बहुत ज्यादा उम्मीदें थीं. फिल्म के टीजर और ट्रेलर को देखने के बाद कुछ लोगों ने तो यहां तक अनुमान लगा लिया कि ये फिल्म साउथ सिनेमा को टक्कर देने वाली है. इसकी कमाई बॉलीवुड की दशा और दिशा दोनों बदलने का मादा रखती है. लेकिन रिलीज के दूसरे दिन ही समझ में आ गया कि फिल्म फ्लॉप होने की ओर है. जी हां, हम रणबीर कपूर की कमबैक फिल्म 'शमशेरा' की बात कर रहे हैं, जो कि बॉक्स ऑफिस पर ढ़ेर होने की तरफ अपने कदम बढ़ा रही है. इस फिल्म ने रिलीज के बाद दो दिनों में 21 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है, जो कि अक्षय कुमार की डिजास्टर फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' से भी कम है, जिसने इतने ही दिनों में 23 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था.
आइए उन वजहों को जानते हैं, जो फिल्म को फ्लॉप कराने में अहम भूमिका निभा रही हैं...
1. नाम बड़े और दर्शन छोटे
बॉलीवुड क्या, हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बारे में सोचने वाले हर शख्स को लगा था कि 'शमशेरा' के जरिए न सिर्फ रणबीर कपूर कमबैक करेंगे, बल्कि साउथ सिनेमा और हॉलीवुड के सामने लगभग हथियार डाल चुका बॉलीवुड भी कमबैक करेगा. लेकिन इस बार भी उम्मीदों पर पानी फिर गया. ठीक उसी तरह, जिस तरह लोगों ने अक्षय कुमार की फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' से उम्मीद लगाई थी. 'सम्राट पृथ्वीराज' की तरह 'शमशेरा' के भी भव्य होने का दावा किया गया था. इसके प्रोडक्शन हाऊस, डायरेक्टर से लेकर एक्टर्स तक को देखकर कोई ये नहीं सोच सकता कि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर इतनी जल्दी ढेर हो जाएगी. लेकिन कहा गया है ना कि नाम बड़े और दर्शन छोटे. इस फिल्म का भी कुछ ऐसा ही हाल है. यशराज फिल्म्स का बैनर, करण मल्होत्रा जैसे निर्देशक और रणबीर कपूर, वाणी कपूर, सौरभ शुक्ला, संजय दत्त जैसे कलाकार की फौज भी फिल्म को सफल बनाने में असफल रही है.
2. खराब...
बहुत ज्यादा उम्मीदें थीं. फिल्म के टीजर और ट्रेलर को देखने के बाद कुछ लोगों ने तो यहां तक अनुमान लगा लिया कि ये फिल्म साउथ सिनेमा को टक्कर देने वाली है. इसकी कमाई बॉलीवुड की दशा और दिशा दोनों बदलने का मादा रखती है. लेकिन रिलीज के दूसरे दिन ही समझ में आ गया कि फिल्म फ्लॉप होने की ओर है. जी हां, हम रणबीर कपूर की कमबैक फिल्म 'शमशेरा' की बात कर रहे हैं, जो कि बॉक्स ऑफिस पर ढ़ेर होने की तरफ अपने कदम बढ़ा रही है. इस फिल्म ने रिलीज के बाद दो दिनों में 21 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है, जो कि अक्षय कुमार की डिजास्टर फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' से भी कम है, जिसने इतने ही दिनों में 23 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था.
आइए उन वजहों को जानते हैं, जो फिल्म को फ्लॉप कराने में अहम भूमिका निभा रही हैं...
1. नाम बड़े और दर्शन छोटे
बॉलीवुड क्या, हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बारे में सोचने वाले हर शख्स को लगा था कि 'शमशेरा' के जरिए न सिर्फ रणबीर कपूर कमबैक करेंगे, बल्कि साउथ सिनेमा और हॉलीवुड के सामने लगभग हथियार डाल चुका बॉलीवुड भी कमबैक करेगा. लेकिन इस बार भी उम्मीदों पर पानी फिर गया. ठीक उसी तरह, जिस तरह लोगों ने अक्षय कुमार की फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' से उम्मीद लगाई थी. 'सम्राट पृथ्वीराज' की तरह 'शमशेरा' के भी भव्य होने का दावा किया गया था. इसके प्रोडक्शन हाऊस, डायरेक्टर से लेकर एक्टर्स तक को देखकर कोई ये नहीं सोच सकता कि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर इतनी जल्दी ढेर हो जाएगी. लेकिन कहा गया है ना कि नाम बड़े और दर्शन छोटे. इस फिल्म का भी कुछ ऐसा ही हाल है. यशराज फिल्म्स का बैनर, करण मल्होत्रा जैसे निर्देशक और रणबीर कपूर, वाणी कपूर, सौरभ शुक्ला, संजय दत्त जैसे कलाकार की फौज भी फिल्म को सफल बनाने में असफल रही है.
