बाहुबली ने प्रभाष को देश भर में बड़ी पहचान दिलाई. फिक्शनल पीरियड ड्रामा में उनका अभिनय तो लाजवाब था ही, लुक भी असरदार था. वे हैरान करने वाला एक्शन भी करते नजर आए थे. प्रभाष दक्षिण के उन अभिनेताओं में शुमार किए जाते हैं जिनकी फिटनेस और लुक की हमेशा तारीफ़ होती है. हालांकि पिछले दिनों एक्टर लुक की वजह से 'बॉडी शेमिंग' का शिकार होते नजर आए. दरअसल, एक्टर एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में मुंबई आए थे. बढ़े वजन के साथ उनकी तस्वीरों ने इंटरनेट पर लोगों का ध्यान खींचा. प्रभाष लग अलग रहे थे और यह चर्चा का विषय बन गया. उनका खूब मजाक बना. उनके ऊपर कई सारे मीम्स सोशल मीडिया पर सामने गए. पूरे एपिसोड में एक बात साबित हुई कि बहुत सारे लोगों को प्रभाष का स्लिम अवतार ही पसंद है. एक्टर का वजन क्यों और कैसे बढ़ा ये बाद का विषय है. फिलहाल सवाल यही है कि आखिर लोग फ़िल्मी सितारों को स्लिम ही क्यों देखना चाहते हैं, क्या इससे उनकी प्रतिभा और प्रदर्शन पर फर्क पड़ जाता है?
शरीर से मोटे अभिनेता भी नायक के तौर पर उतने ही असरदार, कामयाब और ख़ूबसूरत दिखते हैं जितने कि स्लिम. तमाम अभिनेता भारी भरकम शरीर के साथ भी अपना हुनर दिखा रहे हैं. स्लिम ना होते हुए भी प्रासंगिक बने हुए हैं. उनकी सक्रियता देखने लायक है और अभी तक युवा अभिनेताओं के लिए चुनौती बने हुए हैं. लगातार बेंचमार्क भी बना रहे हैं. इनमें मलयालम इंडस्ट्री के महानायक मोहनलाल सबसे अहम हैं. मोहनलाल की उम्र 61 साल है और पिछले चार दशक से एक्टर के तौर पर सक्रिय हैं. वे स्लिम नहीं है. ऐसा भी नहीं है कि उनके शरीर की मौजूदा बनावट फिलहाल की है. मोहनलाल जिस तरह दिखते हैं, लगभग थोड़े बहुत फर्क को छोड़ दिया जाए तो हमेशा से लगभग ऐसे ही रहे हैं और दर्शकों के दिलों पर राज किया है.
भारी शरीर और लंबी उम्र के बावजूद उनकी प्रासंगिकता कभी ख़त्म नहीं होती नहीं दिखती. कभी एक साल में 10 से ज्यादा फ़िल्में करने वाले मोहनलाल आज भी किसी युवा अभिनेताओं के मुकाबले बहुत सक्रिय नजर आते हैं. फिलहाल उनके सात बड़े प्रोजेक्ट पोस्ट प्रोडक्शन, शूटिंग...
बाहुबली ने प्रभाष को देश भर में बड़ी पहचान दिलाई. फिक्शनल पीरियड ड्रामा में उनका अभिनय तो लाजवाब था ही, लुक भी असरदार था. वे हैरान करने वाला एक्शन भी करते नजर आए थे. प्रभाष दक्षिण के उन अभिनेताओं में शुमार किए जाते हैं जिनकी फिटनेस और लुक की हमेशा तारीफ़ होती है. हालांकि पिछले दिनों एक्टर लुक की वजह से 'बॉडी शेमिंग' का शिकार होते नजर आए. दरअसल, एक्टर एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में मुंबई आए थे. बढ़े वजन के साथ उनकी तस्वीरों ने इंटरनेट पर लोगों का ध्यान खींचा. प्रभाष लग अलग रहे थे और यह चर्चा का विषय बन गया. उनका खूब मजाक बना. उनके ऊपर कई सारे मीम्स सोशल मीडिया पर सामने गए. पूरे एपिसोड में एक बात साबित हुई कि बहुत सारे लोगों को प्रभाष का स्लिम अवतार ही पसंद है. एक्टर का वजन क्यों और कैसे बढ़ा ये बाद का विषय है. फिलहाल सवाल यही है कि आखिर लोग फ़िल्मी सितारों को स्लिम ही क्यों देखना चाहते हैं, क्या इससे उनकी प्रतिभा और प्रदर्शन पर फर्क पड़ जाता है?
शरीर से मोटे अभिनेता भी नायक के तौर पर उतने ही असरदार, कामयाब और ख़ूबसूरत दिखते हैं जितने कि स्लिम. तमाम अभिनेता भारी भरकम शरीर के साथ भी अपना हुनर दिखा रहे हैं. स्लिम ना होते हुए भी प्रासंगिक बने हुए हैं. उनकी सक्रियता देखने लायक है और अभी तक युवा अभिनेताओं के लिए चुनौती बने हुए हैं. लगातार बेंचमार्क भी बना रहे हैं. इनमें मलयालम इंडस्ट्री के महानायक मोहनलाल सबसे अहम हैं. मोहनलाल की उम्र 61 साल है और पिछले चार दशक से एक्टर के तौर पर सक्रिय हैं. वे स्लिम नहीं है. ऐसा भी नहीं है कि उनके शरीर की मौजूदा बनावट फिलहाल की है. मोहनलाल जिस तरह दिखते हैं, लगभग थोड़े बहुत फर्क को छोड़ दिया जाए तो हमेशा से लगभग ऐसे ही रहे हैं और दर्शकों के दिलों पर राज किया है.
