चाहे वो अक्षय कुमार और कंगना हों. या फिर सलमान खान और शाहरुख़ खान. जैसे एक के बाद एक बॉक्स ऑफिस पर बड़े सितारों की फ़िल्में पिट रही हैं, सिनेमा के जानकारों के बीच चर्चा तेज है कि, बॉलीवुड मृत्युशैया पर है. ऐसा क्यों हुआ? एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले से लेकर नेपोटिज्म और राष्ट्रवाद तक कारण कई हैं. क्रिटिक्स लगातार इस बात पर बल दे रहे हैं कि जीवित रहने के लिए बॉलीवुड को वेंटिलेटर चाहिए. समीक्षकों द्वारा कही इस बात को किसी ने समझा हो या न समझा हो. लेकिन एक्टर शाहरुख़ खान ने 'विजय सेतुपति' को ढाल बनाकर वक़्त की नब्ज पकड़ ली है. एसआरके इस बात को गांठ बांध चुके हैं कि दौर साउथ का है. और चूंकि सफलता का रास्ता भी वहीं से आता है. इसलिए वो ऐसे तमाम एक्सपेरिमेंट्स कर रहे हैं जो अगर कामयाब हो गए तो शाहरुख़ को मोटी कमाई करने से शायद ही कोई रोक पाए. दरअसल तमिल निर्देशक एटली के निर्देशन में बन रही शाहरुख़ की फिल्म 'जवान' में विजय सेतुपति की एंट्री हुई है. इस फिल्म के लिए विजय ने राणा दग्गुबाती को रिप्लेस किया है.
ध्यान रहे पूर्व में ये घोषणा हुई थी कि अगले साल यानी 2023 में रिलीज हो रही जवान में शाहरुख के साथ दीपिका पादुकोण, नयनतारा, सान्या मल्होत्रा, राणा दग्गुबाती और सुनील ग्रोवर अहम भूमिका में नजर आने वाले हैं. लेकिन अब चर्चाएं तेज हैं कि फिल्म में राणा दग्गुबाती की जगह ऑडियंस विजय सेतुपति को एक्शन करते देखेगी.
राणा दग्गुबाती को हटाकर जवान के लिए विजय सेतुपति का रिक्रूटमेंट कैसे और क्यों हुआ इसपर वही पुराना तर्क दिया...
चाहे वो अक्षय कुमार और कंगना हों. या फिर सलमान खान और शाहरुख़ खान. जैसे एक के बाद एक बॉक्स ऑफिस पर बड़े सितारों की फ़िल्में पिट रही हैं, सिनेमा के जानकारों के बीच चर्चा तेज है कि, बॉलीवुड मृत्युशैया पर है. ऐसा क्यों हुआ? एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले से लेकर नेपोटिज्म और राष्ट्रवाद तक कारण कई हैं. क्रिटिक्स लगातार इस बात पर बल दे रहे हैं कि जीवित रहने के लिए बॉलीवुड को वेंटिलेटर चाहिए. समीक्षकों द्वारा कही इस बात को किसी ने समझा हो या न समझा हो. लेकिन एक्टर शाहरुख़ खान ने 'विजय सेतुपति' को ढाल बनाकर वक़्त की नब्ज पकड़ ली है. एसआरके इस बात को गांठ बांध चुके हैं कि दौर साउथ का है. और चूंकि सफलता का रास्ता भी वहीं से आता है. इसलिए वो ऐसे तमाम एक्सपेरिमेंट्स कर रहे हैं जो अगर कामयाब हो गए तो शाहरुख़ को मोटी कमाई करने से शायद ही कोई रोक पाए. दरअसल तमिल निर्देशक एटली के निर्देशन में बन रही शाहरुख़ की फिल्म 'जवान' में विजय सेतुपति की एंट्री हुई है. इस फिल्म के लिए विजय ने राणा दग्गुबाती को रिप्लेस किया है.
ध्यान रहे पूर्व में ये घोषणा हुई थी कि अगले साल यानी 2023 में रिलीज हो रही जवान में शाहरुख के साथ दीपिका पादुकोण, नयनतारा, सान्या मल्होत्रा, राणा दग्गुबाती और सुनील ग्रोवर अहम भूमिका में नजर आने वाले हैं. लेकिन अब चर्चाएं तेज हैं कि फिल्म में राणा दग्गुबाती की जगह ऑडियंस विजय सेतुपति को एक्शन करते देखेगी.
