नई बोतल में पुरानी शराब. 21वीं सदी में 90 के दशक वाला प्यार. जी हां, फिल्म 'शिद्दत' में भी कुछ ऐसा ही है. बॉलीवुड में रोमांटिक फिल्मों का एक दौर था, जिसमें प्यार की खूबसूरत सी कहानी दिल मोह लेने वाले गानों के साथ दर्शकों के सामने पेश की जाती रहीं. इस दौर में अजय देवगन की फिल्म 'दिलवाले' आई, तो शाहरुख खानी की 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' भी रिलीज हुई. एक-दूसरे के प्यार में पागल प्रेमी जोड़े जमाने का सितम झेलते हुए फिल्म के आखिर में अपना प्यार पाने में सफल हो जाते. निर्देशक कुणाल देशमुख अपनी फिल्म 'शिद्दत' में लेकर आए हैं. इस फिल्म में आज के जमाने के 'राज' और 'सिमरन' (दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे में शाहरुख खान और कालोज के किरदार का नाम) की प्रेम कहानी दिखाने की कोशिश करते हैं, लेकिन पटकथा में झोल है. इश्क का वो एहसास भी नदारद है.
ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई फिल्म 'शिद्दत' में मोहित रैना, सनी कौशल, डायना पेंटी और राधिका मदान अहम भूमिकाओं में हैं. इस फिल्म की पटकथा धीरज रतन, श्रीधर राघवन और पूजा लाढा सुरती ने लिखी है. भूषण कुमार और दिनेश विजन द्वारा निर्मित करीब 2 घंटे 26 मिनट की ये फिल्म नए जमाने में प्यार की वह तस्वीर दिखाती है जो कई जमानों से फिल्मों में ही नजर आता रहा है. वैसे भी बॉलीवुड में आजकल रोमांटिक कहानियां हीरो या हीरोइन के कमिटमेंट फोबिया में अटकी हुई हैं. यहां हीरोइन को हीरो के साथ वन-नाइट-स्टैंड में समस्या नहीं. हां, सबसे बड़ी समस्या शादी में है. क्योंकि उसकी नजर में सिर्फ प्यार के लिए शादी नहीं होती, शादी सैटल होने के लिए होती है. प्यार तो अपनी मर्जी से किया जा सकता है, लेकिन शादी परिवार की मर्जी के बिना नहीं हो सकती.
नई बोतल में पुरानी शराब. 21वीं सदी में 90 के दशक वाला प्यार. जी हां, फिल्म 'शिद्दत' में भी कुछ ऐसा ही है. बॉलीवुड में रोमांटिक फिल्मों का एक दौर था, जिसमें प्यार की खूबसूरत सी कहानी दिल मोह लेने वाले गानों के साथ दर्शकों के सामने पेश की जाती रहीं. इस दौर में अजय देवगन की फिल्म 'दिलवाले' आई, तो शाहरुख खानी की 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' भी रिलीज हुई. एक-दूसरे के प्यार में पागल प्रेमी जोड़े जमाने का सितम झेलते हुए फिल्म के आखिर में अपना प्यार पाने में सफल हो जाते. निर्देशक कुणाल देशमुख अपनी फिल्म 'शिद्दत' में लेकर आए हैं. इस फिल्म में आज के जमाने के 'राज' और 'सिमरन' (दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे में शाहरुख खान और कालोज के किरदार का नाम) की प्रेम कहानी दिखाने की कोशिश करते हैं, लेकिन पटकथा में झोल है. इश्क का वो एहसास भी नदारद है.
ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई फिल्म 'शिद्दत' में मोहित रैना, सनी कौशल, डायना पेंटी और राधिका मदान अहम भूमिकाओं में हैं. इस फिल्म की पटकथा धीरज रतन, श्रीधर राघवन और पूजा लाढा सुरती ने लिखी है. भूषण कुमार और दिनेश विजन द्वारा निर्मित करीब 2 घंटे 26 मिनट की ये फिल्म नए जमाने में प्यार की वह तस्वीर दिखाती है जो कई जमानों से फिल्मों में ही नजर आता रहा है. वैसे भी बॉलीवुड में आजकल रोमांटिक कहानियां हीरो या हीरोइन के कमिटमेंट फोबिया में अटकी हुई हैं. यहां हीरोइन को हीरो के साथ वन-नाइट-स्टैंड में समस्या नहीं. हां, सबसे बड़ी समस्या शादी में है. क्योंकि उसकी नजर में सिर्फ प्यार के लिए शादी नहीं होती, शादी सैटल होने के लिए होती है. प्यार तो अपनी मर्जी से किया जा सकता है, लेकिन शादी परिवार की मर्जी के बिना नहीं हो सकती.
Shiddat फिल्म की कहानी
फिल्म 'शिद्दत' में दो प्रेम कहानियां समानांतर चलती रहती हैं. लेकिन अंत में एक प्रेम कहानी अधूरी रह जाती है, तो दूसरी में प्रेमी जोड़े शादी के बाद अलग होने का फैसला कर लेते हैं. यानी की मुहब्बत को मुकम्मल अंजाम नहीं मिल पाता है. फिल्म की कहानी शुरू होती है एक एक में गौतम कपूर (मोहित रैना) और इरा शर्मा (डायना पेंटी) की लव मैरिज से, जिनकी मुलाकात फ्रेंच क्लास में हुई थी. दोनों बहुत कम समय में ही एक-दूसरे को अपना दिल दे बैठते हैं और शादी करके पंजाब से फ्रांस जाकर सैटल हो जाते हैं. इधर दूसरी प्रेम कहानी शुरू होती है जग्गी सेहगल (सन्नी कौशल) और कार्तिका नेगी (राधिका मदान) के बीच, जिनकी मुलाकात एक स्पोर्ट्स कैंप में होती है. जग्गी हॉकी का खिलाड़ी है, तो कार्तिका स्विमिंग करती है. पहली मुलाकात में जग्गी कार्तिका पर फिदा हो जाता है.
जग्गी और कार्तिका के बीच शुरू में तकरार के बाद प्यार हो जाता है. दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगते हैं. लेकिन इसी बीच एक धमाका होता है, जिसके लिए जग्गी बिल्कुल भी तैयार नहीं होता. स्पोर्ट्स कैंप में एक स्विमिंग कॉम्पटिशन के बाद जग्गी की मुलाकात कार्तिका के माता-पिता से होती है. उनसे पता चलता है कि कार्तिका की अगले महीने शादी होने वाली है. इसे सुनकर वो पागल सा हो जाता है. कार्तिका से ये शादी तोड़ने के लिए कहता है, लेकिन वो अपने परिवार हवाला देकर कहती है कि फिलहाल लंदन जा रही है. यदि वो उसकी शादी से पहले लंदन आ जाएगा, तो वो अपनी शादी तोड़ देगी. जग्गी उसका चैलेंज स्वीकार कर लेता है. जग्गी में प्यार की शिद्दत इतनी कि वह पासपोर्ट रद्द होने पर गैर कानूनी तरीके से आठ देशों की सीमाएं पार करता हुआ फ्रांस पहुंच जाता है. वहां पकड़ा जाता है.
