सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में बड़े पैमाने पर बदनामी झेलने वाली रिया चक्रबर्ती ने पूरे केस को स्टेटमेंट के जरिए एक अलग ही रूप देने की कोशिश की है. दरअसल, मामले में एनसीबी को दिया रिया का स्टेटमेंट सामने आया है. आत्महत्या से कुछ दिन पहले तक सुशांत के साथ रहने वाली एक्ट्रेस के बयानों ने पूरी कहानी को ही पलट दिया है. एक्ट्रेस ने कहा कि सुशांत की बहन प्रियंका सिंह और उसके जीजा एक्टर के साथ मरिजुआना लेते थे. घरवालों को पता था कि वो पहले से ही ड्रग का आदि है. यही बातें रिया और शोविक को परेशान करती थीं.
एक मिनट के लिए रिया के स्टेटमेंट को ही अगर कॉनक्लूजन मान लिया जाए तो मोटे तौर पर निकलने वाली बड़ी बातें कुछ इस तरह हैं-
1) रिया का सुशांत की आत्महत्या मामले से कुछ लेना-देना नहीं.
2) सुशांत की जिंदगी में रिया के आने से पहले ही एक्टर ड्रग और नशे की लत का शिकार था.
3) कोई और नहीं सुशांत के रिश्तेदार यानी बहनें और जीजा ही एक्टर को प्रतिबंधित ड्रग्स मुहैया कराते थे. सभी साथ में मरिजुआना का सेवन भी करते थे.
4) रिया एक्टर की नशे की आदत और उसके प्रभाव को लेकर चिंतित थी.
5) रिया और उनके भाई शोविक ने गूगल पर ड्रग को लेकर जो सर्च किया वो दरअसल, एक्टर की केयरिंग के लिए था.
एक्टर की मौत के लगभग सालभर होने को हैं. वैसे सुशांत केस में रिया या दूसरे संदिग्धों की भूमिका एजेंसियों की जांच के बाद तय होगी जो अभी किसी फाइनल निष्कर्ष पर पहुंचता नहीं दिख रहा. लेकिन अगर मैं रिया की जगह होता यानी पूरे मामले में मुख्य संदिग्ध होता तो शायद खुद को बचाने के लिए वही बातें दोहरा रहा होता जो रिया ने कहीं. मुझपर आरोप लगते कि मेरे सुशांत की जिंदगी में आने के बाद ही एक्टर नशे का आदि बना. अगर मैं बचने की कोशिश करता, क्या मैं आरोप...
सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में बड़े पैमाने पर बदनामी झेलने वाली रिया चक्रबर्ती ने पूरे केस को स्टेटमेंट के जरिए एक अलग ही रूप देने की कोशिश की है. दरअसल, मामले में एनसीबी को दिया रिया का स्टेटमेंट सामने आया है. आत्महत्या से कुछ दिन पहले तक सुशांत के साथ रहने वाली एक्ट्रेस के बयानों ने पूरी कहानी को ही पलट दिया है. एक्ट्रेस ने कहा कि सुशांत की बहन प्रियंका सिंह और उसके जीजा एक्टर के साथ मरिजुआना लेते थे. घरवालों को पता था कि वो पहले से ही ड्रग का आदि है. यही बातें रिया और शोविक को परेशान करती थीं.
एक मिनट के लिए रिया के स्टेटमेंट को ही अगर कॉनक्लूजन मान लिया जाए तो मोटे तौर पर निकलने वाली बड़ी बातें कुछ इस तरह हैं-
1) रिया का सुशांत की आत्महत्या मामले से कुछ लेना-देना नहीं.
2) सुशांत की जिंदगी में रिया के आने से पहले ही एक्टर ड्रग और नशे की लत का शिकार था.
3) कोई और नहीं सुशांत के रिश्तेदार यानी बहनें और जीजा ही एक्टर को प्रतिबंधित ड्रग्स मुहैया कराते थे. सभी साथ में मरिजुआना का सेवन भी करते थे.
4) रिया एक्टर की नशे की आदत और उसके प्रभाव को लेकर चिंतित थी.
5) रिया और उनके भाई शोविक ने गूगल पर ड्रग को लेकर जो सर्च किया वो दरअसल, एक्टर की केयरिंग के लिए था.
एक्टर की मौत के लगभग सालभर होने को हैं. वैसे सुशांत केस में रिया या दूसरे संदिग्धों की भूमिका एजेंसियों की जांच के बाद तय होगी जो अभी किसी फाइनल निष्कर्ष पर पहुंचता नहीं दिख रहा. लेकिन अगर मैं रिया की जगह होता यानी पूरे मामले में मुख्य संदिग्ध होता तो शायद खुद को बचाने के लिए वही बातें दोहरा रहा होता जो रिया ने कहीं. मुझपर आरोप लगते कि मेरे सुशांत की जिंदगी में आने के बाद ही एक्टर नशे का आदि बना. अगर मैं बचने की कोशिश करता, क्या मैं आरोप स्वीकार कर लेता? मान लीजिए कि आरोप सच थे तो भी. मैं तो बचने के लिए यही कहता ना कि- "नहीं, जब मैं सुशांत की जिंदगी में आया तो वो कई तरह के नशे, जिसमें ड्रग्स भी शामिल है का भरपूर सेवन करता था."
