क्या सुंदरता (Beauty) का मतलब गोरा रंग (Fair Complexion) और दमकती त्वचा है? क्या खूबसूरती का पर्याय पतली कमर और छरहरी काया है? क्या वो लोग जिनका रंग कम है,वो उस पैमाने पर फिट नहीं बैठते कि उन्हें सुंदर कहा जाए? ऐसे तमाम सवाल हैं. लेकिन उससे पहले एक बड़ा सवाल ये है कि आखिर इनपर बात ही क्यों हो रही है? तो इसका जवाब है बॉलीवुड एक्टर शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty). आज शिल्पा का बर्थडे (Shilpa Shetty Birthday) है. शिल्पा अपना 46 वां बर्थडे मना रही हैं. क्या मेन स्ट्रीम मीडिया क्या सोशल मीडिया हर जगह बधाई का तांता लगा हुआ है. फैंस शिल्पा को लगातार बधाई संदेश दे रहे हैं. शिल्पा को बर्थ डे विश करता हर व्यक्ति बस यही चाहता है कि उसकी बात शिल्पा के कानों तक पहुंचे और वो उन तमाम बधाई संदेशों को स्वीकार करें. शिल्पा को देखकर रश्क़ होता है कि अपनी ज़िंदगी के 46 सावन देख चुका कोई व्यक्ति कैसे इतना हसीन हो सकता है? ध्यान रहे कि चाहे वो फिटनेस और योग हो या फिर सुंदरता 46 साल की होने के बावजूद शिल्पा का किसी से कोई मुकाबला नहीं है. शिल्पा आज भी लाखों जवां दिलों का क्रश हैं. उनकी धड़कन हैं.
इन तमाम बातों के बाद अब सवाल होगा कि क्या इस मुकाम तक पहुंचाना या फिर ये कहें कि यूं इस तरह सुंदरता के नए मानक स्थापित करना, क्या शिल्पा के लिए आसान था? जवाब जानने के लिए हमें 1993 का रुख करना पड़ेगा. 93 वो साल था जब शिल्पा ने बॉलीवुड में बतौर सपोर्टिंग एक्टर शाहरुख खान के साथ फ़िल्म बाजीगर में अपना डेब्यू किया था.
बाजीगर में शिल्पा का काम कुछ ऐसा था कि उन्हें फिल्मफेयर के लिए बतौर बेस्ट एक्ट्रेस इन सपोर्टिंग रोल के लिए नॉमिनेट किया गया था. इस फ़िल्म में शिल्पा की एक्टिंग लाख अच्छी रही...
क्या सुंदरता (Beauty) का मतलब गोरा रंग (Fair Complexion) और दमकती त्वचा है? क्या खूबसूरती का पर्याय पतली कमर और छरहरी काया है? क्या वो लोग जिनका रंग कम है,वो उस पैमाने पर फिट नहीं बैठते कि उन्हें सुंदर कहा जाए? ऐसे तमाम सवाल हैं. लेकिन उससे पहले एक बड़ा सवाल ये है कि आखिर इनपर बात ही क्यों हो रही है? तो इसका जवाब है बॉलीवुड एक्टर शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty). आज शिल्पा का बर्थडे (Shilpa Shetty Birthday) है. शिल्पा अपना 46 वां बर्थडे मना रही हैं. क्या मेन स्ट्रीम मीडिया क्या सोशल मीडिया हर जगह बधाई का तांता लगा हुआ है. फैंस शिल्पा को लगातार बधाई संदेश दे रहे हैं. शिल्पा को बर्थ डे विश करता हर व्यक्ति बस यही चाहता है कि उसकी बात शिल्पा के कानों तक पहुंचे और वो उन तमाम बधाई संदेशों को स्वीकार करें. शिल्पा को देखकर रश्क़ होता है कि अपनी ज़िंदगी के 46 सावन देख चुका कोई व्यक्ति कैसे इतना हसीन हो सकता है? ध्यान रहे कि चाहे वो फिटनेस और योग हो या फिर सुंदरता 46 साल की होने के बावजूद शिल्पा का किसी से कोई मुकाबला नहीं है. शिल्पा आज भी लाखों जवां दिलों का क्रश हैं. उनकी धड़कन हैं.
इन तमाम बातों के बाद अब सवाल होगा कि क्या इस मुकाम तक पहुंचाना या फिर ये कहें कि यूं इस तरह सुंदरता के नए मानक स्थापित करना, क्या शिल्पा के लिए आसान था? जवाब जानने के लिए हमें 1993 का रुख करना पड़ेगा. 93 वो साल था जब शिल्पा ने बॉलीवुड में बतौर सपोर्टिंग एक्टर शाहरुख खान के साथ फ़िल्म बाजीगर में अपना डेब्यू किया था.
