कोरोना संकट काल में लॉकडाउन से जिन लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है, उनमें मजदूर, खासकर प्रवासी मजदूरों की संख्या सबसे ज्यादा है. लॉकडाउन की वजह से काम-धंधा अचानक रुक गया और इन दिहाड़ी मजदूरों की आय का जरिया भी अचानक से खत्म हो गया. ऐसे वक्त में फिल्म एक्टर सोनू सूद प्रवासी मजदूरों के के लिए मसीहा बनकर सामने आए हैं. बीते मार्च महीने में लॉकडाउन लागू होने के कुछ दिनों बाद जिस तरह हजारों-लाखों मजदूर घर जाने की जद्दोजहद में अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर के सफर में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ निकल पड़े, इसे देख सोनू सूद ने अपने स्तर से प्रवासी मजदूरों को घर भेजने की मुहिम शुरू की और अपनी दोस्त नीति गोयल के साथ उन्होंने एक लाख से ज्यादा मजदूरों को मुंबई से बस, ट्रेन और यहां तक कि हवाई जहाज के जरिये घर भेजा और सफर के दौरान इनके खाने-पीने का इंतजाम किया.
इन मजदूरों के लिए सोनू सूद किसी भगवान से कम नहीं थे. अब चूंकि मजदूर घर पहुंच गए हैं, ऐसे में अब सोनू सूद ने बेरोजगार मजदूरों के लिए प्रवासी रोजगार मुहिम शुरू की है और इसके लिए पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जिसकी मदद से वह उन मजदूरों को नौकरी दिलाने में हरसंभव मदद करेंगे. यह ऐसा प्रयास है, अगर इसका असर दिख गया तो वाकई आने वाले समय में सोनू सूद की पॉप्युलैरिटी और उनकी मजदूरों के मसीहा वाली छवि लाखों लोगों के मन में ऐसे इंसान के रूप में घर करेगी, जिसने वाकई संकट की स्थिति में लाखों लोगों की ज़िंदगी संवारी.
कोरोना संकट की वजह से प्रवासी मजदूर की आय का जरिया ही छिन गया है, लाखों मजदूर दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई समेत अन्य महानगरों से पलायन कर घर को लौट गए हैं और फिलहाल घर...
कोरोना संकट काल में लॉकडाउन से जिन लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है, उनमें मजदूर, खासकर प्रवासी मजदूरों की संख्या सबसे ज्यादा है. लॉकडाउन की वजह से काम-धंधा अचानक रुक गया और इन दिहाड़ी मजदूरों की आय का जरिया भी अचानक से खत्म हो गया. ऐसे वक्त में फिल्म एक्टर सोनू सूद प्रवासी मजदूरों के के लिए मसीहा बनकर सामने आए हैं. बीते मार्च महीने में लॉकडाउन लागू होने के कुछ दिनों बाद जिस तरह हजारों-लाखों मजदूर घर जाने की जद्दोजहद में अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर के सफर में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ निकल पड़े, इसे देख सोनू सूद ने अपने स्तर से प्रवासी मजदूरों को घर भेजने की मुहिम शुरू की और अपनी दोस्त नीति गोयल के साथ उन्होंने एक लाख से ज्यादा मजदूरों को मुंबई से बस, ट्रेन और यहां तक कि हवाई जहाज के जरिये घर भेजा और सफर के दौरान इनके खाने-पीने का इंतजाम किया.
इन मजदूरों के लिए सोनू सूद किसी भगवान से कम नहीं थे. अब चूंकि मजदूर घर पहुंच गए हैं, ऐसे में अब सोनू सूद ने बेरोजगार मजदूरों के लिए प्रवासी रोजगार मुहिम शुरू की है और इसके लिए पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जिसकी मदद से वह उन मजदूरों को नौकरी दिलाने में हरसंभव मदद करेंगे. यह ऐसा प्रयास है, अगर इसका असर दिख गया तो वाकई आने वाले समय में सोनू सूद की पॉप्युलैरिटी और उनकी मजदूरों के मसीहा वाली छवि लाखों लोगों के मन में ऐसे इंसान के रूप में घर करेगी, जिसने वाकई संकट की स्थिति में लाखों लोगों की ज़िंदगी संवारी.
