500 से ज्यादा हिंदी फिल्में कर चुके अभिनेता अनुपम खेर किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उनका दमदार अभिनय हर फिल्म में उनकी सशक्त पहचान है. फिल्मों में उन्होंने हर तरह के किरदार किए हैं. हीरो से से लेकर विलेन तक बने हैं. किरदार जो भी हो अनुपम अपनी अलहदा अदाकारी से उसमें जान डाल देते हैं. उस किरदार को रूपहले पर्दे पर जीवंत कर देते हैं. ऐसा ही एक किरदार उन्होंने नेशनल अवॉर्ड विजेता निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' में निभाया है, जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है. आलम ये है कि बिना किसी प्रमोशन के ये फिल्म सिनेमाघरों में हाऊस फुल चल रही है. टायर 1 और टायर 3 शहरों से लेकर कस्बों तक थियेटर में फिल्म के प्रति लोगों की दीवानगी देखने को मिल रही है. इसका सबूत बॉक्स ऑफिस पर भी दिख रहा है.
फिल्म ने रिलीज के दूसरे दिन 8.50 करोड़ रुपए का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया है. पहले दिन फिल्म ने 3.55 करोड़ रुपए की कमाई की थी. इस लिहाज से दूसरे दिन फिल्म के बिजनेस में 140 फीसदी का इजाफा हुआ है. साल 2020 के बाद से किसी फिल्म की एक दिन में यह अब तक की सबसे बड़ी ग्रोथ है. वहीं फिल्म ने 2 दिन में कुल 12.05 करोड़ रुपए का बिजनेस करके रिकॉर्ड बना लिया है. महज 14 करोड़ रुपए बजट में बनी इस फिल्म को 100 करोड़ क्लब में पहुंचने की पूरी संभावना है. इस फिल्म में अनुपम खेर के साथ मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन कुमार और अतुल श्रीवास्तव जैसे दिग्गज अभिनेता अहम किरदारों में हैं. फिल्म 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के पलायन की ऐतिहासिक घटना पर आधारित है. बताया जाता है कि कश्मीरी पंडितों को हटाने के लिए उनका वहां नरसंहार किया गया था. आंकड़ों की माने तो साल 1990 में घाटी के भीतर 75 हजार कश्मीरी पंडित परिवार थे. लेकिन अब वहां मुश्किल से एक हजार कश्मीरी पंडित परिवार ही बचे हैं.
यदि आप अनुपम...
500 से ज्यादा हिंदी फिल्में कर चुके अभिनेता अनुपम खेर किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उनका दमदार अभिनय हर फिल्म में उनकी सशक्त पहचान है. फिल्मों में उन्होंने हर तरह के किरदार किए हैं. हीरो से से लेकर विलेन तक बने हैं. किरदार जो भी हो अनुपम अपनी अलहदा अदाकारी से उसमें जान डाल देते हैं. उस किरदार को रूपहले पर्दे पर जीवंत कर देते हैं. ऐसा ही एक किरदार उन्होंने नेशनल अवॉर्ड विजेता निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' में निभाया है, जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है. आलम ये है कि बिना किसी प्रमोशन के ये फिल्म सिनेमाघरों में हाऊस फुल चल रही है. टायर 1 और टायर 3 शहरों से लेकर कस्बों तक थियेटर में फिल्म के प्रति लोगों की दीवानगी देखने को मिल रही है. इसका सबूत बॉक्स ऑफिस पर भी दिख रहा है.
