पुष्कर गायत्री के निर्देशन में बनी 'विक्रम वेधा' सिनेमाघरों में रिलीज के लिए तैयार है. फिल्म में रितिक रोशन और सैफ अली खान ने मुख्य भूमिका निभाई है. यह फिल्म बेताल पचीसी से प्रेरित बताई जा रही है. इसमें एक पुलिस अफसर और एक खूंखार अपराधी की कहानी को दिखाया गया है. असल में विक्रम वेधा कुछ साल पहले ही तमिल में आई फिल्म का आधिकारिक रीमेक है. आर माधवन और विजय सेतुपति ने मूल फिल्म में वही भूमिका निभाई है जिसे रीमेक में सैफ अली खान और रितिक रोशन निभा रहे हैं. मूल फिल्म ने दर्शकों को लाजवाब कर दिया था. तमिल बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त बिजनेस भी किया था. रीमेक का बिजनसे और असर अगले दो तीन दिनों में देखने लायक होगा. जहां तक बात मेकर्स की है- रीमेक का भी निर्देशन पुष्कर गायत्री ने ही किया है. हालांकि नवरात्रि के त्योहारी वीकएंड में विक्रम वेधा के साथ तमिल की ऐतिहासिक पैन इंडिया ड्रामा पोन्नियिन सेलवन 1 (PS-1) भी रिलीज हो रही है. यह भारत के सबसे महान चोल साम्राज्य की कहानी है.
विक्रम वेधा की समीक्षाएं सोशल मीडिया पर नजर आ रही हैं. इसमें समीक्षकों और दर्शकों (पता नहीं कौन हैं) की प्रतिक्रियाएं शामिल हैं. वैसे समीक्षाएं मिली जुली हैं और ज्यादातर विक्रम वेधा के पक्ष में हैं. यह भी कम मजेदार नहीं है कि ज्यादातर समीक्षाएं फिल्म की रिलीज से पहले यानी 28 सितंबर की दिख रही हैं. यह तो समझ में आता है कि प्रेस शो में पत्रकारों ने फिल्म देख ली होगी, मगर दर्शकों के लिए भी कोई ऐसा प्रेस शो हुआ क्या- आईचौक इस बारे में कुछ भी दावे से नहीं कह सकता. बावजूद दर्शक की हैसियत से लिखी तमाम समीक्षाएं दिख रही हैं. विक्रम वेधा की तारीफ़ में दिख रही आम समीक्षाएं 16 से 20 घंटे पहले ट्विटर और दूसरे सोशल प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गई हैं. इन्हें विक्रम वेधा रिव्यू और ब्लॉकबस्टर हैशटैग में देखा जा सकता है. कुछ ट्वीट नीचे देख सकते हैं.
क्या विजय सेतुपति को रितिक रोशन ने पछाड़ दिया?
तो जो समीक्षाएं नजर आ रही हैं उसमें फिल्म की जमकर प्रशंसा देखने को मिल रही है. हिंदी वर्जन को तमिल वर्जन से भी श्रेष्ठ बताया जा रहा है. लोग फिल्म को 5 में से 4.5 रेट कर रहे और इसे ब्लॉकबस्टर, एंटरटेनर बता रहे हैं. पुष्कर गायत्री के निर्देशन फिल्म की लिखावट और रितिक रोशन की भूमिका की तारीफ़ की जा रही है. मजेदार यह भी है कि विक्रम वेधा का ट्रेलर आने के बाद से ही रितिक के परफॉर्मेंस की तुलना विजय के साथ हो रही थी. लोगों ने माना था कि रितिक, उस परफॉर्मेंस को छू भी नहीं पाए हैं जिसे तमिल ने विजय में किया था. लेकिन विक्रम वेधा की तमाम समीक्षाओं में रितिक के काम को विजय से भी बीस बताया जा रहा है.
चूंकि विक्रम वेधा का PS-1 के साथ क्लैश है, विक्रम के साथ भी तुलना देखने को मिल रही है. PS-1 की समीक्षा आने से पहले ही विक्रम वेधा को बेहतरीन बताया जा रहा है. लोग यहां तक लिख रहे कि बतौर एक्टर विक्रम, रितिक और सैफ से बेहतर नहीं हैं. रितिक और सैफ को हिंदी दर्शकों की नब्ज पता है. हालांकि ऐसी समीक्षाएं भी हैं जिसमें तुलना को लोग बेमतलब का बता रहे हैं. वैसे जहां तक बात एक्टिंग परफॉर्मेंस की है- विक्रम की मात्र तीन फ़िल्में रितिक और सैफ पर भारी नजर आती हैं. एक तरह से विक्रम के साथ सैफ की तुलना करना सूरज को टॉर्च की रौशनी से चैलेंज करने जैसा है.
