"टाइगर ज़िंदा है" के ट्रेलर में हर वो बात है जो एक ब्लॉकबस्टर फिल्म में होनी चाहिये, डीटेल में जाने से पहले हम ये बता दें कि "टाइगर ज़िंदा है" के ट्रेलर में इमोशन है, ड्रामा है, एक्शन है. कटरीना का ग्लैमर है, भव्य लोकेशन्स हैं, और सलमान खान हैं.
"टाइगर ज़िंदा है" ट्रेलर के शुरू होते ही पहला डायलॉग ही फिल्म का मिज़ाज बयां कर देता है. इराक़ का शहर दिखाते हुए और बैकग्राउंड में आवाज़ आती है "जब से दुनिया बनी है, हर कोने में सिर्फ एक ही जंग हुई है- सही और ग़लत की, रौशनी और अंधेरे की" और फिर बेहद ज़बरदस्त बैकग्राउंड स्कोर के साथ आतंकवाद की ख़ौफ़नाक शक्ल, किस तरह से आतंकवादी, मासूम लोगों को मौत का शिकार बना रहे हैं.
आइएसीई नाम के आतंकवादी ऑर्गेनाइज़ेशन ने 25 भारतीय नर्सों को किडनैप कर लिया है, फिर सवाल उठता है उन्हें बचायेगा कौन और जवाब आता है "टाइगर". फिर है सलमान खान की डैशिंग एंट्री, बर्फ़ की लोकेशन में स्कींग में छलाँग लगाते सलमान खान, दुश्मनों को नेस्तनाबूद करते सलमान खान और एक्शन के दौरान उन्हीं की आवाज़ में डायलॉग आता है "शिकार तो सब करते हैं लेकिन टाइगर से बेहतर शिकार कोई नहीं करता".
'टाइगर ज़िंदा है' फिल्म की एक झलक :
दरअसल, इस फिल्म की कहानी इराक में 46 भारतीय नर्सों के ISIS द्वारा अपहरण कर लिए जाने की घटना से जुड़ी है. ये घटना इराक में सद्दाम हुसैन के गृह नगर टिकरीत की है, जहां के एक अस्पताल में ये नर्सें काम करती थीं. जब ISIS ने इस शहर पर कब्जा किया, तो इन नर्सों को आतंकियों ने बंधक बना लिया था. जून 2014 में जब ये खबर दुनिया के सामने आई थी, तो हंगामा मच गया था. बेहद नाटकीय ढंग से उन नर्सों को सकुशल बचाया गया था. भारत के विदेश मंत्रालय ने बाद में विस्तार से जानकारी दी थी कि किस तरह इन नर्सों को गोपनीय ढंग से दो बसों में बैठाकर एक अज्ञात जगह ले जाया गया था. सलमान खान की फिल्म टाइगर जिंदा है एक ऐसे समय में आ रही है, जब...
"टाइगर ज़िंदा है" के ट्रेलर में हर वो बात है जो एक ब्लॉकबस्टर फिल्म में होनी चाहिये, डीटेल में जाने से पहले हम ये बता दें कि "टाइगर ज़िंदा है" के ट्रेलर में इमोशन है, ड्रामा है, एक्शन है. कटरीना का ग्लैमर है, भव्य लोकेशन्स हैं, और सलमान खान हैं.
"टाइगर ज़िंदा है" ट्रेलर के शुरू होते ही पहला डायलॉग ही फिल्म का मिज़ाज बयां कर देता है. इराक़ का शहर दिखाते हुए और बैकग्राउंड में आवाज़ आती है "जब से दुनिया बनी है, हर कोने में सिर्फ एक ही जंग हुई है- सही और ग़लत की, रौशनी और अंधेरे की" और फिर बेहद ज़बरदस्त बैकग्राउंड स्कोर के साथ आतंकवाद की ख़ौफ़नाक शक्ल, किस तरह से आतंकवादी, मासूम लोगों को मौत का शिकार बना रहे हैं.
आइएसीई नाम के आतंकवादी ऑर्गेनाइज़ेशन ने 25 भारतीय नर्सों को किडनैप कर लिया है, फिर सवाल उठता है उन्हें बचायेगा कौन और जवाब आता है "टाइगर". फिर है सलमान खान की डैशिंग एंट्री, बर्फ़ की लोकेशन में स्कींग में छलाँग लगाते सलमान खान, दुश्मनों को नेस्तनाबूद करते सलमान खान और एक्शन के दौरान उन्हीं की आवाज़ में डायलॉग आता है "शिकार तो सब करते हैं लेकिन टाइगर से बेहतर शिकार कोई नहीं करता".
