सफलता और शोहरत एक ऐसी कीमत पर मिलती है, जिसका भुगतान इतनी आसानी से नहीं किया जा सकता. एक कहावत भी है, ''दूर के ढोल सुहावने होते हैं''. इसका मतलब ये है कि दूर से कुछ चीजें बहुत सुंदर लगती है, लेकिन पास जाने पर उसकी क्रूर हकीकत पता चलती है. हमारी ग्लैमर इंडस्ट्री की सच्चाई भी कुछ ऐसी ही है. इसे बॉलीवुड सिलिब्रिटीज से बेहतर कोई नहीं समझ सकता. सच तो यह है कि वो सिनेमा के सितारे एक ऐसी राह के मुसाफिर हैं, जहां ढेर सारी चुनौतियां हैं, हर वक्त सफल होने का दबाव है, लाखों उम्मीदें हैं, लेकिन इन सबके बावजूद उनकी जिंदगी में सिर्फ अकेलापन है, सच्चे दोस्तों का लगभग अभाव है, यहां तक कि उनसे जो भी जुड़ता है, उसका अपना निहित स्वार्थ है. यहां तक कि पिता और पति जैसे रिश्ते भी उनका इस्तेमाल करते हैं. मायानगरी की इसी स्याह हकीकत को उजागर करती एक वेब सीरीज 'द फेम गेम' ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है. इसका निर्देशन बेजॉय नांबियार और करिश्मा कोहली ने किया है.
करण जौहर के धर्माटिक एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी इस वेब सीरीज में माधुरी दीक्षित नेने, संजय कपूर, मानव कौल, सुहासिनी मुले, लक्षवीर सरन, मुस्कान जाफरी, राजश्री देशपांडे और गगन अरोड़ा जैसे कलाकार अहम रोल में हैं. बॉलीवुड की 'धक-धक गर्ल' माधुरी दीक्षित इसके जरिए ओवर द टॉप यानी ओटीटी की दुनिया में पहली बार प्रवेश करने जा रही हैं. उनको लेकर उनके फैंस बहुत ज्यादा उत्साह थे. लेकिन सच कहें तो ये इस वेब सीरीज को देखने के बाद उत्साह थोड़ा ठंडा सा पड़ गया है. हालांकि, माधुरी दीक्षित ने अपनी दमदार अदाकारी के दम पर अंतिम एपिसोड तक दर्शकों को बांधे रखने की कोशिश करती हैं, लेकिन शुरूआती दो एपिसोड में उनकी उपस्थिति बहुत कम है, जिसकी वजह से सीरीज बोरिंग हो जाती है. तीसरे एपिसोड से रोमांच रफ्तार पकड़ता है. इसकी दूसरी सबसे बड़ी कमी ये है कि ये लगातार फ्लैशबैक और प्रेजेंट के बीच स्वीच होती रहती है. इससे दर्शकों को समझने में कंफ्यूजन भी होता है. निर्देशकों ने भी जहमत उठाने की कोशिश नहीं की है.
सफलता और शोहरत एक ऐसी कीमत पर मिलती है, जिसका भुगतान इतनी आसानी से नहीं किया जा सकता. एक कहावत भी है, ''दूर के ढोल सुहावने होते हैं''. इसका मतलब ये है कि दूर से कुछ चीजें बहुत सुंदर लगती है, लेकिन पास जाने पर उसकी क्रूर हकीकत पता चलती है. हमारी ग्लैमर इंडस्ट्री की सच्चाई भी कुछ ऐसी ही है. इसे बॉलीवुड सिलिब्रिटीज से बेहतर कोई नहीं समझ सकता. सच तो यह है कि वो सिनेमा के सितारे एक ऐसी राह के मुसाफिर हैं, जहां ढेर सारी चुनौतियां हैं, हर वक्त सफल होने का दबाव है, लाखों उम्मीदें हैं, लेकिन इन सबके बावजूद उनकी जिंदगी में सिर्फ अकेलापन है, सच्चे दोस्तों का लगभग अभाव है, यहां तक कि उनसे जो भी जुड़ता है, उसका अपना निहित स्वार्थ है. यहां तक कि पिता और पति जैसे रिश्ते भी उनका इस्तेमाल करते हैं. मायानगरी की इसी स्याह हकीकत को उजागर करती एक वेब सीरीज 'द फेम गेम' ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है. इसका निर्देशन बेजॉय नांबियार और करिश्मा कोहली ने किया है.