विक्रम और रितिक.
विक्रम से इन एक्टर्स की तुलना टॉर्च दिखाने जैसा है
ना तो विक्रम का नाम और ना ही उनका काम- हिंदी दर्शकों के लिए अंजाना है. हिंदी दर्शकों के विक्रम की कई फ़िल्में खूब देखी गई हैं. इनमें साल 2005 में आई अन्नियन (हिंदी में अपरिचित) और आई (I) शामिल हैं. यह दोनों फ़िल्में हिंदी में तो नहीं रिलीज हुई थीं मगर इन्हें डबिंग के जरिए बाद में टीवी पर प्रीमियर किया जा चुका है. दोनों फ़िल्में टीवी पर कई-कई बार दिखाई जा चुकी हैं और शायद ही हिंदी के दर्शकों ने इन्हें मिस किया हो. जबकि विक्रम के काम को पसंद करने वाले दर्शक उनकी फिल्मों को देखते रहे हैं. कुछ साल पहले विजॉय नांबियार के निर्देशन में विक्रम ने एक हिंदी फिल्म की थी- डेविड. शायद दर्शकों को याद हो कि इसमें नील नितिन मुकेश ने भी एक हिस्से की कहानी में केंद्रीय भूमिका निभाई थी.
हालांकि डेविड फ्लॉप हो गई थी मगर बॉलीवुड में यह अपने दौर से बहुत आगे की फिल्म नजर आती है. डेविड में तीन अलग-अलग कहानियां थीं. इसमें से एक कहानी के केंद्र में विक्रम हैं. तीनों कहानियां बिल्कुल आखिर में एक हो जाती हैं और तब फिल्म की कहानी बिल्कुल अलग रूप में सामने आ जाती है. भले डेविड फ्लॉप थी मगर में विक्रम ने एक जबरदस्त भूमिका निभाई. तीनों फिल्मों में विक्रम की एक्टिंग रेंज देखने लायक है. तीनों बिल्कुल अलग विषय की फ़िल्में हैं. मजेदार यह है कि मॉस एंटरटेनर के रूप में बनाई गई थीं. डेविड को छोड़ दिया जाए तो बाकी दोनों फ़िल्में जबरदस्त हिट हुई थीं. 2015 में रिलीज हुई आई ने करीब करीब ढाई सौ करोड़ के आसपास का बिजनेस किया था. जबकि 17 साल पहले आई अन्नियन ने 60 करोड़ से ज्यादा का कारोबार किया वह भी सिर्फ तमिल फिल्मों में. विक्रम की लोकप्रियता का अंदाजा कितने भर से लगा सकते हैं कि हिंदी बेल्ट में तमाम उनका नाम भले ना जानते हों मगर अपरिचित और आई वाला एक्टर बुलाते हैं. यह उनकी परफॉर्मेंस का ही सबसे बड़ा सबूत है.
विक्रम जैसी विविधतापूर्ण एक्टिंग बॉलीवुड में खोजना दुर्लभ है
आमतौर पर किसी मसाला एंटरटेनर में किसी एक्टर की ऐसी दमदार परफॉर्मेंस नजर नहीं आती जैसा विक्रम ने किया. विक्रम की फिल्मोग्राफी देखें तो रितिक या सैफ उनके आगे कहीं नहीं ठहरते. विक्रम में क्लास और मॉस दोनों का अद्भुत संगम नजर आता है. रितिक सैफ के पास कामयाब फ़िल्में हैं लेकिन विविधतापूर्ण एक्टिंग रेंज नहीं है. बावजूद कि दोनों प्रतिभाशाली एक्टर हैं और दोनों ने ज्यादातर बॉलीवुड की फ़ॉर्मूला फ़िल्में की हैं. इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि रितिक-सैफ को विक्रम की तरह दमदार किरदारों वाली ज्यादा फ़िल्में ना मिली हों.
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