ओटीटी के बढ़ते क्रेज को देखते हुए अब बॉलीवुड के बड़े-बड़े सितारे भी यहां दस्तक देने लगे हैं. पिछले महीने नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हुई वेब सीरीज 'द फेम गेम' से माधुरी दीक्षित के डिजिटल डेब्यू करने के बाद अब एक्शन स्टार अजय देवगन भी डिज्नी प्लस हॉटस्टार की वेब सीरीज 'रुद्र- द एज ऑफ डार्कनेस' से ओटीटी की दुनिया में प्रवेश कर चुके हैं. बीबीसी स्टूडियोज और एप्लॉज एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी ये साइकोलॉजिकल क्राइम ड्रामा आज से स्ट्रीम हो रही है. इसको राजेश मापुस्कर ने निर्देशित किया है, जिनको फिल्म 'फेरारी की सवारी' और 'वेंटिलेटर' के निर्देशन के लिए जाना जाता है. पैन इंडिया हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम और बंगाली में रिलीज हो रही इस वेब सीरीज में ईशा देओल, राशि खन्ना, तरुण गहलोत, सत्यदीप मिश्रा, अतुल कुलकर्णी और आशीष विद्यार्थी भी अहम किरदारों में नजर आ रहे हैं.
वेब सीरीज 'रुद्र- द एज ऑफ डार्कनेस' को ब्रिटिश टीवी शो 'लूथर' का हिंदी रीमेक बताया जा रहा है. यह शो पूरी दुनिया में मशहूर हुआ था. इसकी मुख्य वजह सीरीज की कहानी और लीड एक्टर को माना जाता है. इस शो की कहानी एपिसोड दर एपिसोड रोमांचक होती चली जाती है, जिससे की दर्शक अंतिम समय तक सांसे थाम कर देखने को मजबूर होते हैं. इसके साथ ही इस शो के लीड एक्टर इदरिस इल्बा ने अपना बेहतरीन परफॉर्मेंस दिया है. वो जॉन लूथर नामक पुलिसवाले के किरदार में जान डाल देते हैं. मार्वल की सुपरहीरो फिल्म 'थॉर' में इदरिस को हाइमडाल के किरदार में भी देखा गया है. लूथर की पॉपुलैरिटी को देखते हुए इसको साउथ कोरिया में 'लेस दैन इविल', रूस में 'क्लिम' और फ्रांस में 'लूथर' के नाम से रीमेक किया गया है. इसके बाद हॉटस्टार ने इसका हिंदी रीमेक बनाया है, जिसमें अजय देवगन लीड रोल में हैं.
ओटीटी के बढ़ते क्रेज को देखते हुए अब बॉलीवुड के बड़े-बड़े सितारे भी यहां दस्तक देने लगे हैं. पिछले महीने नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हुई वेब सीरीज 'द फेम गेम' से माधुरी दीक्षित के डिजिटल डेब्यू करने के बाद अब एक्शन स्टार अजय देवगन भी डिज्नी प्लस हॉटस्टार की वेब सीरीज 'रुद्र- द एज ऑफ डार्कनेस' से ओटीटी की दुनिया में प्रवेश कर चुके हैं. बीबीसी स्टूडियोज और एप्लॉज एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी ये साइकोलॉजिकल क्राइम ड्रामा आज से स्ट्रीम हो रही है. इसको राजेश मापुस्कर ने निर्देशित किया है, जिनको फिल्म 'फेरारी की सवारी' और 'वेंटिलेटर' के निर्देशन के लिए जाना जाता है. पैन इंडिया हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम और बंगाली में रिलीज हो रही इस वेब सीरीज में ईशा देओल, राशि खन्ना, तरुण गहलोत, सत्यदीप मिश्रा, अतुल कुलकर्णी और आशीष विद्यार्थी भी अहम किरदारों में नजर आ रहे हैं.
