''ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले,
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है''
मशहूर शायर अल्लामा इक़बाल का ये शेर इस वक्त झा जी स्टोर नामक अचार कंपनी चलाने वाली कल्पना झा और उमा झा पर सटीक बैठ रहा है. उम्र के उत्तरार्ध में जब लोग परिवार की चिंता से दो-चार हो रहे होते हैं, उस उम्र में ननद-भाभी की इस जोड़ी ने कमाल कर दिया है. जी हां, कभी घर-परिवार के लिए अचार और चटनी बनाने वाली दोनों महिलाएं आज करोड़ों की कंपनी की मालकिन हैं, जिसमें सैकड़ों की संख्या में अन्य महिलाएं काम कर रही हैं. कल्पना और उमा पिछले साल आयोजित हुए बिजनेस रियलिटी टीवी शो 'शार्क टैंक इंडिया' के पहले सीजन में हिस्सा लेने पहुंची थीं. वहां उन्होंने अपने स्टार्टअप का कॉन्सेप्ट बताते हुए शार्क के सामने 50 लाख रुपए के साथ 10 फीसदी इक्विटी का प्रस्ताव रखा था, लेकिन सभी शार्क ने इसमें निवेश से इंकार कर दिया. दोनों वापस हो गईं. लेकिन हार नहीं मानी. अपने दम पर कारोबार जारी रखा.
'शार्क टैंक इंडिया' से उनको निवेश तो नहीं मिला, लेकिन ख्याति जरूर मिल गई. उनका कॉन्सेप्ट लोगों को बहुत पसंद आया. इसकी वजह से उनके अचार के प्रोडक्ट्स की रातों-रात डिमांड बढ़ गई. वो जितना अचार तीन महीने में बेंचती थी, प्रोग्राम से आने के बाद वो एक दिन में बिक गईं. इसके बाद उनका धंधा धीरे-धीरे निकल पड़ा. झा जी स्टोर के नाम से कंपनी रजिस्टर हो गई. लाखों का कारोबार करोड़ों रुपए सलाना तक पहुंच गया. इधर, उनकी ग्रोथ देखकर शार्क शुगर कॉस्मेटिक्स की सीईओ विनीता सिंह और एमक्योर फार्मास्युटिकल्स की सीआईओ नमिता थापर बहुत ज्यादा प्रभावित हुईं. उनको पछतावा भी हुआ कि उन्होंने इस स्टार्टअप में निवेश क्यों नहीं किया. विनीता तो बताती हैं कि उनकी मां ने उनको बहुत डांट भी लगाई है. उनका कहना था कि देश की महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए उनको ये निवेश जरूर करना चाहिए था.
झा जी स्टोर अचार कंपनी चलाने वाली कल्पना और उमा झा को शार्क ने सरप्राइज दिया है.
अपनी इसी भूल का सुधार करने के लिए विनीता सिंह और नमिता थापर ने 'शार्क टैंक इंडिया' के दूसरे सीजन के शुरू होने से पहले झा जी स्टोर पर जाने का फैसला किया. वो कल्पना और उमा झा से मिलने उनके स्टोर पर गांव में पहुंची. वहां जाकर दोनों ने ननद और भाभी को 50 लाख की जगह 85 लाख का चेक दिया. 10 फीसदी की जगह 8.84 फीसदी इक्विटी लिया. इस बारे में नमिता थापर कहती हैं, ''कल्पना और उमा जी हर किसी के लिए मिसाल हैं. जिस तरह से उन्होंने पिच किया, मेरे दिल को छू गई. उस समय सब चीजें बहुत जल्दी से बदलती गईं. कभी-कभी पछतावा होता है कि हमने ये क्यों नहीं किया, वो क्यों नहीं किया, लेकिन जरूरी है कि हम अपनी गलती को सुधारते हैं या नहीं. इसी गलती को सुधारने के लिए हम उनके गांव पहुंचे. उनको 85 लाख रुपए का चेक दिया, जबकि पहले सीजन में उन्होंने केवल 50 लाख रुपए की मांग की थी.''
