शाहरुख खान जितने बड़े संत आज की तारीख में दिखते हैं- उनका अतीत बिल्कुल उलटा है. अतीत में उनपर कई ऐसे आरोप बॉलीवुड के बंद कमरों से बाहर निकलकर आए हैं कि लोग भरोसा नहीं कर पाएंगे. और जब उन गॉसिप्स पर भरोसा करते हैं तो समझ में आता है कि असल में शाहरुख स्टारडम के नशे में चूर बदमिजाज, घमंडी और एक असभ्य अभिनेता भी नजर आते हैं. स्त्री विरोधी भी. फ्लॉप होने से पहले उनकी मनमानियों का सिलसिला अंतहीन है. उनके अतीत में यह भी पता चलता है कि ट्रिक्स के जरिए सक्सेस हासिल करने का उस्ताद पठान से पहले भी कई बार राजनीतिक बवाल मचाकर सफलता हथियाने के तिकड़म में लगा दिखता है. कई बार. पठान से पहले सबसे ताजा मामला साल 2015 का है. फिल्म थी दिलवाले.
दिलवाले एक्शन कॉमेडी थी. शाहरुख खान-काजोल की ब्लॉकबस्टर जोड़ी तो थी ही. वरुण धवन और कृति सेनन भी थे. रोहित शेट्टी की फिल्मों में जो कुछ होता है, सबकुछ था. माना जा रहा था कि यह फिल्म हिट होगी. शाहरुख जिस तरह से सुर्खियां बटोरने के आदि रहे हैं- दिलवाले की रिलीज से पहले उन्होंने वही हथकंडा अपनाया. मोदी की सरकार के एक साल हो चुके थे. एक इवेंट में शाहरुख ने अचानक से विक्टिम कार्ड खेलते हुए असहिष्णुता का मुद्दा उछाल दिया. वही मुसलमानों का इस देश में रहना दूभर है. इससे पहले वो माई नेम इज खान बना ही चुके थे. हर कोई हैरान था कि शाहरुख ने ऐसा बयान क्यों दिया. शाहरुख को अपनी ट्रिक के नतीजों का अंदाजा नहीं रहा होगा. उन्हें लगा होगा कि यह विवाद भी दूसरे विवादों की तरह जरूरी सुर्खियां देकर शांत हो जाएगा.
लेकिन वे गलत थे. शाहरुख का असहिष्णुता वाला बयान किसी को पसंद नहीं आया. उनके तमाम जबरा प्रशंसकों को भी. जबरदस्त आलोचना हुई. और इसका खामियाजा टिकट खिड़की पर दिलवाले को भुगतना पड़ा. जबकि विवाद से पहले तक फिल्म के गाने जिस तरह बज रहे थे, चर्चा जिस तरह की थी, तय माना जा रहा था कि रोहित शेट्टी की यह फिल्म भी बड़ी ब्लॉकबस्टर साबित होगी. बहुत बाद में शाहरुख ने बयान को लेकर माफी मांगी. रोहित शेट्टी, शाहरुख के बयान से खासे नाराज हुए....
शाहरुख खान जितने बड़े संत आज की तारीख में दिखते हैं- उनका अतीत बिल्कुल उलटा है. अतीत में उनपर कई ऐसे आरोप बॉलीवुड के बंद कमरों से बाहर निकलकर आए हैं कि लोग भरोसा नहीं कर पाएंगे. और जब उन गॉसिप्स पर भरोसा करते हैं तो समझ में आता है कि असल में शाहरुख स्टारडम के नशे में चूर बदमिजाज, घमंडी और एक असभ्य अभिनेता भी नजर आते हैं. स्त्री विरोधी भी. फ्लॉप होने से पहले उनकी मनमानियों का सिलसिला अंतहीन है. उनके अतीत में यह भी पता चलता है कि ट्रिक्स के जरिए सक्सेस हासिल करने का उस्ताद पठान से पहले भी कई बार राजनीतिक बवाल मचाकर सफलता हथियाने के तिकड़म में लगा दिखता है. कई बार. पठान से पहले सबसे ताजा मामला साल 2015 का है. फिल्म थी दिलवाले.
