कोरोना काल में जरूरमंदों की मदद करके रीयल लाइफ हीरो बने सोनू सूद ने आयकर विभाग द्वारा की गई कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया दे दी है. फिल्म अभिनेता ने बिना किसी व्यक्ति या संस्था का नाम लिए या लिखे कहा कि उनके फाउंडेशन का एक-एक रुपया कीमती है. इतना ही नहीं ये सारा पैसा लोगों की जिंदगी बचाने और जरूरतमंदों की सेवा में खर्च किए जाने के लिए है. उन्होंने देश सेवा का संकल्प लिया है, जिसे वो पूरी क्षमता के साथ निभाते रहेंगे. लेकिन, सोनू सूद ने उन स्पष्ट आरोपों और सबूतों को लेकर एक शब्द नहीं कहा है, जो आयकर विभाग ने उनके ठिकानों से जुटाए हैं. कोरोना काल में सोनू की समाजसेवा से प्रभावित लोग आयकर विभाग को ही निशाना बना रहे हैं. जिन लोगों को राजनीतिक बहस में रुचि है, वो ये दलील दे हैं कि चूंकि सोनू ने आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल से खुद को जोड़ा है, इसलिए मोदी सरकार उनसे बदला लेना चाहती है.
इन सब आरोप-प्रत्यारोप के बीच आयकर विभाग ने सोनू सूद से जुड़ी हैरान करने वाली जानकारी सार्वजनिक की है. सोनू के ठिकानों से बरामद कागजात और जो रिकॉर्ड मिले हैं, उससे उनकी आर्थिक गतिविधियों पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं. जैसे-
-सोनू के रिकार्ड में 20 बोगस इंट्री मिली हैं, जिनसे पता चला है कि कैश के बदले चेक देने का काम हुआ है. पैसा देने वालों ने शपथ देकर ये स्वीकारा भी है.
-प्रोफेशनल आमदनी को कई जगह रिकॉर्ड में लोन की शक्ल में दिखाकर टैक्स चोरी की गई है.
-ये भी पता चला है कि यही बोगस लोन्स का इस्तेमाल निवेश और प्रॉपर्टी खरीदने में हुआ.
-अब तक 20 करोड़ रुपए की कर चोरी का पता चला है.
-कोविड महामारी फैलने के दौरान सोनू ने जुलाई 2020 में सूद चैरिटी फाउंडेशन का गठन किया था. आयकर विभाग के अनुसार इस संस्था में FCRA (फॉरेन करेंसी रेगुलेशन एक्ट) का उल्लंघन करते हुए विदेशों से पैसा लिया गया है. इस संस्था को 1 अप्रैल 2021 तक करीब 19 करोड़ रुपए डोनेशन के रूप में मिले, जिसमें से दो करोड़ रुपए ही खर्च किए गए. बाकी पैसा...
कोरोना काल में जरूरमंदों की मदद करके रीयल लाइफ हीरो बने सोनू सूद ने आयकर विभाग द्वारा की गई कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया दे दी है. फिल्म अभिनेता ने बिना किसी व्यक्ति या संस्था का नाम लिए या लिखे कहा कि उनके फाउंडेशन का एक-एक रुपया कीमती है. इतना ही नहीं ये सारा पैसा लोगों की जिंदगी बचाने और जरूरतमंदों की सेवा में खर्च किए जाने के लिए है. उन्होंने देश सेवा का संकल्प लिया है, जिसे वो पूरी क्षमता के साथ निभाते रहेंगे. लेकिन, सोनू सूद ने उन स्पष्ट आरोपों और सबूतों को लेकर एक शब्द नहीं कहा है, जो आयकर विभाग ने उनके ठिकानों से जुटाए हैं. कोरोना काल में सोनू की समाजसेवा से प्रभावित लोग आयकर विभाग को ही निशाना बना रहे हैं. जिन लोगों को राजनीतिक बहस में रुचि है, वो ये दलील दे हैं कि चूंकि सोनू ने आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल से खुद को जोड़ा है, इसलिए मोदी सरकार उनसे बदला लेना चाहती है.
इन सब आरोप-प्रत्यारोप के बीच आयकर विभाग ने सोनू सूद से जुड़ी हैरान करने वाली जानकारी सार्वजनिक की है. सोनू के ठिकानों से बरामद कागजात और जो रिकॉर्ड मिले हैं, उससे उनकी आर्थिक गतिविधियों पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं. जैसे-
-सोनू के रिकार्ड में 20 बोगस इंट्री मिली हैं, जिनसे पता चला है कि कैश के बदले चेक देने का काम हुआ है. पैसा देने वालों ने शपथ देकर ये स्वीकारा भी है.
