शबाना आजमी, डिनो मोरिया, कुणाल कपूर और दृष्टि धामी के अभिनय से सजा डिजनी प्लस हॉटस्टार का वेब शो "द एम्पायर" टॉकिंग पॉइंट बना हुआ है. 27 अगस्त से शो स्ट्रीम हो रहा है. ऐतिहासिक कंटेंट होने के कारण स्ट्रीमिंग से पहले ही शो को लेकर बहस जारी है. बताने की जरूरत नहीं कि शो की वजह से मुग़ल साम्राज्य से जुड़े मध्यकालीन इतिहास के तमाम संदर्भ फिलहाल प्रासंगिक बने हुए हैं और शायद इन्हीं प्रसंगों की वजह से द एम्पायर 2021 में सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरने वाला फिल्म या टीवी प्रोग्राम भी बनकर सामने आ रहा है. खासकर हिंदी क्षेत्र में. यहां तक कि इस साल मिमी, शेरनी, बेल बॉटम, हसीन दिलरुबा जैसी अच्छी और बड़ी फ़िल्में रिलीज हुईं. मगर इतनी चर्चा देखने सुनने को नहीं मिली.
द एम्पायर को हिंदी के अलावा अन्य भारतीय भाषाओं में भी डब किया गया है. किसी प्रोग्राम पर जब इतनी बात हो रही हो, तो यह मान लेना चाहिए कि उसे बड़े पैमाने पर देखा भी जा रहा होगा. लगभग सारे एपिसोड्स. हालांकि अभी आधिकारिक आंकड़े सामने नहीं हैं. मगर अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं. क्योंकि सीरीज देखने वाली ऑडियंस शो के अलग-अलग एपिसोड्स के कई रिफरेंस और स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया की बहसों में साझा करते नजर आ रही है. लेकिन इसका दूसरा दिलचस्प पहलू भी सामने आ रहा है. जोरदार बहस के बावजूद प्रतिष्ठित रेटिंग-रिव्यू ऑनलाइन प्लेटफॉर्म आईएमडीबी (IMDb) पर द एम्पायर की रेटिंग बहुत ही घटिया है. रेटिंग जितनी घटिया है उससे भी ज्यादा ऑडियंस रिव्यू खराब हैं. जबकि रिपोर्ट लिखे जाने तक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर करीब 11 हजार से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर एंगेज हो चुके हैं.
IMDb पर द एम्पायर को कितनी रेटिंग मिली?
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर द एम्पायर...
शबाना आजमी, डिनो मोरिया, कुणाल कपूर और दृष्टि धामी के अभिनय से सजा डिजनी प्लस हॉटस्टार का वेब शो "द एम्पायर" टॉकिंग पॉइंट बना हुआ है. 27 अगस्त से शो स्ट्रीम हो रहा है. ऐतिहासिक कंटेंट होने के कारण स्ट्रीमिंग से पहले ही शो को लेकर बहस जारी है. बताने की जरूरत नहीं कि शो की वजह से मुग़ल साम्राज्य से जुड़े मध्यकालीन इतिहास के तमाम संदर्भ फिलहाल प्रासंगिक बने हुए हैं और शायद इन्हीं प्रसंगों की वजह से द एम्पायर 2021 में सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरने वाला फिल्म या टीवी प्रोग्राम भी बनकर सामने आ रहा है. खासकर हिंदी क्षेत्र में. यहां तक कि इस साल मिमी, शेरनी, बेल बॉटम, हसीन दिलरुबा जैसी अच्छी और बड़ी फ़िल्में रिलीज हुईं. मगर इतनी चर्चा देखने सुनने को नहीं मिली.
द एम्पायर को हिंदी के अलावा अन्य भारतीय भाषाओं में भी डब किया गया है. किसी प्रोग्राम पर जब इतनी बात हो रही हो, तो यह मान लेना चाहिए कि उसे बड़े पैमाने पर देखा भी जा रहा होगा. लगभग सारे एपिसोड्स. हालांकि अभी आधिकारिक आंकड़े सामने नहीं हैं. मगर अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं. क्योंकि सीरीज देखने वाली ऑडियंस शो के अलग-अलग एपिसोड्स के कई रिफरेंस और स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया की बहसों में साझा करते नजर आ रही है. लेकिन इसका दूसरा दिलचस्प पहलू भी सामने आ रहा है. जोरदार बहस के बावजूद प्रतिष्ठित रेटिंग-रिव्यू ऑनलाइन प्लेटफॉर्म आईएमडीबी (IMDb) पर द एम्पायर की रेटिंग बहुत ही घटिया है. रेटिंग जितनी घटिया है उससे भी ज्यादा ऑडियंस रिव्यू खराब हैं. जबकि रिपोर्ट लिखे जाने तक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर करीब 11 हजार से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर एंगेज हो चुके हैं.
