डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी के निर्देशन में बनी पीरियड ड्रामा 'सम्राट पृथ्वीराज' को राजनीतिक एजेंडा पर बनी फिल्म करार कर दिया गया. हालांकि सोशल मीडिया पर देश के एक इतिहास की खूब खिल्ली उड़ाई गई, बावजूद उसका बहुत व्यापक असर सम्राट पृथ्वीराज के पहले दिन के कलेक्शन पर नजर नहीं आ रहा है. निगेटिव कैम्पेन के बावजूद फिल्म ने जिस तरह कलेक्शन निकाला है, वह निश्चित हिट होते दिख रही है. अनुमान है कि पहले दिन सम्राट पृथ्वीराज ने करीब 10 करोड़ का बिजनेस देसी बॉक्स ऑफिस पर किया है.
जबकि शुक्रवार यानी 3 जून को बॉक्स ऑफिस पर एक साथ तीन बड़ी फ़िल्में रिलीज हुई थीं. इसमें से एक मेजर और तमिल फिल्म विक्रम का हिंदी वर्जन भी शामिल है. सम्राट पृथ्वीराज को भी तमिल और तेलुगु में रिलीज किया गया है. हालांकि फिल्म को मात्र 200 स्क्रीन मिले हैं. फिल्म के 10 करोड़ कलेक्शन में ज्यादातर हिस्सा हिंदी क्षेत्रों का ही है. मेजर ने भी दो करोड़ का उल्लेखनीय कलेक्शन निकाला है. सम्राट पृथ्वीराज जहां पृथ्वीराज चौहान के जीवन पर आधारित है वहीं मेजर भी मुंबई पर आतंकी हमलों में शहीद हुए जवान संदीप उन्नीकृष्णन की सच्ची कहानी है. कलेक्शन से साफ समझा जा सकता है कि हिंदी दर्शकों ने दोनों फिल्मों को उनके स्केल के हिसाब देखने में दिलचस्पी दिखाई है.
विक्रम की तुलना पृथ्वीराज से करते हुए इस बात का ख्याल रखें
जहां तक बात विक्रम के कलेक्शन की है- तमिल या दक्षिण के भाषाओं में बनी फिल्मों के बॉक्स ऑफिस की प्रकृति हमेशा अलग रही है. वहां सिनेमाघरों में नई फिल्मों को देखने की संस्कृति ज्यादा बेहतर और मजबूत है इसलिए उनका कलेक्शन भी हमेशा हिंदी क्षेत्रों के मुकाबले बहुत बड़ा निकलकर आता है. कलेक्शन के मामले में सम्राट पृथ्वीराज की तुलना...
डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी के निर्देशन में बनी पीरियड ड्रामा 'सम्राट पृथ्वीराज' को राजनीतिक एजेंडा पर बनी फिल्म करार कर दिया गया. हालांकि सोशल मीडिया पर देश के एक इतिहास की खूब खिल्ली उड़ाई गई, बावजूद उसका बहुत व्यापक असर सम्राट पृथ्वीराज के पहले दिन के कलेक्शन पर नजर नहीं आ रहा है. निगेटिव कैम्पेन के बावजूद फिल्म ने जिस तरह कलेक्शन निकाला है, वह निश्चित हिट होते दिख रही है. अनुमान है कि पहले दिन सम्राट पृथ्वीराज ने करीब 10 करोड़ का बिजनेस देसी बॉक्स ऑफिस पर किया है.
जबकि शुक्रवार यानी 3 जून को बॉक्स ऑफिस पर एक साथ तीन बड़ी फ़िल्में रिलीज हुई थीं. इसमें से एक मेजर और तमिल फिल्म विक्रम का हिंदी वर्जन भी शामिल है. सम्राट पृथ्वीराज को भी तमिल और तेलुगु में रिलीज किया गया है. हालांकि फिल्म को मात्र 200 स्क्रीन मिले हैं. फिल्म के 10 करोड़ कलेक्शन में ज्यादातर हिस्सा हिंदी क्षेत्रों का ही है. मेजर ने भी दो करोड़ का उल्लेखनीय कलेक्शन निकाला है. सम्राट पृथ्वीराज जहां पृथ्वीराज चौहान के जीवन पर आधारित है वहीं मेजर भी मुंबई पर आतंकी हमलों में शहीद हुए जवान संदीप उन्नीकृष्णन की सच्ची कहानी है. कलेक्शन से साफ समझा जा सकता है कि हिंदी दर्शकों ने दोनों फिल्मों को उनके स्केल के हिसाब देखने में दिलचस्पी दिखाई है.
