सूरज बड़जात्या की ऊंचाई का ट्रेलर रिलीज हो चुका है. ट्रेलर से पहले फिल्म का पोस्टर काफी चर्चित रहा. अब ट्रेलर धमाल मचा रहा है. ऊंचाई इस मामले में भी एक अलग फिल्म है क्योंकि इसमें अमिताभ बच्चन,अनुपम खेर,बोमन ईरानी और डैनी डैंजोगप्पा एक साथ काम कर रहे हैं. फिल्म का ट्रेलर हंसाता भी है और रुलाता भी है. ट्रेलर देखकर ये समझ में आता है कि कहानी चार दोस्तों की है. हिन्दी सिनेमा में दोस्ती पर कई फिल्में बनी हैं लेकिन ये इसलिए अलग लग रही है क्योंकि इसमें जिन चार दोस्तों की कहानी बताई गई है उनकी उम्र 65 पार है. ये फिल्म इसलिए भी खास है कि सूरज बड़जात्या 7 साल बाद किसी फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं और इसलिए भी ये खास है क्योंकि पहली बार किसी फिल्म की शूटिंग उन्होंने स्टूडियो से इतर किया है. बाकी फिल्म को खास बनाने के लिए बच्चन साहब तो हैं ही. ट्रेलर की शुरुआत खूबसूरत वादियों से होती है. ऐसा नहीं है कि पहली बार किसी निर्देशक ने बर्फ से ढ़के सफेद पहाड़ों को दिखाया है.
ट्रेलर की शुरुआत में परिणीति चोपड़ा अपनी खूबसूरत आवाज में जब कहती हैं कि चलते रहेंगे तो थकान महसूस नहीं होगी... फिल्म का ट्रेलर जैसा बना है और जैसा लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं उसे देखकर तो लगता है कि फिल्म देखते हुए भी कोई थकान महसूस नहीं होने वाली है. ट्रेलर में एक जगह अमिताभ बच्चन कहते हैं स्माइल और इस बीच जिस तरीके से बोमन ,अनुपम को छेड़ते हैं. ऐसा लगता है ये कहानी कोई हमारे बचपन की कह रहा हो.
भले ये 65 पार दोस्तों की कहानी हो लेकिन एक मासूमियत इन दोस्तों के बीच साफ-साफ देखी जा सकती है. और अगले ही पल डैनी बोलते भी हैं कि मुझे किसी भी तरह बचपन एक बार अपने दोस्तों के...
सूरज बड़जात्या की ऊंचाई का ट्रेलर रिलीज हो चुका है. ट्रेलर से पहले फिल्म का पोस्टर काफी चर्चित रहा. अब ट्रेलर धमाल मचा रहा है. ऊंचाई इस मामले में भी एक अलग फिल्म है क्योंकि इसमें अमिताभ बच्चन,अनुपम खेर,बोमन ईरानी और डैनी डैंजोगप्पा एक साथ काम कर रहे हैं. फिल्म का ट्रेलर हंसाता भी है और रुलाता भी है. ट्रेलर देखकर ये समझ में आता है कि कहानी चार दोस्तों की है. हिन्दी सिनेमा में दोस्ती पर कई फिल्में बनी हैं लेकिन ये इसलिए अलग लग रही है क्योंकि इसमें जिन चार दोस्तों की कहानी बताई गई है उनकी उम्र 65 पार है. ये फिल्म इसलिए भी खास है कि सूरज बड़जात्या 7 साल बाद किसी फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं और इसलिए भी ये खास है क्योंकि पहली बार किसी फिल्म की शूटिंग उन्होंने स्टूडियो से इतर किया है. बाकी फिल्म को खास बनाने के लिए बच्चन साहब तो हैं ही. ट्रेलर की शुरुआत खूबसूरत वादियों से होती है. ऐसा नहीं है कि पहली बार किसी निर्देशक ने बर्फ से ढ़के सफेद पहाड़ों को दिखाया है.
