यूट्यूब कॉमेडी चैनल "बीबी की वाइन्स" के जरिए पूरे देश में मशहूर हुए यूट्यूबर भुवन बाम आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है. वो एक्टर, कॉमेडियन होने के साथ-साथ राइटर, सिंगर और सॉन्ग राइटर भी हैं. वो अपने वीडियोज में एक साथ कई किरदार करते हैं, जिन्हें लोग बहुत पसंद भी करते हैं. वीडियो के अलावा भुवन बाम को 'टीवीएफ वैचलर्स', 'ढ़ीढोरा' जैसी वेब सीरीज और 'एमटीवी अनप्लग्ड', 'बिग बॉस 15' जैसे टीवी शोज में भी देखा गया है. फिलहाल उनकी वेब सीरीज 'ताजा खबर' (Taaza Khabar) ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम की जा रही है. इसमें अपने दमदार अभिनय के जरिए भुवन ने एक बार फिर दिल जीत लिया है. हिमांक गौड़ के निर्देशन में बनी इस सीरीज में भुवन के साथ श्रिया पिलगांवकर, शिल्पा शुक्ला, अतिशा नायक, विजय निकम, मिथिलेश चतुर्वेदी, प्रथमेश परब, देवेन भोजानी, महेश मांजरेकर और जे डी चक्रवर्ती जैसे कलाकार अहम किरदारों में हैं.
''कभी कभी लगता है अपुन ही भगवान है''...नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज 'सेक्रेड गेम्स' के इस डायलॉग में भुवन बाम की सीरीज का सार छुपा है. इसमें भुवन के किरदार वसंत गावड़े को भी लगता है कि वो भगवान है. क्योंकि उसके पास भविष्य देखने की शक्ति है. उस शक्ति के जरिए वो किसी का भविष्य बदल सकता है. एक तरह से देखा जाए तो वेब सीरीज 'ताजा खबर' जादू और चमत्कार, धोखा और यकीन, श्राप और वरदान, किस्मत और कर्म के अंतर के सतही चिंतन पर आधारित लगता है. इसमें सभी कलाकारों ने अपना बेहतरीन अभिनय प्रदर्शन किया है. लेकिन सबसे मुख्य कहानी के मामले में सीरीज कमजोर पड़ जाती है. जैसे-जैसे एपिसोड आगे बढ़ते हैं, आगे क्या होने वाला है, समझ आ जाता है. एक निर्देशक को जो रोमांच और कौतूहल बनाकर रखना चाहिए, उसमें हिमांक गौड़ असफल साबित हुए हैं. तीसरे एपिसोड के बाद तो कई चीजें लॉजिक से परे होती दिखाई देती हैं.
भुवन बाम की वेब सीरीज 'ताजा खबर' ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम हो रही है.
'ताजा खबर' की कहानी वसंत गावड़े उर्फ वस्या (भुवन बाम) के इर्द-गिर्द घूमती है. वस्या मुंबई के बायकुला के एक चॉल में अपने परिवार के साथ रहता है. वहां एक सुलभ शौचालय में मैनेजर का काम करता है. लेकिन दिन के उजाले में भी करोड़पति बनने के सपने देखता रहता है. घर में मां-बाप दोनों हैं, लेकिन मां दूसरों के घरों में जाकर झाड़ू-बर्तन का काम करती है, तो बाप दिन भर शराब के नशे में लोगों से लड़ता रहता है. वस्या एक कोठेवाली के लिए हवाला के पैसे लाने-ले जाने का भी काम करता है. इसी दौरान उसकी मुलाकात एक सेक्स वर्कर मधु (श्रिया पिलगांवकर) से होती है. दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगते हैं. वस्या की तरह मधु की भी सपने बड़े हैं. वो कपड़ों का नया ब्रांड लॉन्च करना चाहती है. इसलिए धंधा करके पैसे जोड़ रही है. एक लोकल नेता और माफिया शेट्टी (जेडी चक्रवर्ती) मधु का रेगुलर ग्राहक है, जो कोठे की मालकिन के साथ हवाला का काम भी करता है.
