कोशिश की, लेकिन उतनी ज्यादा उनको सफलता नहीं मिल पाई.
राखी और राजनीति
बॉलीवुड की आइटम गर्ल राखी सावंत का राजनीति से बहुत पुराना नाता रहा है. साल 2014 की बात है, जिस वक्त बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी गुजरात से दिल्ली आने के लिए बेकरार थे. लोकसभा चुनाव की जंग दिलचस्प हो चुकी थी. उसी समय राखी सावंत भी राजनीति में अपनी किस्मत आजमाने निकल पड़ी. पहले कई दलों में जाने की बात उठी, लेकिन उन्होंने अपना ही राजनीतिक दल बना लिया. इसका नाम 'राष्ट्रीय आम पार्टी' था, जिसका चुनाव चिन्ह हरी मिर्ची था. राखी इस पार्टी की अध्यक्ष न्यूक्त हुईं और मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ा. राखी को 1,995 लोगों ने वोट दिया और वह छठे नंबर पर रहीं. हालांकि, चुनाव खत्म होते ही उन्होंने अपनी पार्टी से त्याग पत्र दे दिया और बीजेपी में शामिल होने की मंशा जता दी.
बीजेपी से नाराज राखी
राखी सावंत का बीजेपी में जाने का सपना पूरा नहीं हो सका. इसके बाद खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली हालत में राखी ने भारतीय जनता पार्टी पर ही आरोप लगाना शुरू कर दिया. उस वक्त उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने राजनीतिक फायदे के लिए उनका इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा था, ''प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मुझे अपनी बेटी बनाया था. मुझे भाजपा के लिए प्रचार करने के लिए भी कहा था. मुझे चुनाव लड़ने के लिए वह टिकट दे रहे थे लेकिन मैंने मना कर दिया. जब भाजपा को मेरी जरूरत थी तब उन्होंने मुझसे पार्टी का प्रचार कराया और सत्ता मिलने के बाद वे मुझे भूल गए. बीजेपी में बॉलीवुड से ही एक वरिष्ठ महिला नेता हैं जिन्होंने मेरा विरोध करते हुए कहा था कि राखी पार्टी में रहेगी तो वह पार्टी से बाहर चली जाएंगी.''
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