फिल्म ने रिलीज के दूसरे दिन 8.50 करोड़ रुपए का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया है. पहले दिन फिल्म ने 3.55 करोड़ रुपए की कमाई की थी. इस लिहाज से दूसरे दिन फिल्म के बिजनेस में 140 फीसदी का इजाफा हुआ है. साल 2020 के बाद से किसी फिल्म की एक दिन में यह अब तक की सबसे बड़ी ग्रोथ है. वहीं फिल्म ने 2 दिन में कुल 12.05 करोड़ रुपए का बिजनेस करके रिकॉर्ड बना लिया है. महज 14 करोड़ रुपए बजट में बनी इस फिल्म को 100 करोड़ क्लब में पहुंचने की पूरी संभावना है. इस फिल्म में अनुपम खेर के साथ मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन कुमार और अतुल श्रीवास्तव जैसे दिग्गज अभिनेता अहम किरदारों में हैं. फिल्म 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के पलायन की ऐतिहासिक घटना पर आधारित है. बताया जाता है कि कश्मीरी पंडितों को हटाने के लिए उनका वहां नरसंहार किया गया था. आंकड़ों की माने तो साल 1990 में घाटी के भीतर 75 हजार कश्मीरी पंडित परिवार थे. लेकिन अब वहां मुश्किल से एक हजार कश्मीरी पंडित परिवार ही बचे हैं.
यदि आप अनुपम खेर के अभिनय के कायल हैं, तो उनकी ये पांच फिल्में जरूर देखनी चाहिए...
1. सारांश (Saaransh)
रिलीज डेट- 25 मई, 1984
किरदार- बीवी प्रधान (एक जिद्दी और संघर्षशील पिता, जिसके बेटे की मौत विदेश में हो जाती है)
अभिनेता अनुपम खेर ने महेश भट्ट की फिल्म 'सारांश' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. अपनी पहली फिल्म में 28 साल की उम्र में उन्होंने 65 साल के एक बुजुर्ग का किरदार निभाया था. एक सेवानिवृत्त और जिद्दी पिता जो अपने बेटे की मौत से दुखी है, लेकिन उसके जाने के बाद जिस तरह से परिवार के साथ जीवन संघर्ष करता है, उसे देखना लोगों के लिए प्रेरणादायी है. बीवी प्रधान के किरदार में अनुपम खेर ने इतना जबरदस्त अभिनय किया कि उनकी पहली ही फिल्म हिट हो गई. उनके किरदार की हर तरफ चर्चा हुई. इसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पहला फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला था. इस फिल्म में उनके साथ रोहिणी हट्टंगडी, मदन जैन, नीलू फुले, सुहास भालेकर और सोनी राजदान जैसे कलाकार भी थे.
2. डैडी (Daddy)
रिलीज डेट- 8 फरवरी, 1989
किरदार- आनंद (एक अल्कोहलिक पिता, जो रात-दिन नशे में डूबा रहता है)
महेश भट्ट के निर्देशन में बनी फिल्म 'डैड' के जरिए उनकी बेटी पूजा भट्ट ने बॉलीवुड में डेब्यू किया था. इस फिल्म में अनुपम खेर एक नशेड़ी पिता की भूमिका में होते हैं, जिनकी बेटी उनको इस अंधेरे से बाहर निकालने के लिए कई तरह के प्रयास करती है. फिल्म में आनंद के किरदार में अभिनेता अनुपम खेर और कांता प्रसाद के किरदार में मनोहर सिंह ने शानदार अभिनय किया है. इसमें सोनी राजदान और नीना गुप्ता भी अहम रोल में हैं. फिल्म का एक गजल बहुत मशहूर हुआ था, 'आइना मुझसे मेरी पहली सी सूरत मांगे''. इस गजल को तलत अजीज साहब ने गाया था. बताया जाता है कि इस फिल्म की कहानी महेश भट्ट के जीवन से प्रेरित है. वो भी एक समय में बहुत ज्यादा शराब पीते थे. लेकिन अपनी बेटी पूजा के होने के बाद उन्होंने नशा करना छोड़ दिया था.