एक दिन सुलभ शौचालय में एक बूढी महिला गिर जाती है. वहां लोगों की भीड़ लग जाती है, लेकिन कोई उसे उठाने नहीं जाता. तभी वस्या वहां पहुंचता है. वो बूढ़ी औरत को बाहर निकालकर लाता है. बूढ़ी महिला उसे वरदान देकर जाती है कि उसे हर चीज समय से पहले मिल जाएगी. इसके बाद अगली सुबह वस्या को पता चलता है कि जो भी घटना होने वाली होती है, वो कुछ समय पहले एक खबर के फॉर्मेट में उसके मोबाइल पर आ जाती है. वस्या को पहले इस पर विश्वास नहीं होता, लेकिन बाद में उसे एहसास हो जाता है कि उसके पास एक शक्ति आ गई है. वो अपनी प्रेमिका मधु (श्रिया पिलगांवकर), दोस्त पीटर (प्रथमेश परब), एक बेकरी के मालिक महबूब भाई (देवेन भोजानी) और उनकी इकलौती बेटी शाजिया (नित्या माथुर) के साथ मिलकर योजना बनाता है. उसके तहत सभी लोग उसके वरदान का फायदा उठाकर क्रिप्टो से लेकर क्रिकेट सट्टेबाजी तक में इस्तेमाल करते हैं.
इस तरह वस्या देखते ही देखते कुछ महीनों में पहले करोड़पति फिर अरबपति बन जाता है. लेकिन कहते हैं ना कि पैसा अपने साथ अहंकार लेकर आता है. वस्या के साथ भी यही होता है. वो अहंकार में अपने दोस्तों की बेइज्जती तक करने लगता है. अपनी प्रेमिका मधु का अपमान करता है. वो लोगों से कहता है कि उसे लगता है कि वो भगवान है. वस्या एक बार मुध से कहता है, ''भगवान किस्मत बदल सकता है, मैं भी किस्मत बदल सकता हूं. उसे कोई नहीं रोक सकता, मुझे भी कोई नहीं रोक सकता''. इस तरह झुग्गी बस्ती निकल कर वस्या भले ही महल में रहने लगता है, लेकिन उसकी सोच की वजह से उसके अपने उससे दूर होते जाते हैं. इधर शेट्टी का राजनीतिक कद भी बढ़ जाता है. वो लोकल नेता से राज्य का उप मुख्यमंत्री बन जाता है. उसके पास सरकारी तंत्र और पुलिस होती है, जिसका इस्तेमाल वो वस्या के खिलाफ करता है. उसे बर्बाद करना चाहता है. लेकिन क्या शेट्टी वस्या को बर्बाद कर पाएगा, क्या वस्या को अपनी गलती का एहसास होगा, वस्या का अंत क्या होगा? ये जानने के लिए आपको वेब सीरीज 'ताजा खबर' देखनी होगी.
इस वेब सीरीज का टाइटल 'ताजा खबर' सुनकर ऐसा लगता है कि इसमें मीडिया से जुड़ी कोई कहानी होगी, लेकिन यहां खबर का सरोकार केवल सूचना देने भर से हैं. ऐसा लगता है कि टाइटल को जस्टिफाई करने के लिए मोबाइल पर खबर फ्लैश होने वाली बात कहानी में जोड़ी गई है. इस सीरीज का सबसे मजबूत पहलू इसका अभिनय पक्ष है. सभी कलाकारों ने अपने किरदारों में बेहतरीन काम किया है. कुछ किरदार अंडर प्ले हुए हैं, लेकिन उनको जब भी मौका मिला है, वो छा गए हैं. वसंत गावड़े के किरदार में भुवन बाम निखरकर सामने आए हैं. वैसे उनकी एक्टिंग की तारीफ तो हमेशा होती रही है, लेकिन इस किरदार में उन्होंने जान डाल दी है. उनके साथ मधु के किरदार श्रिया पिलगांवकर और शेट्टी के किरदार में जेडी चक्रवर्ती ने भी जबरदस्त काम किया है. बस किस्मत के किरदार महेश मांजरेकर को क्यों कास्ट किया गया है, ये समझ नहीं आता. हिमांक गौड़ ने भुवन बाम के साथ 'ढीढोंरा' में भी काम किया था, लेकिन इस सीरीज के निर्देशन में उनसे चूक हो गई है. इसे बेहतर बनाया जा सकता था. कुल मिलाकर, इसे औसत दर्जे की वेब सीरीज कहा जा सकता है.
iChowk रेटिंग: 2.5/5
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.