सुशांत के रिश्तेदार चिल्ला रहे होते और मुझपर आरोप लगाते कि इसके आने के बाद एक्टर नशे का आदि बना. इसने ही तमाम ड्रग पहुंचाए. मैं तो यही कहता- "ये सरासर झूठ है. जो लोग मुझपर आरोप लगा रहे हैं उन्हें पहले से ही सबकुछ पता था कि सुशांत नशे और खतरनाक ड्रग का सेवन करता है. वो लोग भी उसके साथ बैठकर गांजा पीते थे. उल्टे मैं तो इस बात से परेशान था कि कहीं नशे का अत्यधिक सेवन सुशांत की हेल्थ को नुकसान ना पहुंचाए. मैंने उसे इस बारे में कई बार आगाह भी किया."
गूगल पर ड्रग्स के साइड इफेक्ट को लेकर मुझसे सवाल किया जाता- आप ऐसा क्यों कर रहे थे? मेरा जवाब होता- "मुझे और मेरे भाई को एक्टर की चिंता थी. हम तो एक्टर पर दवा के साइडइफेक्ट को लेकर परेशान थे. बस इसीलिए उसे चेक कर रहे थे. लेकिन हमें जब एक्सपर्ट सलाह मिली तो गूगल डॉक्टर बनने की कोशिशें बंद कर दी." मैं अपोअनी बातों को पुख्ता बताने के लिए संबंधित घटनाओं से साक्ष्य भी दे रहा होता जिसमें मेरी लीगल टीम मदद कर रही होती. रिया की जगह मैं होता तो हर उस कहानी को पलट कर अपनी कहानी सुना रहा रहा होता जो मुझे संदिग्ध बनाते या फंसा सकते थे. मेरी बातों में सच्चाई होती या मैं "गुनाहगार" भी होता तो भी खुद को बचाने के लिए कम से कम मेरे पास यही एक रास्ता होता. ठीक ऐसे ही तर्क होते.
मैं रिया के स्टेटमेंट से हैरान नहीं हूं. मैं इसे उन लोगों पर पलटवार भी मानता हूं जिनके आरोपों की वजह से उनको शर्मिंदगी उठानी पड़ी. सुशांत के पिता, बहन और रिश्तेदारों ने तो कई मर्तबा साफ़-साफ़ कहा है कि रिया की वजह से ही एक्टर ने आत्महत्या की. एक्टर का फाइनेंस, बिजनेस और फैमिली मैटर्स को भी कंट्रोल करने का आरोप लगा चुके हैं. वो भी चिल्लाकर. यहां तक कि सुशांत को जादू-टोने और मानसिक रूप से बीमार करने की कोशिशों का भी आरोप लगा है. बहन ने तो सोशल मीडिया पर मोर्चा ही खोल दिया था.
रिया चारों तरफ से घिरी थीं. मौत से कुछ दिन पहले तक एक्टर के साथ ही रहती थीं. कई चीजों की वजह से वो संदिग्ध भी नजर आती हैं जो स्वाभाविक है. इस केस में जो भी तार सुशांत से जुड़ते हैं वो अंतिम निष्कर्ष तक संदिग्ध बने रहेंगे. रिया के अलावा सुशांत के कई करीबी भी. जैसे उनके कुछ दोस्त भी एजेंसियों की राडार में आ चुके हैं. अब ऐसे मामले में रिया या दूसरे लोगों के बचाव का तो एक ही रास्ता बचता है. सारे आरोपों से इनकार कर देना और उसे मौजूद साक्ष्यों में सही साबित करवाना. जांचों की प्रक्रिया तो ऐसी ही होती है. एक आरोप लगाता है, सबूत की ओर इशारा करता है. जांच में सभी चीजें क्रॉस चेक की जाती हैं. सभी पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप कसौटी पर परखे जाते हैं और अंतिम निष्कर्ष निकलता है. रिया जो कर सकती थीं, एनसीबी के सामने उन्होंने वैसा ही किया भी. उसे क्रॉस चेक किया जाएगा, फिर वेरीफाई करेंगे. हो सकता है किया भे एगाया हो.
रिया के बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का आसमान सिर पर उठाना या चिल्लाने से कुछ फर्क नहीं पड़ने वाला. ये रिया का स्टेटमेंट भर है जो कभी अंतिम कॉनक्लूजन नहीं हो सकता. रिया गलत हैं या सही ये तो अभी भी जांच का विषय है. हो सकता है कि वो जो कह रही हैं उसमें कुछ सच्चाई भी हो. पर फैसला तो जांच करने वाली एजेंसी ही देगी. पूरे मामले में रिया का स्टेटमेंट और कुछ नहीं बस बदनामी और बर्बादी का डैमेज कंट्रोल भर है. वो नैरेटिव बदलना चाहती हैं. बाकी तस्वीर तो अंतिम निष्कर्ष के बाद ही साफ़ होगी. वो कहानी जो उनकी जान बचाए.
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