बॉलीवुड एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर की कुछ बोल्ड तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रही हैं. उनके फैशन सेंस को लेकर ट्रोल किया जा रहा है. भूमि पेडनेकर ने नीले रंग की साड़ी के साथ मैरून रंग का एक डीप नेक ब्लाउज पहना हुआ है. ये ब्लाउज ही विवाद की जड़ बन गया है. जिसके बाद भूमि की तुलना ऐसी ही तस्वीरों को शेयर करने वालीं उर्फी जावेद से की जाने लगी है. उर्फी ने कुछेक सीरियल और बिग बॉस का हिस्सा रही है. लेकिन, उनकी ख्याति इंस्टाग्राम पर शेयर की जाने वाली उनकी तस्वीरों से ही है. ऐसे में सवाल उठता है कि ठीकठाक फिल्मी करिअर होने के बावजूद भूमि पेडनेकर उर्फी जावेद क्यों बनना चाहती हैं? सोशल मीडिया पर यूं तो महिलाओं के कपड़ों पर कमेंटबाजी होना नई बात नहीं है, लेकिन भूमि का मामला थोड़ा अलग है.
इस मुद्दे पर आगे बढ़ने से पहले कुछ चीजें अभी साफ कर दूं, मुझे भूमि पेडनेकर के क्लीवेज दिखाने या ना दिखाने से कोई समस्या नहीं है. साथ ही कोई नसीहत दी जाएगी कि महिलाओं को ऐसे कपड़े नहीं पहनने चाहिए. क्योंकि, जब बात कपड़ों की हो. तो, ये उनका शरीर, उनकी पसंद और ये उनकी मर्जी है. इतना ही नहीं, मैं इस बात की भी पैरवी नहीं कर रहा हूं कि महिलाओं को किस तरह के कपड़े पहनने चाहिए. क्योंकि, बात कपड़ों की हो. तो, ये उनकी मर्जी पर निर्भर करता है. महिलाएं कौन से कपड़े पहनना चाहती हैं? और, उन्हें क्या पहनना ज्यादा बेहतर लगता है?
मुझे दिक्कत केवल भूमि पेडनेकर की इन बेहूदा तस्वीरों से है. जो फैशन सेंस और बोल्डनेस के नाम पर सबको अपना क्लीवेज दिखाने पर आतुर हैं. क्योंकि, भले ही कोई भूमि को इंस्टाग्राम पर फॉलो न करता हो....
बॉलीवुड एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर की कुछ बोल्ड तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रही हैं. उनके फैशन सेंस को लेकर ट्रोल किया जा रहा है. भूमि पेडनेकर ने नीले रंग की साड़ी के साथ मैरून रंग का एक डीप नेक ब्लाउज पहना हुआ है. ये ब्लाउज ही विवाद की जड़ बन गया है. जिसके बाद भूमि की तुलना ऐसी ही तस्वीरों को शेयर करने वालीं उर्फी जावेद से की जाने लगी है. उर्फी ने कुछेक सीरियल और बिग बॉस का हिस्सा रही है. लेकिन, उनकी ख्याति इंस्टाग्राम पर शेयर की जाने वाली उनकी तस्वीरों से ही है. ऐसे में सवाल उठता है कि ठीकठाक फिल्मी करिअर होने के बावजूद भूमि पेडनेकर उर्फी जावेद क्यों बनना चाहती हैं? सोशल मीडिया पर यूं तो महिलाओं के कपड़ों पर कमेंटबाजी होना नई बात नहीं है, लेकिन भूमि का मामला थोड़ा अलग है.
इस मुद्दे पर आगे बढ़ने से पहले कुछ चीजें अभी साफ कर दूं, मुझे भूमि पेडनेकर के क्लीवेज दिखाने या ना दिखाने से कोई समस्या नहीं है. साथ ही कोई नसीहत दी जाएगी कि महिलाओं को ऐसे कपड़े नहीं पहनने चाहिए. क्योंकि, जब बात कपड़ों की हो. तो, ये उनका शरीर, उनकी पसंद और ये उनकी मर्जी है. इतना ही नहीं, मैं इस बात की भी पैरवी नहीं कर रहा हूं कि महिलाओं को किस तरह के कपड़े पहनने चाहिए. क्योंकि, बात कपड़ों की हो. तो, ये उनकी मर्जी पर निर्भर करता है. महिलाएं कौन से कपड़े पहनना चाहती हैं? और, उन्हें क्या पहनना ज्यादा बेहतर लगता है?
मुझे दिक्कत केवल भूमि पेडनेकर की इन बेहूदा तस्वीरों से है. जो फैशन सेंस और बोल्डनेस के नाम पर सबको अपना क्लीवेज दिखाने पर आतुर हैं. क्योंकि, भले ही कोई भूमि को इंस्टाग्राम पर फॉलो न करता हो. लेकिन, उनकी ये तस्वीरों अलग-अलग प्लेटफॉर्म के जरिये किसी न किसी न रूप में लोगों के सामने पहुंच ही रही हैं. और, जरूरी नहीं है कि जिन भी लोगों तक ये पहुंच रही हों. उन सभी को भूमि पेडनेकर के क्लीवेज में इंट्रेस्ट हो. आसान शब्दों में कहें, तो समाज का एक बहुत बड़े हिस्सा भूमि पेडनेकर की इन तस्वीरों के यूं ही अचानक सामने आने पर असहज हो सकता है.
भूमि पेडनेकर ने किसी यौन शिक्षा कार्यक्रम के तहत ये तस्वीरें जनहित में तो जारी नहीं की हैं. जिससे समाज के किसी हिस्से को ये समझाया जाए कि क्लीवेज कोई ऐसी चीज नहीं है, जिसे छुपा कर रखा जाए. भूमि पेडनेकर ने प्रोफेशनल करियर में अपनी प्रतिस्पर्धी अभिनेत्रियों से बेहतर दिखने की चाहत में ही ये तस्वीरें खिंचवाई होंगी. तो, ये उनके निजी पोर्टफोलियो की तस्वीरें हो सकती हैं. लेकिन, उन्होंने इसे इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है. और, माना है कि उनकी ये तस्वीरें सभी को पसंद आएंगी.
यहां मैं भूमि पेडनेकर की ड्रेस को लेकर जजमेंटल नहीं हो रहा हूं. लेकिन, खुद उनके ही इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक महिला यूजर अनुपमा सैनी लिखती हैं कि 'ज्यादातर बॉलीवुड अभिनेत्रियां फैशन के नाम पर इसी तरह से अपना क्लीवेज दिखाती हैं. इनको लगता है कि ये चलन में है. और, हम लोग इन्हें ढेर सारे लाइक देकर इस पर मुहर लगा देते हैं.' मॉडर्न होने का मतलब ये नहीं हो सकता है कि भद्रता और शालीनता को ही ठिकाने लगा दिया जाए. संभव है कि जिस शादी में भूमि पेडनेकर जा रही हों. उस जगह के हिसाब से ऐसी ड्रेस कोई मायने नहीं रखती हो. लेकिन, जब ये सोशल मीडिया पर आती हैं, तो जान लीजिये सोशल का मतलब सामाजिक होता है. फैशन और जबरदस्ती के फैशन में अंतर होता है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.