आप जो तस्वीर देख रहे हैं उसमें भारतीय सिनेमा के लिविंग लीजेंड रजनीकांत के पैरों पर एक शख्स गिरा पड़ा नजर आ रहा है. रजनीकांत खुशी-खुशी उसे उठाते नजर आ रहे हैं. असल में 'थलाइवा' रजनीकांत के साथ नजर आने वाला शख्स भी दक्षिण भारतीय सिनेमा का एक बड़ा सुपरस्टार/फिल्म मेकर ही है. इनका नाम राघव लारेंस हैं. लारेंस पिछले तीन दशक से सिनेमा सक्रिय हैं. बतौर कोरियोग्राफर, एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर उन्होंने अब तक कई उल्लेखनीय फ़िल्में की हैं. यहां तक कि हिंदी के दर्शक भी उन्हें जरूर पहचानते हैं. 'मुनि' याद है ना. चलिए- हॉरर कॉमेडी ड्रामा कंचना तो याद ही होगा.
मुनि यानी कंचना को तीन पार्ट में बनाया गया था और इसमें कोई और नहीं बल्कि लारेंस ने ही मुख्य भूमिका निभाई है. मुनि ने ही एक्टर को दक्षिण के सबसे बड़े कॉमेडी स्टार्स में शीर्ष पर पहुंचा दिया था. जहां तक बात रजनीकांत के पैरों में गिरने की है, लारेंस बड़े-बुजुर्गों और गुरुओं का कुछ इसी तरह सम्मान करते हैं. हालांकि मौजूदा तस्वीर के पीछे की कहानी अलग है. असल में 17 साल बाद रजनीकांत की तमिल ब्लॉकबस्टर चंद्रमुखी का दूसरा पार्ट बनाया जा रहा है. दूसरे पार्ट में रजनीकांत वाली भूमिका राघव लारेंस निभाने जा रहे हैं. एक्टर ने खुद ट्विटर पर तस्वीर साझा कर इस बात की जानकारी दी और बताया कि मैसूर में फिल्म की शूटिंग भी शुरू हो चुकी है.
तमिल हॉरर कॉमेडी चंद्रमुखी के सीक्वल में हैं राघव लारेंस
हॉरर कॉमेडी 'चंद्रमुखी' असल में 1993 में आई मलयाली की मूल फिल्म Manichitrathazhu का आधिकारिक रीमेक थी. अक्षय कुमार की भूल भुलैया भी इसी मलयाली फिल्म का ही हिंदी रीमेक थी. फिल्म के सभी रीमेक अबतक ब्लॉकबस्टर ही साबित हुए थे. यहां तक...
आप जो तस्वीर देख रहे हैं उसमें भारतीय सिनेमा के लिविंग लीजेंड रजनीकांत के पैरों पर एक शख्स गिरा पड़ा नजर आ रहा है. रजनीकांत खुशी-खुशी उसे उठाते नजर आ रहे हैं. असल में 'थलाइवा' रजनीकांत के साथ नजर आने वाला शख्स भी दक्षिण भारतीय सिनेमा का एक बड़ा सुपरस्टार/फिल्म मेकर ही है. इनका नाम राघव लारेंस हैं. लारेंस पिछले तीन दशक से सिनेमा सक्रिय हैं. बतौर कोरियोग्राफर, एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर उन्होंने अब तक कई उल्लेखनीय फ़िल्में की हैं. यहां तक कि हिंदी के दर्शक भी उन्हें जरूर पहचानते हैं. 'मुनि' याद है ना. चलिए- हॉरर कॉमेडी ड्रामा कंचना तो याद ही होगा.
मुनि यानी कंचना को तीन पार्ट में बनाया गया था और इसमें कोई और नहीं बल्कि लारेंस ने ही मुख्य भूमिका निभाई है. मुनि ने ही एक्टर को दक्षिण के सबसे बड़े कॉमेडी स्टार्स में शीर्ष पर पहुंचा दिया था. जहां तक बात रजनीकांत के पैरों में गिरने की है, लारेंस बड़े-बुजुर्गों और गुरुओं का कुछ इसी तरह सम्मान करते हैं. हालांकि मौजूदा तस्वीर के पीछे की कहानी अलग है. असल में 17 साल बाद रजनीकांत की तमिल ब्लॉकबस्टर चंद्रमुखी का दूसरा पार्ट बनाया जा रहा है. दूसरे पार्ट में रजनीकांत वाली भूमिका राघव लारेंस निभाने जा रहे हैं. एक्टर ने खुद ट्विटर पर तस्वीर साझा कर इस बात की जानकारी दी और बताया कि मैसूर में फिल्म की शूटिंग भी शुरू हो चुकी है.
