बतौर अभिनेता बॉलीवुड में अभिषेक बच्चन 22 साल से सक्रिय हैं. लेकिन 22 सालों में अभिषेक हमेशा एक्टिंग फ्रंट पर संघर्ष ही करते नजर आए हैं और उतार चढ़ाव के नाजुक दौर से भी गुजरे हैं. साल 2012 के बाद तो उनका करियर बुरी तरह नीचे की ओर जाता दिखता है. उनकी फिल्मोग्राफी में इक्का-दुक्का फ़िल्में दिखती हैं. एक दो ऐसे साल भी दिखते हैं जब अभिषेक बिना फिल्म के खड़े हैं. तो अभिषेक की यात्रा को ऐसे भी कह सकते हैं- "बॉलीवुड में सबसे लंबे वक्त तक संघर्ष करने वाला एक्टर."
दो दशक के करियर में उन्होंने कई उल्लेखनीय भूमिकाएं कीं. और उनकी कई फ़िल्में सफल भी रहीं. लेकिन इसमें एक दो फिल्मों की सोलो सक्सेस ही एक्टर के खाते में दर्ज हैं. उनकी प्रतिभा का मूल्यांकन हमेशा पिता और माता की पहाड़ जैसी उपलब्धियों के नीचे दबा रहा. उन्हें अमिताभ के 'अक्श' के रूप में देखा गया. जबकि वो किसी की परछाई नहीं स्वतंत्र रूप से अभिषेक बच्चन थे. मल्टी स्टारर फिल्मों का बड़ा श्रेय हमेशा दूसरे साथियों के हिस्से गया. हालांकि जिस कोरोना महामारी ने दुनियाभर को परेशान किया, अभिषेक उसका शुक्रगुजार हो सकते हैं. ओटीटी युग एक्टर के करियर में वरदान की तरह दिखता है.
अब उनकी अदाकारी स्वतंत्र रूप से लोगों का आकर्षण पा रही है. उन्हें वाजिब तारीफ़ भी मिल रही है. यह सब तब हो रहा है जब एक्टर करियर का एक बड़ा हिस्सा गुजार चुके हैं और आने वाले सालों में उत्तरार्ध की ओर बढ़ते दिखेंगे. अगले महीने नेटफ्लिक्स पर जूनियर बच्चन की सोशल कॉमेडी ड्रामा 'दसवीं' आ रही हैं. यह फिल्म 7 अप्रैल को सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज की जाएगी. और इस बात की संभावना से बिल्कुल इनकार नहीं किया जा सकता कि यह दर्शकों का बढ़िया मनोरंजन करने में कामयाब...
बतौर अभिनेता बॉलीवुड में अभिषेक बच्चन 22 साल से सक्रिय हैं. लेकिन 22 सालों में अभिषेक हमेशा एक्टिंग फ्रंट पर संघर्ष ही करते नजर आए हैं और उतार चढ़ाव के नाजुक दौर से भी गुजरे हैं. साल 2012 के बाद तो उनका करियर बुरी तरह नीचे की ओर जाता दिखता है. उनकी फिल्मोग्राफी में इक्का-दुक्का फ़िल्में दिखती हैं. एक दो ऐसे साल भी दिखते हैं जब अभिषेक बिना फिल्म के खड़े हैं. तो अभिषेक की यात्रा को ऐसे भी कह सकते हैं- "बॉलीवुड में सबसे लंबे वक्त तक संघर्ष करने वाला एक्टर."
दो दशक के करियर में उन्होंने कई उल्लेखनीय भूमिकाएं कीं. और उनकी कई फ़िल्में सफल भी रहीं. लेकिन इसमें एक दो फिल्मों की सोलो सक्सेस ही एक्टर के खाते में दर्ज हैं. उनकी प्रतिभा का मूल्यांकन हमेशा पिता और माता की पहाड़ जैसी उपलब्धियों के नीचे दबा रहा. उन्हें अमिताभ के 'अक्श' के रूप में देखा गया. जबकि वो किसी की परछाई नहीं स्वतंत्र रूप से अभिषेक बच्चन थे. मल्टी स्टारर फिल्मों का बड़ा श्रेय हमेशा दूसरे साथियों के हिस्से गया. हालांकि जिस कोरोना महामारी ने दुनियाभर को परेशान किया, अभिषेक उसका शुक्रगुजार हो सकते हैं. ओटीटी युग एक्टर के करियर में वरदान की तरह दिखता है.
अब उनकी अदाकारी स्वतंत्र रूप से लोगों का आकर्षण पा रही है. उन्हें वाजिब तारीफ़ भी मिल रही है. यह सब तब हो रहा है जब एक्टर करियर का एक बड़ा हिस्सा गुजार चुके हैं और आने वाले सालों में उत्तरार्ध की ओर बढ़ते दिखेंगे. अगले महीने नेटफ्लिक्स पर जूनियर बच्चन की सोशल कॉमेडी ड्रामा 'दसवीं' आ रही हैं. यह फिल्म 7 अप्रैल को सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज की जाएगी. और इस बात की संभावना से बिल्कुल इनकार नहीं किया जा सकता कि यह दर्शकों का बढ़िया मनोरंजन करने में कामयाब होगी.
