अपने देश में भाषा के आधार पर ज्यादातर राज्यों का गठन किया गया है. उसी तरह भाषाई आधार पर फिल्म इंडस्ट्री भी अलग-अलग है. जैसे कि अंग्रेजी फिल्में हॉलीवुड, हिंदी फिल्में बॉलीवुड में बनती हैं, वैसे ही तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड फिल्म इंडस्ट्री भी अलग-अलग है. इस फेहरिस्त में पंजाबी और भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री का भी प्रमुख स्थान है. विभिन्न भाषाओं के दर्शकों का भाषा के साथ ही सिनेमा का स्वाद भी अलग-अलग है. यही वजह है कि ज्यादातर दर्शकों को उनकी फिल्म इंडस्ट्री में बनी फिल्में पसंद आती रही हैं, लेकिन डिजिटलाइजेशन के इस दौर में हर तरह की दीवार ढ़ह चुकी है. इंटरनेट ने पूरी दुनिया को एक परिवार बना दिया है. लोग एक-दूसरे के समाज और संस्कृति के साथ सिनेमा से भी परिचित हो रहे हैं. यही वजह है कि फिल्म इंडस्ट्री में भी अब बहुभाषीय फिल्मों का दौर शुरू हो चुका है.
वैसे तो लोग साउथ की फिल्मों को केबल टीवी पर बरसों से देख रहे हैं, लेकिन समस्या ये रही है कि इन फिल्मों की रिलीज के काफी समय बाद हिंदी में डब करके दिखाया जाता था. केबल या डिश टीवी पर 24 घंटे के सिनेमा चैनलों को लगातार हिंदी फिल्में दिखाना किसी चुनौती से कम नहीं था, ऐसे में साउथ की हिंदी डब फिल्में बहुत दिखाई जाती हैं. चूंकि एक्शन की एक वैश्विक अपील है. इसलिए यूपी-बिहार में साउथ की एक्शन फिल्में खूब देखी जाती रही हैं. दर्शकों के इस टेस्ट की जानकारी होते हुए भी फिल्म मेकर्स इसका सीधा आर्थिक फायदा नहीं उठा पाते थे. लेकिन अब फिल्म निर्माण के समय ही यह तय कर लिया जा रहा है कि इसे कितनी भाषाओं में रिलीज करना है. उसी के अनुसार तैयारी की जाती है और एक साथ उन सभी भाषाओं में फिल्में रिलीज की जाती हैं. इससे मिले मुनाफे को देख मेकर्स हैरान हैं.
साल 2015 और 2017 में रिलीज हुई राजामौली के निर्देशन में बनी प्रभास की फिल्म 'बाहुबली' फ्रेंचाइजी की फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त करके नए माइलस्टोन स्थापित कर दिए. इसे देखकर बॉलीवुड के बड़े-बड़े फिल्म निर्माताओं की आंखें तो खुली...
अपने देश में भाषा के आधार पर ज्यादातर राज्यों का गठन किया गया है. उसी तरह भाषाई आधार पर फिल्म इंडस्ट्री भी अलग-अलग है. जैसे कि अंग्रेजी फिल्में हॉलीवुड, हिंदी फिल्में बॉलीवुड में बनती हैं, वैसे ही तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड फिल्म इंडस्ट्री भी अलग-अलग है. इस फेहरिस्त में पंजाबी और भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री का भी प्रमुख स्थान है. विभिन्न भाषाओं के दर्शकों का भाषा के साथ ही सिनेमा का स्वाद भी अलग-अलग है. यही वजह है कि ज्यादातर दर्शकों को उनकी फिल्म इंडस्ट्री में बनी फिल्में पसंद आती रही हैं, लेकिन डिजिटलाइजेशन के इस दौर में हर तरह की दीवार ढ़ह चुकी है. इंटरनेट ने पूरी दुनिया को एक परिवार बना दिया है. लोग एक-दूसरे के समाज और संस्कृति के साथ सिनेमा से भी परिचित हो रहे हैं. यही वजह है कि फिल्म इंडस्ट्री में भी अब बहुभाषीय फिल्मों का दौर शुरू हो चुका है.
वैसे तो लोग साउथ की फिल्मों को केबल टीवी पर बरसों से देख रहे हैं, लेकिन समस्या ये रही है कि इन फिल्मों की रिलीज के काफी समय बाद हिंदी में डब करके दिखाया जाता था. केबल या डिश टीवी पर 24 घंटे के सिनेमा चैनलों को लगातार हिंदी फिल्में दिखाना किसी चुनौती से कम नहीं था, ऐसे में साउथ की हिंदी डब फिल्में बहुत दिखाई जाती हैं. चूंकि एक्शन की एक वैश्विक अपील है. इसलिए यूपी-बिहार में साउथ की एक्शन फिल्में खूब देखी जाती रही हैं. दर्शकों के इस टेस्ट की जानकारी होते हुए भी फिल्म मेकर्स इसका सीधा आर्थिक फायदा नहीं उठा पाते थे. लेकिन अब फिल्म निर्माण के समय ही यह तय कर लिया जा रहा है कि इसे कितनी भाषाओं में रिलीज करना है. उसी के अनुसार तैयारी की जाती है और एक साथ उन सभी भाषाओं में फिल्में रिलीज की जाती हैं. इससे मिले मुनाफे को देख मेकर्स हैरान हैं.