दिलवाले एक्शन कॉमेडी थी. शाहरुख खान-काजोल की ब्लॉकबस्टर जोड़ी तो थी ही. वरुण धवन और कृति सेनन भी थे. रोहित शेट्टी की फिल्मों में जो कुछ होता है, सबकुछ था. माना जा रहा था कि यह फिल्म हिट होगी. शाहरुख जिस तरह से सुर्खियां बटोरने के आदि रहे हैं- दिलवाले की रिलीज से पहले उन्होंने वही हथकंडा अपनाया. मोदी की सरकार के एक साल हो चुके थे. एक इवेंट में शाहरुख ने अचानक से विक्टिम कार्ड खेलते हुए असहिष्णुता का मुद्दा उछाल दिया. वही मुसलमानों का इस देश में रहना दूभर है. इससे पहले वो माई नेम इज खान बना ही चुके थे. हर कोई हैरान था कि शाहरुख ने ऐसा बयान क्यों दिया. शाहरुख को अपनी ट्रिक के नतीजों का अंदाजा नहीं रहा होगा. उन्हें लगा होगा कि यह विवाद भी दूसरे विवादों की तरह जरूरी सुर्खियां देकर शांत हो जाएगा.
लेकिन वे गलत थे. शाहरुख का असहिष्णुता वाला बयान किसी को पसंद नहीं आया. उनके तमाम जबरा प्रशंसकों को भी. जबरदस्त आलोचना हुई. और इसका खामियाजा टिकट खिड़की पर दिलवाले को भुगतना पड़ा. जबकि विवाद से पहले तक फिल्म के गाने जिस तरह बज रहे थे, चर्चा जिस तरह की थी, तय माना जा रहा था कि रोहित शेट्टी की यह फिल्म भी बड़ी ब्लॉकबस्टर साबित होगी. बहुत बाद में शाहरुख ने बयान को लेकर माफी मांगी. रोहित शेट्टी, शाहरुख के बयान से खासे नाराज हुए. बाद में उन्होंने दिलवाले की नाकामी का ठीकरा बादशाह खान के सिर पर फोड़ा भी और कहा जाता है कि उसी घटना के बाद रोहित ने अपने रास्ते अलग कर लिए.
सुपरस्टार बनने से पहले ही शाहरुख के सिर पर सवार हो गया था सुपरस्टार होने का घमंड
सुपरस्टार बनने से पहले ही शाहरुख का घमंड उनके सिर पर चढ़कर बोलने लगा था. शाहरुख एक ताकतवर राजनीतिक परिवार से फिल्म इंडस्ट्री में आए थे. उनके परिवार का ऐतिहासिक बैकग्राउंड रहा है. ठीक वैसे ही जैसे अमिताभ बच्चन के परिवार का रहा है. साल 1992 में शाहरुख ने दीवाना में ऋषि कपूर दिव्या भारती के साथ सपोर्टिंग एक्टर के तौर पर डेब्यू किया था. बावजूद दीवाना के हिट होने का पूरा श्रेय पीआर बंदोबस्त की वजह से सिर्फ शाहरुख को मिला. उन्हें डेब्यू फिल्म के लिए कई अवॉर्ड भी मिले. इसी साल उनकी एक और फिल्म आई थी- माया मेमसाहब. फिल्म में कुछ बोल्ड सीन्स थे. इसे लेकर एक फिल्म पत्रिका ने गॉसिप छापा. शाहरुख इतना तमतमा गए कि पत्रिका के दफ्तर जाकर उन्होंने पत्रकारों से सरेआम गाली गलीज की. मारपीट करने और बर्बाद कर देने की धमकियां भी दी. इस मामले में एडिटर ने पुलिस शिकायत भी की थी. शाहरुख को जेल की हवा भी खानी पड़ी थी.
जो शाहरुख खान के संघर्ष की फ़िल्मी कहानियां सुनकर बड़े हुए हैं उन्हें मालूम नहीं कि ऐसा तेवर वही दिखाता है जिसके बैकअप में ताकतवर लोग होते थे. किंग खान का बैकअप किस किस्म का रहा होगा इसका अंदाजा एक और उदाहरण से लगाया जा सकता है. असल में डेब्यू ईयर के बाद साल 1993 में शाहरुख की एक और फिल्म आई थी डर. इसमें सनी देओल और जूही चावला थीं. शाहरुख का किरदार ग्रे शेड में था और वे सपोर्टिंग एक्टर ही थे. गॉसिप्स में कहा जाता है कि शाहरुख ने अपने रुतबे का इस्तेमाल कर फिल्म की स्क्रिप्ट ही बदलवा दी. शाहरुख की वजह से क्लाइमैक्स चेंज कर दिया गया. यश चोपड़ा ने जब सनी को क्लाइमैक्स सुनाया तो उसमें शाहरुख के किरदार को भारी दिखाया गया. वे नाराज हो गए.