'टाइगर ज़िंदा है' फिल्म की एक झलक :
दरअसल, इस फिल्म की कहानी इराक में 46 भारतीय नर्सों के ISIS द्वारा अपहरण कर लिए जाने की घटना से जुड़ी है. ये घटना इराक में सद्दाम हुसैन के गृह नगर टिकरीत की है, जहां के एक अस्पताल में ये नर्सें काम करती थीं. जब ISIS ने इस शहर पर कब्जा किया, तो इन नर्सों को आतंकियों ने बंधक बना लिया था. जून 2014 में जब ये खबर दुनिया के सामने आई थी, तो हंगामा मच गया था. बेहद नाटकीय ढंग से उन नर्सों को सकुशल बचाया गया था. भारत के विदेश मंत्रालय ने बाद में विस्तार से जानकारी दी थी कि किस तरह इन नर्सों को गोपनीय ढंग से दो बसों में बैठाकर एक अज्ञात जगह ले जाया गया था. सलमान खान की फिल्म टाइगर जिंदा है एक ऐसे समय में आ रही है, जब भारत सरकार इराक के मोसुल शहर में लापता हुए 39 भारतीय मजदूरों की तलाश में अभियान चला रही है. ये घटना भी उसी दौरान हुई थी, जब इराक में नर्सों को बंधक बनाया गया था.
फिल्म में घुड़सवारी करते सलमान का अंदाज देखने लायक है, जब वो मारते है तो महसूस होता है कि दुश्मनों को चोट लग रही है. दो दिन में सलमान खान किस तरह से भारतीय नर्सों को बचायेंगे इसके इर्दगिर्द रचा गया है पूरा ड्रामा. और उनका साथ निभायेंगी ख़ूबसूरत कटरीना कैफ़. एक था टाइगर की तरह इस फिल्म में भी कटरीना एक पाकिस्तानी जासूस की भूमिका में हैं. जो बंदूक थाम कर अपने टाइगर की मदद करती हैं, कटरीना बेहद हसीन लग रहीं हैं. इस ट्रेलर में, उनकी वजह से एक्शन और रोमान्स का सही कॉमबिनेशन दिख रहा है इस ट्रेलर में.
आतंकवाद बहुत संजीदा विषय है जिस पर आज सबकी नज़र है और इसी बात को फिल्म के ज़रिये कहना आसान नहीं है ख़ासकर जब इसे कमर्शियल तरीके से दिखाया जाये लेकिन निर्देशक अली अब्बास ज़फ़र इस ट्रेलर में कामयाबी हासिल करते हैं. फिल्म देखने के प्रति उत्सुक्ता पैदा करते हैं. और आखिरकार अली अब्बास ज़फ़र और सलमान खान की जोड़ी "सुल्तान" जैसी सुपर हिट फिल्म पहले ही दे चुकी है, तो उस बात का फ़ायदा भी इस टीम को मिलेगा.
निर्देशक कबीर खान की फिल्म "एक था टाइगर" भी सुपर हिट थी, ऐसे में सलमान और निर्देशक अली अब्बास ज़फ़र के लिये चैलेंज ये भी था कि वो उन उम्मीदों पर सिर्फ खरे ही ना उतरे बल्कि एक लेवल और ऊपर जायें, जो हुआ भी है. यशराज बैनर की फिल्म "टाइगर ज़िंदा है " का ट्रेलर एक बड़ी हिट की तरफ़ इशारा ज़रूर कर रहा है.
देश भक्ति और सलमान का अंदाज इस ट्रेलर को दिलचस्प बनाते हैं, ये सलमान के लिये भी ज़रूरी था क्योंकि उनकी पिछली फिल्म ट्यूबलाइट बॉक्स ऑफिस पर वो कारनामा नहीं दिखा पायी जिसकी उन्हे उम्मीद थी. "टाइगर ज़िंदा है" के ट्रेलर का आखिरी डायलॉग जब सलमान बोलते हैं "उस्मान अगर तुझ में दम है तो मुझे रोक के दिखा". इसके बाद सलमान के फैन्स को तालियाँ और सीटी बजाने से कोई नहीं रोक सकता.
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