वेब सीरीज 'रुद्र- द एज ऑफ डार्कनेस' को ब्रिटिश टीवी शो 'लूथर' का हिंदी रीमेक बताया जा रहा है. यह शो पूरी दुनिया में मशहूर हुआ था. इसकी मुख्य वजह सीरीज की कहानी और लीड एक्टर को माना जाता है. इस शो की कहानी एपिसोड दर एपिसोड रोमांचक होती चली जाती है, जिससे की दर्शक अंतिम समय तक सांसे थाम कर देखने को मजबूर होते हैं. इसके साथ ही इस शो के लीड एक्टर इदरिस इल्बा ने अपना बेहतरीन परफॉर्मेंस दिया है. वो जॉन लूथर नामक पुलिसवाले के किरदार में जान डाल देते हैं. मार्वल की सुपरहीरो फिल्म 'थॉर' में इदरिस को हाइमडाल के किरदार में भी देखा गया है. लूथर की पॉपुलैरिटी को देखते हुए इसको साउथ कोरिया में 'लेस दैन इविल', रूस में 'क्लिम' और फ्रांस में 'लूथर' के नाम से रीमेक किया गया है. इसके बाद हॉटस्टार ने इसका हिंदी रीमेक बनाया है, जिसमें अजय देवगन लीड रोल में हैं.
किसी दूसरे देश के किसी लोकप्रिय शो को अपनी भाषा में बेहतर और आकर्षक तरीके से रीमेक करने के लिए क्या करना पड़ता है, इसका कोई निश्चित फॉर्मूला नहीं बना है. यही वजह है कि ब्रिटिश टीवी शो 'लूथर' का हिंदी रीमेक बनाते समय वेब सीरीज 'रुद्र- द एज ऑफ डार्कनेस' के मेकर्स ने इसे सीधा और सरल रखने की कोशिश की है. इसकी पटकथा ईशान त्रिवेदी, अब्बास और हुसैन दलाल ने लिखी है. वेब सीरीज देखने के बाद पता चलता है कि लेखन टीम ने अपनी तरफ से बहुत ज्यादा कोशिश करने की बजाए इसका हिंदी अनुवाद कर दिया है. सीन दर सीन सीरीज के एपिसोड को कॉपी कर लिया गया है. यहां तक कि डायलॉग भी वैसे के वैसे रख दिए गए हैं. जैसे कि एक डायलॉग 'लूथर' और 'रुद्र' दोनों जगह सुना जा सकता है, ''आर यू स्लीपिंग विथ हिम?'' इस तरह की कई समानताएं हैं, जो दोनों में ज्यों की त्यों रख दी गई हैं.
इसके बावजूद कई डायलॉग भारतीय परिस्थितियों और दर्शकों के हिसाब से रखे गए हैं. जैसे कि एक जगह डीसीपी रुद्रवीर सिंह की अफसर उससे कहती है, ''जुमला है ये''. इस पर रुद्र कहता है, ''पूरा सिस्टम ही जुमलों पर चलता है बॉस''. जुमला शब्द क्यों और किसके लिए इस्तेमाल किया जाता है, ये बात लगभग हर किसी को पता है. विपक्ष मोदी और बीजेपी को घेरने के लिए ज्यादातर इस शब्द का प्रयोग करती है. खैर, अब बात करते हैं निर्देशक राजेश मापुस्कर की, जिन्होंने बिना समय गवाएं सीधे कहानी में गोता लगा दिया है. डीसीपी रुद्रवीर सिंह (अजय देवगन), जो कि सात महीने से घर पर बैठा है. नियम-कानून के खिलाफ जाकर काम करने के आरोप में उसे विभाग ने निलंबित कर दिया है. लेकिन शहर में बढ़ते अपराध और उसकी प्रकृति को देखते हुए उसकी बॉस दीपाली हांडा (अश्विनी कालसेकर) उसका निलंबन कुछ समय के लिए रद्द कराती है.
दीपाली हांडा विभाग में अपने बड़े अफसरों से कहती है कि रुद्र ही एक मात्र पुलिस अफसर है, जो इस तरह के अपराध पर नियंत्रण स्थापित कर सकता है. रुद्र काम पर वापस लौट आता है. उसे शहर में हो रहे सबसे घिनौने अपराध की फाइल सौंप दी जाती है. वो जांच शुरू कर देता है. इस तरह छह एपिसोड की सीरीज में एक के बाद एक नई घटना सामने आती है. इसे अंजाम देने वाला अपराधी बेहद चालाक लेकिन साइको है. उसकी तलाश में लगे रुद्र के जीवन में भी उथल-पुथल है, जिसकी परतें सीरीज के साथ आगे बढ़ते हुए उजागर होती रहती हैं. जैसे कि काबिल होते हुए भी रुद्र हमेशा विवादास्पद बना रहता है. काम के प्रति उसका जुनून उसकी पर्सनल और प्रोफेशनल जिंदगी बर्बाद कर देता है. विभाग में उसकी किसी से बनती नहीं है. यहां तक कि घर में पत्नी से पीड़ित है. उसकी पत्नी शीला (ईशा देओल) उसे तलाक दिए बिना ही किसी दूसरे आदमी के साथ लिव इन में रहती है. इतना ही नहीं केस की जांच के दौरान वो अपराधियों के दिमाग की गहराई तक जाने के लिए जिन तरीकों का इस्तेमाल करता है, अक्सर खुद को जोखिम में डाल देता है.
