300 करोड़ के बड़े बजट में बनी अक्षय कुमार की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर 10.70 करोड़ रुपए की कमाई की है. पिछले दिनों बॉक्स ऑफिस पर एक के बाद एक फ्लॉप हुई 'धाकड़', 'जर्सी', 'जयेशभाई जोरदार', 'रनवे-34' और 'हीरोपंती 2' जैसी फिल्मों का हाल देखा जाए, तो उस हिसाब से 'सम्राट पृथ्वीराज' का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोई बुरा नहीं है, लेकिन यदि हालिया रिलीज कार्तिक आर्यन की फिल्म 'भूल भुलैया 2' से इसकी तुलना करे तो इतने बड़े बजट में बनी इस फिल्म की कमाई को बहुत अच्छा भी नहीं कहा जा सकता. 'भूल भुलैया 2' ने ओपनिंग डे पर 14.11 करोड़ का कारोबार किया था, जबकि अभी तक वर्ल्डवाइड 210 करोड़ रुपए की कमाई कर चुकी है.
फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' के पहले दिन के कलेक्शन को कई नजरिए से देखा जा सकता है. फिल्म के बजट, स्टारकास्ट और प्रमोशन के लिए लिहाज से देखा जाए तो फिल्म की कमाई बहुत ज्यादा निराशाजनक है. लेकिन उम्मीद की एक किरण भी है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ये फिल्म विवेक अग्निहोत्री की 'द कश्मीर फाइल्स' की तरह धीरे-धीरे अपनी कमाई की गति को तेज करेगी. पहले वीकेंड के बाद रफ्तार पकड़ लेगी. जैसा कि 'द कश्मीर फाइल्स' ने ओपनिंग डे पर महज 3 करोड़ रुपए की कमाई की थी. लेकिन छठे दिन 19 करोड़ रुपए और 10वें दिन 26 करोड़ रुपए का कलेक्शन करके सबको हैरान कर दिया था. किसी ने सोचा भी नहीं था कि किसी फिल्म की कमाई इस रफ्तार से बढ़ेगी. 14 करोड़ रुपए में बनने वाली इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड 337 करोड़ रुपए का कारोबार कर लिया है.
वैसे देखा जाए तो सिनेमाघरों में फिल्म के अंदर जिस तरह से 'सम्राट पृथ्वीराज' देश के दुश्मन मोहम्मद गोरी से युद्ध कर रहे हैं, उसी तरह फिल्म से...
300 करोड़ के बड़े बजट में बनी अक्षय कुमार की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर 10.70 करोड़ रुपए की कमाई की है. पिछले दिनों बॉक्स ऑफिस पर एक के बाद एक फ्लॉप हुई 'धाकड़', 'जर्सी', 'जयेशभाई जोरदार', 'रनवे-34' और 'हीरोपंती 2' जैसी फिल्मों का हाल देखा जाए, तो उस हिसाब से 'सम्राट पृथ्वीराज' का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोई बुरा नहीं है, लेकिन यदि हालिया रिलीज कार्तिक आर्यन की फिल्म 'भूल भुलैया 2' से इसकी तुलना करे तो इतने बड़े बजट में बनी इस फिल्म की कमाई को बहुत अच्छा भी नहीं कहा जा सकता. 'भूल भुलैया 2' ने ओपनिंग डे पर 14.11 करोड़ का कारोबार किया था, जबकि अभी तक वर्ल्डवाइड 210 करोड़ रुपए की कमाई कर चुकी है.
फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' के पहले दिन के कलेक्शन को कई नजरिए से देखा जा सकता है. फिल्म के बजट, स्टारकास्ट और प्रमोशन के लिए लिहाज से देखा जाए तो फिल्म की कमाई बहुत ज्यादा निराशाजनक है. लेकिन उम्मीद की एक किरण भी है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ये फिल्म विवेक अग्निहोत्री की 'द कश्मीर फाइल्स' की तरह धीरे-धीरे अपनी कमाई की गति को तेज करेगी. पहले वीकेंड के बाद रफ्तार पकड़ लेगी. जैसा कि 'द कश्मीर फाइल्स' ने ओपनिंग डे पर महज 3 करोड़ रुपए की कमाई की थी. लेकिन छठे दिन 19 करोड़ रुपए और 10वें दिन 26 करोड़ रुपए का कलेक्शन करके सबको हैरान कर दिया था. किसी ने सोचा भी नहीं था कि किसी फिल्म की कमाई इस रफ्तार से बढ़ेगी. 14 करोड़ रुपए में बनने वाली इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड 337 करोड़ रुपए का कारोबार कर लिया है.
वैसे देखा जाए तो सिनेमाघरों में फिल्म के अंदर जिस तरह से 'सम्राट पृथ्वीराज' देश के दुश्मन मोहम्मद गोरी से युद्ध कर रहे हैं, उसी तरह फिल्म से बाहर भी उनका एक नहीं अनेकों 'मोहम्मद गोरी' से युद्ध हो रहा है. वे सभी से एक साथ लोहा ले रहे हैं. इस युद्ध में उनको विजय मिलेगी या नहीं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
- बॉलीवुड का बहिष्कार करने वालों से
दिवंगत फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत के बाद से जिस तरह से बॉलीवुड का बहिष्कार हो रहा है, उसका सीधा प्रभाव बॉलीवुड की फिल्मों के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर देखने को मिल रहा है. सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक लोग बॉलीवुड सितारों का विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं. उनके निशाने पर बॉलीवुड के मठाधीश और उनसे जुड़े कलाकार ज्यादा है. यही वजह है कि एक से बढ़कर एक सितारों की फिल्में पिछले कुछ महीनों में रिलीज हुई हैं, लेकिन सबने बॉक्स ऑफिस पर दम तोड़ दिया है. कंगना रनौत की 'धाकड़', शाहिद कपूर की 'जर्सी', रणवीर सिंह की 'जयेशभाई जोरदार', अजय देवगन की 'रनवे-34' और टाइगर श्रॉफ की 'हीरोपंती 2' का क्या हश्र हुआ है, ये किसी से छुपा नहीं है. इनमें कई फिल्में अच्छी होते हुए भी बॉलीवुड का बहिष्कार करने वालों का शिकार हुई है. इसका प्रभाव अक्षय कुमार की फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' पर भी पड़ना स्वाभाविक है. ये भी बॉलीवुड की पैन इंडिया फिल्म है.