राणा दग्गुबाती को हटाकर जवान के लिए विजय सेतुपति का रिक्रूटमेंट कैसे और क्यों हुआ इसपर वही पुराना तर्क दिया जा रहा है. राणा के लिए कहा जा रहा है कि 'जवान' के मेकर्स द्वारा उनसे संपर्क किया गया था मगर डेट्स उपलब्ध न होने के कारण उन्होंने अपने को इस प्रोजेक्ट से अलग कर लिया.
ये तर्क इसलिए भी एक खोखला तर्क है क्योंकि जब हमने राणा की व्यस्तता की जानकारी जुटाई तो यही मिला कि हाल फ़िलहाल में 'मार्तंड वर्मा' के जरिये राणा के पास सिर्फ एक प्रोजेक्ट है. ध्यान रहे के मधु निर्देशित राणा दग्गुबाती की फिल्म 'मार्तंड वर्मा' 25 अक्टूबर 2022 को रिलीज हो रही है.
चूंकि शाहरुख़ की अपकमिंग फिल्म जवान पहले ही मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया पर बज बनाने में कामयाब हो चुकी है इसलिए इस फिल्म से जुडी छोटी बड़ी डिटेल पर फैंस की पैनी नजर है. बात चूंकि विजय सेतुपति की हुई है. तो यदि शाहरुख़ और एटली की तरफ से उन्हें लेकर अहम फैसला हुआ है तो ये यूं ही नहीं है.
हमें इसके पीछे छिपे लॉजिक पर नजर डालनी होगी और इस बात को समझना होगा कि ये कोई छोटा मोटा फैसला नहीं है. भले ही बॉलीवुड या हिंदी पट्टी के लिए विजय सेतुपति एक साधारण से एक्टर हों. लेकिन जब हम साउथ जाते हैं और बतौर एक्टर उनकी फैन फॉलोविंग पर नजर डालते हैं तो परिणाम चौंकाने वाले मिलते हैं.
बताते चलें कि विजय सेतुपति का शुमार साउथ उसपर भी तमिल सिनेमा के उन टॉप फाइव एक्टर्स में है जिनकी जबरदस्त फैन फॉलोविंग और अपना तगड़ा फैन बेस है. ऐसे में जब हम राणा का रुख करते हैं तो तमिल इंडस्ट्री में विजय के मुकाबले राणा उन्नीस ही हैं. ऊपर हमने फैन फॉलोइंग का जिक्र किया है.
अब बात अगर एक्टिंग की हो तो राणा जहां अब तक कमोबेश एक ही तरह की एक्टिंग करते दिखे हैं. वहीं जब हम एक एक्टर के रूप में विजय सेतुपति को देखते हैं तो उनकी एक्टिंग में वेरिएशन हमें साफ़ दिखाई देता है. चाहे वो मास्टर हो या फिर विक्रम जिस तरह विजय ने अपने रोल को अंजाम दिया हर कोई उनके अभिनय का लोहा मान चुका है.
खुद निर्देशक भी इस बात को समझते हिन् और यही वो कारण है जिसके चलते अल्लू अर्जुन की पुष्पा 2 में फहाद फासिल की जगह विजय को रिप्लेस किया गया है.बात बहुत साफ़ है. चाहे वो शाहरुख़ खान और उनका प्रोडक्शन हाउस रेड चिल्ली हो या फिर जवान के निर्देशक एटली तीनों ही इस बता को भली भांति जानते हैं कि बाजी हमेशा जीतते घोड़े पर लगाई जाती है न कि थके हुए घोड़े पर.
चूंकि विजय एक के बाद एक हिट दे रहे हैं. साफ़ है कि मौजूदा हालत में विजय तुरुप का वो इक्का हैं जो अपने ऑरा से शाहरुख़ खान और एटली दोनों का मुकद्दर बदल सकते हैं और उन्हें वो सफलता दिला सकते हैं जिसका मजा चखने के लिए बॉयकॉट बॉलीवुड वाले इस दौर में वो बेक़रार हैं.
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