डायरेक्टर हितेश केवल्य की फिल्म शुभ मंगल ज्यादा सावधान (Shubh Mangal Zyada Saavdhan Review) के साथ बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हो गई है. फिल्म में आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana), जीतेन्द्र कुमार हैं जिनका साथ दिया है थियेटर के दिग्गजों में शुमार गजराज राव, मनु ऋषि और नीना गुप्ता (Neena Gupta) ने. जब ये घोषणा हुई कि हितेश केवल्य शुभ मंगल ज्यादा सावधान बना रहे हैं मीडिया के कैमरे उनकी तरफ घूम गए. फिल्म एक कॉमेडी फिल्म है मगर जिस थीम को लेकर फिल्म बनाई गई है उसे लेकर अभी हमारा समाज सहज नहीं है. फिल्म का खाका समलैंगिक संबंधों (Shubh Mangal Zyada Saavdhan on Homosexuality) को ध्यान में रखते हुए बुना गया है. फिल्म की थीम यही है कि ऐसे संबंधों की गिरफ्त में आए लोगों को लेकर हमारा समाज क्या कहेगा? जिस संवेदनशील विषय पर फिल्म की स्क्रिप्ट है. निर्देशक ने उन दो परिवारों की चुनौतियों को बड़े ही मनोरंजक तरीके से परदे पर उतारा है जिनके परिवारों के लड़के एक दूसरे से न सिर्फ प्यार करते हैं बल्कि शादी करना चाहते हैं. फिल्म के रिव्यु को लेकर बात होगी मगर उससे पहले ये बता दें कि फिल्म ने विवादों की आग को हवा दे दी है. फिल्म को दुबई में बैन (Shubh Mangal Zyada Saavdhan Banned In Dubai) कर दिया गया है. कारण बना है फिल्म का विषय.
जैसा फिल्म का विषय है और जिस तरह मजबूत कलाकारों की उपस्थिति ने फिल्म में चार चांद लगाए हैं माना जा रहा है कि फिल्म दशकों को बॉक्स ऑफिस तक लाने और उन्हें हंसाने में कामयाब होगी.
दो लड़कों के प्रेम को लेकर कहां सहज हो पाता समाज
फिल्म में कार्तिक सिंह का किरदार निभा रहे आयुष्मान खुराना, अमन त्रिपाठी बने जीतेन्द्र कुमार की मुहब्बत की गिरफ्त...
डायरेक्टर हितेश केवल्य की फिल्म शुभ मंगल ज्यादा सावधान (Shubh Mangal Zyada Saavdhan Review) के साथ बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हो गई है. फिल्म में आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana), जीतेन्द्र कुमार हैं जिनका साथ दिया है थियेटर के दिग्गजों में शुमार गजराज राव, मनु ऋषि और नीना गुप्ता (Neena Gupta) ने. जब ये घोषणा हुई कि हितेश केवल्य शुभ मंगल ज्यादा सावधान बना रहे हैं मीडिया के कैमरे उनकी तरफ घूम गए. फिल्म एक कॉमेडी फिल्म है मगर जिस थीम को लेकर फिल्म बनाई गई है उसे लेकर अभी हमारा समाज सहज नहीं है. फिल्म का खाका समलैंगिक संबंधों (Shubh Mangal Zyada Saavdhan on Homosexuality) को ध्यान में रखते हुए बुना गया है. फिल्म की थीम यही है कि ऐसे संबंधों की गिरफ्त में आए लोगों को लेकर हमारा समाज क्या कहेगा? जिस संवेदनशील विषय पर फिल्म की स्क्रिप्ट है. निर्देशक ने उन दो परिवारों की चुनौतियों को बड़े ही मनोरंजक तरीके से परदे पर उतारा है जिनके परिवारों के लड़के एक दूसरे से न सिर्फ प्यार करते हैं बल्कि शादी करना चाहते हैं. फिल्म के रिव्यु को लेकर बात होगी मगर उससे पहले ये बता दें कि फिल्म ने विवादों की आग को हवा दे दी है. फिल्म को दुबई में बैन (Shubh Mangal Zyada Saavdhan Banned In Dubai) कर दिया गया है. कारण बना है फिल्म का विषय.
जैसा फिल्म का विषय है और जिस तरह मजबूत कलाकारों की उपस्थिति ने फिल्म में चार चांद लगाए हैं माना जा रहा है कि फिल्म दशकों को बॉक्स ऑफिस तक लाने और उन्हें हंसाने में कामयाब होगी.
