वरुण धवन ने करीब दस साल पहले बतौर अभिनेता करण जौहर के बैनर धर्मा प्रोडक्शन की फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर' से डेब्यू किया था. यह एक कमिंग ऑफ़ एज रोमांटिक ड्रामा थी जिसमें वरुण के साथ आलिया भट्ट और सिद्धार्थ मल्होत्रा नजर आए थे. पहली ही फिल्म से वरुण और उनके साथी कलाकारों ने दर्शकों का जोरदार ध्यान खींचा. खासकर एक अभिनेता के रूप में वरुण धवन ने पहली ही फिल्म से जिस तरह की शुरुआत पाई, साल 2018 में सुई धागा के आने तक उनकी एक पर एक सफलता का सिलसिला जारी रहा.
सुई धागा तक पिछले दस साल में एकाध ऐसे मौके आए जब वरुण की कोई फिल्म कारोबारी लिहाज से औसत साबित हुई हो. बाकी 11 फ़िल्में या तो सुपरहिट रहीं, या हिट या औसत. फ्लॉप उनके खाते में दर्ज नहीं था. एक नए नवेले सितारे के लिए यह बड़ी बात है. उल्लेखनीय तो यह भी है कि 2018 तक वरुण ने हर तरह की फ़िल्में कीं. रोमांटिक, कॉमेडी, एक्शन थ्रिलर, सोशल- सभी तरह की फ़िल्में. उनके अलग-अलग किरदारों की जमकर तारीफ़ हुई. समीक्षकों ने उन्हें हमेशा संभावनाशील एक्टर पाया. मगर साल 2020 में कोरोना महामारी के आने से पहले वरुण का करियर ट्रैक से उतर चुका था.
बॉक्स ऑफिस पर डूब गई थी वरुण की कलंक और स्ट्रीट डांसर 3 डी
वरुण धवन, करण जौहर के स्कूल से निकले सक्षम अभिनेता हैं. जौहर ने एक्टर को लेकर कई फ़िल्में बनाई हैं. लेकिन सुई धागा की कामयाबी के ठीक बाद साल 2019 में धर्मा प्रोडक्शन से आई वरुण की फिल्म 'कलंक' ने निराश किया. कलंक बड़े स्केल की फिल्म थी. इसमें वरुण के साथ-साथ संजय दत्त, माधुरी दीक्षित, सोनाक्षी सिन्हा और आदित्य कपूर जैसे अभिनेता थे. फिल्म का प्रचार प्रसार भी जोर शोर से हुआ था. बावजूद कलंक के भारी भरकम सेट और बेजोड़ स्टारकास्ट, दर्शकों को आकर्षित नहीं कर पाई.
वरुण धवन ने करीब दस साल पहले बतौर अभिनेता करण जौहर के बैनर धर्मा प्रोडक्शन की फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर' से डेब्यू किया था. यह एक कमिंग ऑफ़ एज रोमांटिक ड्रामा थी जिसमें वरुण के साथ आलिया भट्ट और सिद्धार्थ मल्होत्रा नजर आए थे. पहली ही फिल्म से वरुण और उनके साथी कलाकारों ने दर्शकों का जोरदार ध्यान खींचा. खासकर एक अभिनेता के रूप में वरुण धवन ने पहली ही फिल्म से जिस तरह की शुरुआत पाई, साल 2018 में सुई धागा के आने तक उनकी एक पर एक सफलता का सिलसिला जारी रहा.
सुई धागा तक पिछले दस साल में एकाध ऐसे मौके आए जब वरुण की कोई फिल्म कारोबारी लिहाज से औसत साबित हुई हो. बाकी 11 फ़िल्में या तो सुपरहिट रहीं, या हिट या औसत. फ्लॉप उनके खाते में दर्ज नहीं था. एक नए नवेले सितारे के लिए यह बड़ी बात है. उल्लेखनीय तो यह भी है कि 2018 तक वरुण ने हर तरह की फ़िल्में कीं. रोमांटिक, कॉमेडी, एक्शन थ्रिलर, सोशल- सभी तरह की फ़िल्में. उनके अलग-अलग किरदारों की जमकर तारीफ़ हुई. समीक्षकों ने उन्हें हमेशा संभावनाशील एक्टर पाया. मगर साल 2020 में कोरोना महामारी के आने से पहले वरुण का करियर ट्रैक से उतर चुका था.
