हाल ही में वो बायोपिक फिल्म जो सबसे ज्यादा चर्चित हो रही है, वो बॉलीवुड स्टार संजय दत्त पर बन रही है. इस फिल्म में रणबीर कपूर संजय दत्त की भूमिका में नजर आएंगे. रणबीर संजय दत्त के गेटअप में कैसे नजर आने वाले हैं, वो उनकी कुछ लीक हुई तस्वीरें ही बयां कर रही हैं. जिन्हें देखकर हर कोई हैरान है.
कहते हैं बायोपिक बनाना बहुत आसान नहीं होता. बॉलीवुड में पहले बायोपिक फिल्में बहुत कम या न के बराबर ही दिखाई देती थीं, लेकिन अब ये चलन चल निकला है. हर डायरेक्टर खुद को साबित करने में लगा है. किसी व्यक्ति विशेष के जीवन पर आधारित फिल्मों को बायोपिक फिल्में कहा जाता है. और चूंकी ये फिल्में किसी खास इंसान पर ही फोकस्ड होती हैं इसलिए बहुत से फैक्टर्स होते हैं जो इन फिल्मों को सफल या असफल बनाते हैं.
इस फिल्म के टाइटल पर अभी संशय की स्थिति है लेकिन कहा जा रहा है इसका नाम 'दत्त' है. इसे राजकुमार हीरानी डायरेक्ट कर रहे हैं. फिल्म में संजय दत्त के स्टार बनने से लेकर उनसे जुड़ी सारी कंट्रोवर्सी को इस फिल्म में दिखाने की कोशिश की जा रही है.
संजय के करियर का हर लुक अलग था. शुरुआत से लेकर अभी तक संजय के लुक में काफी बदलाव आए, और तारीफ करनी होगी रणबीर कपूर के मेकअप आर्टिस्ट की, कि उन्होंने संजय दत्त की उम्र के हर बदलाव को बारीकी से देखा और रणबीर कपूर में उसे दिखाने की एक सफल कोशिश की.
रणबीर के लिए बेहद चैलेंजिंग होगी ये फिल्म-
बायोपिक फिल्मों में सिर्फ चेहरा एक सा दिखाई देना ही फिल्म के सफल होने की गारंटी नहीं होती. हां, वो एक फैक्टर जरूर होता है. लेकिन महत्वपूर्ण बात ये भी है कि कलाकार ने कितनी गहराई और बारीकी से व्यक्ति के हाव-भाव और बोलचाल के लहजे की नकल की है. ये फिल्म बहुत आसान हो जाती अगर ये किसी ऐसे शख्स के बारे में होती जिसकी निजी जिंदगी को दर्शक करीब से नहीं जानते होते. जैसे उदाहरण के तौर पर 'भाग मिलखा भाग' (2013), 'पान सिंह तोमर' (2013), 'एम एस धोनी-द अनटोल्ड स्टोरी' (2016) के ले लें तो दर्शक मिलखा सिंह, पान सिंह तोमर और क्रिकेट स्टार धोनी को उतना करीब से नहीं जानते थे. ये लेजेंड्स अपनी निजी जिंदगी में कैसे थे दर्शकों को नहीं पता, तो इनका अभिनय करने वाले कलाकार के लिए ये रोल चैलेंजिंग तो है लेकिन उतना कठिन नहीं रह जाता, क्योंकि लोग उनकी तुलना असली शख्स से नहीं कर पाते.
लेकिन जब बात संजय दत्त की हो तो उन्हें हम 'रॉकी' यानी 1981 से लगातार देखते आ रहे हैं. 22 साल के संजय आज 57 साल के हैं. तब से लेकर अब तक संजय की उम्र, उनकी स्टाइल, उनकी एक्टिंग, बात-चीत का लहज़ा, युवा से परिपक्वता की ओर आए सारे बदलावों के हम साक्षी रहे हैं, क्योंकि सब कुछ हम उनकी फिल्मों के जरिए देखते आए हैं. दर्शकों का संजय दत्त को बहुत अच्छे से जानना ही रणबीर कपूर का सबसे बड़ा चैलेंज है. और इसीलिए ये फिल्म अपने आप ही चैलेंजिंग हो जाती है, क्योंकि अब उन्हें न सिर्फ संजय की तरह दिखना होगा बल्कि उनकी हर बारीकी को अपने अभिनय के जरिए दिखाना होगा.
जरा याद कीजिए 1982 में बनी फिल्म 'गांधी' को. इस फिल्म में महात्मा गांधी का किरदार निभाने वाले बिन किंग्सले न सिर्फ गांधी जैसे दिख रहे थे बल्कि गांधी जी के जीवन से जुड़ी हर छोटी से छोटी बात को उन्होंने अपने अभिनय में जिया था. और नतीजा, ये फिल्म सुपरहिट साबित हुई और आज तक गांधी जी का किरदार निभाने वालों में सबसे पहला नाम बिन किंग्सले का ही लिया जाता है.
ठीक उसी तरह शेखर कपूर ने जब बेंडिट क्वीन (1994) बनाई तो फूलन देवी की शक्ल से मेल खाती एक्ट्रेस सीमा विश्वास को चुना. ये फिल्म भी जबरदस्त हिट साबित हुई थी. यहां मैरी कॉम (2014) में डायरेक्टर ओमंग कुमार इसी बात से चूक गए थे, प्रियंका चोपड़ा की जगह अगर वो किसी भी नॉर्थईस्टर्न लड़की को मैरी कॉम का किरदार निभाने देते तो शायद दर्शक उनसे ज्यादा रिलेट कर पाते.
बहरहाल 'दत्त' के निर्देशक राजू हीरानी हैं, जो 'मुन्ना भाई एमबीबीएस', 'लगे रहे मुन्ना भाई', '3 इडियट्स' और 'पीके' जैसी बेहतरीन फिल्में दे चुके हैं. वो इस फिल्म के साथ कोई रिस्क नहीं लेंगे इसलिए उन्होंने रणबीर कपूर जैसे टेलेंडेड एक्टर को चुना है. देखने में तो ये संजू बाबा जैसे लग ही रहे हैं और एक्टिंग में क्या कमाल दिखाएंगे समय आने पर पता चल ही जाएगा. फिरभी अभी से कहा जा सकता है कि इस फिल्म को सुपरहिट होने से कोई रोक नहीं सकता.
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