भारतीय महिला टीम की मौजूदा कप्तान मिताली राज के जीवन पर बॉलीवुड फिल्म 'शाबास मिठू' टाइटल से फिल्म बना रहा है. मिताली राज की भूमिका तापसी पन्नू निभाने जा रही हैं. मिताली के बाद एक और दिग्गज फीमेल क्रिकेटर पर फिल्म आ रही है- Chakda Xpress. फिल्म नेटफ्लिक्स के लिए बन रही है. मुख्य भूमिका में अनुष्का शर्मा हैं जो बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री के साथ-साथ दिग्गज क्रिकेटर विराट कोहली की पत्नी भी हैं. नेटफ्लिक्स ने आधिकारिक रूप से टीजर के जरिए फिल्म की घोषणा की है. जल्द ही शूटिंग शुरू होगी.
Chakda Xpress जिस फीमेल क्रिकेटर पर है उनकी गिनती ना सिर्फ भारतीय क्रिकेट बल्कि दुनियाभर की बेस्ट फीमेल क्रिकेटर्स में की जाती हैं. Chakda Xpress की कहानी झूलन गोस्वामी के जीवन पर आधारित है जिन्होंने एक दिवसीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने का कीर्तिमान बनाया है. उन्हें फीमेल क्रिकेट इतिहास के सर्वकालिक महान गेंदबाजों में शुमार किया जाता है. टीम इंडिया में कई सालों से उनकी हैसियत ऑलराउंडर की भी रही है. नीचे टीजर देख सकते हैं.
कौन हैं झूलन गोस्वामी?
Chakdaha (छकदाह) पश्चिम बंगाल का एक बहुत ही साधारण कस्बा है. यहां पली-बढ़ी किसी लड़की का क्रिकेट की दुनिया में शीर्ष तक पहुंचना आसान बात नहीं. झूलन का जन्म इसी कस्बे के एक साधारण घर में 25 नवंबर 1982 के दिन हुआ था. एक ऐसा परिवार जो लड़कियों के खेलकूद की बजाय उनकी पढ़ाई-लिखाई और शादी विवाह के बारे में ज्यादा सोचता है. हालांकि 15 साल की उम्र तक झूलन का भी सपना क्रिकेटर बनने का तो कतई नहीं था. शेष बंगाल की तरह वे भी क्रिकेट की बजाय फुटबॉल की प्रशंसक थीं. महज एक इत्तेफाक ने उन्हें क्रिकेट की दुनिया में खींच लिया.
मौका बना फीमेल क्रिकेट वर्ल्ड कप का फाइनल. दरअसल, साल 1997 में फीमेल वर्ल्ड कप का फाइनल मैच ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच...
भारतीय महिला टीम की मौजूदा कप्तान मिताली राज के जीवन पर बॉलीवुड फिल्म 'शाबास मिठू' टाइटल से फिल्म बना रहा है. मिताली राज की भूमिका तापसी पन्नू निभाने जा रही हैं. मिताली के बाद एक और दिग्गज फीमेल क्रिकेटर पर फिल्म आ रही है- Chakda Xpress. फिल्म नेटफ्लिक्स के लिए बन रही है. मुख्य भूमिका में अनुष्का शर्मा हैं जो बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री के साथ-साथ दिग्गज क्रिकेटर विराट कोहली की पत्नी भी हैं. नेटफ्लिक्स ने आधिकारिक रूप से टीजर के जरिए फिल्म की घोषणा की है. जल्द ही शूटिंग शुरू होगी.
Chakda Xpress जिस फीमेल क्रिकेटर पर है उनकी गिनती ना सिर्फ भारतीय क्रिकेट बल्कि दुनियाभर की बेस्ट फीमेल क्रिकेटर्स में की जाती हैं. Chakda Xpress की कहानी झूलन गोस्वामी के जीवन पर आधारित है जिन्होंने एक दिवसीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने का कीर्तिमान बनाया है. उन्हें फीमेल क्रिकेट इतिहास के सर्वकालिक महान गेंदबाजों में शुमार किया जाता है. टीम इंडिया में कई सालों से उनकी हैसियत ऑलराउंडर की भी रही है. नीचे टीजर देख सकते हैं.
कौन हैं झूलन गोस्वामी?
Chakdaha (छकदाह) पश्चिम बंगाल का एक बहुत ही साधारण कस्बा है. यहां पली-बढ़ी किसी लड़की का क्रिकेट की दुनिया में शीर्ष तक पहुंचना आसान बात नहीं. झूलन का जन्म इसी कस्बे के एक साधारण घर में 25 नवंबर 1982 के दिन हुआ था. एक ऐसा परिवार जो लड़कियों के खेलकूद की बजाय उनकी पढ़ाई-लिखाई और शादी विवाह के बारे में ज्यादा सोचता है. हालांकि 15 साल की उम्र तक झूलन का भी सपना क्रिकेटर बनने का तो कतई नहीं था. शेष बंगाल की तरह वे भी क्रिकेट की बजाय फुटबॉल की प्रशंसक थीं. महज एक इत्तेफाक ने उन्हें क्रिकेट की दुनिया में खींच लिया.
