9 फिल्मफेयर अवॉर्ड, देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान 'पद्मश्री' पाने वाली समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सांसद जया बच्चन की जिंदगी में बात करने को बहुत कुछ है. अमिताभ बच्चन के रूप में पति हैं जो अब भी भारतीय सिनेमा के महानायक बने हुए हैं. बेटी श्वेता, बेटा अभिषेक और बहू ऐश्वर्या राय बच्चन भी नामचीन हस्तियां ही हैं. जया के पिता तरुण कुमार भादुड़ी मशहूर पत्रकार-लेखक-कवि रहे. ऐसे लेखक जिनकी एक किताब "अभिशप्त चंबल" को लेकर दावा किया जाता है कि निजी अनुभवों के जरिए डकैत समस्या पर आधारित हिंदी की दर्जनों फ़िल्मी कहानियां इसी से प्रेरित होकर लिखी गईं. मगर जया की जिंदगी में ज्यादातर चर्चाओं की वजह ये बातें नहीं होती बल्कि उनके जीवन के उस बिंदु पर ज्यादा बात होती है जहां रेखा का त्रिकोण घुसा नजर आता है. कहते हैं 1973 में जया संग अमिताभ की शादी और श्वेता-अभिषेक के जन्म के कुछ साल बाद महानायक की जिंदगी में चुपके से रेखा भी आ धमकी थीं.
जया बच्चन हिंदी सिनेमा की अभिनेत्रियों में लगभग इकलौती हैं जिन्होंने बिना तड़क-भड़क के कॉमर्शियल और ऑफ़बीट दोनों तरह के सिनेमा में धारदार अभिनय किया. जया ने 1963 में बंगाली फिल्म "महानगर" से डेब्यू किया था और 1971 से 1973 के बीच दो दर्जन से ज्यादा फिल्मों के साथ सफल अभिनेत्री बन चुकी थीं. फिल्मोग्राफी देखें तो शादी से पहले तक पति से कहीं बड़ी और स्थापित अभिनेत्री थीं, लेकिन बच्चों के जन्म के बाद के बाद उन्होंने धीरे-धीरे खुद को इंडस्ट्री से दूर कर लिया या ज्यादातर पति के साथ फिल्मों में काम करते हुए घर की चौहद्दी में समेट लिया. 1973 से 1975 के इसी दौर में अमिताभ 'एंग्री यंगमैन' का खिताब मिला और इसी के बाद रेखा, अमिताभ की जिंदगी में आईं.
परेशान हुईं पर कभी अमिताभ से नहीं पूछे सवाल
रेखा से अमिताभ के रिश्ते क्या थे इस बारे में आजतक किसी ने भी तीनों की जुबानी कुछ नहीं सुना है. पर उस दौर के गॉसिप में रेखा और अमिताभ की नजदीकियों के कई किस्से सुनाए जाते हैं. इंडस्ट्री के लोग रेखा-अमिताभ की...
9 फिल्मफेयर अवॉर्ड, देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान 'पद्मश्री' पाने वाली समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सांसद जया बच्चन की जिंदगी में बात करने को बहुत कुछ है. अमिताभ बच्चन के रूप में पति हैं जो अब भी भारतीय सिनेमा के महानायक बने हुए हैं. बेटी श्वेता, बेटा अभिषेक और बहू ऐश्वर्या राय बच्चन भी नामचीन हस्तियां ही हैं. जया के पिता तरुण कुमार भादुड़ी मशहूर पत्रकार-लेखक-कवि रहे. ऐसे लेखक जिनकी एक किताब "अभिशप्त चंबल" को लेकर दावा किया जाता है कि निजी अनुभवों के जरिए डकैत समस्या पर आधारित हिंदी की दर्जनों फ़िल्मी कहानियां इसी से प्रेरित होकर लिखी गईं. मगर जया की जिंदगी में ज्यादातर चर्चाओं की वजह ये बातें नहीं होती बल्कि उनके जीवन के उस बिंदु पर ज्यादा बात होती है जहां रेखा का त्रिकोण घुसा नजर आता है. कहते हैं 1973 में जया संग अमिताभ की शादी और श्वेता-अभिषेक के जन्म के कुछ साल बाद महानायक की जिंदगी में चुपके से रेखा भी आ धमकी थीं.