विक्रम की तुलना पृथ्वीराज से करते हुए इस बात का ख्याल रखें
जहां तक बात विक्रम के कलेक्शन की है- तमिल या दक्षिण के भाषाओं में बनी फिल्मों के बॉक्स ऑफिस की प्रकृति हमेशा अलग रही है. वहां सिनेमाघरों में नई फिल्मों को देखने की संस्कृति ज्यादा बेहतर और मजबूत है इसलिए उनका कलेक्शन भी हमेशा हिंदी क्षेत्रों के मुकाबले बहुत बड़ा निकलकर आता है. कलेक्शन के मामले में सम्राट पृथ्वीराज की तुलना विक्रम के तमिल वर्जन की बजाय हिंदी वर्जन से ही किया जाना चाहिए. विक्रम के तमिल वर्जन ने 25 करोड़ कमाए हैं. यह कलेक्शन भी तमिल की ब्लॉक बस्टर देखें तो बहुत बड़ा नहीं है. जबकि पुष्पा: द राइज, आरआर आर और केजीएफ 2 ने अपनी मूल भाषाओं में जबरदस्त कमाई तो की ही थी हिंदी में भी बॉलीवुड के तमाम बड़े सितारों की फिल्मों को एक-एक कर धूल चटा दिया था. अकेले पुष्पा के सामने 83 जैसी डिजास्टर फिल्म का उदाहरण सामने है.
सम्राट पृथ्वीराज में अक्षय कुमार ने मुख्य भूमिका निभाई है. उनके अपोजिट मानुषी छिल्लर हैं. जबकि संजय दत्त, सोनू सूद, आशुतोष राणा, साक्षी तंवर और मानव विज अन्य भूमिकाओं में हैं. नॉन होलिडे रिलीज सम्राट पृथ्वीराज के लिए एक और सबसे अच्छी बात है कि इसे कई राज्यों में टैक्स फ्री किया गया है. शनिवार की एडवांस बुकिंग रिपोर्ट पहले दिन के मुकाबले बेहतर है. ट्रेड सर्किल में माना जा रहा है कि शनिवार और रविवार को फिल्म का कलेक्शन जबरदस्त हो सकता है.
निगेटिव कैम्पेन से पृथ्वीराज को नुकसान नहीं फायदा
यह भी नहीं भूलना चाहिए कि द कश्मीर फाइल्स ने भी पहले दो दिन मामूली बिजनेस किया था लेकिन इसके बाद फिल्म का कलेक्शन अपने आप में इतिहास है. यह देश की सर्वाधिक मुनाफा कमाने वाली फिल्म साबित हुई. द कश्मीर फाइल्स और सम्राट पृथ्वीराज में एक चीज बहुत कॉमन है. दोनों फिल्मों के खिलाफ जो कैम्पेन दिखा, वह लगभग एक जैसा है. हेट कैम्पेन कह सकते हैं. और पीआर में हेट कैम्पेन का भी अपना एक असर होता है. फिल्म पर जितनी भी ज्यादा निगेटिव या पॉजीटीव चर्चा होती है- संबंधित फिल्म को लेकर दर्शकों में रुचि उतनी ही बढ़ती है. संजय लीला भंसाली की पद्मावत के खिलाफ करनी सेना ने कुछ ऐसा ही विरोध जताया था बावजूद फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई और हिंदी बॉक्स ऑफिस पर कीर्तिमान बनाने में कामयाब हुई. जबकि उसका विरोध तो एक मामूली धड़ ही कर रहा था.
पहले दिन का कलेक्शन, पहले दिन के मुकाबले में एडवांस बुकिंग में सुधार होना साफ़ संकेत है कि पृथ्वीराज को हेट कैम्पेन से कारोबारी फायदा होता दिख रहा है. महानगरों में दूसरे दिन फिल्म की एडवांस बुकिंग में 15 से 25 प्रतिशत तक वृद्धि है. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक़ अकेले चेन्नई में पृथ्वीराज के हिंदी वर्जन के 70 प्रतिशत टिकट दूसरे दिन के लिए बुक हैं. जबकि तमिलनाडु में फिल्म महज कुछ स्क्रीन्स पर ही है. कानपुर में खामखा हुए दंगों के बाद भी फिल्म को जिस तरह से एक वैचारिक लॉबी संदर्भ के रूप में पेश कर रही है- कारोबारी रूप से फायदेमंद नजर आ रही है.
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