मौका बना फीमेल क्रिकेट वर्ल्ड कप का फाइनल. दरअसल, साल 1997 में फीमेल वर्ल्ड कप का फाइनल मैच ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच कोलकाता के इडेन गार्डन में खेला जा रहा था. मैच के लिए झूलन भी मैदान पर एक बॉल गर्ल के रूप में थीं. इसी मैच में महिला खिलाड़ियों को खेलते देखने के बाद झूलन ने फैसला ले लिया उन्हें अब क्रिकेटर ही बनना है. हालांकि झूलन ने भले ही 15 साल की उम्र में क्रिकेटर बनने का फैसला ले लिया मगर यह उनके लिए आने वाले दिनों में बहुत चुनौतीपूर्ण साबित होने जा तरह है. 15 साल की उम्र या इसके आसपास पेशेवर खिलाड़ी क्रिकेट में पदार्पण कर लेते हैं और झूलन तो अभी अभी करियर के रूप में अपनाने का फैसला ही ले रही थीं.
4.30 बजे घर से 80 किमी दूर जाती थीं ट्रेनिंग के लिए
उन्हें मालूम था कि क्रिकेटर बनने के लिए रात दिन एक करना होगा. घर से बाहर तक संघर्ष करना होगा. एक तो वो ऐसे खेल की ओर जा रही थीं जिसमें तब महिलाओं को बहुत तवज्जो नहीं दी जा रही थी. जाहिर तौर पर क्रिकेटर बनना झूलन का मुश्किल भरा फैसला था. वो जिस कस्बे में थीं वहां क्रिकेट का कोई ढांचा नहीं था. उनका घर कोलकाता से 80 किमी दूर है. ट्रेनिंग यही मिल सकती थी. लिहाजा क्रिकेट की ट्रेनिंग के लिए कोलकाता की भागदौड़ के अलावा कोई चारा नहीं था. झूलन रोज सुबह 4.30 बजे लोकल ट्रेन पकड़ कर प्रैक्टिस सेशन के लिए जाने लगीं. कई बार ऐसा भी हुआ कि उनकी ट्रेन निकल गई और प्रैक्टिस में शामिल नहीं हो पाई. उनके अपने लोगों ने भी मनोबल तोड़ने की कोशिश की. लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. घर में माता-पिता भी उन्हें खेलने की बजाए पढ़ाई-लिखाई की सलाह देते रहे.
शायद किस्मत को कुछ और मंजूर था. झूलन की मेहनत बहुत जल्द रंग लाने लगी. सबसे पहले उनका चयन बंगाल टीम में हुआ. मात्र चार साल की मेहनत में झूलन ने अंतरराष्ट्रीय करियर में भी पदार्पण कर लिया. उन्होंने पहला एकदिवसीय मैच इंग्लैंड के खिलाफ 2002 में चेन्नई में खेला. इसके बाद उन्होंने आज तक पीछे मुड़कर नहीं देखा. इंग्लैंड के इसी दौरे में उन्होंने टेस्ट परार्पण भी किया झूलन ऑल राउंडर हैं. मीडियम पेस गेंदबाजी के अलावा उम्दा बल्लेबाजी भी करती हैं.
रफ़्तार के आगे फीमेल बल्लेबाजों को पस्त किया है झूलन ने
2006 में जब भारत ने पहली टेस्ट सीरिज जीती उसमें झूलन की भूमिका अहम थी. उन्होंने दोनों पारियों में पांच-पांच विकेट लिए. यह उनके करियर में अब तक का इकलौता मैच भी साबित हुआ जिसमें उन्होंने 10 विकेट हासिल किए. पांच फीट 11 इंच लंबी झूलन की गेंदों ने दुनिया के तमाम दिग्गज बल्लेबाजों को चकमा दिया है. उनकी रफ़्तार 120 किमी प्रति घंटा से ज्यादा है जो महिला क्रिकेट में बहुत मायने रखती है. झूलन ने टेस्ट, टी 20 और एक दिवसीय तीनों फ़ॉर्मेट में देश का नाम रोशन किया है. भारत के लिए 12 टेस्ट, 192 एक दिवसीय और 68 टी20 मैच खेले हैं. उन्होंने टी20 से संन्यास ले लिया है.
दुनिया में सबसे ज्यादा विकेट लिए झूलन ने
झूलन ने टेस्ट करियर में अब तक 44 विकेट, एकदविसीय में 240 और टी 20 में 56 विकेट हासिल किए हैं. एक बल्लेबाज के रूप में उन्होंने तीनों फ़ॉर्मेट में क्रमश: 291, 1162 और 405 रन बनाए हैं. गेंदबाज के रूप में 200 विकेट लेने वाली झूलन दुनिया की पहली गेंदबाज हैं. यह रिकॉर्ड अब भी उनके नाम है. झूलन का रिकॉर्ड इग्लैंड के खिलाफ सबसे बेहतर रहा है. 2007 में आईसीसी ने उन्हें क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर का सम्मान दिया था. मिताली राज से पहले टीम इंडिया की कमान झूलन के हाथ में थी. उन्हें रमेश पोवार के साथ नेशनल महिला टीम का बॉलिंग कंसल्टेंट भी बनाया गया है. वे टीम इंडिया में प्लेयर और कोच की दोहरी भूमिका के साथ हैं.
पूर्व महान खिलाड़ी डायना एडुल्जी के बाद झूलन पद्मश्री पाने वाली देश की दूसरी महिला क्रिकेटर हैं. उन्हें साल 2012 में यह अवॉर्ड दिया गया था. इससे पहले 2010 में उन्हें खेल जगत का सबसे बड़ा सम्मान अर्जुन अवॉर्ड भी दिया गया था. सिनेमा के रूप में झूलन की कहानी प्रेरक साबित होगी.
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