संवैधानिक रूप से भोजपुरी को भले ही बोली माना जाता है, लेकिन एक भाषा के रूप में इसे बोलने वालों की संख्या पूरी दुनिया में 20 करोड़ से ज्यादा है. केवल भारत में ही करीब 6 से 7 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं. इसे समझने वालों की संख्या तो बहुत ज्यादा है. देश में पश्चिम बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के उत्तर-पूर्वी भाग और नेपाल के तराई क्षेत्र में भोजपुरी बड़े पैमाने पर बोली जाती है. नेपाल, फिजी और मॉरिशस में इसको संविधानिक भाषा का मान्यता मिला है. झारखंड में भोजपुरी दूसरी राजकीय भाषा है. भोजपुरी जानने-समझने वालों का विस्तार विश्व के सभी महाद्वीपों पर है. इनमें सूरिनाम, गुयाना, त्रिनिदाद, टोबैगो और फिजी आदि देश प्रमुख हैं.
पिछले कुछ वर्षों में भोजपुरी के विस्तार के साथ इस भाषा में बनने वाली फिल्मों और गानों की लोकप्रियता भी तेजी से बढ़ी है. इसका सबसे प्रमुख कारण इंटरनेट का विस्तार है. जिस तेजी के साथ 3जी के बाद 4जी आया, इसकी पहुंच आम आदमी तक हुई, उसी तेजी के साथ भोजपुरी सिनेमा को भी बहुत हुआ. पहले 20 से 30 स्क्रीन पर रिलीज होने वाली भोजपुरी फिल्मों को यूट्यूब पर ग्लोबल बॉक्स ऑफिस मिल गया. इसके जरिए पूरी दुनिया में रह रहे भोजपुरी भाषा भाषी लोगों ने सिनेमा देखना और गाना सुनन शुरू कर दिया. इसकी वजह से भोजपुरी फिल्मों और गानों के व्यूज 100 मिलियन तक पहुंच गए. इसके साथ ही भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वालों की कमाई भी बढ़ गई.
भोजपुरी सिनेमा की लोकप्रियता का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है कि इसमें काम करने वाले तीन सुपरस्टार आज देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बीजेपी से सांसद चुनकर संसद चले गए हैं. पहले गायक और अभिनेता मनोज तिवारी दिल्ली से चुनकर संसद गए. उनको दिल्ली बीजेपी का अध्यक्ष भी बनाया गया है. उसके बाद अभिनेता रवि किशन पिछले लोकसभा चुनाव में गोरखपुर से संसद चुनकर आए हैं. इतना ही नहीं आजमगढ़ लोकसभा उप चुनाव में गायक और अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ भी चुनाव जीतकर संसद पहुंच गए हैं....
संवैधानिक रूप से भोजपुरी को भले ही बोली माना जाता है, लेकिन एक भाषा के रूप में इसे बोलने वालों की संख्या पूरी दुनिया में 20 करोड़ से ज्यादा है. केवल भारत में ही करीब 6 से 7 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं. इसे समझने वालों की संख्या तो बहुत ज्यादा है. देश में पश्चिम बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी झारखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के उत्तर-पूर्वी भाग और नेपाल के तराई क्षेत्र में भोजपुरी बड़े पैमाने पर बोली जाती है. नेपाल, फिजी और मॉरिशस में इसको संविधानिक भाषा का मान्यता मिला है. झारखंड में भोजपुरी दूसरी राजकीय भाषा है. भोजपुरी जानने-समझने वालों का विस्तार विश्व के सभी महाद्वीपों पर है. इनमें सूरिनाम, गुयाना, त्रिनिदाद, टोबैगो और फिजी आदि देश प्रमुख हैं.
पिछले कुछ वर्षों में भोजपुरी के विस्तार के साथ इस भाषा में बनने वाली फिल्मों और गानों की लोकप्रियता भी तेजी से बढ़ी है. इसका सबसे प्रमुख कारण इंटरनेट का विस्तार है. जिस तेजी के साथ 3जी के बाद 4जी आया, इसकी पहुंच आम आदमी तक हुई, उसी तेजी के साथ भोजपुरी सिनेमा को भी बहुत हुआ. पहले 20 से 30 स्क्रीन पर रिलीज होने वाली भोजपुरी फिल्मों को यूट्यूब पर ग्लोबल बॉक्स ऑफिस मिल गया. इसके जरिए पूरी दुनिया में रह रहे भोजपुरी भाषा भाषी लोगों ने सिनेमा देखना और गाना सुनन शुरू कर दिया. इसकी वजह से भोजपुरी फिल्मों और गानों के व्यूज 100 मिलियन तक पहुंच गए. इसके साथ ही भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वालों की कमाई भी बढ़ गई.