- कथित वामपंथी बुद्धिजीवियों से
सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' के बारे में नकारात्मक पोस्ट देखने को मिल रही है. ऐसी पोस्ट लिखने वालों में कई बड़े विश्वविद्यालयों में पढ़ाने वाले प्रोफेसर, वरिष्ठ पत्रकार और बुद्धिजीवी शामिल हैं. जिस तरह से अभिनेता अक्षय कुमार हिंदुस्तान के अंतिम हिंदू सम्राट की वीरगाथा के नाम पर फिल्म को प्रमोट कर रहे हैं. इसे भगवाधारी नेताओं को दिखा रहे हैं. गृहमंत्री अमित शाह से लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को फिल्म दिखाकर हाइप क्रिएट कर रहे हैं. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को फिल्म दिखाकर उनके साथ फोटो खींचा रहे हैं. उसी तरह बड़ी संख्या में कथित वामपंथी बुद्धिजीवियों का एक समूह उनके खिलाफ प्रचार भी कर रहा है. यहां उनका मकसद किसी फिल्म के खिलाफ लिखने-बोलने से ज्यादा एक खास विचारधारा का विरोध करना है.
- दक्षिण में हिंदी भाषा के विरोधियों से
दक्षिण भारत के राज्यों में हिंदी भाषा का किस तरह से विरोध किया जाता है, इससे सभी लोग भलीभांति परिचित हैं. यह विरोध सामाजिक और राजनीतिक दोनों स्तर पर है. यही वजह है कि साउथ सिनेमा की फिल्मों की पैन इंडिया रिकॉर्डतोड़ सफलता मिलने के बाद वहां के कलाकारों ने भाषा को लेकर तीखे तेवर दिखाए थे. किच्चा सुदीप से लेकर चीरंजीवी तक साउथ सिनेमा के सितारों ने साफ कहा था कि हिंदी पूरे देश की भाषा नहीं है. जबकि उनकी फिल्में हिंदी में रिलीज करके हिंदी पट्टी से ही जबरदस्त कमाई कर रही है. यकीन न हो तो पुष्पा: द राइज, केजीएफ और आरआरआर जैसी फिल्मों की कमाई देख लीजिए.
इसके विपरीत साउथ सिनेमा के तमिल, तेलुगू और मलयालम बॉक्स ऑफिस पर बॉलीवुड की फिल्मों बिल्कुल भी नहीं चल रही हैं. वहां के लोग बॉलीवुड की फिल्मों को दोयम दर्जे का समझते हैं. वो अपने ही सुपरस्टार्स की फिल्में देखना पसंद करते हैं. इसका असर फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' की कमाई पर पड़ना स्वाभाविक है. पहले दिन की ही कमाई देख लीजिए फिल्म ने 10.70 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है, जिसमें तमिल और तेलुगू बॉक्स ऑफिस से महज 2-2 लाख रुपए हासिल हुए हैं. इसी से अंदाजा लगाइए कि बॉलीवुड फिल्मों का साउथ में क्या हाल होता है. जबकि वहां की केजीएफ जैसी फिल्म यहां 400 करोड़ तक कमा चुकी हैं.
- धर्म और जाति की राजनीति कर रहे लोगों से
देश में धर्म और जाति की राजनीति इस वक्त चरम पर है. हर कोई इसकी आड़ में अपना उल्लू सीधा करने में लगा हुआ है. देखा जाए तो खुद अक्षय कुमार भी धर्म के नाम पर ही अपनी फिल्म का हाइप क्रिएट कर रहे हैं. जैसे कि उनकी फिल्म को हिंदुस्तान के अंतिम हिंदू सम्राट की वीरगाथा के नाम पर प्रमोट किया जा रहा है. इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इतिहास की किताबों में मुस्लिम शासकों के बारे में जितना लिखा गया है, उसके 10 फीसदी भी हिंदू शासकों के बारे में जानकारी नहीं दी गई है. उनकी फिल्म में सम्राट पृथ्वीराज के जोश, जज्बे और अदम्य साहस की सच्ची कहानी दिखाई गई है. यही वजह है कि हिंदू धर्म को नहीं मानने पहले ही इससे अलग हो जा रहे हैं. जैसे कि मुस्लिम, उनके लिए किसी हिंदू राजा की वीरगाथा देखने में दिलचस्पी होने की कोई वजह नहीं दिखती. वहीं, खुद को लिबरल कहने वाले लोग फिल्म का विरोध कर रहे हैं. इसमें वो लोग भी शामिल हैं, जो कंगना की तरह अक्षय का राष्टवादी कलाकार मानते हैं. कुछ लोग जाति की भी राजनीति कर रहे हैं. जैसे कि गुर्जर समाज के लोगों का कहना है कि सम्राट पृथ्वीराज गुर्जर थे, जबकि फिल्म में उनको राजपूत राजा दिखाया गया है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.