संयोग देखिए फ्रांस में पहले से गौतम कपूर (मोहित रैना) विदेश विभाग के एक अफसर के रूप में काम कर रहा होता है. गौतम की शादी में जग्गी से उसकी मुलाकात हुई रहती है. जग्गी से पूछताछ के लिए गौतम को भेजा जाता है. जग्गी गौतम को अपनी प्रेम कहानी सुनाता है. इसे सुनकर गौतम उसे वापस भारत जाने के लिए सलाह देता है. अपने निजी जीवन में परेशान गौतम उससे कहता है कि प्यार जैसी कोई चीज नहीं होती. सब भ्रम होता है. वो अपने साथ अपनी प्रेमिका से पत्नी बनी इरा शर्मा (डायना पेंटी) के रिश्तों की कहानी भी उसे सुनाता है. लेकिन एक सच्चे आशिक की तरह जग्गी अपनी प्रेमिका के पास लंदन किसी भी हाल में जाना चाहता है. यहां तक कि फ्रांस से इंग्लिश चैनल तैर कर लंदन पहुंचने का भी असफल प्रयास करता है. जग्गी और कार्तिका की मुलाकात हो पाती है? ये सस्पेंस हम रहने देते हैं.
Shiddat फिल्म की समीक्षा
2 घंटे 26 मिनट लंबी फिल्म 'शिद्दत' में शुरूआती 45 मिनट बहुत बोर करता है. यहां तक कि इसे गाने भी आकर्षण नहीं पैदा कर पाते. रोमांटिक सीन भी इतने पुराने से लगते हैं कि ऊब सी होने लगती है. लेकिन जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, रोचक होती जाती है. फिल्म में दिलचस्पी बढ़ती जाती है. खासकर के मोहित रैना और डायना पेंटी के बीच फिल्माएं गए सीन दुरुस्त लगते हैं. जहां तक कलाकारों के परफॉर्मेंस की बात है, तो मोहित रैना ने हमेशा की तरह अपनी दमदार अदाकारी पेश की है. सही मायने में पूरी फिल्म मोहित के कंधों पर ही टिकी है.
एक क्रेजी लवर के रोल में सन्नी कौशल की मेहनत साफ दिखती है, लेकिन अभी उनको अपने ऊपर बहुत काम करना होगा. खासकर के एक्सप्रेशन के ऊपर, जो कई बार बनावटी लगता है. आजकल नए नवेले कलाकार बॉडी बिल्डिंग करके अभिनेता बनने का सपना देखने लगते हैं. लेकिन उनको समझ आना चाहिए कि सिक्स पैक एब्स और डोले होने भर से कोई हीरो नहीं हो जाता. एक अभिनेता को अभिनय आना चाहिए. उसके एक्सप्रेशन तीखे होने चाहिए. डायलॉग डिलिविरी बेहतर होनी चाहिए.
राधिका मदान और डायना पेंटी ने भी अपने-अपने हिस्से का काम बेहतर किया है. लेकिन सबसे ज्यादा निराश किया है निर्देशक कुणाल देशमुख ने, जिनका निर्देशन ठहरा सा हुआ लगता है. ऐसा लगता है कि वो रिस्क लेकर प्रयोग करने की बजाए फिक्स फॉर्मूले पर फिल्म बनाकर सुरक्षित रास्ते से निकल लेना चाहते थे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. यदि फिल्म में कसा हुआ निर्देशन होता, तो शायद इसका प्रभाव कुछ अलग ही होता.
ए श्रीकर प्रसाद ने अपनी तरफ से फिल्म की एडीटिंग चुस्त करने की कोशिश की है, लेकिन ये फिल्म 90 मिनट से ज्यादा की नहीं होनी चाहिए थी. क्योंकि शुरू के एक घंटे तो फिल्म को समझने में दिमाग पर जोर लगाना पड़ता है. इससे अच्छा होता कि उन हिस्सों को फिल्म से हटाकर दर्शकों का कीमती समय बचा लिया जाता. कुल मिलाकर, मोहित रैना, सनी कौशल, डायना पेंटी और राधिका मदान की फिल्म 'शिद्दत' तभी देखनी चाहिए, जब आपको पास भरपूर समय हो. क्योंकि आपके कीमती समय इस फिल्म बर्बाद करने के लिए मैं तो कभी नहीं कहूंगा.
iChowk.in रेटिंग: 5 में से 1.5 स्टार
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