कोरोना संकट की वजह से प्रवासी मजदूर की आय का जरिया ही छिन गया है, लाखों मजदूर दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई समेत अन्य महानगरों से पलायन कर घर को लौट गए हैं और फिलहाल घर में बेरोजगार बैठे हैं. कोविड 19 के कारण निकट भविष्य में भी जनजीवन सामान्य होने और उनके काम पर लौटने की संभावना नहीं दिख रही है. ऐसे में दिनानुदिन इन मजदूरों की स्थिति काफी दयनीय हो रही है. राज्य सरकारों ने इन मजदूरों को कुछ आर्थिक मदद तो की, लेकिन ये मदद उनके लिए 10 दिन के खाने के सामान जुटाने से ज्यादा नहीं थी. ऐसी हालत में सोनू सूद ने ‘प्रवासी मजदूरों को घर भिजवाएं’ मुहिम की सफलता के बाद ‘प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलाएं’ मुहिम पर फोकस किया और प्रवासी रोजगार मुहिम की शुरुआत की. मुख्य रूप से भारत के 116 जिलों में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर लौटे, जिनमें बिहार, यूपी, झारखंड समेत अन्य कई राज्यों के मजदूर थे. इस मुहिम के लिए सोनू सूद ने Pravasi Rojgar नामक ऐप और वेब पोर्टल लॉन्च किया. सोनू सूद की इस मुहिम का मकसद कोरोना संकट काल में घर बैठे लाखों-करोड़ों प्रवासी मजदूरों को उनकी क्षमता अनुसार रोजगार दिलाना है और एक जरिया बनना है, जिसके जरिये नौकरी देने वाले और नौकरी ढूंढने वाले मिलें.
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— Pravasi Rojgar (@PravasiRojgar) July 24, 2020
‘अब है रोजगार की बारी, अब इंडिया बनेगा कामयाब’
बीते 23 जुलाई को सोनू सूद ने प्रवासी रोजगार मुहिम की शुरुआत की और इस मुहिम के बारे में अब धीरे-धीरे लोगों को जानकारी मिल रही है. दरअसल, इस मुहिम की खास बात ये है कि चूंकि कोरोना की वजह से देशभर के मजदूर नौकरी के लिए महानगर लौट नहीं सकते, ऐसे में उन्हें उनके गांव में या आसपास ऐसी जगहों पर नौकरी की व्यवस्था की जाए, जहां वह कुछ पैसे कमा सके और अपना घर चला सकें. जो लोग महानगर आकर फिर से जॉब करना चाहते हैं, उनके लिए भी यह मुहिम अहम है. सोनू सूद का कहना है- ‘अब है रोजगार की बारी, अब इंडिया बनेगा कामयाब’. दरअसल, जानकारी और शिक्षा के अभाव में बहुत से स्किल्ड मजदूर भी नौकरी नहीं ढूंढ पाते हैं, ऐसे में इस मुहिम के जरिये उन्हें सही दिशा दिखाई जाएगी और नौकरी दिलाने में मदद की जाएगी. सोनू सूद ने प्रवासी रोजगार मुहिम के तहत कुछ बातें कही हैं, पहले जरा उसे देख-सुन लेते हैं.
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-जॉब ना होना अब फिक्र की बात नहीं. हमें कॉल करें या रजिस्टर करें हमारी वेबसाइट पर और हम साथ देंगे आपका सही रोजगार पाने में. हुनर होगा तो ज़िंदगी भी बनेगी बेहतर.
हाउस मेड से लेकर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स तक
सोनू सूद की इस कोशिश से Construction, Healthcare, Logistics, Security, Agriculture, Food Processing, Call Centre Executives, Auto Service Technicians, Welders, Fitters, IT/ITES, House Maids और Mobile Repair समेत अन्य कई सेक्टर्स से जुड़े ऐसे लोगों को मदद मिलेगी, जिनकी नौकरी लॉकडाउन की वजह से चली गई. यहां तक कि प्रवासी रोजगार मुहिम के जरिये मजदूरों के लिए स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग की व्यवस्था भी कराई जाएगी, ताकि वे काम में दक्षता हासिल कर सकें. इसके लिए कई संगठन सोनू सूद की मदद करेंगे और मजदूरों को नौकरी दिलाने की भूमिका का निर्वहन करेंगे. प्रवासी रोजगार पोर्टल की मानें तो 450 से ज्यादा कंपनियां या संगठनों प्रवासी मजदूर मुहिम से जुड़े हैं और महज 4 दिनों में 1,00,000 से ज्यादा लोगों को इन कंपनी या संगठनो में नौकरी सुनिश्चित हुई है. दरअसल, लॉकडाउन की वजह से एक करोड़ से ज्यादा मजदूर घर लौट गए हैं, ऐसे में कई कंपनियों में दक्ष मजदूरों की कमी हो गई है और उनका काम प्रभावित हुआ है. ऐसे में वे भी कोशिश में हैं कि जैसे जैसे देश अनलॉक हो रहा है और हालात सामान्य हो रहे हैं, वैसे ही वे भी अपने काम-धंधे को दोबारा पटरी पर लाएं और इसके लिए मजदूरों की जरूरत होगी. ऐसे में प्रवासी रोजगार मुहिम का धीरे-धीरे असर दिख रहा है.
