इन दिनों नई नई वेब सीरीज के लिफ़ाफ़ों में मिलता है वही पुराना सोना, वही पुरानी बात जो कभी पुरानी नहीं होती. वेब सीरीज की बात करें तो ये कोई बहुत पुराना वेंचर नहीं है. हाल ही के कुछ सालों में हॉलिवुड की तर्ज पर भारतीय फिल्ममेकर्स ने भी एक कहानी को आठ या दस पार्ट में लोगों तक पहुंचाना शुरु कर दिया है. इस बदलते जमाने के साथ इन वेब सीरीज में सब कुछ आज के युग का ही नज़र आता है. वेब सीरीज का सारा कान्सेप्ट ही मोबाईल पर इंटरनेट के इतने सस्ते होने और भारत के आखिरी आदमी तक पहुंचने की वजह से फेमस हुआ है. टीवी जहां सब मिलकर, पूरा परिवार एक साथ बैठकर देखता था वहीं मोबाईल में देखने वाला अकेले ही वेब सीरीज के मजे लेता है. शायद यही वजह है कि वेब सीरीज ने हॉलिवुड को पूरी तरह से अडाप्ट करते हुए बोल्ड की बजाए अश्लीलता की हद पार करते हुए सीन दिखाने से भी परहेज़ नहीं की. इस बदलते युग में, नई नई वेब सीरीज में भी कुछ तो पुराना है, कुछ गोल्ड है जो ओल्ड होने के बावजूद भी अपनी चमक बरकरार रखे हुए है. और ये गोल्ड है पुराने बेहतरीन गाने.
मैं पिछले कुछ सालों से गौर कर रहा हूं तकरीबन हर वेब सीरीज में - जो भी बड़े बैनर तले बन रही है – कोई न कोई पुराना बीता गाना ज़रूर सुनाई पड़ रहा है. इस सिलसिले की शुरुआत अनुराग कश्यप ने की थी, लेकिन किसी वेब सीरीज से नहीं, बल्कि अपनी फिल्म ‘शैतान’ से, जिसमें उन्होंने 'हवा हवाई' गाने अपने ढंग से मिक्स कर फिल्म में चलाया था. शायद इसीलिए वेब सीरीज में भी उन्होंने ही पुराने गानों का चलन बनाया.
आप याद करें कि मोस्ट पॉपुलर और मोस्ट कान्ट्रवर्शल वेब सीरीज ‘सेक्रेड गेम्स’ की शुरुआत दशकों पुरानी फिल्म ‘दो बीघा...
इन दिनों नई नई वेब सीरीज के लिफ़ाफ़ों में मिलता है वही पुराना सोना, वही पुरानी बात जो कभी पुरानी नहीं होती. वेब सीरीज की बात करें तो ये कोई बहुत पुराना वेंचर नहीं है. हाल ही के कुछ सालों में हॉलिवुड की तर्ज पर भारतीय फिल्ममेकर्स ने भी एक कहानी को आठ या दस पार्ट में लोगों तक पहुंचाना शुरु कर दिया है. इस बदलते जमाने के साथ इन वेब सीरीज में सब कुछ आज के युग का ही नज़र आता है. वेब सीरीज का सारा कान्सेप्ट ही मोबाईल पर इंटरनेट के इतने सस्ते होने और भारत के आखिरी आदमी तक पहुंचने की वजह से फेमस हुआ है. टीवी जहां सब मिलकर, पूरा परिवार एक साथ बैठकर देखता था वहीं मोबाईल में देखने वाला अकेले ही वेब सीरीज के मजे लेता है. शायद यही वजह है कि वेब सीरीज ने हॉलिवुड को पूरी तरह से अडाप्ट करते हुए बोल्ड की बजाए अश्लीलता की हद पार करते हुए सीन दिखाने से भी परहेज़ नहीं की. इस बदलते युग में, नई नई वेब सीरीज में भी कुछ तो पुराना है, कुछ गोल्ड है जो ओल्ड होने के बावजूद भी अपनी चमक बरकरार रखे हुए है. और ये गोल्ड है पुराने बेहतरीन गाने.
मैं पिछले कुछ सालों से गौर कर रहा हूं तकरीबन हर वेब सीरीज में - जो भी बड़े बैनर तले बन रही है – कोई न कोई पुराना बीता गाना ज़रूर सुनाई पड़ रहा है. इस सिलसिले की शुरुआत अनुराग कश्यप ने की थी, लेकिन किसी वेब सीरीज से नहीं, बल्कि अपनी फिल्म ‘शैतान’ से, जिसमें उन्होंने 'हवा हवाई' गाने अपने ढंग से मिक्स कर फिल्म में चलाया था. शायद इसीलिए वेब सीरीज में भी उन्होंने ही पुराने गानों का चलन बनाया.
आप याद करें कि मोस्ट पॉपुलर और मोस्ट कान्ट्रवर्शल वेब सीरीज ‘सेक्रेड गेम्स’ की शुरुआत दशकों पुरानी फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ के सुपरहिट गीत 'धरती कहे पुकार के, बीज बिछा ले प्यार के' से होती है. सोचिए, सन 1953 की फिल्म और सेक्रेड गेम्स 2018 का, करीब 65 साल बाद उसी गाने को, उसी तरह, बिना किसी mixing के जस का तस परोस दिया और जिस जिस ने ध्यान दिया, उसने बहुत पसंद किया.
