करण मल्होत्रा के निर्देशन में बनी रणबीर कपूर और संजय दत्त स्टारर शमशेरा से यह बात साबित होती दिख रही है कि 'यशराज फिल्म्स' को पीरियड ड्रामा बनाने का बिल्कुल भी अनुभव नहीं है. फिल्म की समीक्षाएं बहुत खराब आ रही है. कई बड़े समीक्षकों ने शमशेरा को एक औसत फिल्म पाया है. समीक्षक शमशेरा के कंटेंट से खासे निराश हैं. पॉपुलर फिल्म समीक्षक तरण आदर्श को तो भरोसा ही नहीं हो पा रहा कि यशराज का बड़ा बैनर इतनी घटिया फिल्म भी बना सकता है. तरण ने फिल्म को 5 में से सिर्फ और सिर्फ 1.5 रेट दिया है. सोशल मीडिया पर भी एक्टर्स के परफॉर्मेंस को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर लोग कंटेंट से बहुत निराश नजर आ रहे हैं.
कई यूजर लिख रहे हैं कि दक्षिण के सिनेमा की अंधी नक़ल में यशराज फिल्म्स बाहुबली, आरआरआर या केजीएफ़ 2 तो नहीं बना पाया मगर ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान की तरह एक और हादसा जरूर रचने में कामयाब रहा. अमिताभ बच्चन, आमिर खान, कटरीना कैफ और फातिमा सना शेस्ख स्टारर 'ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान' साल 2018 में आई थी. यह पीरियड ड्रामा थी और इसका निर्माण भी यशराज फिल्म्स ने ही किया था. शमशेरा से पहले तक यशराज की चार फ़िल्में टिकट खिड़की पर लाइन लागाकर फ्लॉप हुई हैं. कोरोना महामारी के बाद फ्लॉप का यह सिलसिला पिछले साल यशराज के कर्ताधर्ता आदित्य चोपड़ा की पत्नी रानी मुखर्जी और सैफ अली खान स्टारर बंटी और बबली 2 से शुरू हुई थी.
शमशेरा से पहले लगातार फ्लॉप हुई हैं YRF की ये तीन बड़ी फ़िल्में
बंटी और बबली 2 के बाद इसी साल रणवीर सिंह की सोशल कॉमेडी ड्रामा जयेशभाई जोरदार और फिर अक्षय कुमार, संजय दत्त, सोनू सूद और मानुषी छिल्लर स्टारर पीरियड ड्रामा सम्राट पृथ्वीराज बहुत बुरी तरह फ्लॉप हुई...
करण मल्होत्रा के निर्देशन में बनी रणबीर कपूर और संजय दत्त स्टारर शमशेरा से यह बात साबित होती दिख रही है कि 'यशराज फिल्म्स' को पीरियड ड्रामा बनाने का बिल्कुल भी अनुभव नहीं है. फिल्म की समीक्षाएं बहुत खराब आ रही है. कई बड़े समीक्षकों ने शमशेरा को एक औसत फिल्म पाया है. समीक्षक शमशेरा के कंटेंट से खासे निराश हैं. पॉपुलर फिल्म समीक्षक तरण आदर्श को तो भरोसा ही नहीं हो पा रहा कि यशराज का बड़ा बैनर इतनी घटिया फिल्म भी बना सकता है. तरण ने फिल्म को 5 में से सिर्फ और सिर्फ 1.5 रेट दिया है. सोशल मीडिया पर भी एक्टर्स के परफॉर्मेंस को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर लोग कंटेंट से बहुत निराश नजर आ रहे हैं.
कई यूजर लिख रहे हैं कि दक्षिण के सिनेमा की अंधी नक़ल में यशराज फिल्म्स बाहुबली, आरआरआर या केजीएफ़ 2 तो नहीं बना पाया मगर ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान की तरह एक और हादसा जरूर रचने में कामयाब रहा. अमिताभ बच्चन, आमिर खान, कटरीना कैफ और फातिमा सना शेस्ख स्टारर 'ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान' साल 2018 में आई थी. यह पीरियड ड्रामा थी और इसका निर्माण भी यशराज फिल्म्स ने ही किया था. शमशेरा से पहले तक यशराज की चार फ़िल्में टिकट खिड़की पर लाइन लागाकर फ्लॉप हुई हैं. कोरोना महामारी के बाद फ्लॉप का यह सिलसिला पिछले साल यशराज के कर्ताधर्ता आदित्य चोपड़ा की पत्नी रानी मुखर्जी और सैफ अली खान स्टारर बंटी और बबली 2 से शुरू हुई थी.
