आज World Cancer Day है. कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो सही समय और स्टेज पर पता न चले, तो जानलेवा हो सकती है. हर साल लाखों लोग कैंसर की वजह से मौत का शिकार बन रहे हैं. हर साल लाखों नए मरीज सामने आ रहे हैं. यदि समय समय पर बचाव और सावधानी नहीं बरती गई, तो इस बीमारी से मौत निश्चित होती है. बॉलीवुड में कई सेलेब्स हैं, जो कैंसर की वजह असमय काल के गाल में समां गए, लेकिन कई ऐसे भी हैं, जिन्होंने इस जानलेवा बीमारी से जंग लड़ी और जीत गए. वो आज हमारे सामने एक प्रेरणा बनकर जी रहे हैं. इनमें बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे, ताहिरा कश्यम, अनुराग कश्यप, मनीषा कोइराला और संजय दत्त का नाम प्रमुख है. इन सेलिब्रिटिज ने समय रहते इस बीमारी का इलाज कराया और अपनी हिम्मत के दम पर इसे हरा दिया. आज हम इन्हीं सेलेब्स की कैंसर से जंग की कहानी हम आपको बताएंगे.
बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त (Sanjay Dutt) जेल की सजा काटने के बाद अपनी नॉर्मल जिंदगी जी रहे थे. अपकमिंग फिल्मों की शूटिंग में व्यस्त थे. उनके फैंस भी खुश थे कि चलो अब 'बॉलीवुड के बाबा' अपनी फिल्मों से मनोरंजन के लिए तैयार हैं, तभी एक मनहूस खबर आई. पता चला कि संजय दत्त को लंग कैंसर (Lung Cancer) हो गया है. वह भी स्टेज 4 का कैंसर. यह इस बीमारी का वह स्टेज होता है, जब किसी मरीज का बच पाना लगभग नामुमकिन होता है. पूरा देश हैरान और निराश हो गया. संजू बाबा की फैमली हताश हो गई. मुंबई के लीलावती अस्पताल के डॉक्टरों ने तुरंत सुझाव दिया कि ट्यूमर से लड़ने के लिए उनको 'तत्काल और जरूरी ट्रीटमेंट' की आवश्यकता है. इसके बाद उनका इलाज मुंबई से लेकर अमेरिका तक कराया गया. महज कुछ ही महीनों में संजय ने इस लाइलाज बीमारी से मुक्ति पा ली. कैंसर से जंग जीत कर अब वह वापस अपने काम पर लौट आए हैं.
आज World Cancer Day है. कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो सही समय और स्टेज पर पता न चले, तो जानलेवा हो सकती है. हर साल लाखों लोग कैंसर की वजह से मौत का शिकार बन रहे हैं. हर साल लाखों नए मरीज सामने आ रहे हैं. यदि समय समय पर बचाव और सावधानी नहीं बरती गई, तो इस बीमारी से मौत निश्चित होती है. बॉलीवुड में कई सेलेब्स हैं, जो कैंसर की वजह असमय काल के गाल में समां गए, लेकिन कई ऐसे भी हैं, जिन्होंने इस जानलेवा बीमारी से जंग लड़ी और जीत गए. वो आज हमारे सामने एक प्रेरणा बनकर जी रहे हैं. इनमें बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे, ताहिरा कश्यम, अनुराग कश्यप, मनीषा कोइराला और संजय दत्त का नाम प्रमुख है. इन सेलिब्रिटिज ने समय रहते इस बीमारी का इलाज कराया और अपनी हिम्मत के दम पर इसे हरा दिया. आज हम इन्हीं सेलेब्स की कैंसर से जंग की कहानी हम आपको बताएंगे.
बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त (Sanjay Dutt) जेल की सजा काटने के बाद अपनी नॉर्मल जिंदगी जी रहे थे. अपकमिंग फिल्मों की शूटिंग में व्यस्त थे. उनके फैंस भी खुश थे कि चलो अब 'बॉलीवुड के बाबा' अपनी फिल्मों से मनोरंजन के लिए तैयार हैं, तभी एक मनहूस खबर आई. पता चला कि संजय दत्त को लंग कैंसर (Lung Cancer) हो गया है. वह भी स्टेज 4 का कैंसर. यह इस बीमारी का वह स्टेज होता है, जब किसी मरीज का बच पाना लगभग नामुमकिन होता है. पूरा देश हैरान और निराश हो गया. संजू बाबा की फैमली हताश हो गई. मुंबई के लीलावती अस्पताल के डॉक्टरों ने तुरंत सुझाव दिया कि ट्यूमर से लड़ने के लिए उनको 'तत्काल और जरूरी ट्रीटमेंट' की आवश्यकता है. इसके बाद उनका इलाज मुंबई से लेकर अमेरिका तक कराया गया. महज कुछ ही महीनों में संजय ने इस लाइलाज बीमारी से मुक्ति पा ली. कैंसर से जंग जीत कर अब वह वापस अपने काम पर लौट आए हैं.
साल 2018 में पता चला कि बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे (Sonali Bendre) को मेटास्टेटिक कैंसर (Metastatic Cancer) हो गया है. बिना देर किए वह इलाज के लिए अमेरिका चली गईं. वहां करीब पांच महीने तक उनका इलाज चला. इस दौरान कीमोथेरेपी की वजह से उनको अपने बाल तक मुडवाने पड़ गए. लेकिन सोनाली न तो निराश हुईं, न ही इस बीमारी से जंग में हार मानी. इस दौरान पूरा देश उनके लिए प्रार्थना करता रहा. फैमली ने भी बहुत सपोर्ट किया. सोशल मीडिया के जरिए वह समय-समय पर अपना हाल लोगों से साझा करती रहीं. इस दुखद समय में भी उनका हौसला देख लोगों को लग गया था कि सोनाली कैंसर से अपनी जंग जरूर जीतेगी. हुआ भी वही. महज कुछ महीनों के ट्रीटमेंट के बाद उनको इस खौफनाक बीमारी से आजादी मिल गई. सोनाली एक प्रेरणा बनकर लोगों के सामने आईं, जो छोटी-छोटी परेशानियों से हारकर खुद की जिंदगी को खत्म समझ लेते हैं.
