इसमें कोई दो राय नहीं कि भव्य फिल्में बनाने का फॉर्मूला सिर्फ साउथ सिनेमा के पास ही है. बॉलीवुड तो आज भी घिसी पिटी रीमेक और बायोपिक फिल्में बनाने में ही लगा हुआ है. सही मायने में सिनेमा में प्रयोग करने का काम साउथ की तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम फिल्म इंडस्ट्री ही कर रही है. उन्होंने सबसे पहले पौराणिक फिल्मों के जरिए बताया कि हमारे सुनहरे अतीत को रूपहले पर्दे पर दिखाकर न केवल लोगों का मनोरंजन किया जा सकता है, बल्कि कमाई भी की जा सकती है. एसएस राजामौली की फिल्म 'बाहुबली' इसका सटीक उदाहरण है. इसके बाद के वर्षों में रिलीज हुई कई फिल्मों ने 'बाहुबली' की परंपरा को कायम रखते हुए उसके द्वारा बनाए गए स्तर को आगे बढ़ाने का काम किया है. इस फेहरिस्त में पिछले साल रिलीज हुई मणिरत्नम की फिल्म 'पोन्नियिन सेल्वन' और चंदू मोंडेती की फिल्म 'कार्तिकेय 2' का नाम शामिल किया जा सकता है.
इस कड़ी में एक बेहतरीन पौराणिक फिल्म 'शाकुंतलम' 17 फरवरी को पैन इंडिया रिलीज होने जा रही है. साउथ के मशहूर फिल्म मेकर गुनाशेखर के निर्देशन में बन रही ये फिल्म महाकवि कालिदास के मशहूर संस्कृत नाटक 'अभिज्ञान शाकुंतलम' पर आधारित है. इसका शानदार और भव्य ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है, जिसमें साउथ सिनेमा की सुपर एक्ट्रेस सामंथा रुथ प्रभु और मलयाली एक्टर देव मोहन ने अपनी अद्भुत अदाकारी से समां बांध दिया है. इस फिल्म की कहानी तो दिलचस्प है ही, इसमें जिस तरह के वर्ल्ड क्लास स्पेशल विजुअल इफेक्ट्स और वीएफएक्स का इस्तेमाल किया गया है, वो इसे आकर्षक बना रहा है. इसके साथ ही असाधारण रूप से सिनेमैटोग्राफ किए गए दृश्य मन मोह लेने वाले हैं. इसे उसी मनयोग से फिल्माया गया है, जिस तरह से कालीदास ने लिखा है. दुष्यंत के पुरुवंश के वैभव को रुपहले पर्दे पर देखना बहुत अच्छा लग रहा है.
इसमें कोई दो राय नहीं कि भव्य फिल्में बनाने का फॉर्मूला सिर्फ साउथ सिनेमा के पास ही है. बॉलीवुड तो आज भी घिसी पिटी रीमेक और बायोपिक फिल्में बनाने में ही लगा हुआ है. सही मायने में सिनेमा में प्रयोग करने का काम साउथ की तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम फिल्म इंडस्ट्री ही कर रही है. उन्होंने सबसे पहले पौराणिक फिल्मों के जरिए बताया कि हमारे सुनहरे अतीत को रूपहले पर्दे पर दिखाकर न केवल लोगों का मनोरंजन किया जा सकता है, बल्कि कमाई भी की जा सकती है. एसएस राजामौली की फिल्म 'बाहुबली' इसका सटीक उदाहरण है. इसके बाद के वर्षों में रिलीज हुई कई फिल्मों ने 'बाहुबली' की परंपरा को कायम रखते हुए उसके द्वारा बनाए गए स्तर को आगे बढ़ाने का काम किया है. इस फेहरिस्त में पिछले साल रिलीज हुई मणिरत्नम की फिल्म 'पोन्नियिन सेल्वन' और चंदू मोंडेती की फिल्म 'कार्तिकेय 2' का नाम शामिल किया जा सकता है.
इस कड़ी में एक बेहतरीन पौराणिक फिल्म 'शाकुंतलम' 17 फरवरी को पैन इंडिया रिलीज होने जा रही है. साउथ के मशहूर फिल्म मेकर गुनाशेखर के निर्देशन में बन रही ये फिल्म महाकवि कालिदास के मशहूर संस्कृत नाटक 'अभिज्ञान शाकुंतलम' पर आधारित है. इसका शानदार और भव्य ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है, जिसमें साउथ सिनेमा की सुपर एक्ट्रेस सामंथा रुथ प्रभु और मलयाली एक्टर देव मोहन ने अपनी अद्भुत अदाकारी से समां बांध दिया है. इस फिल्म की कहानी तो दिलचस्प है ही, इसमें जिस तरह के वर्ल्ड क्लास स्पेशल विजुअल इफेक्ट्स और वीएफएक्स का इस्तेमाल किया गया है, वो इसे आकर्षक बना रहा है. इसके साथ ही असाधारण रूप से सिनेमैटोग्राफ किए गए दृश्य मन मोह लेने वाले हैं. इसे उसी मनयोग से फिल्माया गया है, जिस तरह से कालीदास ने लिखा है. दुष्यंत के पुरुवंश के वैभव को रुपहले पर्दे पर देखना बहुत अच्छा लग रहा है.