फिल्म का ट्रेलर सबूत है कि दसवीं एक मनोरंजक फिल्म है. इसे दिनेश विजान के प्रोडक्शन ने बनाया है. दिनेश का प्रोडक्शन अब तक कई हिट सोशल कॉमेडिज बना चुका है- जिसमें मिमी, स्त्री और हिंदी मीडियम जैसी शानदार फ़िल्में शामिल हैं. फिल्मों को उनकी प्रस्तुति और ताजगी के लिए भी याद किया जा सकता है. इस कड़ी में दसवीं दिनेश विजान की बड़ी फिल्म है. दसवीं में अभिषेक एक जाट नेता की दमदार भूमिका में हैं.
हालांकि उन्हें किसी मामले में जेल जाने की वजह से पद से इस्तीफ़ा देना पड़ता है और अपनी जगह पत्नी को कुर्सी पर बिठाते हैं. जेल में अभिषेक को कम पढ़ा लिखा होने का अपमान झेलना पड़ता है और वे जेल से ही दसवीं करने का प्रण लेते हैं. तुषार जलोटा के निर्देशन में अभिषेक के साथ यामी गौतम और निमरत कौर अहम भूमिकाओं में नजर आ रही हैं.
नीचे दसवीं का ट्रेलर देख सकते हैं:-
अमिताभ ने भी घोषित किया उत्तराधिकारी
खैर. अभिषेक के लिए बतौर एक्टर 'दसवीं' एक जरूरी फिल्म बन जाती है. अगर यह सफल हुई तो जूनियर बच्चन के करियर में बैक टू बैक लगातार तीसरी सफल फिल्म मानी जा सकती है. यहां तक कि एक्टर के पिता अमिताभ बच्चन ने भी दसवीं का ट्रेलर देखने के बाद पहली बार उन्हें सार्वजनिक रूप से अपना 'रचनात्मक उत्तराधिकारी' तक घोषित कर दिया है. कुछ दिन पहले दसवीं का ट्रेलर साझा करते हुए अमिताभ ने हरिवंश राय बच्चन का कोट इस्तेमाल करते हुए ट्वीट किया- मेरे बेटे, बेटे होने से मेरे उत्तराधिकारी नहीं होंगे; जो मेरे उत्तराधिकारी होंगे वो मेरे बेटे होंगे! ~ हरिवंश राय बच्चन. अभिषेक तुम मेरे उत्तराधिकारी हो- बस कह दिया तो कह दिया.
दसवीं से पहले अभिषेक की दो बड़ी फ़िल्में सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई थीं. पहली फिल्म शेयर बाजार के ब्रोकर- हर्षद मेहता के जीवन से प्रेरित 'द बिग बुल' को भी महामारी की वजह से थियेटर में नहीं आ पाई थी. इसे डिजनी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम किया गया था. बिग बुल को लोगों ने खूब पसंद किया था. खासकर अभिषेक बच्चन का काम दर्शकों को बहुत पसंद आया था.
सालों अभिषेक ने ऐसी सफलता का इंतज़ार किया है
द बिग बुल के बाद जूनियर बच्चन की बॉब बिस्वास भी जी5 पर ही रिलीज हुई थी. इस फिल्म में भी जूनियर बच्चन के काम को काफी सरहाना मिली थी. जूनियर बच्चन के लुक, उनकी अदायगी ने एक बार फिर व्यापक रूप से दर्शकों को आकर्षित किया था. ओटीटी व्यूअरशिप के लिहाज से बॉब बिस्वास को भी सफल माना जा सकता है. अब एक्टर दसवीं में एक हरफनमौला भूमिका में नजर आने वाले हैं. वैसे जूनियर बच्चन का ओटीटी लिंक को थोड़ा और विस्तार दें तो इसमें वेब सीरीज की सक्सेस फ्रेंचाइजी ब्रीद- सीजन 2 को भी जोड़ा जा सकता है. एक्टर ने भूमिका से हैरान कर दिया था और यह कहने में संकोच नहीं करना चाहिए कि ब्रीद सीजन 2 का इकलौता आकर्षण अभिषेक की एक्टिंग ही थी.
अभिषेक के साथ ऐसा पहले कभी नहीं हुआ जब बैक टू बैक उनके काम को सराहना मिली हो. सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्मों के साथ तो कभी नहीं हुआ. ओटीटी जूनियर बच्चन को वह फेम और सफलता दे रहा है- एक एक्टर के रूप में जिसकी अपेक्षा उन्होंने की होगी. कोरोना के दो साल उनकी करियर का बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुए. हालांकि अनुराग कश्यप की 'मनमर्जियां' को एक्टिंग फ्रंट पर जूनियर बच्चन के करियर को नया पड़ाव देने वाली फिल्म के रूप में देखा जाता है. कुछ भी हो. लेकिन करियर डेब्यू के सालों बाद जबरदस्त सफलता ओटीटी के रास्ते ही उन्हें मिली है. जूनियर बच्चन के जीवन में इस प्लेटफॉर्म को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. अप्रैल में दसवीं का इंतज़ार करना चाहिए.
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