शमशेरा से पहले लगातार फ्लॉप हुई हैं YRF की ये तीन बड़ी फ़िल्में
बंटी और बबली 2 के बाद इसी साल रणवीर सिंह की सोशल कॉमेडी ड्रामा जयेशभाई जोरदार और फिर अक्षय कुमार, संजय दत्त, सोनू सूद और मानुषी छिल्लर स्टारर पीरियड ड्रामा सम्राट पृथ्वीराज बहुत बुरी तरह फ्लॉप हुई थी. सम्राट पृथ्वीराज की असफलता हैरान करने वाली थी. सम्राट पृथ्वीराज की कहानी और अक्षय कुमार के होने की वजह से फिल्म को लगभग सफल माना जा रहा था. भाजपा सरकारों ने अपने राज्यों में फिल्म को टैक्स फ्री भी कर दिया था. बावजूद फिल्म दर्शकों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई और दर्शक देखने सिनेमाघर तक पहुंचे ही नहीं. यशराज पांच दशक से ज्यादा वक्त से फिल्मों के निर्माण और वितरण के व्यवसाय में है.
बैनर ने अब तक करीब 80 से ज्यादा फ़िल्में बनाई हैं. बैनर की पहचान पॉपुलरधारा में सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को बनाने की रही है. अब तक बॉलीवुड की तमाम बड़ी रोमांटिक और एक्शन थ्रिलर फ़िल्में यशराज ने ही बनाई है. कुछ फ़िल्में तो बॉलीवुड की टॉप 10 हाइएस्ट ग्रॉसर में भी शुमार हैं. मगर शमशेरा को लेकर बन रहे वर्ड ऑफ़ माउथ को देखें तो ऐसा साफ़ दिख रहा कि यशराज के बैनर ने जब भी पीरियड ड्रामा में हाथ डाला उसे नाकामियों का ही सामना करना पड़ रहा है. डिटेक्टिव ब्योमकेश, ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान, सम्राट पृथ्वीराज के बाद शमशेरा का हाल भी बहुत बेहतर नहीं कहा जा सकता. एक तो फिल्म का वर्ड ऑफ़ माउथ बेहतर नहीं बन रहा, दूसरा फिल्म को सिनेमाघरों में सर्वाधिक चार हजार से ज्यादा स्क्रीन मिले हैं. फिर भी पहले दिन का कलेक्शन 10-12 करोड़ के बीच ही निकालने की उम्मीद जताई जा रही है.
करीब 150 करोड़ के बजट में बनी फिल्म का ओपनिंग कलेक्शन अच्छा तो नहीं कहा जा सकता. यह यशराज को एक और कारोबारी झटके के रूप में ही माना जा सकता है. इंटरनेट पर बैनर के डूबते सितारे की चर्चा जोर पकड़ रही है. अब इस साल यशराज की सिर्फ एक फिल्म रिलीज होना बाकी है. फिल्म है अमीर खान के बेटे- जुनैद खान की पीरियड ड्रामा- 'महाराजा.' चर्चा है कि मौजूदा खराब हालात में बैनर जुनैद की फिल्म तैयार हो जाने के बावजूद रिलीज करने से बच रहा है. आईचौक ने इस बारे में पहले ही एक विश्लेषण किया था. असल में महाराजा की कहानी एक पत्रकार की तरफ से एक हिंदू संत पर यौन शोषण को लेकर की गई रिपोर्टिंग और फिर मानहानि के कोर्ट ट्रायल पर केंद्रित है. मौजूदा इकोसिस्टम में फिल्म का विषय और आमिर खान के बेटे का फिल्म में होना- दोनों वजहों से शायद बैनर संभावित विरोध के कमजोर होने का इंतज़ार कर रहा है.
क्या अब सलमान-शाहरुख की फ़िल्में ही यशराज का डूबता जहाज बचा पाएंगी?
शमशेरा के फ्लॉप होने का मतलब है कि यशराज को टिकट खिड़की पर लगातार चार बड़े झटके मिलना. महाराजा के बाद यशराज की जो बड़ी फ़िल्में रिलीज के लिए बचती हैं उनमें अब सलमान खान स्टारर स्पाई थ्रिलर 'टाइगर 3' और शाहरुख-जॉन अब्राहम-दीपिका पादुकोण की 'पठान' शामिल है. टाइगर 3 और पठान को अगले साल रिलीज किया जाना है. इस बीच चर्चा थी कि बैनर शाहरुख को लेकर एक और मसालेदार कहानी पर काम कर रहा है. इधर, शमशेरा की रिलीज के बाद दावे से कहा जाने लगा है कि अब यशराज के बैनर को शाहरुख और सलमान की फ़िल्में ही बचा सकती हैं.