पहले एपिसोड में रुद्र के अलावा एक दूसरे किरदार का परिचय कराया जाता है. आलिया चोकसी (राशी खन्ना), जो कि विलक्षण प्रतिभा की धनी होती है, अंतरिक्ष अनुसंधान में लगी होती है, लेकिन उसकी संदिग्ध गतिविधियां उसे एक डबल मर्डर केस में आरोपी बना देती हैं. मेकर्स ने बड़ी सावधानी से यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि एडेप्टेशन होते ही भी वेब सीरीज का अपना स्वतंत्र अस्तित्व है. अनन्या बिड़ला के डार्क विजुअल टोन और थीम सॉन्ग 'तेरा इनाम' से शुरुआत करके रोमांच पैदा करने की कोशिश की गई है. सीरीज के एपिसोड, अपनी लंबाई के बावजूद, दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहते हैं. सिनेमैटोग्राफी डार्क है, जो उस दुनिया के साथ तालमेल बिठाती है जिसे निर्देशक ने सीरीज के लिए बनाया है. हालांकि मुंबई को कई हिंदी फिल्मों में दिखाया गया है, लेकिन यह सीरीज मायानगरी के एक अलग पहलू को पेश करती है. जिसे देखना दिलचस्प है.
यदि कलाकारों के अभिनय प्रदर्शन की बात करें तो 'रुद्र- द एज ऑफ डार्कनेस' पूरी तरह अजय देवगन की वेब सीरीज लगती है. पहले से आखिरी एपिसोड तक वो छाए रहते हैं. हालांकि, उनके समानांतर राशी खन्ना किरदार भी लोगों को प्रभावित करता है. साल 2013 में जॉन अब्राहम की फिल्म 'मद्रास कैफे' से बॉलीवुड डेब्यू करने वाली राशि खन्ना ज्यादातर साउथ सिनेमा में अपने अभिनय के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने इस सीरीज में अपनी शानदार अदाकारी के साथ जो संवाद अदायगी की है, उसने हर किसी का ध्यान उनकी ओर आकर्षित किया है. पुलिसवालों के किरदार में अजय देवगन तो हमेशा से ही अच्छे लगते हैं. फिल्म 'नाजायज', 'इंसान', 'गंगाजल' और 'सिंघम' में उनके पुलिसिया किरदारों को ही देख लीजिए, उन्होंने जब भी वर्दी पहनी थियेटर तालियों और सीटियों से गूंज उठा. हालांकि, इस वेब सीरीज उन्होंने वर्दी नहीं पहनी है. वो अंडर कवर एजेंट की तरह होते हैं. इन दोनों के अलावा ईशा देओल, अश्विनी कालसेकर, तरुण गहलोत, सत्यदीप मिश्रा, अतुल कुलकर्णी और आशीष विद्यार्थी जैसे कलाकारों ने औसत अभिनय प्रदर्शन किया है.
कुल मिलाकार, यह कहा जा सकता है कि अजय देवगन की वेब सीरीज 'रुद्र- द एज ऑफ डार्कनेस' जिस शोर के साथ रिलीज हुई है, वो उस स्तर की नहीं है. यहां तक कि ब्रिटिश टीवी शो 'लूथर' और उसके लीड एक्टर इदरिस इल्बा के अभिनय से इसकी तुलना भी नहीं की जा सकती. हां, अजय देवगन और राशी खन्ना ने अपने अभिनय के दम पर इसे संभालने की बहुत की कोशिश है. यदि आप अजय देवगन के फैन हैं, एक साइकोलॉजिकल क्राइम थ्रिलर देखना चाहते हैं, तो इस वेब सीरीज को देख सकते हैं.
iChowk.in रेटिंग: 5 में से 2.5 स्टार
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