दो लड़कों के प्रेम को लेकर कहां सहज हो पाता समाज
फिल्म में कार्तिक सिंह का किरदार निभा रहे आयुष्मान खुराना, अमन त्रिपाठी बने जीतेन्द्र कुमार की मुहब्बत की गिरफ्त में हैं. दोनों एक दूसरे से न सिर्फ प्यार करते हैं. बल्कि शादी करना चाहते हैं. दोनों का टारगेट है आगे का जीवन सुख और शांति के साथ बिताना.
फिल्म भले ही कॉमेडी से लबरेज क्यों न हो, मगर इसे एक बड़ी समस्या माना गया है. चाहे एक्टर्स की एक्टिंग हो या फिर निर्देशक का निर्देशन बताया यही गया है कि जिस समाज में एक लड़के की शादी केवल एक लड़की से होती है वहां एक पुरुष का दूसरे पुरुष से शादी करना गुनाह है.
बाकी परेशानी हो भी क्यों न? जिस समाज में धर्म भले ही कोई क्यों न हो, मगर जहां आज भी विवाह को एक आदर्ष संस्था के रूप में देखा जाता हो वहां भला कोई कैसे दो लड़कों का प्रेम पचा पाएगा. फिल्म हलके फुल्के अंदाज में इन्हीं चुनौतियों पर बात करती है और कार्तिक और अमन एक हो पाएंगे या नहीं यही फिल्म की कहानी का प्लाट है.
किसी भी गंभीर विषय को हास्य में पिरोना न सिर्फ एक्टर के लिए चुनौती होती है बल्कि निर्देशक को भी तमाम पापड़ बेलने पड़ते हैं. डायरेक्टर हितेश केवल्य इसमें कामयाब नजर आ रहे हैं. जिस खूबसूरती के साथ उन्होंने कार्तिक सिंह का किरदार निभा रहे आयुष्मान खुराना और अमन त्रिपाठी का रोल अदा कर रहे जीतेन्द्र कुमार से काम लिया है वो ये बता देता है कि उनमें दम तो है.
फिल्म में गजराज राव और नीना गुप्ता का होना वो दूसरा कारण है जिसकी वजह से दर्शकों को फिल्म देखनी चाहिए. दोनों की टाइमिंग कमाल की है. बाकी फिल्म बधाई हो में हम इन्हें साथ देख चुके हैं इसलिए इनकी एक्टिंग में शक की कोई गुंजाईश ही नहीं है.
फिल्म देखते हुए जो एक चीज हमें नजर आई वो ये है कि आयुष्मान ने एक्टिंग तो बढ़ियां की है. मगर वो एक्सप्रेशन देने में नाकाम रहे हैं. जिस कारण फिल्म में कुछ मौके ऐसे भी आए हैं जहां बोरियत का आभास होता है. क्योंकि फिल्म के संवाद अपने में कमाल हैं इसलिए एक बार के लिए इस बात को खारिज या ये कहें कि इसपर से नजर हटाई जा सकती है. फिल्म में आयुष्मान के साथी बने जीतेन्द्र कुमार वाकई बधाई के पात्र है जिन्होंने संवाद तो अच्छे दिए ही मगर जब बात एक्सप्रेशन की आई तो उसमें भी वो डायरेक्टर और दर्शक दोनों की उम्मीदों पर खरे उतरते हुए नजर आते हैं.
फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष ये रहा है कि फिल्म दर्शकों तक उस बात को ले जाने में कामयाब हुई है जिसे ध्यान में रखकर निर्देशक ने समलैंगिकता जैसे विषय पर फिल्म बनाने का कोखिम उठाया था. बात अगर फिल्म के टेक्निकल पक्ष और संगीत की हो तो भी यहां ठीक ठाक काम हुआ है जो ये बताता है कि निर्देशक ने ऐसी कोई भी कसार नहीं छोड़ी है जिसे देखकर इसे एक बोरिंग फिल्म कह दिया जाए.
Shubh Mangal Zyada Saavdhan prediction: फिल्म रिलीज के साथ ही विवादों में आ गई है तो इतना तो पक्का है कि फिल्म कमाई कर लेगी. ये कमाई कितनी होगी इसका फैसला वीकेंड कर देगा मगर हम इतना ज़रूर कहेंगे की अगर आप तनाव कम करने के लिए थियेटर का रुख करते हैं तो ये फिल्म केवल और केवल आपके लिए है और आपको इसे जरूर देखना चाहिए. दावा हमारा भी यही है कि आयुष्मान की एक्टिंग और हितेश का निर्देशन आपको निराश तो बिलकुल नहीं करेगा.
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