फेमिनिस्ट शाहरुख ने ऐश्वर्या को लेकर कमेंट किया, थप्पड़ मारना चाहती थीं जया बच्चन
अपने गुस्से के लिए मशहूर सनी देओल, यश चोपड़ा के लिहाज में कुछ नहीं कर पाए. लेकिन उस घटना के बाद उन्होंने यशराज से अपने रिश्ते ख़त्म कर लिए. शाहरुख के साथ भी दूरी बना ली. सनी के साथ जब यह घटना हुई वे बॉलीवुड के ए लिस्टर अभिनेताओं में शुमार थे और उनके परिवार का फिल्म इंडस्ट्री में तगड़ा बोलबाला था. हमारे सहयोगी चैनल इंडिया टुडे पर भी सनी देओल ने घटना के बारे में विस्तार से चर्चा की थी और क्लाइमैक्स को लेकर अनबन की बात टीवी पर सार्वजनिक रूप से पुष्ट भी कर चुके हैं. सलमान की भी बदतमीजियों के तमाम किस्से हैं लेकिन वह भी शाहरुख के एरोगेंस का शिकार हो चुके हैं. दोनों के रिश्तों में लंबे समय तक अनबन रही. असल में एक पार्टी के दौरान शाहरुख ने सलमान ऐश्वर्या के रिश्ते को लेकर लूज टॉकिंग की. पार्टी में कटरीना कैफ भी मौजूद थीं. तब कटरीना और सलमान के बीच रिलेशनशिप की चर्चा थी.
शाहरुख ने ऐश्वर्या को लेकर क्या कहा था यह तो साफ़ नहीं हो पाया, लेकिन उन्होंने जरूर कुछ ऐसा गलत कहा था जिसे लेकर जया बच्चन ने सार्वजनिक प्रतिक्रिया दी. बॉलीवुड लाइफ के मुताबिक़ उन्होंने कहा था कि अगर वे मौजूद होतीं तो शाहरुख खान को थप्पड़ भी रसीद कर देतीं. शाहरुख ने अमिताभ बच्चन पर भी टिप्पणियां की. कहा जाता है कि इसकी वजह से दोनों सितारों के बीच लंबे समय तक तनातनी रही. असल में शाहरुख पर स्टारडम का नशा कुछ यूं चढ़ा कि उन्होंने अपने सिवा किसी को एक्टर माना ही नहीं. वे जैसे चाहते थे वैसे चीजों को डील करते थे. लोगों को मजबूर कर देते थे.
आमिर खान ने अपने कुत्ते का नाम रखा शाहरुख, सार्वजनिक बताया भी
खान सितारों में आमिर खान के साथ तनातनी तो लंबे वक्त तक चर्चा में रही. आमिर ने एक कुत्ता पाला. और सार्वजनिक बताया कि उनके कुत्ते का नाम 'शाहरुख' है. बावजूद केंद्र में मोदी के आगमन के बाद सलमान, आमिर और शाहरुख की दोस्ती हो गई. अब तीनों सितारे एक दूसरे का हाल चाल लेते हैं. एक दूसरे की फिल्मों को प्रमोट करते हैं और मेहमान कलाकार की तरह उसमें शामिल भी होते हैं.
अतीत में शाहरुख एरोगेंस के नशे में कुछ इस तरह बौराए नजर आते हैं कि उन्होंने सुरक्षागार्ड्स और अपने फैन्स तक को नहीं छोड़ा. एक मामला वानखेड़े स्टेडियम का भी है. तब शाहरुख कोलकाता नाइट राइडर्स के मालिक भी बन चुके थे. साल 2012 में आईपीएल में जब उनकी फ्रेंचाइजी ने मुंबई इंडियंस पर जीत दर्ज की एक्टर स्टेडियम में जाना चाहते थे. सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकना चाहा. वे भिड गए. कहा तो यह भी गया कि शाहरुख ने तब सुरक्षाकर्मियों के साथ हाथापाई की. उनपर नशे में होने के आरोप भी लगे. मामला किस कदर गंभीर था इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि शाहरुख पर तब मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने पांच साल तक वानखेड़े में उनके घुसने पर प्रतिबंध लगा दिया था.