2. खराब पटकथा
फिल्म 'शमशेरा' की कहानी उसी दौर में रची गई है, जिसमें यशराज फिल्म्स ने फिल्म 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' बनाई थी. लेकिन अफसोस रणबीर कपूर की इस फिल्म का भी वही हाल हुआ है, जो कि आमिर खान की फिल्म का हुआ था. 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' के ट्रेलर को देखने के बाद जिस तरह से दर्शकों ने बड़े अरमान पाले हुए थे, उसी तरह 'शमशेरा' के ट्रेलर रिलीज के बाद माहौल बना हुआ था. लेकिन दोनों ही फिल्मों का आकर्षण रिलीज के बाद खत्म हो गया. इसकी सबसे बड़ी वजह फिल्म की कमजोर कहानी और खराब पटकथा है. इस फिल्म के लिए नीलेश मिसरा, खिला बिष्ट, करण मल्होत्रा और एकता पाठक ने लेखन का काम किया है. लार्जर दैन लाइफ किरदारों को गढ़ने की कोशिश में फिल्म एक टिपिकल बॉलीवुड फिल्म बन गई है, जिसकी घिसी-पिटी कहानी से दर्शकों का मोहभंग हो चुका है. फिल्म को 'केजीएफ' जैसी बनाने के चक्कर में जबरन कई चीजें ठूंसी हुई प्रतीत होती हैं.
3. लचर निर्देशन
फिल्म 'शमशेरा' का निर्देशन करण मल्होत्रा ने किया है. इससे पहले उन्होंने 'अग्निपथ', 'ब्रदर्स' और 'शुद्धि' जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है. करण एक काबिल फिल्म निर्देशक माने जाते हैं. यही वजह है कि यशराज फिल्म्स को उनके ऊपर बहुत ज्यादा भरोसा था. लेकिन वो न तो दर्शकों के उम्मीदों पर खरे उतर पाए, न ही अपने प्रोडक्शन हाऊस के भरोसे पर. उनकी पहली ही पीरियड ड्रामा फिल्म लचर निर्देशन की भेंट चढ़ गई है. फिल्म को भव्य दिखाने के लिए बहुत कोशिश की गई है. उदाहरण के लिए इसका सेट मुंबई फिल्म सिटी में हजारों लोगों ने मिलकर तैयार किया था. लेकिन राजामौली की तरह करण सेट का सटीक उपयोग अपनी फिल्म में नहीं कर पाए हैं. इतना ही नहीं स्क्रिप्ट, सिनेमैटोग्राफी, म्युजिक और एडिटिंग जैसे डिपार्टमेंट से भी उनको उचित मदद नहीं मिल पाई है. इस फिल्म का हश्र ठीक उसी प्रकार हुआ है, जिस तरह से 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' का हुआ था.
4. हिंदू धर्म-संस्कृति का मजाक
22 जुलाई को फिल्म 'शमशेरा' के रिलीज होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर इसके बॉयकॉट करने की मांग हो रही है. तीन बाद भी ट्विटर पर बायकॉट बॉलीवुड ट्रेंड कर रहा है. इसकी असली वजह ये है कि फिल्म में संजय दत्त के किरदार को जिस तरह से दिखाया गया है, वो हिंदू धर्म और संस्कृति का माखौल उड़ाता है. इस फिल्म में संजय दत्त एक अंग्रेज अफसर की भूमिका में हैं. उनके किरदार का नाम दारोगा शुद्ध सिंह है, जो कि माथे पर चंदन और तिलक लगाए हुए हैं. उसके सिर पर ब्राह्मणों की तरह चोटी भी है. खलनायक के किरदार में संजय इस रूप में लोगों पर जुल्म करते हैं. ऐसे में लोगों का सवाल है कि हिंदू धर्म से जोड़कर किरदारों को गलत क्यों दिखाया जाता है. वैसे भी बॉलीवुड में ये चलन बहुत पुराना है. इसके फिल्मों में दिखाए जाने वाले निगेटिव किरदार अक्सर गले में रुद्राक्ष, माथे पर तिलक लगाए दिखाए जाते हैं. वहीं दूसरे धर्मों के किरदारों को पाक और पवित्र दिखाया जाता है. यही वजह है कि शमशेरा का कुछ लोग बायकॉट कर रहे हैं. इसका असर फिल्म के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर पड़ना लाजिमी है.
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