बॉक्स ऑफिस पर डूब गई थी वरुण की कलंक और स्ट्रीट डांसर 3 डी
वरुण धवन, करण जौहर के स्कूल से निकले सक्षम अभिनेता हैं. जौहर ने एक्टर को लेकर कई फ़िल्में बनाई हैं. लेकिन सुई धागा की कामयाबी के ठीक बाद साल 2019 में धर्मा प्रोडक्शन से आई वरुण की फिल्म 'कलंक' ने निराश किया. कलंक बड़े स्केल की फिल्म थी. इसमें वरुण के साथ-साथ संजय दत्त, माधुरी दीक्षित, सोनाक्षी सिन्हा और आदित्य कपूर जैसे अभिनेता थे. फिल्म का प्रचार प्रसार भी जोर शोर से हुआ था. बावजूद कलंक के भारी भरकम सेट और बेजोड़ स्टारकास्ट, दर्शकों को आकर्षित नहीं कर पाई.
सिर्फ कलंक ही नहीं, 2020 की शुरुआत में कोरोना महामारी से पहले आई स्ट्रीट डांसर 3 डी भी नाकाम रही. इससे पहले स्ट्रीट डांसर्स की कहानी को दिखाने वाली वरुण की फिल्म ABCD 2 जबरदस्त कामयाब थी. दो फिल्मों की लगातार असफलता से करियर में पहली बार वरुण गच्चा खाते दिखें. बॉक्स ऑफिस पर वे अपना ट्रैक फिर संभाल पाते, महामारी का साया फिल्म इंडस्ट्री पर पड़ा चुका था. देश को दो बार लंबे लॉकडाउन में जाना पड़ा और सिनेमाघरों पर उसका व्यापक असर दिखा. वरुण भी इससे बच नहीं पाए.
कोरोना की वजह से कूली नंबर 1 सिनेमाघरों में नहीं आ पाई थी
पिता के निर्देशन में बनी उनकी 'कूली नंबर 1' को आना तो सिनेमाघरों में था, लेकिन हालात ऐसे बन गए कि निर्माताओं ने उसे ओटीटी पर रिलीज किया. ओटीटी का कारोबारी सिस्टम अलग है. कहा गया कि फिल्म दर्शकों को पसंद आई. इस तरह बॉक्स ऑफिस पर एक्टर की गाड़ी उसी मोड़ पर खाड़ी थी जहां कलंक और स्ट्रीट डांसर 3 के रूप में उन्हें दो बड़ी नाकामियों का सामना करना पड़ा था. जुग जुग जियो के साथ दो साल बाद सिनेमाघरों में वरुण के सामने कई तरह की चुनौतियां थीं.
एक तो दो साल के अंदर कई चीजें वरुण धवन जैसे सितारों और बॉलीवुड के खिलाफ हो गई थीं. सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद बॉलीवुड को लेकर लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर था. बॉलीवुड का जबरदस्त विरोध तो हो ही रहा था, फ़िल्मी परिवारों से आने वाले सितारों का भी खूब विरोध हो रहा था. 'मठाधीश' के रूप में करण जौहर हर किसी के निशाने पर थे. इस बीच बॉलीवुड से रिलीज हुई फिल्मों पर निगेटिव कैम्पेन का असर भी दिखा. सिनेमाघरों में आई कई फिल्मों को खामखा फ्लॉप होना पड़ा. वजह कोरोना के बाद के हालात तो थे ही, बॉलीवुड के खिलाफ निगेटिव कैम्पेन भी था.
बड़े-बड़े बैनर और बड़े-बड़े सितारों की फ़िल्में फ्लॉप हुईं. उलटे दक्षिण के सितारों की फिल्मों (पुष्पा: द राइज, आरआरआर और केजीएफ 2) ने विपरीत हालात के बावजूद हिंदी टेरिटरी में रिकॉर्डतोड़ बिजनेस कर ना हिंदी सिनेमा के विश्लेषकों को हैरान परेशान कर दिया बल्कि कुछेक छोड़कर बॉलीवुड की लगातार फ्लॉप होती फ़िल्में आगे भी उनके डूबते भविष्य की मुनादी कर रही थीं. ऐसे माहौल में 'जुग जुग जियो' को लेकर तमाम आशंकाएं थीं. सबसे बड़ी आशंका तो यही थी कि फिल्म करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन से बनकर निकली थी. दूसरा- वरुण धवन खुद एक फ़िल्मी परिवार से हैं और उन्हें करण जौहर के पसंदीदा एक्टर्स में शुमार किया जाता है.