करण जौहर के धर्माटिक एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी इस वेब सीरीज में माधुरी दीक्षित नेने, संजय कपूर, मानव कौल, सुहासिनी मुले, लक्षवीर सरन, मुस्कान जाफरी, राजश्री देशपांडे और गगन अरोड़ा जैसे कलाकार अहम रोल में हैं. बॉलीवुड की 'धक-धक गर्ल' माधुरी दीक्षित इसके जरिए ओवर द टॉप यानी ओटीटी की दुनिया में पहली बार प्रवेश करने जा रही हैं. उनको लेकर उनके फैंस बहुत ज्यादा उत्साह थे. लेकिन सच कहें तो ये इस वेब सीरीज को देखने के बाद उत्साह थोड़ा ठंडा सा पड़ गया है. हालांकि, माधुरी दीक्षित ने अपनी दमदार अदाकारी के दम पर अंतिम एपिसोड तक दर्शकों को बांधे रखने की कोशिश करती हैं, लेकिन शुरूआती दो एपिसोड में उनकी उपस्थिति बहुत कम है, जिसकी वजह से सीरीज बोरिंग हो जाती है. तीसरे एपिसोड से रोमांच रफ्तार पकड़ता है. इसकी दूसरी सबसे बड़ी कमी ये है कि ये लगातार फ्लैशबैक और प्रेजेंट के बीच स्वीच होती रहती है. इससे दर्शकों को समझने में कंफ्यूजन भी होता है. निर्देशकों ने भी जहमत उठाने की कोशिश नहीं की है.
The Fame Game Web series की कहानी
वेब सीरीज 'द फेम गेम' की कहानी के केंद्र में माधुरी दीक्षित की किरदार अनामिका आनंद होती है. लेकिन कई दूसरी कहानियां भी उसके समानांतर चलती रहती हैं. अनामिका आनंद बॉलीवुड में 30 साल से राज कर रही होती है. उसकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है. पति निखिल मोरे (संजय कपूर) फिल्म प्रोड्यूसर है. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, ऐसे में दोनों एक ऐसी फिल्म बनाना चाहते हैं, जो बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रहे. इसके लिए अनामिका के साथ उसकी सबसे फेवरेट को-स्टार मनीष खन्ना (मानव कौल) को लेकर एक बड़ी फिल्म बनाने की योजना बनाई जाती है. अनामिका और मनीष 20 साल पहले एक-दूसरे को प्यार करते थे. लेकिन अपनी मां के दबाव में आकर अनामिका को निखिल से शादी करनी पड़ती है. अब 20 साल बाद जब दोनों फिल्म के बहाने साथ आते हैं, तो पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं. इसी दौरान एक हैरान कर देने वाली घटना घटती है. अनामिका अचानक घर से गायब हो जाती है. किसी को नहीं पता कि अनामिका का अपहरण हुआ है या मर्डर?
The Fame Game Web series की समीक्षा
'द फेम गेम' की कहानी श्री राव ने लिखी है. उन्होंने मायानगरी की उस हकीकत को सामने लाने की पूरी कोशिश की है, जिसे आम दर्शक न देख पाता है, न ही समझ पाता है. ग्लैमर की चकाचौंध के बीच घुटते सितारे कैसे अपनों से दूर और दूर होते चले जाते हैं, इस बेबशी और बेताबी को भी उन्होंने अपनी लेखनी के जरिए दर्शाया है. एक बेटी, एक मां, एक पत्नी, एक एक्ट्रेस और एक प्रेमिका के अलग-अलग रूपों में एक महिला की क्या स्थिति होती है, इसे वेब सीरीज में बखूबी दिखाया गया है. इसके साथ ही एक रहस्य भी बनाने की कोशिश की गई, जिसमें उलझकर दर्शक सीरीज के साथ बने रहें, लेकिन अफसोस रोमांच की कमी ने सारा मजा किरकिरा कर दिया है. आलम ये है कि सीरीज के शुरूआती दो एपिसोड देखने के बाद मन उचटने लगता है, लेकिन जैसे ही तीसरा एपिसोड शुरू होता है, दिलचस्पी बननी शुरू हो जाती है. यदि ये माधुरी दीक्षित की वेब सीरीज नहीं होती, तो शायद ही कोई दर्शक इतने धैर्य के साथ तीसरे एपिसोड का इंतजार करता. इसके लिए निर्देशक मंडली जिम्मेदार है.