-प्रोफेशनल आमदनी को कई जगह रिकॉर्ड में लोन की शक्ल में दिखाकर टैक्स चोरी की गई है.
-ये भी पता चला है कि यही बोगस लोन्स का इस्तेमाल निवेश और प्रॉपर्टी खरीदने में हुआ.
-अब तक 20 करोड़ रुपए की कर चोरी का पता चला है.
-कोविड महामारी फैलने के दौरान सोनू ने जुलाई 2020 में सूद चैरिटी फाउंडेशन का गठन किया था. आयकर विभाग के अनुसार इस संस्था में FCRA (फॉरेन करेंसी रेगुलेशन एक्ट) का उल्लंघन करते हुए विदेशों से पैसा लिया गया है. इस संस्था को 1 अप्रैल 2021 तक करीब 19 करोड़ रुपए डोनेशन के रूप में मिले, जिसमें से दो करोड़ रुपए ही खर्च किए गए. बाकी पैसा फाउंडेशन के खाते में यूं ही पड़ा है. (हालांकि, सोनू ने अपने बयान में इस बारे में कहा है कि वे इन पैसों को समाजसेवा में ही खर्च करेंगे.)
-सोनू सूद पर बोगस कंपनियों के जरिए लखनऊ की एक रियल एस्टेट फर्म के साथ संदिग्ध लेन-देन करने का भी आरोप है. जिस पर आयकर विभाग ने अलग से छापा मारा है.
इन सब तथ्यों से परे सोनू सूद ने एक भावनात्मक बयान जारी किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है, 'सख्त राहों में भी आसान सफर लगता है, हर हिंदुस्तानी की दुआओं का असर लगता है. हर बार आपको अपनी तरफ की स्टोरी नहीं बतानी पड़ती है. वक्त बताएगा. मैंने अपनी पूरी ताकत और दिल से भारत के लोगों की सेवा करने का प्रण लिया है. मेरे फाउंडेशन का एक-एक रुपया कीमती जिंदगी बचाने और जरूरतमंदों के लिए है. कई मौकों पर मैंने विज्ञापन के ब्रांड्स को प्रोत्साहित किया है कि वे मेरी फीस को मानवता की सेवा में डोनेट करें, ताकि कभी पैसे की कमी न पड़े. मैं कुछ मेहमानों की आवभगत करने में व्यस्त था और इसलिए 4 दिनों से आपकी सेवा के लिए उपलब्ध नहीं था. अब मैं एक बार फिर पूरी विनम्रता के साथ आपकी सेवा में जिंदगीभर के लिए वापस आ गया हूं. कर भला, हो भला, अंत भले का भला. मेरा सफर जारी रहेगा. जय हिंद!' सोनू ने साफ किया कि फाउंडेशन का पैसा सही समय पर सही व्यक्ति पर खर्च किया जाएगा.
आयकर विभाग की कई टीमें पिछले 16 सितंबर से सोनू सूद से संबंधित 28 जगहों पर जाकर टैक्स सर्वे का काम कर रही थीं. इनमें सोनू फाउंडेशन का ऑफिस, उत्तर प्रदेश बेस्ड एक रियल स्टेट कंपनी के लखनऊ, मुंबई, कानपुर, जयपुर और गुरुग्राम स्थित ऑफिस में सर्वे की कार्रवाई की गई. इसके बाद आयकर विभाग ने आरोप लगाया था कि सोनू सूद और उनके सहयोगियों ने 20 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी की है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने भी यह आरोप लगाया है कि जब आयकर विभाग ने सोनू सूद और उनसे जुड़े लखनऊ स्थित ग्रुप के परिसरों पर छापा मारा, तो यह पाया गया कि उन्होंने अपनी बिना हिसाब की आय को कई फर्जी संस्थाओं से फर्जी लोन के रूप में दिखाया है. विभाग ने सूद पर विदेशों से चंदा जुटाने के दौरान विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया है.
क्या ये कार्रवाई का मुकम्मल जवाब है?
आयकर विभाग के 20 करोड़ रुपए टैक्स चोरी के सनसनीखेज आरोप के बाद सोनू सूद का बिना किसी संस्था का नाम लिए अपना बयान जारी करना समझ से परे है. हालांकि, विभाग ने भी सीधे तौर पर सोनू का नाम लिए बिना उनकी सहयोगी संस्थाओं पर चोरी का आरोप लगाया है, लेकिन फिर भी अभिनेता को अपना कद देखते हुए अपने पक्ष को मजबूती के साथ लोगों के सामने रखना चाहिए. जिस दिन ये खबर सामने आई कि सोनू से संबंधित संस्थाओं पर आयकर विभाग की कार्रवाई हो रही है, उस दिन सोशल मीडिया पर अपार जनसमर्थन उनके पक्ष में लिख रहा था. लोगों ने सीधा सरकार पर हमला करते हुए सोनू का समर्थन किया. ऐसे में क्या सच है, उनके फैंस को जानने का पूरा हक है. यदि आयकर विभाग उनके फाउंडेशन पर 20 करोड़ टैक्स चोरी का आरोप लगा रहा है और उन्होंने ऐसा नहीं किया है, तो खुलकर अपनी बात कहनी चाहिए. ऐसे नहीं कि बिना किसी का नाम लिए शायरी में अपनी बात कह जाएं. इस तरह तो मामला पेंचीदा हो जाएगा. सोनू को मुकम्मल जवाब देना चाहिए.