तमिल हॉरर कॉमेडी चंद्रमुखी के सीक्वल में हैं राघव लारेंस
हॉरर कॉमेडी 'चंद्रमुखी' असल में 1993 में आई मलयाली की मूल फिल्म Manichitrathazhu का आधिकारिक रीमेक थी. अक्षय कुमार की भूल भुलैया भी इसी मलयाली फिल्म का ही हिंदी रीमेक थी. फिल्म के सभी रीमेक अबतक ब्लॉकबस्टर ही साबित हुए थे. यहां तक कि हाल ही में कार्तिक आर्यन को लेकर अनीस बज्मी ने भी भूल भुलैया 2 बनाई और इसने भी पहले पार्ट की तरह टिकट खिड़की पर जमकर पैसे कमाए. माना जा रहा कि राघव लारेंस की हॉरर कॉमेडी का दूसरा पार्ट तमिल बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हो सकती है. फिल्म शुरू होने से पहले तमिल स्टार ने रजनीकांत से उनके घर जाकर मुलाक़ात की और आशीर्वाद लिया. तमिल एक्टर, रजनीकांत को अपना गुरु भी मानते हैं.
लारेंस धार्मिक किस्म के हैं और उनकी जिंदगी की कहानी भी दिलचस्प है
राघव लारेंस बहुत बड़ा स्टार होने के बावजूद धार्मिक किस्म के शख्स हैं. आज वे जहां हैं- उन्होंने कभी इसकी कल्पना भी नहीं की थी. असल में लारेंस जब बहुत छोटे थे- उन्हें ब्रेन ट्यूमर की गंभीर बीमारी थी. शुरू-शुरू में यह बीमारी क्या है- लारेंस को कोई खबर नहीं थी. माता-पिता भी बीमारी के बारे में ज्यादा नहीं बताते थे. राघव ज्यादातर घर में ही रहा करते थे और घंटों शीशे के सामने खड़े होकर डांस करते थे. घर वाले उनके जीवन को लेकर सशंकित थे. लेकिन उनके जीवन में बड़ा चमत्कार तब हुआ जब वे राघवेंद्र स्वामी मंदिर पहुंचे.
राघवेंद्र स्वामी महान हिंदू संत, विद्वान और धर्मशास्त्री थे. उन्हें उपनिषदों की व्याख्या और पूर्वा मीमांसा के लिए जाना जाता है. लारेंस का मानना है कि राघव स्वामी की शरण में जाने के बाद चमत्कार हुआ और उसी की वजह से उन्हें असाध्य बीमारी से मुक्ति मिली. राघवेंद्र स्वामी से प्रभावित होकर उनके नाम में राघव जुड़ गया. बीमारी से निकलने के बाद उन्होंने सामान्य बच्चों की तरह पढ़ाई-लिखाई की. साधारण परिवार से निकले लारेंस ने पढ़ाई के बाद सुब्रमणियम के यहां कार क्लीनर की छोटी नौकरी शुरू की.
रजनीकांत की वजह से कैसे फिल्म इंडस्ट्री में करियर बनाने का रास्ता खुला
डांस के प्रति उनका झुकाव बचपन से ही था. उनके जीवन में एक बार फिर चमत्कार हुआ. असल में कार क्लीनर की नौकरी के दौरान यूं ही रजनीकांत की नजर उनके डांस कौशल पर पड़ गई. लारेंस का डांस देखकर रजनीकांत बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने एक सिफारिशी ख़त देकर प्रोत्साहित किया. ख़त की वजह से उन्हें 'डांसर्स यूनियन' में मेंबरशिप मिल गई. इसके बाद तो लारेंस ने कभी पीछे मुड़कर देखा ही नहीं. उन्होंने कोरियोग्राफर के रूप में करियर शुरू किया और कई सफल फ़िल्में कीं. कुछ साल बाद उन्होंने अभिनेता, निर्देशक और निर्माता के रूप में भी काम करना शुरू किया और उल्लेखनीय कामयाबी हासिल की. अपने काम की वजह से उन्होंने सिनेमा के कई बड़े सम्मान हासिल किए. शोहरत और दौलत भी कमा लिया.
लारेंस अपने जीवन में राघवेंद्र स्वामी और रजनीकांत के प्रति बहुत श्रद्धा का भाव रखते हैं. अगर एक्टर के सोशल पेजेज पर गौर करें तो राघवेंद्र स्वामी के प्रति उनकी श्रद्धा और झुकाव किस कदर है यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं. उन्होंने 2010 में राघवेंद्र स्वामी का एक भव्य मंदिर भी बनवाया था. एक्टर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से भी बहुत प्रभावित थे. कलाम के निधन के बाद साल 2015 में उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति के नाम से एक चैरिटी ट्रस्ट की स्थापना की और एक करोड़ रुपये का दान दिया. वे कई और सामाजिक कार्य करने के लिए भी मशहूर हैं.
बतौर एक्टर कंचना की तरह चंद्रमुखी 2 भी राघव लारेंस के करियर में मील का पत्थर साबित हो सकती है. तमिल दर्शाकों को चंद्रमुखी के सीक्वल का जरूर इंतज़ार होगा.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.