इसमें कोई दो राय नहीं है कि डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई फिल्म 'द बिग बुल' में अभिनेता अभिषेक बच्चन ने शानदार अभिनय किया है, लेकिन हर्षद मेहता के किरदार में उनसे बेहतर वेब सीरीज 'स्कैम 1992' के एक्टर प्रतीक गांधी नजर आए हैं. अभिषेक बच्चन के दमदार अभिनय के बावजूद प्रतीक गांधी उनपर भारी पड़े हैं. एक ही कहानी पर आधारित होने की वजह से फिल्म की रिलीज से पहले ही वेब सीरीज से इसकी तुलना शुरू हो गई थी. फिल्म मेकर्स भी शायद ये बात जानते थे, इसलिए देर ही सही दुरुस्त आने का फैसला किया. 'द बिग बुल' एक शानदार फिल्म है, लेकिन, एक्टिंग, स्क्रीनप्ले, डायरेक्शन, म्यूजिक सहित कास्ट और परफॉर्मेंस के पैमाने पर यह वेब सीरीज 'स्कैम 1992' के मुकाबले कहां टिकती है? आइए इसे जानने की कोशिश करते हैं.
कास्ट और परफॉर्मेंस
सबसे पहले कास्ट और परफॉर्मेंस की बात करते हैं. फिल्म 'द बिग बुल' में अभिषेक बच्चन लीड रोल में हैं, तो वेब सीरीज 'स्कैम 1992' में प्रतीक गांधी, दोनों ही हर्षद मेहता का किरदार निभा रहे हैं. दोनों ही अभिनेताओं ने अपने-अपने प्रोजेक्ट में शानदार काम किया है. लेकिन अपने अभिनय कौशल और सटीक प्रस्तुतिकरण की वजह से प्रतीक गांधी हर्षद मेहता के चरित्र के ज्यादा नजदीक नजर आते हैं. वहीं, अभिषेक बच्चन के किरदार हेमंत शाह को देखकर आपको मणिरत्नम की फिल्म 'गुरु' के गुरुकांत देसाई की याद आ जाएगी. एक स्टॉकब्रोकर के रूप में अभिषेक अविश्वसनीय हैं, लेकिन कहीं-कहीं ओवरएक्टिंग भी करते नजर आ रहे हैं, जो उस किरदार के चरित्र के साथ पूरी तरफ फिट नहीं बैठता. वेब सीरीज और फिल्म में सहायक कलाकारों का अभिनय प्रदर्शन भी संतोषजनक है.
पटकथा...
इसमें कोई दो राय नहीं है कि डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई फिल्म 'द बिग बुल' में अभिनेता अभिषेक बच्चन ने शानदार अभिनय किया है, लेकिन हर्षद मेहता के किरदार में उनसे बेहतर वेब सीरीज 'स्कैम 1992' के एक्टर प्रतीक गांधी नजर आए हैं. अभिषेक बच्चन के दमदार अभिनय के बावजूद प्रतीक गांधी उनपर भारी पड़े हैं. एक ही कहानी पर आधारित होने की वजह से फिल्म की रिलीज से पहले ही वेब सीरीज से इसकी तुलना शुरू हो गई थी. फिल्म मेकर्स भी शायद ये बात जानते थे, इसलिए देर ही सही दुरुस्त आने का फैसला किया. 'द बिग बुल' एक शानदार फिल्म है, लेकिन, एक्टिंग, स्क्रीनप्ले, डायरेक्शन, म्यूजिक सहित कास्ट और परफॉर्मेंस के पैमाने पर यह वेब सीरीज 'स्कैम 1992' के मुकाबले कहां टिकती है? आइए इसे जानने की कोशिश करते हैं.
कास्ट और परफॉर्मेंस
सबसे पहले कास्ट और परफॉर्मेंस की बात करते हैं. फिल्म 'द बिग बुल' में अभिषेक बच्चन लीड रोल में हैं, तो वेब सीरीज 'स्कैम 1992' में प्रतीक गांधी, दोनों ही हर्षद मेहता का किरदार निभा रहे हैं. दोनों ही अभिनेताओं ने अपने-अपने प्रोजेक्ट में शानदार काम किया है. लेकिन अपने अभिनय कौशल और सटीक प्रस्तुतिकरण की वजह से प्रतीक गांधी हर्षद मेहता के चरित्र के ज्यादा नजदीक नजर आते हैं. वहीं, अभिषेक बच्चन के किरदार हेमंत शाह को देखकर आपको मणिरत्नम की फिल्म 'गुरु' के गुरुकांत देसाई की याद आ जाएगी. एक स्टॉकब्रोकर के रूप में अभिषेक अविश्वसनीय हैं, लेकिन कहीं-कहीं ओवरएक्टिंग भी करते नजर आ रहे हैं, जो उस किरदार के चरित्र के साथ पूरी तरफ फिट नहीं बैठता. वेब सीरीज और फिल्म में सहायक कलाकारों का अभिनय प्रदर्शन भी संतोषजनक है.