साल 2004 की बात है. बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर अनुराग बासु (Anurag Basu) एक फिल्म 'तुमसा नहीं देखा' की शूटिंग कर रहे थे. तभी उनको कुछ समस्या हुई और उन्होंने चेकअप कराया तो पता चला कि वह ल्यूकेमिया नामक कैंसर (Leukemia Cancer) के शिकार हो गए हैं. डॉक्टर ने उन्हें 3 से 4 महीने का वक्त दिया. उनसे कहा गया कि वह इससे ज्यादा जी नहीं पाएंगे. अनुराग ने हार नहीं मानी. उन्होंने अपना इलाज शुरू करा दिया. उनकी खराब हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उनको वेंटिलेटर पर रख दिया. कीमोथेरेपी शुरू कर दी गई. तीन साल तक उनका इलाज चला. इस दौरान उनकी मजबूत इच्छाशक्ति की वजह से वह धीरे-धीरे इस बीमारी से उबरने लगे. अस्पताल में बिस्तर पर होते हुए भी अनुराग का अपने काम के प्रति लगन बना रहा. उन्होंने अस्पताल में ही दो फिल्मों की कहानी लिख दी. 'लाइफ इन ए मेट्रो' और 'गैंगस्टर' यही वो दोनों फिल्में थी, जो बाद में सफल भी हुईं.
अपने जमाने की मशहूर अदाकारा मनीषा कोइराला (Manisha Koirala) को साल 2012 में ओवरियन कैंसर (Ovarian Cancer) हुआ था. उन्होंने कैंसर के बारे में अपना अनुभव साझा करते हुए एक बार बताया था कि पहले उन्हें यह सिर्फ सामान्य सी फूड पॉइजनिंग लग रही थी. उनका पेट बार बार फूलता था. उस दौरान उनका वजन भी अचानक काफी कम होने लगा था. उन्होंने जब इसका चेकअप करावाया तब उन्हें पता चला कि उन्हें ओवरियन कैंसर हुआ है. इसके बाद बेहतर इलाज के लिए वह न्यूयॉर्क चली गईं. पांच साल तक उनकी कैंसर से जंग चलती रही. आखिरकार साल 2017 में उन्होंने इस बीमारी से जंग जीत लिया. अब वह नॉर्मल लाइफ जी रही हैं. अमेरिका से वापस आने के बाद उन्होंने कई फिल्मों में भी काम किया. फिल्म 'डियर मामा' से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाली इस एक्ट्रेस ने फिल्म 'दिल से' और 'बॉम्बे 1942 अ लव स्टोरी' से अपनी पहचान बनाई थी.
फिल्म एक्टर आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) के सितारे जब बुलंदियों पर थे, तब उनको एक जोरदार झटका लगा था. साल 2018 में उनको पता चला कि उनकी पत्नी ताहिरा कश्यप (Tahira Kashyap) को ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) हो गया है. लंबे इलाज के बाद ताहिरा ने भी कैंसर को मात दे दी. अब वह सोशल मीडिया के जरिए अक्सर कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाती रहती हैं. कैंसर से जंग जीतने के बाद ताहिरा ने कहा था, 'जिंदगी और करिअर में वापसी करते हुए मैं बेहद खुश हूं. कम समय में बहुत बदलाव आए हैं. जिंदगी की तरफ देखने का नजरिया बदला है, लेकिन यह बदलाव मेरे जीवन में दो साल पहले ही आ गया था, जब मैंने प्रार्थना-जप करने शुरू किए थे. जब कैंसर से सामना हुआ तो मुझे ऐसा नहीं लगा कि किसी पर इसका ठीकरा फोडूं, शोक मनाऊं या उसे एक ट्रैजिक तरीके से लूं. मैंने कैंसर से लड़ने की ठानी और जीत गई.' इसी तरह क्रिकेटर युवराज सिंह ने कैंसर को हराने के बाद टीम इंडिया के लिए कई मैच खेले और साबित किया कि वह सही मायने में फाइटर हैं.
कोरोना काल में जब पूरी दुनिया एक महामारी से लड़ रही है, ऐसे में सबको यही लग रहा है कि Covid-19 से भयानक कोई बीमारी नहीं हो सकती. लेकिन शायद हमारी नजर कैंसर से पीड़ित मरीजों की संख्या पनहीं पड़ती. भारत में 22 लाख से ज्यादा कैंसर मरीज हैं. हर साल करीब 11.5 लाख कैंसर के नए मरीज सामने आते हैं. करीब 8 लाख लोग इस बीमारी की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, 9.81 फीसदी पुरुष और 9.42 फीसदी महिलाओं में यह बीमारी होने का डर बना रहता है. केवल साल 2018 में कैंसर से 413519 पुरुष और 371302 महिलाओं की मौत हो गई थी. इसी साल कैंसर से करीब 8 लाख लोगों की जान चली गई. अपने देश में पुरुषों में माउथ और लंग कैंसर से 25 फीसदी लोगों की जान गई है, जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के केस ज्यादा पाए गए हैं.
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