इस पौराणिक प्रेम कहानी में सामंथा जैसी एक्ट्रेस का होना, इसका सबसे मजबूत पहलू है. अल्लू अर्जुन की फिल्म 'पुष्पा: द राइज' के आइटम सॉन्ग 'ऊ अंतवा मावा ऊ ऊ अंतवा' में अपनी अदाओं से आग लगा देने वाली सामंथा रातों रात हिंदी पट्टी में सुपर स्टार बन गई हैं. इससे पहले उन्होंने मनोज बाजपेयी की मशहूर वेब सीरीज 'द फैमिली मैन 2' के जरिए अपनी अलहदा अदाकारी का परिचय दे दिया था. फिल्म 'शाकुंतलम' में एक नए अवतार में देखने के बाद दर्शक एक बार फिर हैरान होने वाले हैं. इसमें एक ऋषि राजकुमारी के मनमोहक अवतार में वो हर किसी को अपना दीवाना बनाने वाली हैं. उनके अपोजिट मलयालम सिनेमा के नवोदित स्टार देव मोहन नजर आने वाले हैं. इन दोनों के अलावा मोहन बाबू, अदिति बालन, अनन्या नागल्ला, प्रकाश राज, गौतमी तडीमल्ला, मधु, जिशु सेनगुप्ता, सचिन खेडेकर, कबीर बेदी, कबीर दूहन सिंह भी अहम रोल में हैं.
Shaakuntalam Movie का ट्रेलर देखिए...
फिल्म 'शाकुंतलम' के 2 मिनट 52 सेकेंड के ट्रेलर के शुरूआत भव्य अंदाज में होती है. एक विशाल साम्राज्य के बड़े किले को दिखाया जाता है. ये पुरुवंश के वैभव का प्रतीक है. इसके बाद प्राकृतिक नजारे दिखाए जाते हैं, जो कि स्पेशल विजुअल इफेक्ट्स और वीएफएक्स के बेहतरीन इस्तेमाल से सजीव लगते हैं. एक वॉयस ओवर में बताया जाता है, ''इस धरती पर माता-पिता की ठुकराई हुई ये पहली संतान है. मेनका-विश्वामित्र के प्रेम फलस्वरूप इस बच्ची का जन्म हुआ है.'' आगे कहा जाता है, ''शकुंतला किसी कारणवश जन्मी है. एक नए इतिहास का बहुत शिघ्र आरंभ होने वाला है.'' इसके साथ ही पुरुवंश के सम्राट दुष्यंत का परिचय कराया जाता है. दुष्यंत शिकार के लिए जंगल में जाते हैं. वहां उनकी मुलाकात शकुंतला से होती है, जिसे देखते ही वो उसे अपना दिल दे बैठते हैं. दोनों के बीच प्रेम हो जाता है. दोनों गंधर्व विवाह करके जंगल के एक आश्रम में रहने लगते हैं.
इसी बीच दुष्यंत को अपने राज्य की याद आती है. वो शकुंतला को वापस ले जाने का वादा करके वहां से ले जाते हैं. वापस जाने के बाद अपने राजपाट के काम की वजह से शकुंतला को भूल जाते हैं. इधर उनकी याद में खोई शकुंतला के आश्रम में एक दिन दुर्वासा ऋषि आ जाते हैं. शकुंतला उन पर ध्यान नहीं दे पाती, जिसकी वजह से ऋषि नाराज होकर उसे श्रॉप दे देते हैं. शकुंतला को अपनी गलती का एहसास होता है, वो कश्यप ऋषि के पास जाती है. वो उसे आशिर्वाद देते हैं. इसी श्रॉप और आशिर्वाद के बीच कालिदास ने पूरा महाकाव्य रचा है, जिसकी कहानी फिल्म में दिखाई जानी है. पूरी घटना द्वापरयुग में महाभारत के समय की है. इसलिए फिल्म में महाभारत के युद्ध की झलक भी दिखाई जाती है. ट्रेलर के आखिरी में दुष्यंत और शकुंतला के बेटे भरत की झलक भी दिखाई जाती है, जो शेर पर सवार होकर आते दिखते हैं. उन्हीं के नाम पर भरत महाद्वीप का नाम पड़ा है.
इस फिल्म में शकुंतला के किरदार में सामंथा रुथ प्रभु और दुष्यंत के किरदार में देव मोहन को देखा जा सकता है. सामंथा तो अपने किरदार में बेहतरीन लगी हैं, लेकिन देव मोहन की जगह किसी दूसरे कलाकार का चयन किया जा सकता था. एक सम्राट के किरदार में वो कमजोर नजर आ रहे हैं. हालांकि, सामंथा के साथ उनकी केमिस्ट्री ठीक लग रही है. रोमांटिक सीन आकर्षक हैं. इसके अलावा अन्य किरादरों का चयन भी अच्छा है. ट्रेलर के आखिर में भरत के किरदार में अल्लू अर्जुन की बेटी अल्लू अरहा को देखना सुखद लगता है. पहली बार वो रुपहले पर्दे पर नजर आने वाली हैं. फिल्म के निर्देशक गुनाशेखर इस तरह की फिल्मों के मास्टर माने जाते हैं. वैसे भी भारी भरकम बजट में बनने वाली किसी पौराणिक फिल्म में महिला अभिनेत्री को बतौर लीड कास्ट करना हिम्मत का काम है, जो गुनाशेखर ने सामंथा पर विश्वास करके किया है. इससे पहले उन्होंने अनुष्का शेट्टी के साथ फिल्म 'रुद्रमादेवी' बनाई थी, जो कि साल 2015 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म ने 'बाहुबली' की आंधी के बीच भी बॉक्स ऑफिस पर 90 करोड़ रुपए का कारोबार किया था.
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