साल 2012 में संजय दत्त के घर एक पार्टी हुई थी. इसमें फिल्म इंडस्ट्री के तमाम दिग्गज शामिल हुए थे. शाहरुख भी उसमें थे. खूब चर्चाओं में रही उनकी फिल्म रा वन बहुत बुरी तरह फ्लॉप हुई थी. फराह खान के पति शिरीष कुंदर ने शायद रा वन से जुड़ा एक मजाकिया कमेंट पास कर दिया. शाहरुख भड़क गए और उन्होंने तमाचा जड़ दिया. शाहरुख ने शिरीष को धमकी भी दी कि वे उनका करियर बर्बाद कर देंगे.
शाहरुख ने जबरदस्त फिल्म रिलीज की, लगभग रो पड़े थे रितिक रोशन
शाहरुख के साथ रितिक रोशन के पिता ने भी फिल्म बनाई थी- कोयला. हालांकि यह फिल्म फ्लॉप हो गई थी. लेकिन तीन मौकों पर रितिक के बेटे की फिल्म के सामने शाहरुख ने अपनी फिल्म रिलिज की. ये दो मौके थे- साल 2000 में मोहब्बतें बनाम मिशन कश्मीर और साल 2017 में रईस बनाम काबिल. मोहब्बतें यशराज के बैनर की ही मल्टी स्टारर फिल्म थी. रईस और काबिल के क्लैश का झगड़ा तो सड़क पर आ गया था. रितिक रोशन जो फिलहाल कंगना की वजह से तमाम बॉलीवुड विवादों में एंटी कंगना पक्ष लेते दिखाई देते रहे हैं वे जबरदस्त पीड़ित रहे हैं. काबिल की रिलीज के वक्त तो वे लगभग रो पड़े थे. एक गुजराती अपराधी के जीवन से प्रेरित बायोपिक रईस को ईद पर रिलीज करने की तैयारी थी. इसमें पाकिस्तान की अभिनेत्री शाहरुख के अपोजिट थी. लेकिन बाद में रईस की डेट पोस्टफोन कर 25 जनवरी कर दी गई. जबकि इस तारीख पर पहले से ही रितिक की फिल्म शेड्यूल थी. रितिक और उनके परिवार ने शाहरुख के रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई थी.
साल 2012 में शाहरुख का अजय देवगन के साथ भी क्लैश हुआ. फ़िल्में थीं- जबतक है जान और सन ऑफ़ सरदार. दोनों में और भी भिड़ंत हुई. बावजूद कि अजय की पत्नी काजोल के साथ किंग खान की दोस्ती थी. माना जाता है कि क्लैशेस भी एक वजह रहे जिसके कारण अजय, शाहरुख को पसंद नहीं करते थे. हालांकि अजय ने सार्वजनिक रूप से किंग खान के साथ अपने रिश्ते को सामान्य ही बताया है. अगर क्लैशेस को देखें तो टिकट खिड़की पर शाहरुख की फ़िल्में 34 मर्तबा भिड़ंत करते दिखी हैं. शाहरुख ने मिथुन चक्रवर्ती, सलमान खान, अक्षय कुमार, गोविंदा, ऋषि कपूर, संजय दत्त, आमिर खान, अमिताभ बच्चन, रणबीर कपूर, रणवीर सिंह, सुनील शेट्टी और सनी देओल के साथ भिड़ंत किया है.
असल में चाहे दिवाली का मौका हो, या रिपब्लिक डे का. बड़ी छुट्टियों वाली तारीख पर शाहरुख की फिल्मों की रिलीज रिजर्व रहतीं. भले ही संबंधित तारीख पर दूसरे सितारों की फ़िल्में हों या ना हों. आमतौर पर लोग म्युचुअल फिल्मों की रिलीज के हिसाब से ही शेड्यूल बनाते थे कि भिड़ंत ना हो. मगर देखने में आया है कि कई बार शाहरुख ने दूसरों की तारीखों पर अपनी फ़िल्में रिलीज कीं और तमाम विरोध के बावजूद कोई कुछ नहीं कर पाया. निश्चित ही क्लैश में साधन संपन्न शाहरुख के सामने कई फिल्म स्टार्स को कारोबारी नुकसान उठाना पड़ा. कुछ मौकों पर शाहरुख को भी नुकसान नजर आता है.
शाहरुख की एरोगेंस के दर्जनों किस्से हैं. यह तो एक झलकी भर है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.