क्या हिंदी फिल्म इंडस्ट्री या फिर बॉलीवुड से स्टारडम चला जाएगा? क्या वो सितारे जो कल तक जनता की आंखों के तारे थे, नजरों से उतर जाएंगे? क्या अब स्टार्स के नहीं बल्कि एक्टर्स के दौर की शुरुआत हो गई है? सवाल अटपटे हो सकते हैं मगर वक़्त की जरूरत ही कुछ ऐसी है कि ये माकूल प्रतीत हो रहे हैं. कारण है एंटरटेनमेंट की दुनिया में OTT का कब्जा. ध्यान रहे कि हालिया दौर में जिस तरह OTT प्लेटफॉर्म्स को न केवल लोकप्रियता मिली बल्कि जैसे इन्हें हाथों हाथ लिया गया सवाल शुरू हुए कि क्या वो वक़्त आ गया है जब बड़े पर्दे से स्टारडम निकल कर कहीं दूर चला जाने वाला है? ये सवाल फैंस के दिमाग में था और उन्हें परेशान कर रहा था. इस सवाल का जवाब देने के लिए बॉलीवुड के दबंग सलमान खान सामने आए हैं और स्टारडम को लेकर जो बातें उन्होंने कहीं उससे इस बात की तस्दीख होती है कि स्टारडम को लेकर हम सलमान की बातों को नजरअंदाज तो कर सकते हैं लेकिन पूर्णतः खारिज नहीं.
दरअसल हुआ कुछ यूं है कि अपने आने वाले प्रोजेक्ट अंतिम: द फाइनल ट्रुथ के लिए सलमान ने एड़ी से लेकर चोटी तक का जोर लगा दिया है. चूंकि फ़िल्म सलमान की है तो राधे के पिटने से प्रोड्यूसर्स भी अंतिम के लिए हैं गंभीर हैं और प्रोमोशन का कोई मौका नहीं गंवा रहे हैं. फ़िल्म के मद्देनजर ऐसे ही एक इवेंट में सलमान खान से सवाल हुआ है कि क्या ये सुपरस्टार का लास्ट एरा है क्योंकि ओटीटी की तरफ दर्शक ज्यादा जा रहे हैं और एक्टर्स वहां से पॉपुलैरिटी हासिल कर रहे हैं?
यकीनन सवाल पेचीदा था लेकिन सलमान ने भी होशियारी का परिचय दिया है और जवाब देते हुए कहा है कि, हम जाएंगे तो कोई और ऊपर आएगा. मुझे नहीं लगता कि स्टार्स का एरा कभी जाएगा. ये कभी नहीं जाएगा. ये हमेशा...
क्या हिंदी फिल्म इंडस्ट्री या फिर बॉलीवुड से स्टारडम चला जाएगा? क्या वो सितारे जो कल तक जनता की आंखों के तारे थे, नजरों से उतर जाएंगे? क्या अब स्टार्स के नहीं बल्कि एक्टर्स के दौर की शुरुआत हो गई है? सवाल अटपटे हो सकते हैं मगर वक़्त की जरूरत ही कुछ ऐसी है कि ये माकूल प्रतीत हो रहे हैं. कारण है एंटरटेनमेंट की दुनिया में OTT का कब्जा. ध्यान रहे कि हालिया दौर में जिस तरह OTT प्लेटफॉर्म्स को न केवल लोकप्रियता मिली बल्कि जैसे इन्हें हाथों हाथ लिया गया सवाल शुरू हुए कि क्या वो वक़्त आ गया है जब बड़े पर्दे से स्टारडम निकल कर कहीं दूर चला जाने वाला है? ये सवाल फैंस के दिमाग में था और उन्हें परेशान कर रहा था. इस सवाल का जवाब देने के लिए बॉलीवुड के दबंग सलमान खान सामने आए हैं और स्टारडम को लेकर जो बातें उन्होंने कहीं उससे इस बात की तस्दीख होती है कि स्टारडम को लेकर हम सलमान की बातों को नजरअंदाज तो कर सकते हैं लेकिन पूर्णतः खारिज नहीं.
दरअसल हुआ कुछ यूं है कि अपने आने वाले प्रोजेक्ट अंतिम: द फाइनल ट्रुथ के लिए सलमान ने एड़ी से लेकर चोटी तक का जोर लगा दिया है. चूंकि फ़िल्म सलमान की है तो राधे के पिटने से प्रोड्यूसर्स भी अंतिम के लिए हैं गंभीर हैं और प्रोमोशन का कोई मौका नहीं गंवा रहे हैं. फ़िल्म के मद्देनजर ऐसे ही एक इवेंट में सलमान खान से सवाल हुआ है कि क्या ये सुपरस्टार का लास्ट एरा है क्योंकि ओटीटी की तरफ दर्शक ज्यादा जा रहे हैं और एक्टर्स वहां से पॉपुलैरिटी हासिल कर रहे हैं?