मुश्किल हालात में जुग जुग जियो ने आशंकाओं को किया दरकिनार
निगेटिव कैम्पेन का ट्रेंड, टिकट खिड़की पर ज्यादातर बॉलीवुड फिल्मों का हांफता बॉक्स ऑफिस देखकर आशंका थी कि वरुण धवन की फैमिली कॉमेडी ड्रामा शायद ही मुश्किल परीक्षा में कामयाब हो. टिकट खिड़की भी बहुत खाली नहीं थी. वरुण की फिल्म से पहले और बाद में कई फ़िल्में रिलीज के लिए लाइनअप थीं. बावजूद 24 जून को रिलीज फिल्म ने ओपनिंग कलेक्शन से सबको हैरान कर किया. पहले दिन फिल्म ने देसी बॉक्स ऑफिस पर 9.28 करोड़ का उल्लेखनीय कलेक्शन निकाला. वीकएंड में भी फिल्म का कलेक्शन स्केल के हिसाब से शानदार ही कहा जाएगा. तीन दिन के वीकएंड में फिल्म ने कुल 36.93 करोड़ कमाए.
रॉकेट्री द नाम्बी इफेक्ट और राष्ट्रकवच ओम जैसी फिल्मों के सिनेमाघर में आने के बावजूद दूसरे हफ्ते भी वरुण की फिल्म के बिजनेस में पेस देखा जा सकता है. तरण आदर्श के मुताबिक़ दूसरे शुक्रवार को 3.03 करोड़, शनिवार को 4.75 करोड़, रविवार को 6.10 करोड़, सोमवार को 1.80 करोड़ और मंगलवार को 1.75 करोड़ की कमाई हुई. यानी देश में फिल्म ने अब तक 71.09 करोड़ कमा लिए. दो हफ्ते पूरा करने के साथ यह फिल्म 75 करोड़ कमा लेगी. जुग जुग जियो में वरुण में के साथ अनिल कपूर, नीतू सिंह कपूर, कियारा आडवाणी और मनीष पॉल अहम भूमिकाओं में हैं.
वरुण धवन की कामयाबी में करण जौहर का ही हाथ
वरुण को बॉक्स ऑफिस पर जुग जुग जियो ने जो कामयाबी दिलवाई है उन्हें शायद इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. कामयाबी के मायने के इसलिए भी हैं कि आयुष्मान खुराना, राजकुमार राव, रणवीर सिंह और यहां तक कि अक्षय कुमार की पिछली फ़िल्में लगातार फ्लॉप साबित हुई हैं. वरुण के फिल्म की कामयाबी में कहीं ना कहीं करण जौहर का ही योगदान माना जाएगा. जौहर को लेकर मशहूर है कि उन्हें फिल्म मार्केट की हर नब्ज पता है. उन्हें पता है कि किसी कंटेंट को कैसे बेचना है. डिस्ट्रीब्यूशन के मास्टर कहे जाते हैं वे.
कुछ महीनों पहले तक करण जौहर बहुत बातूनी थे. उनके बयान अक्सर सुर्ख़ियों में रहते थे. लेकिन सुशांत की आत्महत्या के बाद ऐसा कभी नहीं दिखा कि करण किसी मसले पर अपनी बेल्लौस राय रख रहे हों. सोशल मीडिया पर वे लगभग चुप नजर आ रहे हैं. शाहरुख और गौरी का फैमिली फ्रेंड होने के बावजूद करण ने उनके साथ कोई फिल्म बनाने में रुचि नहीं दिखाई. जबकि कई बड़े निर्माता शाहरुख को साइन करने का जोखिम उठा रहे हैं. शाहरुख ही क्यों, करण ने सलमान या आमिर खान जैसे सितारों को लेकर भी फिल्म बनाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई. यहां तक कि अपने ड्रीम प्रोजेक्ट 'तख़्त' को भी होल्ड पर रख दिया.
करण जौहर ने केसरी जैसी पीरियड ड्रामा अक्षय कुमार को लेकर बनाई. इसके लिए उनकी आलोचना भी हुई. शेरशाह जैसी फिल्म बनाई और लो प्रोफाइल सितारों को लेकर काम कर रहे हैं. कई हिट फ़िल्में देने के बावजूद वरुण धवन भी बॉलीवुड की तड़क भड़क से दूर नजर आते हैं. समीक्षाओं में जुग जुग जियो को किसी ने भी असाधारण कहानी नहीं बताया. बावजूद उसका दो हफ़्तों में हिट हो जाना साबित करता है कि जौहर का मैनेजमेंट फिर सक्सेस हुआ और वरुण धवन समेत फिल्म से जुड़ी स्टारकास्ट ने एक जरूरी कामयाबी से राहत की संस ली होगी.
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