बाजीगर में शिल्पा का काम कुछ ऐसा था कि उन्हें फिल्मफेयर के लिए बतौर बेस्ट एक्ट्रेस इन सपोर्टिंग रोल के लिए नॉमिनेट किया गया था. इस फ़िल्म में शिल्पा की एक्टिंग लाख अच्छी रही हो मगर शिल्पा के लुक के लिए समीक्षकों ने उनकी खूब जमकर आलोचना की थी. शिल्पा को काला और मोटा बताते हुए ये तर्क भी दिए गए थे कि एक लड़की ऐसे फीचर्स लेकर ज्यादा दिनों तक बॉलीवुड में सर्वाइव नहीं कर पाएगी और जल्द ही उसकी घर वापसी हो जाएगी.
ध्यान रहे कि जिस समय ये तमाम चीजें चल रही थीं ये वो दौर था जब बॉलीवुड अपना मिजाज़ या ये कहें कि स्वरूप बदल रहा था. वो ही लोग फिल्मों में आते जो फिट न भी हों तो उनकी शक्ल सूरत ऐसी हो कि वो अपनी तरफ दर्शकों का ध्यान आकर्षित कर लें. अब इन बातों के मद्देनजर जब हम तब की शिल्पा शेट्टी को देखते हैं तो दोनों में उतना ही अंतर था जितना जमीन और आसमान में है.
बात वर्तमान की हो तो किसी जमाने में सिने क्रिटिक्स की आलोचना और तमाम तरह की बॉडी शेमिंग झेल चुकी शिल्पा आज एक डीवा से कम नहीं हैं. हर कोई उनके जैसा बनना चाहता है. उनके जैसा दिखना चाहता है.
ऐसा नहीं था कि शिल्पा अपने रंग रूप और बॉडी शेमिंग से आहत नहीं हुईं. इस चीज ने शिल्पा को भी खूब आहत किया और यही वो वजह थी कि जिसके चलते जहां एक तरफ़ शिल्पा ने तमाम तरह की सर्जरी करवाई तो वहीं अपने को हसीन दिखाने के लिए उन्होंने योग का सहारा लिया.
अपने डार्क कॉम्प्लेक्शन की वजह से कैसे शिल्पा हीन भावना का शिकार हुईं? गर जो इस सवाल के जवाब तलाशने हों तो हम कपिल शर्मा के शो के उस एपिसोड का अवलोकन कर सकते हैं जिसमें अपनी बहन शमिता और पति राज कुंद्रा के साथ शिल्पा बतौर मेहमान आई थीं.
कपिल शर्मा के शो के इस एपिसोड में शिल्पा ने कई राज खोले थे. कई अंजान चीजों पर से पर्दा उठाया था. शिल्पा ने खुद इस बात को स्वीकार किया था कि शमिता बचपन से ही उनसे कहीं ज्यादा सुंदर थीं जिसके चलते न सिर्फ वो शमिता से जलती थीं ब्लकि ऐसे मौके भी आए थे जब दोनों बहनों का झगड़ा हुआ था. राज से शादी के बाद स्थिति बदली और अब दोनों बहनों में खूब लगाव है. आज दोनों मिलजुल कर रहती हैं और साथ ही शॉपिंग करने जाती हैं.
गौरतलब है कि जिस समय शिल्पा की राज से शादी हुई, ये वो दौर था जब उनका ट्रांसफॉर्मेशन शुरू हुआ था और वो शिल्पा कभी काली और जो सुंदरता के पैमाने पर फिट नहीं बैठती थी आज उन एक्टर में हैं जिनके जैसा हर कोई होना चाहता है.
बहरहाल, आज एक बड़ा वर्ग है जो ब्लैक और उनके अधिकारों की मांग को लेकर दुनिया भर में आंदोलन कर रहा है. ऐसे में जिस तरफ काले लोगों सौतेला व्यवहार किया जाता है वो दिल दुखाने वाला है. अब इसी बात को हम शिल्पा के अंतर्गत रखकर देखें तो अगर शिल्पा ने अपने को न बदला होता तो शायद ही उन्हें कोई इज्जत मिल रही होती. उनका शुमार बस एक आम एक्टर में होता. रंग या ये कहें कि गोरेपन का महत्व है. कोई इसे समझे न समझे शिल्पा ने इसे समझा और वो कर दिखाया जो कई मायनों में हैरत में डालने वाला है.
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