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— Pravasi Rojgar (@PravasiRojgar) July 23, 2020
कैसी मिलेगी नौकरी और कौन देगा नौकरी
प्रवासी रोजगार पोर्टल एक ऐसा प्लैटफॉर्म है, जहां नौकरी चाहने वाले और नौकरी देने वाले दोनों मौजूद हैं. अगर आपको नौकरी चाहिए तो आप अपनी दक्षता के अनुसार जॉब प्रोफाइल सर्च कीजिए और रजिस्ट्रेशन कर बताइए कि मैं इस तरह की नौकरी कर सकता हूं. इसके बाद जॉब देने वाले आपसे बात करेंगे और जानेंगे कि आप क्या कर सकते हैं. इस बीच जरूरत पड़ने पर आपकी ट्रेनिंग की व्यवस्था भी की जाएगी, ताकि आपको इंडस्ट्री में किसी तरह की दिक्कत न हो. प्रवासी रोजगार प्लैटफॉर्म पर आपको जॉब के लिए रजिस्ट्रेशन कराने से लेकर नौकरी मिलने तक हर तरह की मदद की जाएगी. इसी तरह जिस कंपनी या संगठन को मजदूरों या कामगारों की आवश्यकता है, वे प्रवासी रोजगार पर कैंडिडेट की प्रोफाइल देख सकते हैं और दक्ष लोगों को नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं. जिन लोगों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा, उनकी ट्रेनिंग या स्किल डेवलपमेंट कोर्स की व्यवस्था भी कराई जाएगी. प्रवासी रोजगार पोर्टल के सदस्य इन कंपनियों या संगठनों की हरसंभव मदद करेंगे.
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— Pravasi Rojgar (@PravasiRojgar) July 23, 2020
रोजगार दिलाने की यह मुहिम रंग लाएगी
प्रवासी रोजगार मुहिम में मजदूर घर बैठे अपने मोबाइल से प्रवासी रोजगार ऐप पर आसानी से नौकरी ढूंढ सकते हैं और नौकरी से जुड़े हर तरह के सवाल पूछ सकते हैं. प्रवासी रोजगार मुहिम के जरिये इंग्लिश बोलना सिखाने वालों के लिए भी नौकरी की व्यवस्था की जाएगी. फिलहाल दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोयंबटूर, अहमदाबाद और तिरुवनंतपुरम में 24/7 सपोर्ट सेंटर खोला गया है, जहां जरूरतमंद फोन कर जानकारी हासिल कर सकते हैं. सोनू सूद की इस मुहिम से जो बड़ी-बड़ी कंपनियां और संगठन लोगों को नौकरी देने की कोशिश में जुटे हैं, उनमें अमेजन, मैक्स हेल्थकेयर, जेबीएम ग्रुप, अर्बन कंपनी, सिल्वर स्पार्क, पोर्टिया, सोडेक्सो और वेल्सपन इंडिया प्रमुख हैं, माना जा रहा है कि आने वाले समय में और भी कंपनियां इससे जुड़ेंगी और लोगों को रोजगार देने से जुड़ी इस मुहिम का व्यापक असर दिखेगा.
बहुत बड़ा काम कर रहे हैं सोनू सूद
पिछले कुछ महीनों के दौरान एक कहावत काफी प्रचलित हुई कि हमें आपदा में अवसर की तलाश करनी चाहिए. इस कहावत को किसी ने चरितार्थ किया है तो वो हैं सोनू सूद. 4 महीने पहले तक दुनिया सोनू सूद को एक ऐसे एक्टर के रूप में जानती थी, जो फ़िल्मों में विलेन का किरदार निभाता है. लेकिन इस इंसान ने कोरोना संकट काल में लाखों असहाय गरीब मजदूरों को घर पहुंचाकर इतना बड़ा परोपकारी काम किया है, जिसे दुनिया वर्षों तलक याद रखेगी. अब लाखों-करोड़ों गरीब मजदूरों को वापस काम पर लगाने की कोशिश में जुटे सोनू सूद की प्रवासी रोजगार मुहिम सफल हो जाती है तो यह न सिर्फ सैकड़ों कंपनियों के लिए, बल्कि लाखों-करोड़ों गरीब मजदूरों की ज़िंदगी संवारने और देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में किया गया एक महत्वपूर्ण कार्य साबित होगा. साथ ही लाखों लोगों के चेहरे पर खुशी लाने वाले मसीहा के रूप में सोनू सूद को दुनिया लंबे समय तक याद रखेगी. सोनू सूद की इस कोशिश में उनके कई करीबी, गैर सरकारी संगठन, राज्य और केंद्र सरकार, नामी-गिरामी कंपनियां और सैकड़ों लोगों का साथ है.
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