जया बच्चन हिंदी सिनेमा की अभिनेत्रियों में लगभग इकलौती हैं जिन्होंने बिना तड़क-भड़क के कॉमर्शियल और ऑफ़बीट दोनों तरह के सिनेमा में धारदार अभिनय किया. जया ने 1963 में बंगाली फिल्म "महानगर" से डेब्यू किया था और 1971 से 1973 के बीच दो दर्जन से ज्यादा फिल्मों के साथ सफल अभिनेत्री बन चुकी थीं. फिल्मोग्राफी देखें तो शादी से पहले तक पति से कहीं बड़ी और स्थापित अभिनेत्री थीं, लेकिन बच्चों के जन्म के बाद के बाद उन्होंने धीरे-धीरे खुद को इंडस्ट्री से दूर कर लिया या ज्यादातर पति के साथ फिल्मों में काम करते हुए घर की चौहद्दी में समेट लिया. 1973 से 1975 के इसी दौर में अमिताभ 'एंग्री यंगमैन' का खिताब मिला और इसी के बाद रेखा, अमिताभ की जिंदगी में आईं.
परेशान हुईं पर कभी अमिताभ से नहीं पूछे सवाल
रेखा से अमिताभ के रिश्ते क्या थे इस बारे में आजतक किसी ने भी तीनों की जुबानी कुछ नहीं सुना है. पर उस दौर के गॉसिप में रेखा और अमिताभ की नजदीकियों के कई किस्से सुनाए जाते हैं. इंडस्ट्री के लोग रेखा-अमिताभ की केमिस्ट्री को साफ़ देख रहे थे. और 1976 में 'दो अनजाने' की शूटिंग के साथ अफेयर के किस्से छन-छनकर इंडस्ट्री से बाहर निकलने लगे. अखबारों में छपते और किन्हीं माध्यमों से अमिताभ के घर में जया तक भी पहुंचने लगे थे. कहा तो यह भी गया कि कि रेखा, दोस्तों संग निजी बातचीत में भी अमिताभ संग रिश्तों को अधिकार के साथ जगजाहिर करती थीं. इन्हीं सब वजहों से अमिताभ-जया की शादी टूटने की बातें शुरू हो गईं. बताने की जरूरत नहीं कि जया परेशान हुई होंगी. हालांकि उन्होंने इस बारे में कभी अमिताभ से बात नहीं की.
रेखा के लिए जया की तरकीब
लेकिन अमिताभ जब अपनी किसी फिल्म के आउटडोर शूटिंग के लिए मुंबई से बाहर थे तब जया ने इससे निपटने की तरकीब निकाली. उन्होंने सीधे रेखा को फोन किया. रेखा को लगा होगा कि शायद अमिताभ संग उनके अफेयर की चर्चाओं की वजह से फोन आया होगा. मगर ये क्या. जया ने इस बात का तो कोई जिक्र ही नहीं किया और रेखा को घर पर डिनर के लिए बुलाया. रेखा सज-धजकर पहुंची भी. दोनों ने खूब बातें की, डिनर किया, लेकिन अफेयर पर कोई बात नहीं हुई. जब डिनर ख़त्म हो गया और रेखा जाने के लिए तैयार हुईं, जया उन्हें छोड़ने घर के बाहर आईं. पहली बार उन्होंने रेखा के साथ अमिताभ के रिश्तों को लेकर यहीं बात की. उन्होंने कहा- "कुछ भी हो जाए मैं अमित को छोडूंगी नहीं."
डिनर खत्म होते ही बदल गई जिंदगी
अमिताभ का घर छोड़ने के साथ ही रेखा को महानायक की जिंदगी से निकलना पड़ा. वक्त के साथ धीरे-धीरे अमिताभ-रेखा का मशहूर अफेयर भी ख़त्म हो गया. दोनों ने साथ में फ़िल्में भी साथ करना बंद कर दिया. अब भी गिने चुने मौकों पर ही तीनों किसी फ्रेम में एक साथ नजर आए हैं वो भी चंद सेकेंड के लिए. बहुत साल बाद एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर पर बनी फिल्म "सिलसिला" में तीनों एक साथ नजर आए और सब्जेक्ट के आधार पर दावा किया गया कि फिल्म तीनों की निजी जिंदगी पर आधारित है. 1976-77 की ये घटना गॉसिप्स के रूप में कई बार सामने आ चुकी है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.