सोशल मीडिया पर सोनू को व्यापक समर्थन
सोनू सूद के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर एक बार फिर उनको लोगों का व्यापक समर्थन मिल रहा है. लोग आयकर विभाग की कार्रवाई की निंदा करते हुए, उनको सही बता रहे हैं. एक यूजर उमा सिंह रितेश लिखते हैं, ''मैं गर्व महसूस करता हूं की अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट किलिमंजारो पर मैं आपका फोटो लेकर गया. वह दिन दूर नहीं जब मैं आपका फोटो विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर लेकर जाऊंगा. क्योंकि आप हमारे देश की शान हैं.'' अशरफ खान लिखते हैं, ''पूरे देश मे एक से बढ़कर एक भ्रष्ट नेता अफसर बैठे हैं. सबने मिलकर देश का बेड़ा गर्क कर रखा है. जो इंसान उम्मीद रूप में मिला है, उसके यहां भी छापा पड़ना अच्छी बात नहीं है. नेताओ से ज्यादा लोगों की मदद एक्टर करते हैं. हर एक्टर एक न एक सामाजिक संस्थाओं जुड़ा है. कोई शिक्षा का खर्च उठाता है. कोई पालन पोषण करता है. कोई किसी का ऑपरेशन करवाता है, लेकिन एक भी नेता ऐसा नहीं है जो कोई अच्छा काम करता हैं.''
लोगों ने राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया
आयकर विभाग इस कार्रवाई को कुछ लोग राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं. ऐसे लोगों का मानना है कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह से बढ़ती नजदीकियों की वजह से सोनू सूद के खिलाफ कार्रवाई की गई है. दरअसल, सोनू पंजाब और दिल्ली सरकार के लिए ब्रांड एम्बेसडर बने हैं. बीते 27 अगस्त को दिल्ली सरकार ने सोनू सूद को स्कूली छात्रों से जुड़े प्रोग्राम का ब्रांड एम्बेसडर बनाया है. इस दौरान उनके आम आदमी पार्टी में शामिल होने की अटकलें भी चली थीं, पर सोनू ने खुद कहा था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ उनकी सियासत पर कोई बात नहीं हुई. हालांकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री इस सर्वे से नाराज दिखाई दिए. उन्होंने ट्वीट कर कहा- ''सच्चाई के रास्ते पर लाखों मुश्किलें आती हैं, लेकिन जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है. सोनू सूद जी के साथ भारत के उन लाखों परिवारों की दुआएं हैं जिन्हें मुश्किल घड़ी में सोनू जी का साथ मिला था.''
महामारी में ऐसे 'मसीहा' बने थे सोनू सूद
सोनू सूद ने कोरोना काल में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान सबसे पहले प्रवासियों को उनके घर पहुंचाने का बीड़ा उठाया था. इसके बाद वे लगातार देश भर के लोगों की मदद करते रहे हैं. सोनू ने गुडवर्कर जॉब ऐप, स्कॉलरशिप प्रोग्राम भी चलाए हैं. वे देश में 16 शहरों में ऑक्सीजन प्लांट भी लगवा रहे हैं. कोरोना के दौरान किए गए सोनू के मानवीय कामों के लिए फैंस उन्हें मसीहा कहने लगे. 48 साल के सोनू हिन्दी, तेलुगु, कन्नड़ और तमिल फिल्मों में काम कर रहे हैं. वो बहुत जल्द एक पीरियड ड्रामा पृथ्वीराज में दिखाई देंगे. इसके अलावा वे तेलुगु एक्शन-ड्रामा आचार्य में भी काम कर रहे हैं. सितंबर 2020 में उनको संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (NDP) ने 2020 SDG स्पेशल ह्यूमैनिटेरियन एक्शन अवॉर्ड दिया था. फिलहाल वे देश के हर खास-ओ-आम की मदद के लिए सूद चैरिटी फाउंडेशन चला रहे हैं. इसी फाउंडेशन के जरिए पैसा इकठ्ठा करने और उसके जरिए टैक्स चोरी करने का आरोप आयकर विभाग ने सोनू सूद पर लगाया है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.