पटकथा (Screenplay)
जब कोई कहानी किसी फिल्म के हिसाब से लिखी जाती है, तो उसे स्क्रीनप्ले यानि पटकथा कहते हैं. हर्षद मेहता की कहानी तो सबको पहले से ही पता है, ऐसे में वेब सीरीज और फिल्म की पटकथा लिखने वालों के ऊपर रचनात्मकता का भार ज्यादा था. फिल्म के मेकर्स जानते थे कि शुरुआती अंतर यही से पैदा किया जा सकता है. फिल्म 'द बिग बुल' की पटकथा कूकी गुलाटी, रितेश शाह और अर्जुन धवन ने लिखी है, जबकि वेब सीरीज 'स्कैम 1992' का स्क्रीनप्ले सुमीत पुरोहित, सौरभ डे, वैभव विशाल और करण व्यास ने लिखा है. फिल्म के पटकथा लेखकों ने दर्शकों को निराश किया है, क्योंकि उन्होंने हेमंत शाह को टिपिकल बॉलीवुड हीरो बनाने के चक्कर में कहानी को अति नाटकीय बना दिया है. जबकि वेब सीरीज में 90 के दशक के दौरान की जटिलताओं और कार्यप्रणाली को सफलतापूर्वक दिखाया है.
डायरेक्शन (Direction)
हंसल मेहता के इंटेलीजेंट डायरेक्शन की वजह से वेब सीरीज स्कैम 1992 आज भी क्लासिक कैटेगरी में बनी हुई है. उन्होंने अपने निर्देशन कौशल से वेब सीरीज को वास्तविकता के करीब ला दिया है. इतना ही नहीं उन्होंने महत्वाकांक्षा, लालच, बाजार की हेराफेरी, राजनीतिक धोखे और बैंकिंग प्रणाली की खामियों को बहुत खूबसूरती से एक धागे में पिरो दिया है. बहुत ही सहजता के साथ दर्शकों के सामने इसे पेश किया है. वहीं, फिल्म 'द बिग बुल' के डायरेक्टर कूकी गुलाटी 'हेमंत शाह' की कहानी को विश्वसनीय बनाने में असफल रहे हैं. सेट से लेकर कॉस्ट्यूम तक, ऐसा लगता है कि उनकी टीम ने छोटे पहलुओं पर ज्यादा काम नहीं किया है, जो दर्शकों के दृश्य अनुभव पर समग्र प्रभाव डालते हैं. फिल्म में हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित लंबी कहानी को महज ढ़ाई घंटे में दिखाना भी एक चुनौती रही है.
संगीत (Music)
एक समय था जब बॉलीवुड में संगीत प्रधान फिल्में प्रमुखता से बनती थीं. बिना अच्छे गाने के फिल्म की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी. समय बदला तो गानों की जगह आइटम नंबर ने ले लिया. उसके बाद के दिनों में जब सच्ची घटनाओं और लोगों के जीवन पर आधारित फिल्में बननी शुरू हुईं, तो गानों का महत्व बहुत कम हो गया. म्यूजिक वीडियो के जमाने में लोग फिल्म में गाने देखना-सुनना पसंद कम करने लगे, तो मेकर्स ने भी इस पर ध्यान देना बंद कर दिया. जहां तक फिल्म 'द बिग बुल' और वेब सीरीज स्कैम 1992 के संगीत की बात है, तो निस्संदेह ये तुलना से परे है. वेब सीरीज का थीम सॉन्ग फिल्म के टाइटल ट्रैक से बहुत बेहतर है. फिल्म का पहला गाना 'इश्क नमाजा' इशरत दासगुप्ता ने लिखा है, जिसे अंकित तिवारी ने अपनी आवाज में गाया है. यह गाना इंस्टाग्राम पर ज्यादा लोकप्रिय हुआ है.
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