भोजपुरी सिनेमा की लोकप्रियता का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है कि इसमें काम करने वाले तीन सुपरस्टार आज देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बीजेपी से सांसद चुनकर संसद चले गए हैं. पहले गायक और अभिनेता मनोज तिवारी दिल्ली से चुनकर संसद गए. उनको दिल्ली बीजेपी का अध्यक्ष भी बनाया गया है. उसके बाद अभिनेता रवि किशन पिछले लोकसभा चुनाव में गोरखपुर से संसद चुनकर आए हैं. इतना ही नहीं आजमगढ़ लोकसभा उप चुनाव में गायक और अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ भी चुनाव जीतकर संसद पहुंच गए हैं. तीनों कलाकारों का सांसद बनना इस बात की तस्दीक करता है कि भोजपुरी सिनेमा का प्रभाव भोजपुरी क्षेत्रों में बहुत ज्यादा है, जो कि तेजी से बढ़ भी रहा है.
आइए इस साल रिलीज हुई भोजपुरी की मशहूर फिल्मों के बारे में जानते हैं...
1. आए हम बाराती बारात लेके (Aaye Hum Barati Barat Leke)
IMDb रेटिंग- 9.3
कलाकार- दिनेश लाल यादव निरहुआ, जसविंदर, संजय महानंद, संजय पांडे और अवधेश मिश्रा
निर्देशक- विशाल वर्मा
दिनेश लाल यादव अब आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद बन चुके हैं. यही वजह है कि उनके फिल्मों का विषय भी बदल गया है. एक जमाने में रोमांटिक और एक्शन फिल्में करने वाले निरहुआ ने इस साल एक सामाजिक विषय पर बनी फिल्म 'आए हम बाराती बारात लेके' रिलीज की है. इसमें द्विभाषीय शब्दों और अश्लील दृश्यों की एक भी झलक देखने को नहीं मिलेगी. फिल्म में 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' और 'वीर जारा' जैसी फिल्मों की झलक जरूर दिखती है. इसमें बेटियों के महत्व को बताया गया है. इसके साथ ही ये सीख भी दी गई है कि बेटियां कभी किसी से कम नहीं होती हैं. महिलाओं को लेकर समाज में आज भी कई कुरुतियां मौजूद हैं, फिल्म में इन सभी मुद्दों पर बात की गई है. बहुत दिनों बाद एक भोजपुरी फिल्म में पंजाबी कल्चर देखने को मिला है. कई पंजाबी किरदार हैं. फिल्म में निरहुआ के साथ जसविंदर संजय पांडे और अवधेश मिश्रा ने कमाल का काम किया है.
2. आशिकी (Aashiqui)
IMDb रेटिंग- 8.9
कलाकार- खेसारी लाल यादव, आम्रपाली दुबे, कुणाल सिंह, प्रकाश जैस, पदम सिंह और श्रुति राव
निर्देशक- पराग पाटिल
खेसारी लाल यादव भोजपुरी के सुपरस्टार और लोकप्रिय कलाकार हैं. उनकी फिल्मों और गानों की डिमांड हर वक्त रहती है. खेसारी को भोजपुरी सिनेमा का अक्षय कुमार कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी, क्योंकि अक्षय की तरह वो भी एक साल में 4 से 5 फिल्में करते हैं. इस साल उनकी कई फिल्में रिलीज हुई हैं, जो कि टॉप 10 में मौजूद हैं. 'आशिकी' उनकी इस साल की सबसे बेहतरीन फिल्म कही जा रही है. इसमें खेसारी के अपोजिट आम्रपाली दुबे को कास्ट किया गया है. आम्रपाली वैसे तो अक्सर निरहुआ के साथ ही फिल्म करती हैं, लेकिन खेसारी के साथ उनकी जोड़ी बहुत पसंद की जाती है. इस फिल्म में रोमांस के साथ कई सामाजिक मुद्दों को भी शामिल किया गया है. फिल्म समाज में अस्पृश्यता और अंतर-जातीय विवाह जैसे विषयों के बारे में जागरूकता पैदा करती है. बाबा मोशन पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले निर्मित फिल्म की कहानी खुद खेसारी ने ही लिखी है.