अब सोचिए, मन्ना डे और लता मंगेशकर की मधुर आवाज़, सलिल चौधरी का दिलफरेब म्यूजिक और शैलेन्द्र के साधारण से लेकिन दिल पर वार करने वाले बोल, बरसों पुराना संगम एक बार फिर लोगों को सुनने को मिला तो नए-नए सिनेमा लवर्स की तो बांछें खिल गईं. इसी तरह, कोरोना ईयर 2020 में सुष्मिता सेन और चंद्रचूर सिंह अभिनीत एक एक वेब सीरीज आई ‘आर्या’, उसमें 1976 की फिल्म बालिका वधू का सबसे हिट गाना ‘बड़े अच्छे लगते हैं..’ जस का तस उठा लिया और अमित कुमार की आवाज़, आरडी बर्मन का संगीत और आनंद बक्शी के बोल एक बार फिर लोगों की ज़ुबान पर चढ़ गए.
वेब सीरीज में ये ट्रेंड करने लगा कि पुराना गाना डालो, तो वेब सीरीज लोगों को याद रह जाती है.इसी तर्ज पर एमएक्स प्लेयर की वेब सीरीज क्वीन (जो जयललिता की बायोग्रफी थी) में राज कपूर और नरगिस की ज़बरदस्त फिल्म ‘चोरी-चोरी’ से एक गाना बाकायदा इजाज़त लेकर उठा लिया गया. गाना मन्ना डे और लता मंगेशकर की आवाज़ में फिर अपना जादू बिखेरने में कामयाब हो गया. क्या आप वो गाना पहचान पाए? नहीं, कोई बात नहीं.
मैं बताता हूं – वो गाना था 'आजा सनम मधुर चांदनी में हम-तुम मिले तो वीराने में या जाएगी बहार' इस गाने में हसरत जयपुरी के बोल थे और संगीत शंकर जयकिशन का था. क्योंकि ये वेब सीरीज ज़्यादा नहीं चली थी इसलिए ये गाना उतने लोगों तक नहीं पहुंच पाया जितने का ये हकदार था. लेकिन अब जो अगला गाना मैं बताने वाला हूं, उसने सारी कसर पूरी कर दी थी.
अगला गाना किसी वेब सीरीज से नहीं, बल्कि OTT पर ही रिलीज हुई, पिछले साल की फिल्म ‘लूडो’ में था. पंकज त्रिपाठी के मस्त मौला अंदाज़ और इस गाने के साथ ही फिल्म लूडो शुरु होती है. इस बार और पुरानी फिल्म को पकड़ – 1951 में पहुंच डायरेक्टर अनुराग बसु ने दर्शकों का दिल जीत लिया. फिल्म अलबेला से ये गीत भगवान दादा पर फिल्माया गया था व इसे चितलकर रामचन्द्र ने ही गाया और कॉम्पोज़ किया था. इसके गीतकार राजेन्द्र किशन थे, वही राजेन्द्र किशन जिन्होंने पड़ोसन के गाने लिखे थे.
इस ‘ओ बेटा जी’ ने OTT पर फिल्में देखने वाले हर शख्स की ज़ुबान पर अपना परमानेंट घर बना लिया था. बीते नवंबर में रिलीज हुई फिल्म लूडो की कहानी जितनी हिट हुई, उससे कहीं ज़्यादा ये गाना हिट हुआ था. इसकी कामयाबी ऐसे तोलिए कि इस गाने पर एक्टिंग करते पंकज त्रिपाठी और सह कलाकारों की वीडियो अपलोड के कुछ ही दिन बाद यूट्यूब पर 10 लाख व्यूज़ पर पहुंच गई थी.
आज करीब 40 लाख व्यूज पर है, वहीं ऑरिजनल भगवान दादा का गाना इस फिल्म से पहले 3 लाख व्यूज़ पर था, आज डेढ़ करोड़ से ज़्यादा व्यूज बटोर चुका है. इससे दो बातें क्लियर होती हैं, पहली ये कि नए नए कॉन्टेक्ट की होड़ में भागते OTT फिल्ममेकर्स के पास संगीत के खजाने में बहुत तंगी चल रही है. उनके पास अच्छी धुनों का अकाल पड़ गया है.
वहीं इससे ये बात एक बार फिर सिद्ध होती है कि पुराने गाने, बीते नगमें हर पीढ़ी को पसंद आने लायक गीत हैं. वह पुराने कहलाए जा सकते हैं, लेकिन पुराने होते कभी नहीं हैं. फिर पुराना कहलाने से भी क्या होता है, सोना जितना पुराना होता है, उसकी कीमत उतनी ही बढ़ती जाती है.अभी हाल ही में, पिछले हफ्ते रिलीज हुई वेब सीरीज ‘1962 द वॉर इन द हिल्स’ में लेजेंडरी कॉम्पोज़र ओपी नैय्यर का गीत, जिसे गीता दत्त ने गाया था ‘मेरा नाम चिन-चिन चू’ जस का तस, एल पी प्लेयर पर बजाया गया है.
ये गीत सन 1958 में आई हावड़ा ब्रिज से है, इसे क़मर जलालाबादी ने लिखा था. अब दोस्तों आप बताइए आप भी इतनी वेब सीरीज देखते हैं, क्या आपको कोई ऐसा गाना याद आता है, जो किसी वेब सीरीज या किसी फिल्म में जस का तस उठाकर डाल दिया हो.
ये भी पढ़ें -
Tandav Controversy: 'सुप्रीम कमेंट' के बाद पोर्नोग्राफी पर नई बहस शुरू
I Care A Lot Review: मर्द दुनिया के किसी भी कोने के हों, मज़बूत स्त्रियां बर्दाश्त नहीं उन्हें!
इनकम टैक्स का हर छापा 'सियासी' नहीं होता, तापसी-अनुराग पर लगे 'आरोप' भी जान लीजिए!
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.