3. कर्मा (Karma)
रिलीज डेट- 8 अगस्त, 1986
किरदार- डॉ. माइकल डैंग (एक खूंखार खलनायक, जो हिंदुस्तान का जानी दुश्मन होता है)
सुभाष घई के निर्देशन में बनी फिल्म 'कर्मा' में दिलीप कुमार, नूतन, जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर, नसीरुद्दीन शाह, अनुपम खेर, श्रीदेवी और पूनम ढिल्लो जैसे दिग्गज कलाकार अहम किरदारों में थे. इतनी बड़ी स्टारकास्ट के बीच, दिलीप कुमार जैसे बेहतरीन अभिनेता के सामने, अनुपम खेर ने विलेन के किरदार में भी अपनी नई पहचान बना ली थी. उनका किरदार डॉ. माइकल डैंग जब भी पर्दे पर आता, एक अलग तरह का माहौल बन जाता. उन्होंने अपने अभिनय कौशल से अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई और साबित किया कि वह नेगेटिव रोल में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं. संघर्ष के बीवी प्रधान के किरदार में अनुपम जितना मजबूर और मजबूत दिखते हैं, डॉ. डैंग के किरदार में उतने ही क्रूर और खूंखार नजर आते हैं. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार कारोबार किया था.
4. अ वेडनेसडे (A Wednesday)
रिलीज डेट- 5 सितंबर, 2008
किरदार- प्रकाश राठौड़ (मुंबई पुलिस आयुक्त, जो आतंक विरोधी मिशन पर काम करता है)
यूटीवी मोशन पिक्चर्स और फ्राइडे फिल्मवर्क्स के बैनर चले बनी फिल्म 'अ वेडनेसडे' का निर्देशन नीरज पांडे ने किया है. इस फिल्म की कहानी साल 2006 के मुंबई ट्रेन बम विस्फोटों से प्रेरित है. इसमें अनुपम खेर के साथ नसीरुद्दीन शाह भी अहम भूमिका में हैं. इसमें अनुपम ने समय के खिलाफ दौड़ में एक ईमानदार पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई है, यह पता लगाने के लिए कि नसीरुद्दीन शाह द्वारा निभाए गए एक अन्य किरदार में मुंबई में बम कहां-कहां छिपाए गए हैं. दोनों दिग्गज अभिनेताओं के दमदार अभिनय के साथ-साथ आतंकवाद से निपटने की फिल्म की थीम ने दर्शकों का दिल जीत लिया. यही वजह है कि माउथ पब्लिसिटी की वजह से फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही थी. इसे सिस्टम पर चोट करने वाली बेहतरीन फिल्म माना जाता है.
5. मैंने गांधी को नहीं मारा (Maine Gandhi Ko Nahin Mara)
रिलीज डेट- 30 सितंबर, 2005
किरदार- रिटायर्ड प्रोफेसर उत्तम चौधरी (इसे लगता है कि उसने ही गलती से गांधी जी को मारा है)
जह्नु बरुआ के निर्देशन में बनी फिल्म 'मैंने गांधी को नहीं मारा' को अनुपम खेर ने प्रोड्यूस किया है. इस फिल्म में वो लीड रोल में भी हैं. उनके साथ उर्मिला मातोंडकर, रजित कपूर, परवीन डबास, प्रेम चोपड़ा, वहीदा रहमान और बोमन ईरानी जैसे कलाकार भी अहम रोल में हैं. फिल्म की कहानी डिमेंशिया नामक दिमागी बीमारी से जूझ रहे एक लेक्चरर की जिंदगी पर आधारित है. इस बीमारी में आदमी की सोचने और किसी चीज़ को याद रखने की क्षमता खत्म हो जाती है. फिल्म में अनुपम खेर का किरदार प्रोफेसर उत्तम चौधरी इसी बीमारी से ग्रसित होता है, एक दिन उसे लगता है कि उसने ही गांधी जी की हत्या की है. इसके बाद वो अजीब-अजीब हरकतें करने लगता है. फिल्म अनुपम ने बेहतरीन अभिनय किया है. उनके यादगार परफॉर्मेंस के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड सहित कई इंटरनेशनल फिल्म अवॉर्ड्स भी मिले हैं. उनकी बेटी के किरदार में उर्मिला मातोंडकर ने भी बेस्ट परफॉर्मेंस दिया था. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा नहीं चल पाई थी.
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