IMDb पर द एम्पायर को कितनी रेटिंग मिली?
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर द एम्पायर को 11 हजार रजिस्टर्ड यूजर्स ने 10 में से मात्र 3.5 रेट किया है. जाहिर तौर पर रेटिंग औसत से नीचे माना जा सकता है. इतिहास के बहसतलब संदर्भ अपनी जगह सही या गलत हो सकते हैं. मगर जिस फिक्शनल कहानी पर डिजनी ने शो बनाया है उसे देखते हुए यह बिल्कुल नहीं कहा जा सकता कि द एम्पायर मनोरंजन के लिहाज से वाकई एक औसत शो है. शो की कई चीजें कमाल की हैं. उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. बावजूद कि स्टारकास्ट में बड़े सितारे नहीं हैं. ऑडियंस आखिर तक बोर तो बिल्कुल नहीं होते. शो में हर मिजाज के दर्शक वर्ग को बांधे रखने की पर्याप्त क्षमता एलिमेंट मौजूद हैं. हालांकि IMDb की रेटिंग निराश करने वाली है.
द एम्पायर की खराब रेटिंग की वजह क्या है?
इसकी सबसे बड़ी वजह शो को लेकर हो रही बहसें ही हैं. शो मुगलों से जुड़ा है जिनपर बर्बर, आक्रमणकारी, धर्मांतरण, और अन्य धर्मों के पूजा स्थलों को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए जाते हैं. बहसों में इन्हीं चीजों का हवाला दिया जा रहा है. स्वाभाविक रूप से अलग-अलग इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर द एम्पायर को लेकर मिलने वाली प्रतिक्रियाएं इससे प्रभावित मानी जा सकती हैं. IMDb भी अलग नहीं है. हकीकत में हो ये रहा है कि मुगलों के इतिहास की वजह से शो की बहुत सारी खूबियों पर लोगों ध्यान ही नहीं दे रहे. ऐसी प्रतिक्रियाओं को बायस्ड भी कह कह सकते हैं.
ऑडियंस रिव्यू में क्या लिख रहे लोग?
IMDb पर द एम्पायर को लेकर 800 से ज्यादा ऑडियंस रिव्यू हैं. अगर उन्हें पढ़े तो व्यापक रूप से निगेटिव प्रतिक्रियाएं दिख रही हैं. लोग लिख क्या रहे हैं- इतिहास की झूठी प्रस्तुति, बॉलीवुड का पुराना प्रोपगेंडा, फर्जी कहानी, बोगस शो, तथ्यों से परे और नरसंहारों का महिमामंडन, समय और पैसे की बर्बादी. कुछ ने तो इसे हॉलीवुड का कॉपी पेस्ट कंटेट तक करार दे दिया है इसे. 800 समीक्षाओं में ज्यादातर का टोन यही है जो हद से ज्यादा ही नकारात्मकता लिए हुए हैं.
क्या खराब रेटिंग से मान लिया जाए कि शो मनोरंजक नहीं है?
IMDb या किसी भी प्लेटफॉर्म पर किसी भी प्रोग्राम के असरदार या मनोरंजक होने का तात्पर्य वहां मिली रेटिंग से बिल्कुल तय नहीं किया जा सकता. रेटिंग करने वाले कंटेंट के अलावा बहुत सारी चीजों से प्रभावित हो सकते हैं. रेटिंग और कंटेंट के मनोरंजक होने के पहलू अलग-अलग हैं. हो सकता है कि कोई कंटेंट बहुत अच्छा और मनोरंजक हो मगर उसे खराब या बहुत ही घटिया रेटिंग मिले. क्योंकि इसे दूसरी चीजें प्रभावित करती हैं. राजनीति, और सामजिक बहसें प्रभावित करती हैं. कंटेंट से इतर चीजों से प्रभावित दर्शक वर्ग बायस्ड रेटिंग को ही प्रेरित होता है. जहां तक द एम्पायर की रेटिंग का सवाल है- बड़े पैमाने पर शो की खिलाफत की जा रही है. डिजनी के खिलाफ भी मुहिम दिखी. डिजनी के शो को लेकर स्ट्रीमिंग से पहले जिस तरह की बहसें शुरू हुईं उसने द एम्पायर की रेटिंग को औसत बनाया.
द एम्पायर को निखिल आडवाणी ने क्रिएट किया है. निर्देशन मीताक्षरा कुमार का है. शो अलेक्स रदरफोर्ड के किताब पर आधारित है. अभी पहला सीजन आया है जो मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर पर केंद्रित है. बाबर से औरंगजेब तक अहम मुग़ल बादशाहों की कहानी दिखाना मेकर्स की योजना है. पहले सीजन में हुमायूं की बादशाहत का हुक पॉइंट छोड़ा गया है. बाबर के बाद हुमायूं ही मुगलिया सल्तनत के तख़्त पर बैठा था.
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