यकीनन सवाल पेचीदा था लेकिन सलमान ने भी होशियारी का परिचय दिया है और जवाब देते हुए कहा है कि, हम जाएंगे तो कोई और ऊपर आएगा. मुझे नहीं लगता कि स्टार्स का एरा कभी जाएगा. ये कभी नहीं जाएगा. ये हमेशा रहेगा. ये अब बहुत चीजों पर निर्भर है जैसे फिल्मों का सेलेक्शन, आप रियल लाइफ में क्या हो और ऐसी कई चीजें. ये पूरा एक पैकेज है. ये जो यंग जनरेशन है इनका अपना स्टारडम होगा.
बातचीत के दौरान सलमान ये भी कहने से नहीं चूके कि, ‘मैं ये काफी समय से सुन रहा हीं कि स्टार्स का जमाना खत्म हो गया. ये मैं 4 जनरेशन से सुन रहा हूं कि ये लास्ट जनरेशन है. हम ये सब यंग जनरेशन के लिए नहीं छोड़ेंगे. हम ये उन्हें हैडओवर नहीं करेंगे ऐसे ही. मेहनत करो भाई, 50 प्लस में हम मेहनत कर रहे हैं तो आप भी मेहनत करो.’
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि स्टारडम के मसले पर सलमान की बातों को भले ही कुछ पलों के लिए नजरअंदाज कर लिया जाए लेकिन इसे पूर्णतः खारिज करना असंभव है. ये बात हम यूं ही नहीं कह रहे. चाहे वो सलमान, अक्षय हों या फिर शाहरुख, अजय और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन अगर आज भी ये एक्टर्स पूर्व की तरह हाथों हाथ लिए जाते हैं और इनकी जबरदस्त फैन फॉलोविंग है तो इसकी एक बड़ी वजह इनकी मेहनत है. हम बीतते दिन के साथ ये तमाम लोग अपनी एक्टिंग को इम्प्रोवाइज कर रहे हैं.
बात आगे बढ़ाने से पहले एक बात हमारे लिए बता देना बहुत जरूरी है कि एक्टर होने का मतलब सिर्फ अच्छी बॉडी होना और एक्शन कर लेना नहीं है. वो व्यक्ति जो अपने को एक्टर कह रहा है उसके लिए ये बहुत जरूरी है कि किसी और विधा में पारंगत होने से पहले उसे एक्टिंग आए. वो एक्टिंग पर मेहनत करे. ध्यान रहे अगर व्यक्ति अपने को एक्टर कह रहा है और उसे एक्टिंग नहीं आती तो वो कुछ भी हो सकता है लेकिन एक्टर नहीं
विषय चूंकि ओटीटी के दौर में स्टारडम का है तो ये कहना भी अतिश्योक्ति नहीं है कि अधिक कम्पटीशन होने के कारण अब एक्टर्स पर भी जिम्मेदारियां ज्यादा हैं. वक़्त अपने को साबित करने का है और इंसान खुदको साबित तभी कर पाएगा जब वो अपने पर काम करें.
आज हमारे बीच ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है जिनकी फितरत हर दूसरी चीज में नुख्स निकालने की है. ऐसे लोग सलमान को एक्टर नहीं एंटरटेटर कहते हैं और जमकर पूरी शिद्दत के साथ सलमान सरीखों की आलोचना करते हैं. भले ही सलमान एक्टर न हों और एंटरटेनर हों लेकिन जैसा ऑरा उनका है इसमें भी कोई शक नहीं है कि वो न केवल उन्होंने कमाया है बल्कि भरपूर मेहनत की है.
वो तमाम लोग जो आज इंडस्ट्री में हैं और जिन्होंने सलमान या किसी अन्य एक्टर से लोहा लेनी के लिए कमर कसी है. उन्हें सलमान की बातों पर गौर करना चाहिए. कहना गलत नहीं है कि जाने अनजाने सलमान ने ओटीटी की दुनिया में झंडे गाड़ रहे लोगों को सफलता का सूत्र दे दिया है और ये सूत्र उन्होंने क्यों दिया उसकी एक बड़ी वजह उनका अनुभव है जिसे आजकल के एक्टर्स को गांठ बांध लेना चाहिए.
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