बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक बार फिर से रियल लाइफ स्टोरी बेस्ड फिल्म में नजर आने वाले हैं. उनकी इस फिल्म का नाम है 'ठाकरे'. इस फिल्म का टीजर गुरुवार को यूट्यूब पर रिलीज कर दिया गया. नवाजुद्दीन सिद्दीकी की यह फिल्म शिवसेना के संस्थापाक बाल साहब ठाकरे के जीवन पर आधारित है. ये फ़िल्म जनवरी 2019 में रिलीज़ होगी. मगर इस फ़िल्म में बाल ठाकरे का किरदार निभाने वाले अभिनेता नवाजुद्दीन उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर से आते हैं. ऐसे में आप सभी जानते है की महाराष्ट्र में ग़ैर मराठाओं को लेकर विवाद रहा है. ख़ास कर के उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को लेकर. मगर देखिए आज उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर का शख़्स बालासाहेब का किरदार निभा रहा है.
ये वाक़ई में बहुत बड़ी बात है. ये बड़ी बात क्यों है इसे भी जान लीजिए. लगभग 46 साल तक सार्वजनिक जीवन में रहे शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने कभी न तो कोई चुनाव लड़ा और न ही कोई राजनीतिक पद स्वीकार किया. यहां तक कि उन्हें विधिवत रूप से कभी शिवसेना का अध्यक्ष भी नहीं चुना गया था.
लेकिन इन सब के बावजूद महाराष्ट्र की राजनीति और ख़ासकर मुंबई में उनका ख़ासा प्रभाव था. उनका राजनीतिक सफ़र भी बड़ा अनोखा था. वो एक पेशेवर कार्टूनिस्ट थे और शहर के एक अख़बार फ़्री प्रेस जर्नल में काम करते थे. बाद में उन्होंने नौकरी छोड़ दी.
बाल ठाकरे ने 1966 में शिवसेना का निर्माण किया और 'मराठी मानुस' का मुद्दा उठाया. उस समय नौकरियों का अभाव था और बाल ठाकरे का दावा था कि दक्षिण भारतीय लोग मराठियों की नौकरियां छीन रहे हैं. उन्होंने मराठी बोलने वाले स्थानीय लोगों को नौकरियों में तरजीह दिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन भी किया....
बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक बार फिर से रियल लाइफ स्टोरी बेस्ड फिल्म में नजर आने वाले हैं. उनकी इस फिल्म का नाम है 'ठाकरे'. इस फिल्म का टीजर गुरुवार को यूट्यूब पर रिलीज कर दिया गया. नवाजुद्दीन सिद्दीकी की यह फिल्म शिवसेना के संस्थापाक बाल साहब ठाकरे के जीवन पर आधारित है. ये फ़िल्म जनवरी 2019 में रिलीज़ होगी. मगर इस फ़िल्म में बाल ठाकरे का किरदार निभाने वाले अभिनेता नवाजुद्दीन उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर से आते हैं. ऐसे में आप सभी जानते है की महाराष्ट्र में ग़ैर मराठाओं को लेकर विवाद रहा है. ख़ास कर के उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को लेकर. मगर देखिए आज उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर का शख़्स बालासाहेब का किरदार निभा रहा है.
ये वाक़ई में बहुत बड़ी बात है. ये बड़ी बात क्यों है इसे भी जान लीजिए. लगभग 46 साल तक सार्वजनिक जीवन में रहे शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने कभी न तो कोई चुनाव लड़ा और न ही कोई राजनीतिक पद स्वीकार किया. यहां तक कि उन्हें विधिवत रूप से कभी शिवसेना का अध्यक्ष भी नहीं चुना गया था.
लेकिन इन सब के बावजूद महाराष्ट्र की राजनीति और ख़ासकर मुंबई में उनका ख़ासा प्रभाव था. उनका राजनीतिक सफ़र भी बड़ा अनोखा था. वो एक पेशेवर कार्टूनिस्ट थे और शहर के एक अख़बार फ़्री प्रेस जर्नल में काम करते थे. बाद में उन्होंने नौकरी छोड़ दी.
बाल ठाकरे ने 1966 में शिवसेना का निर्माण किया और 'मराठी मानुस' का मुद्दा उठाया. उस समय नौकरियों का अभाव था और बाल ठाकरे का दावा था कि दक्षिण भारतीय लोग मराठियों की नौकरियां छीन रहे हैं. उन्होंने मराठी बोलने वाले स्थानीय लोगों को नौकरियों में तरजीह दिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन भी किया. वहीं उत्तर भारतीयों को लेकर भी कई बार विवाद हुआ. आज भी राज ठाकरे खुलकर उत्तर भारतीयों को मुंबई में मराठी समुदाय के लोगों की नौकरी छीनने को लेकर बयान देते हैं.
मगर यही नहीं बाला साहेब को हिन्दू सम्राट भी कहा जाता है. वर्ष 1992 में जब अयोध्या का विवादित ढांचा गिराया गया था तब भारतीय जनता पार्टी या राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने तो खुलकर जिम्मेदारी नहीं ली. सभी लोगों ने यहां तक कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवकों का इससे कोई लेना देना नहीं है. लेकिन बाल ठाकरे से जब यही सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, "हमारे लोगों ने ये गिराया है और मुझे उसका अभिमान है." उन्होंने एक समय यहां तक कह दिया था, "हिंदू अब मार नहीं खाएंगे, उनको हम अपनी भाषा में जवाब देंगे."
ऐसे में जब एक मुसलमान उनकी ज़िंदगी पर बन रही फ़िल्म में उनका किरदार निभा रहा है तो ये वाक़ई में अद्भुत है. हालांकि मैं तो हमेशा ही कहता हूं कि कला और कलाकार का कोई मज़हब नहीं. कला ही सबको जोड़ती है और देखिए आज इस फ़िल्म का निर्माण शिवसेना के नेता संजय राउत कर रहें है उन्होंने ही इस फ़िल्म को लिखा भी है. नवाज़ भी इस फ़िल्म और किरदार को लेकर काफ़ी ख़ुश है उन्होंने इसे लेकर ट्वीट भी किया.
फिल्म 'ठाकरे' का यह टीजर वीडियो महज 1 मिनट 43 सेकेंड का है, लेकिन आपके रोंगटे खड़े कर देने के लिए काफी है. क्योंकि फिल्म के इस टीजर की शुरुआत बेहद भावुक है. यहां तक कि इस टीजर के ज्यादातर हिस्से को ब्लैक एंड व्हाइट रखा गया है. इस टीजर के अंत में बाला साहब ठाकरे के किरदार में नजर आ रहे नवाजुद्दीन सिद्दीकी को दिखाया गया है.
ये भी पढ़ें -
Photo of the Day: एक नजर में लगा मानो बाल ठाकरे ही बैठे हों...
काश, आज बाला साहेब होते तो हाफिज़ को मुंह तोड़ जवाब देते..
आदर्श बाल ठाकरे हैं फिर गांधी की जरूरत क्यों पड़ी....
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.