एक यूजर ने लिखा- YRF को लेकर कोई हैरानी नहीं हो रही है. पिछले एक दशक में वे कई फ्लॉप दे चुके हैं. इस दौरान सिर्फ सलमान खान की बड़ी ब्लॉक बस्टर्स ने उन्हें (बैनर को) बचाया. YRF को अगले साल टाइगर (सलमान) और पठान ही बचा सकते हैं. पिछले एक दशक में यशराज की जो बड़ी ब्लॉकबस्टर्स थीं उनमें सलमान की टाइगर जिंदा है, एक था टाइगर, सुल्तान, धूम, जब तक है जान, वॉर जैसी फ़िल्में शामिल हैं. वॉर को छोड़ दिया जाए तो फ़िल्में खान सितारों की ही रही हैं. शायद इन्हीं चीजों को लेकर खान सितारों के प्रशंसकों ने आज लिखा हो- "शमशेरा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि हम लोग खान सितारों को कितना बुरी तरह से मिस कर रहे हैं. अब केवल खान सितारे ही बॉलीवुड को बचा सकते हैं. अगले साल बॉक्स ऑफिस पर टाइगर 3 और पठान आग लगाते दिखेंगी."
सलमान-शाहरुख की हालत भी तो YRF जैसी, फिर कौन किसको बचाएगा?
अब भले ही यह कहा जा रहा कि यशराज के बैनर को सलमान-शाहरुख-आमिर की ही फ़िल्में बचा सकती हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों में जो हालत यशराज की दिखती है लगभग उसी तरह खराब हालत में सलमान-शाहरुख और आमिर का करियर ग्राफ भी नजर आता है. आमिर की लाल सिंह चड्ढा अगले महीने रिलीज होने वाली है. मगर उनकी आख़िरी फिल्म ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान यशराज ने ही बनाई थी और टिकट खिड़की पर डिजास्टर साबित हुई थी. साल 2016 में बैनर ने शाहरुख की दोहरी भूमिका में 'फैन' बनाई थी, प्रायोगिक और फ्रेश कहानी होने के बावजूद यह भी हादसा ही साबित हुई थी. दूसरे बैनर से शाहरुख की जीरो (2018) भी आई मगर वह भी अच्छी कहानी होने के बावजूद दर्शकों पर कोई असर डालने में नाकाम रही.
सलमान की पिछली फिल्मों को देखें तो उन्होंने भी साल 2017 में यशराज के साथ अपनी आख़िरी ब्लॉकबस्टर के रूप में 'टाइगर जिंदा है' दी थी. टाइगर जिंदा है के बाद सलमान की एक भी फिल्म दर्शकों को याद नहीं होगी. जबकि इस दौरान उन्होंने रेस 3, दबंग 3, भारत, राधे: योर मोस्ट वॉन्टेड भाई और अंतिम: द फाइनल ट्रुथ दी है. इनमें सिर्फ भारत का बॉक्स ऑफिस स्केल के लिहाज से बहुत बेहतर तो नहीं मगर संतोषजनक कहा जा सकता है. जबकि राधे ओटीटी रिलीज थी. बावजूद फिल्म को लेकर सलमान को जितना कोसा जा सकता था, कोसा गया. बाकी की फ़िल्में हादसा ही कही जाएंगी. अब सवाल है कि जब शाहरुख, सलमान और आमिर खुद एक्टिंग फ्रंट पर संघर्ष कर रहे हैं- भला यशराज फिल्म्स या किसी और बैनर को क्या सहारा दे पाएंगे?
टाइगर 3 और पठान के हिट होने की जरूरत YRF से कहीं ज्यादा सलमान-शाहरुख को है. फ़िल्में ब्लॉकबस्टर हो गईं तो यशराज फिल्मों से हुए नुकसान की भरपाई कर ही लेगा. लेकिन फ्लॉप हुई तो यशराज का डूबना लगभग तय ही समझिए. दोनों फिल्मों का बजट बहुत ज्यादा है. लगातार छह बड़ी फिल्मों का घाटा यशराज का बैनर शायद ही बर्दाश्त कर पाए. यह भी तय है कि दोनों फिल्मों के फ्लॉप होने के बाद बतौर एक्टर सलमान-शाहरुख के रास्ते भले ना बंद हो मगर तंग तो हो ही जाएंगे. तलवार सिर्फ YRF पर ही नहीं, सलमान शाहरुख के ऊपर भी है और अगले साल टाइगर 3 और पठान का बिजनेस सभी के भविष्य तय करेगा.
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