3. डोली सजा के रखना (Doli Saja Ke Rakhna)
IMDb रेटिंग- 6.3
कलाकार- खेसारी लाल यादव, आम्रपाली दुबे, रक्षा गुप्ता, विनोद मिश्रा, अनूप अरोड़ा, समर्थ चतुर्वेदी और अयाज खान
निर्देशक- रजनीश मिश्रा
'डोली सजा के रखना' खेसारी लाल यादव की इस साल की दूसरी सबसे चर्चित फिल्म है. दिलचस्प बात ये है कि इसमें भी उनके अपोजिट आम्रपाली दुबे ही हैं. फिल्म को 2 सितंबर को 25 मल्टीप्लेक्स के अलावा 100 से अधिक सिनेमाघरों में एक साथ रिलीज किया गया था. इसे जबरदस्त रिस्पांस मिला है. खेसारी और आम्रपाली की केमिस्ट्री हर किसी को पसंद आई है. फिल्म की कहानी पिता और पुत्र के रिश्ते पर आधारित है. लेकिन प्यार के खातिर बेटा समाज के सभी बंधनों को तोड़कर अपनी प्रेयसी का हाथ थाम लेता है. इसमें खेसारी और आम्रपाली के साथ रक्षा गुप्ता, विनोद मिश्रा, अनूप अरोड़ा, समर्थ चतुर्वेदी और अयाज खान ने भी कमाल का अभिनय किया है. फिल्म के प्रोड्यूसर रोशन सिंह हैं.
4. दुल्हन लंदन से लाएंगे (Dulhaniya London Se Layenge)
IMDb रेटिंग- 8.0
कलाकार- खेसारी लाल यादव और मधु शर्मा
निर्देशक- रजनीश मिश्रा
साउथ सिनेमा में जिस तरह एसएस राजामौली के बेहतरीन फिल्म मेकर माना जाता है, उसी तरह भोजपुरी सिनेमा में रजनीश मिश्रा का एक अलग स्थान है. उन्होंने भोजपुरी सिनेमा को एक अलग नजरिया दिया है. उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस से लेकर इंटरनेट तक धमाल करती रही हैं. खेसारी लाल यादव के साथ उनकी जोड़ी हर बार कमाल करती है. इस साल खेसारी के साथ उनकी दूसरी लेकिन सबसे चर्चित फिल्म 'दुल्हन लंदन से लाएंगे' 13 मई को रिलीज हुई थी. इसमें खेसारी के साथ भोजपुरी एक्ट्रेस मधु शर्मा और ब्रिटिश एक्ट्रेस ग्रेस रोडेज ने लीड रोल किया है. फिल्म की कहानी सात समुंदर पार लंदन में आधारित है. फिल्म की प्रस्तुति यशी फिल्म्स और जवाबा एंटरटेनमेंट ने की है. इसका निर्माण ए पिक्टोरियल फिल्म प्रोडक्शन से हुआ है. फिल्म के निर्माता अभय सिन्हा, शिवांशु पांडेय और समीर आफताब हैं. इसके संगीतकार, लेखक और निर्देशक रजनीश मिश्रा हैं.
5. हमार स्वाभिमान (Hamar Swabhiman)
IMDb रेटिंग- 6.8
कलाकार- पवन सिंह, अंजना सिंह, डिंपल सिंह, राम शर्मा, कमल कृष्णा, राखी मिश्रा और कमाल कृष्णा
निर्देशक- चंद्र भूषण मणि
भोजपुरी के पावर स्टार पवन सिंह अक्सर विवादों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं. लेकिन उनके गानों का कोई मुकाबला नहीं है. उनके दुश्मन भी मानते हैं कि वो भोजपुरी सिनेमा के सबसे बेहतरीन गायक हैं. इस साल पवन सिंह की फिल्म 'हमार स्वाभिमान' 28 अक्टूबर को रिलीज हुई थी. इसमें पवन के साथ अंजना सिंह, डिंपल सिंह, राम शर्मा, कमल कृष्णा, राखी मिश्रा, वीना पांडेय, मंटू सिंह और कमाल कृष्णा जैसे कलाकार अहम रोल में हैं. फिल्म में पवन सिंह ने गजब का एक्शन किया है. वो कभी तलवारबाजी का करतब करते नजर आते हैं, तो कभी अखाड़े में धोबी पछाड़ लगाते हुए दिखते हैं. अंजना सिंह के साथ उनकी केमिस्ट्री देखते ही बनती है. अपनी फिल्म के बारे में पवन सिंह ने कहा था कि फिल्म 'हमार स्वाभिमान' एक बेहतरीन फिल्म है, यह सिर्फ कहानी नहीं, भोजपुरी जगत के स्वाभिमान को बढ़ाने वाली फिल्म है. ये एक एक सामाजिक और पारिवारिक फिल्म है.
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