साल 2015 और 2017 में रिलीज हुई राजामौली के निर्देशन में बनी प्रभास की फिल्म 'बाहुबली' फ्रेंचाइजी की फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त करके नए माइलस्टोन स्थापित कर दिए. इसे देखकर बॉलीवुड के बड़े-बड़े फिल्म निर्माताओं की आंखें तो खुली हीं, साउथ के मेकर्स को भी लगा कि पैन इंडिया स्तर पर कई भाषाओं में फिल्में रिलीज करके समान लागत में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है. इसके बाद धीरे-धीरे इसका चलन शुरू हो गया. इसके लिए सबसे पहले तो फिल्मों में कास्ट मिक्सअप करने की शुरूआत की गई. उदाहरण के लिए कुछ कलाकार साउथ के तो कुछ हिंदी के साइन किए जाने लगे. इतना ही नहीं कुछ फिल्मों में हिंदी के प्रोड्यूसर और साउथ का डायरेक्टर, ऐसे भी मिक्सअप होने लगा है. RRR से लेकर KGF 2 तक, कई फिल्मों में ऐसा मिक्सअप देखा जा सकता है.
ये हैं अपकमिंग मल्टी लैंग्वेज मूवी...
फिल्म- KGF 2
बजट- 100 करोड़ रुपए
स्टारकास्ट- यश, संजय दत्त और रवीना टंडन
इन भाषाओं में रिलीज होगी- हिंदी, तेलुगु, तमिल, मलयालम और कन्नड
फिल्म- थलाइवी
बजट- 65
स्टारकास्ट- कंगना रनौत, अरविंद स्वामी और नासिर
इन भाषाओं में रिलीज होगी- तेलुगु, तमिल और हिंदी
फिल्म का नाम- RRR
बजट- 400 करोड़
स्टारकास्ट- एनटीआर जूनियर, अजय देवगन, रामचरण तेजा और आलिया भट्ट
इन भाषाओं में रिलीज होगी- हिंदी, तेलुगु, तमिल, मलयालम और कन्नड
फिल्म- आदिपुरुष
बजट- 500 करोड़ रुपये
स्टारकास्ट- प्रभास, सैफ अली खान, कृति सेनन
इन भाषाओं में रिलीज होगी- हिंदी, तेलुगु, तमिल, मलयालम और कन्नड
फिल्म- हाथी मेरे साथी, कदान (तमिल), आरण्य (तेलुगु)
बजट- 60 करोड़ रुपए
स्टारकास्ट- तमिल और तेलुगु फिल्म में एक्टर विष्णु विशाल, हिंदी में पुलकित सम्राट और राणा दग्गुबाती
इन भाषाओं में रिलीज होगी- तमिल, तेलुगु और हिंदी
फिल्म- राधे-श्याम
बजट- 350 करोड़ रुपए
स्टारकास्ट- प्रभास और पूजा हेगड़े
इन भाषाओं में रिलीज होगी- तेलुगु, तमिल और हिंदी
फिल्म- लाइगर
बजट- 125 करोड़ रुपए
स्टारकास्ट- विजय देवरकोंडा और अनन्या पांडे
इन भाषाओं में रिलीज होगी- हिंदी, तेलुगु, तमिल, मलयालम और कन्नड
फिल्म- मडी
बजट- 30 करोड़ रुपए
स्टारकास्ट- युआन, रिधान कृष्णा और सुरेश अनुषा
इन भाषाओं में रिलीज होगी- हिंदी, तेलुगु, तमिल, मलयालम और कन्नड
फिल्म- फाइटर
बजट- 50 करोड़ रुपए
स्टारकास्ट- विजय देवरकोंडा और अनन्या पांडे
इन भाषाओं में रिलीज होगी- हिंदी, तेलुगु और तमिल
बाहुबली जैसी ब्लॉकबस्टर मूवी के निर्देशक पद्म श्री राजामौली का कहना है, 'हर फिल्म सभी भाषाओं में रिलीज नहीं हो सकती. यदि आपको एक ऐसा विषय मिलता है जो मुख्य रूप से मानवीय भावनाओं पर आधारित है, जो जाति, पंथ, क्षेत्र, भाषा या संस्कृति के बावजूद सभी के लिए सामान्य है. यदि आप जानते हैं कि आपकी कहानी उन मानवीय भावनाओं पर आधारित है और यह सभी से जुड़ती है, तो यह सभी भाषाओं में रिलीज होने के योग्य है. बाहुबली: द बिगिनिंग' के मामले में हमारा मानना था कि इसे व्यापक दर्शकों के सामने दिखाने की जरूरत है, क्योंकि इसका विषय हर तरह के दर्शकों को प्रभावित करने वाला है.' राजामौली इस वक्त फिल्म आरआरआर के निर्माण में लगे हुए हैं, जिसमें एनटीआर जूनियर, अजय देवगन, रामचरण तेजा और आलिया भट्ट जैसे कलाकार हैं. इसे पांच भाषाओं में रिलीज किया जाएगा.
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