वेब सीरीज का निर्देशन बेजॉय नांबियार और करिश्मा कोहली ने किया है. बेजॉय नांबियार मुख्यत: पटकथा लेखक रहे हैं, लेकिन उन्होंने साल 2011 में रिलीज हुई फिल्म शैतान से निर्देशन करना शुरू कर दिया. उनकी एक फिल्म 'वजीर' बहुत चर्चा में रही थी, जो साल 2016 में रिलीज हुई थी. इसमें अमिताभ बच्चन और फरहान अख्तर लीड रोल में थे. वहीं, करिश्मा कोहली सलमान खान की फिल्म एक था टाइगर और बजरंगी भाईजान में असिस्टेंट डायरेक्टर रह चुकी हैं. इन दोनों निर्देशकों की प्रोफाइल मजबूत होते हुए भी फिल्म में इनका असर कम दिखता है. यहां तक कि कई ऐसी चीजें दिखाई गई हैं, जो गले नहीं उतरती. जैसे कि वेब सीरीज में माधुरी दीक्षित एक किरदार को प्ले कर रही है, जिसका नाम अनामिका है और वो एक एक्ट्रस है. इसका मतलब ये नहीं है कि माधुरी की फिल्मों की फुटेज अनामिका के नाम पर चला दी जाए, जैसे कि इसमें फिल्म कलंक के सीन को इस्तेमाल किया गया है. ये बचकानी हरकत लगती है. कम से कम मेकर्स इन छोटी बातों क्या ध्यान जरूर रखना चाहिए.
जैसा कि ये वेब सीरीज माधुरी दीक्षित के नाम पर बनाई गई है, सो लोगों को उनसे सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं. माधुरी उन उम्मीदों पर खरी भी उतरती हैं. एक ऐसा किरदार जो उनकी तरह तमाम सिनेमा के सितारों की असलियत हो, उसे रूपहले पर्दे पर निभाना जितना आसान दिखता है, उतना ही कठिन होता है. लेकिन माधुरी ने इसे बहुत खूबसूरती और ईमानदारी से निभाया है. अनामिका के किरदार में उनको देखकर लगता ही नहीं कि वो किसी काल्पनिक जिंदगी को जी रही हैं. उनके चेहरे पर आने वाले हर भाव, मुस्कान, पीड़ा और प्रेम सबकुछ असली लगता है. माधुरी के बाद यदि सबसे ज्यादा किसी ने प्रभावित किया है, तो वो अभिनेत्री राजश्री देशपांडे हैं. उन्होंने नेटफ्लिक्स की मशहूर वेब सीरीज 'सेक्रेड गेम्स' (Sacred Games) में अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी की पत्नी का किरदार निभाया था. इस सीरीज में पुलिस अफसर की भूमिका में वो गजब की लगती हैं. उनकी स्टाइल और एटीट्यूड बिल्कुल पुलिस जैसा ही लगता है. इसके अलावा संजय कपूर, मानव कौल और सुहासिनी मुले अपने-अपने किरदारों में औसत लगे हैं. कुल मिलाकर, यदि आप माधुरी दीक्षित के फैन हैं, तो ही आपको वेब सीरीज 'द फेम गेम' देखनी चाहिए.
iChowk.in रेटिंग: 5 में से 2.5 स्टार
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