भारी शरीर और लंबी उम्र के बावजूद उनकी प्रासंगिकता कभी ख़त्म नहीं होती नहीं दिखती. कभी एक साल में 10 से ज्यादा फ़िल्में करने वाले मोहनलाल आज भी किसी युवा अभिनेताओं के मुकाबले बहुत सक्रिय नजर आते हैं. फिलहाल उनके सात बड़े प्रोजेक्ट पोस्ट प्रोडक्शन, शूटिंग और प्री प्रोडक्शन फेज में हैं. उनकी सस्पेंस थ्रिलर ड्रामा दृश्यम 2 इसी साल रिलीज हुई थी. दृश्यम की तरह ही उसके दूसरे पार्ट की भी जमकर तारीफ़ हुई. खासकर मोहनलाल के काम की. हालांकि कोरोना महामारी के बाद एक्टर की फ़िल्मी स्पीड पर थोड़ा ब्रेक जरूर लगा है. 2020 से अब तक दृश्यम 2 के साथ उनकी सिर्फ दो फ़िल्में आई हैं. मोहनलाल तो फ़िल्मी सितारों के स्लिम दिखने की अतार्किक अनिवार्यता को बुरी तरह खारिज करते दिखते हैं. फिल्मों को अपने कंधे पर ढोते दिख रहे हैं, वो भी भारी भरकम शरीर के साथ. दृश्यम 2 और हाल के कुछ वर्षों में उनकी कई फिल्मों की सफलता इस बात का तगड़ा उदाहरण है.
दरअसल, अभिनेता के लोए स्लिम होना कोई बाध्यता नहीं है. चाहे अभिनेता हों या अभिनेत्री, मनोरंजन जगत का जो स्वरूप है उसमें यह एक शर्त की तरह सामने आता है, एक्शन और रोमांस भारतीय सिनेमा के दो ऐसे विषय हैं जो बहुतायत निर्माताओं को आकर्षित करते हैं. ज्यादातर फ़िल्में भी इन्हें समेटते हुए युवा किरदारों के इर्द गिर्द लिखी जाती हैं. ऐसी ही भूमिकाओं के लिए स्लिम अभिनेताओं के होने की अनिवार्य परंपरा शुरू हुई. यह परंपरा हर जगह हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों में देखने को मिलती है. ऐसी फिल्मों में नायकों की प्रतिभा के साथ उनकी शारीरिक मौजूदगी भी काफी अहम हो जाती है. लेकिन हमेशा से जहां कहानियों को महत्ता दी गई है वहां ऐसी शर्तों को खारिज किया गया है. वे चाहे जिस भाषा का सिनेमा और इंडस्ट्री हो. मोहनलाल की फिल्मों को देखें तो भूमिकाएं उन्हें देखकर लिखी जाती हैं और वो उसे कामयाब भी बना रहे हैं. आमिर ने भी तो दंगल के लिए लिखी गई एक ऐसी ही भूमिका में खुद को ढाला और कामयाबी का परचम फहराया.
अभिनेत्रियों को छोड़ दिया जाए तो हिंदी सिनेमा में तो एक दौर में शारीरिक बनावट का कोई मतलब ही नहीं था. कई पुराने अभिनेता मोटा होने के बावजूद हमेशा संजीदगी से काम करते दिखे. संजीव कुमार सबसे अच्छा उदाहरण हैं जो अपने समकालीन अभिनेताओं में शारीरिक रूप से बिल्कुल अलग दिखते थे लेकिन अभिनय से उन्होंने जबरदस्त छाप छोड़ी. उन्होंने हर तरह के किरदार किए. प्रभाष या किसी एक्टर का स्लिम होना या मोटा होना मायने नहीं रखता. मतलब इस बात का है कि क्या उसने अपना काम सही ढंग से करके लोगों को प्रभावित किया या नहीं. खैर अब तो ज़माना प्रयोग का है, कहानियों में प्रयोग किए जा रहे हैं. एक ही फिल्म में एक्टर का चित्रण अलग अलग तरह से किया जा रहा है. उसके लिए एक्टर फिजिकल ट्रांसफॉरमेशन आजमा रहे हैं. जहां तक बाद प्रभाष के बदले लुक का है, ये ट्रांसफॉरमेशन एक बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट के लिए ही है, ना कि लॉकडाउन में बैठे बैठे उनका वजन बढ़ गया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक़ प्रभाष का जो मेकओवर चर्चा में है वो दरअसल पौराणिक फिल्म आदिपुरुष से जुड़ा है. आदिपुरुष में प्रभाष भगवान राम की भूमिका निभा रहे हैं. पिछले दिनों इसी सिलसिले में वो मुंबई आए थे और प्रोजेक्ट की को स्टार कृति सेनन और सनी सिंह के साथ रिहर्सल किया था. आदिपुरुष काफी बड़ा प्रोजेक्ट है. सैफअली खान रावण की भूमिका निभा रहे हैं. लुक पर प्रभाष का मजाक उड़ाने की बजाय उनकी मेहनत का सम्मान करना चाहिए.
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