इस वीडियो में देखिए कल्पना-उमा झा के साथ क्या हुआ था...
कल्पना और उमा झा का अपने बिजनेस के बारे में कहना है, ''इस अचार को लॉन्च करने के पहले महीने मेरा 2.5 लाख रुपए का सेल हुआ. दूसरे महीने में 3 लाख, तीसरे महीने में 5 लाख रुपए का सेल हुआ था. 'शार्क टैंक इंडिया' में जाने के बाद फंड तो नहीं मिला, लेकिन बदलाव बहुत आया. जो बिक्री तीन महीने में हो रही थी, वो एक ही रात में हो गई. हम चाहते हैं कि हर घर के हर डाइनिंग टेबल पर हमारा अचार मिले. लोगों के स्वाद में हमारे अचार का स्वाद शामिल हो जाए. इसके बिना लोगों को खाना पसंद न आए.'' 52 साल की कल्पना और 51 साल की उमा झा बिहार के दरभंगा जिले की रहने वाली हैं. दोनों ने इस बिजनेस की शुरूआत कोरोना लॉकडाउन के दौरान की थी. इस बारे में उनका कहना है, ''हमारे दिमाग में बिजनेस का कोई ख्याल नहीं था. सामान्य जिंदगी चल रही थी. लेकिन कोरोना के बाद चीजें बदल गईं. लॉकडाउन की वजह से सभी घरों बंद हो गए.''
''हम हमेशा की तरह अपने घर में अचार और चटनी बना रहे थे. चूंकि हमारे कुछ परिचितों, दोस्तों और रिश्तेदारों को हमारे हाथ का अचार-चटनी पसंद था, इसलिए हम उनको बनाकर भेज दिया करते थे. लॉकडाउन में घर में खाली बैठने की वजह से अपने इन पर कुछ प्रयोग किया. नए-नए तरह के अचार बनाने शुरू कर दिए. उनको चेक करने के लिए अपने रिश्तेदारों को भेजना शुरू कर दिया. हर किसी की तरफ से शानदार फीडबैक मिला. इसी समय मयंक झा (कल्पना का बेटा, जो आईआईटी दिल्ली से ग्रेजुएट है) ने हमें इसे बिजनेस की तरह करने का सुझाव दिया. उसने इसकी मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन में हमारी मदद के लिए वादा किया. इस तरह हम दोनों ने मिलकर इस प्रोडक्ट को लॉन्च कर दिया.'' इस तरह घर से शुरू हुआ एक बिजनेस आज पूरे देश में जाना जा रहा है. कल्पना और उमा इसे वर्ल्ड लेवल पर ले जाना चाहती है. विदेशों में सप्लाई की योजना है.
शार्क विनीता और नमिता जब कल्पना और उमा झा के घर पहुंची...
बताते चलें कि बिजनेस रियलिटी शो 'शार्क टैंक इंडिया' एंटरप्रेन्योरशिप के प्रति देश के युवाओं को आकर्षित करने के लिए सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म के रूप में सामे आया है. इसमें भारत में अपने स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के इच्छुक युवा उद्यमी अपने बिजनेस मॉडल को निवेशकों के एक पैनल के सामने पेश करते हैं. उन्हें अपने बिजनेस आइडिया में पैसा लगाने के लिए राजी करते हैं. पांच-छह लोगों के पैनल में बैठे जजों को यदि उनका बिजनेस आइडिया पसंद आता है, तो वो उसमें अपना पैसा निवेश करते हैं. इस तरह दोनों को ही फायदा होता है. एक तरफ स्टार्ट-अप शुरू किए उद्यमी को अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए पैसा मिल जाता है, तो दूसरी तरफ जजों को उनके फायदे में हिस्सा मिलता है. पिछले सीजन में कुल 198 आइडियाज आए थे, जिनमें 67 स्टार्टअप के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया था. हैरानी की बात है कि इनमें ज्यादातर को-फाउंडर की उम्र 25 साल से कम की थी.
'शार्क टैंक इंडिया 2' के प्रीमियर एपिसोड की कुछ झलकियां देखिए...
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