ट्रेलर की शुरुआत में परिणीति चोपड़ा अपनी खूबसूरत आवाज में जब कहती हैं कि चलते रहेंगे तो थकान महसूस नहीं होगी... फिल्म का ट्रेलर जैसा बना है और जैसा लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं उसे देखकर तो लगता है कि फिल्म देखते हुए भी कोई थकान महसूस नहीं होने वाली है. ट्रेलर में एक जगह अमिताभ बच्चन कहते हैं स्माइल और इस बीच जिस तरीके से बोमन ,अनुपम को छेड़ते हैं. ऐसा लगता है ये कहानी कोई हमारे बचपन की कह रहा हो.
भले ये 65 पार दोस्तों की कहानी हो लेकिन एक मासूमियत इन दोस्तों के बीच साफ-साफ देखी जा सकती है. और अगले ही पल डैनी बोलते भी हैं कि मुझे किसी भी तरह बचपन एक बार अपने दोस्तों के साथ जीना है.. फिर बीग भी बर्थ डे को लेकर फिरकी लेते हैं और बैकग्रांउड में बजता गाना..मखमल गालों वाली, मस्त ख्यालों वाली जैसे पूरे शरीर में एक रोमांच पैदा कर जाता है. अगर आप राजश्री की फिल्मों से परिचित हैं तो इस यकीन के साथ इस फिल्म का इंतजार करिए कि म्यूजिक तो इसका बवाल टाइप का होने वाला है.
उल्टी हथेली पर ग्लास रख कर किया गया स्टेप...हाय... हाय क्या कमाल की ट्यूनिंग बनी है चारों अभिनेताओं की...यहां तक ऐसा चल रहा है जैसा हम अक्सर देखना चाहते हैं..और चाहते हैं कि ऐसा ही चलता रहे..लेकिन इमोशन सिर्फ हंसने का नाम नहीं, इमोशन आपको रुलाता भी है..ट्रेलर भी अगले पल यही कर जाता है. ट्रेलर में बोमन ईरानी की मौत भले हो जाती है लेकिन कहानी यहां से फिर एक बार शुरु होती है. इसमें सफर है. दोस्तों की लड़ाई,झगड़ा और प्यार, सूरज बड़जात्या ने सब बेहद खूबसूरती से दिखाया है.
ट्रेलर देखकर जितना समझ आता है वो ये है कि आगे की कहानी एवरेस्ट की चढ़ाई है. लेकिन इसमें जिंदगी के सफर को दिखाया गया है. अपनी दोस्त की इच्छा पूरी करने के लिए तीनों दोस्त एवरेस्ट की तरफ बढ़ते हैं. जवान लोग एवरेस्ट चढ़ने की हिम्मत नहीं करते भला ये 65 पार बुड्ढे कैसे एवरेस्ट चढ़ेंगे. ट्रेलर में अनुपम खैर ये कहते भी हैं कि हमारी उम्र देखी है. ट्रेलर में परिणिती चोपड़ा एक गाइड की भूमिका में प्यारी लग रही हैं हालांकि ट्रेलर देखकर इतना तो मालूम पड़ ही जाता है कि फिल्म में उनका रोल भी गाइड जितना ही रहने वाला है.
दोस्त के लिए सफर की शुरुआत होती है, इसमें कई किरदार जुड़ते जाते हैं. नीना गुप्ता को इन दिग्गजों के साथ देखना अच्छा लगता है हालांकि फिल्म में उनके किरदार के लिए भी बहुत कुछ करने को नहीं होगा.पहाड़, जंगल, झरना और पुल पर लड़खड़ाते दोस्तों के संवाद बांधने वाले हैं. हिन्दी सिनेमा बदल रही है.और ये वक्त तो हिन्दी सिनेमा के लिए वैसे भी कुछ अच्छा नहीं चल रहा है.लेकिन इतना तो तय है कि ये फिल्म किसी बायकॉट कल्चर में नहीं फंसने वाली है. क्योंकि इसमें कहानी जिंदगी के बारे में है, दोस्तों के बारे में है.. हर किसी की कहानी ऐसी ही तो होती है. जैसा कि ट्रेलर के अंत में गाना बजता है.ये जीवन है.ये जीवन का.यही है.यही है, यही है...रंग रूप.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.