संतान की लालसा ज्यादातर दंपति को रहती है. ज्यादातर महिलाएं भी मां बनने का सुख लेना चाहती है. लेकिन कई बार मेडिकल वजहों से कुछ महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं. ऐसे में उनके पास सरोगेसी के जरिए अपनी सूनी कोख को भरने का मौका मिलता है. सरोगेसी को किराए की कोख भी कहा जाता है. इसमें एक महिला किसी दूसरे कपल के लिए अपनी कोख में उनके बच्चे पालती है. इसके लिए एक एग्रीमेंट भी होता है, जिसमें अधिकतर बार महिला को पैसे दिए जाते हैं. 2002 में सरोगेसी को कानूनी वैधता मिलने के बाद देश में हजारों महिलाओं ने दूसरे के लिए बच्चा पैदा कर पैसे कमाए हैं. भारत में सरोगेसी का कारोबार 30 अरब रुपये सालाना से ज्यादा है. जहां इतना पैसा शामिल होगा, वहां अपराध तो होना स्वाभिवक है. इसी पर आधारित फिल्म 'यशोदा' सिनेमाघरों में रिलीज हुई है. इसमें साउथ सिनेमा की सुपरस्टार सामंथा रुथ प्रभु लीड रोल में हैं.
फिल्म 'यशोदा' का का निर्देशन हरी और हरीश ने किया है. इसमें सामंथा के साथ उन्नी मुकुंदन, वरलक्ष्मी सरथकुमार और मुरली शर्मा जैसे साउथ के कई कलाकार मुख्य भूमिका हैं. मूल रूप से तेलुगू में बनी इस फिल्म को तमिल, कन्नड़, मलयालम और हिंदी में रिलीज किया गया है. फिल्म में सामंथा यशोदा नामक सरोगेट मदर के किरदार में हैं. वो कई लड़कियों के साथ एक मेडिकल फैसिलिटी में रहती है. उन्हें बताया जाता है कि सरोगेट बच्चे के बदले उनको बहुत सारे पैसे मिलेंगे. इस दौरान यशोदा के सामने कुछ ऐसे खुलासे होते हैं, जो कि उसे हैरान कर देते हैं. उसे समझ में आ जाता है कि सरोगेसी के नाम पर बड़े अपराध को अंजाम दिया जा रहा है. इसके बाद वो अपना रौद्र रूप दिखाती है. फिल्म में रहस्य और रोमांच के साथ एक्शन जबरदस्त देखने को मिल रहा है. 'द फैमिली मैन' सीरीज के बाद सामंथा एक बार फिर एक्शन अवतार में नजर आ रही हैं.
संतान की लालसा ज्यादातर दंपति को रहती है. ज्यादातर महिलाएं भी मां बनने का सुख लेना चाहती है. लेकिन कई बार मेडिकल वजहों से कुछ महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं. ऐसे में उनके पास सरोगेसी के जरिए अपनी सूनी कोख को भरने का मौका मिलता है. सरोगेसी को किराए की कोख भी कहा जाता है. इसमें एक महिला किसी दूसरे कपल के लिए अपनी कोख में उनके बच्चे पालती है. इसके लिए एक एग्रीमेंट भी होता है, जिसमें अधिकतर बार महिला को पैसे दिए जाते हैं. 2002 में सरोगेसी को कानूनी वैधता मिलने के बाद देश में हजारों महिलाओं ने दूसरे के लिए बच्चा पैदा कर पैसे कमाए हैं. भारत में सरोगेसी का कारोबार 30 अरब रुपये सालाना से ज्यादा है. जहां इतना पैसा शामिल होगा, वहां अपराध तो होना स्वाभिवक है. इसी पर आधारित फिल्म 'यशोदा' सिनेमाघरों में रिलीज हुई है. इसमें साउथ सिनेमा की सुपरस्टार सामंथा रुथ प्रभु लीड रोल में हैं.
फिल्म 'यशोदा' का का निर्देशन हरी और हरीश ने किया है. इसमें सामंथा के साथ उन्नी मुकुंदन, वरलक्ष्मी सरथकुमार और मुरली शर्मा जैसे साउथ के कई कलाकार मुख्य भूमिका हैं. मूल रूप से तेलुगू में बनी इस फिल्म को तमिल, कन्नड़, मलयालम और हिंदी में रिलीज किया गया है. फिल्म में सामंथा यशोदा नामक सरोगेट मदर के किरदार में हैं. वो कई लड़कियों के साथ एक मेडिकल फैसिलिटी में रहती है. उन्हें बताया जाता है कि सरोगेट बच्चे के बदले उनको बहुत सारे पैसे मिलेंगे. इस दौरान यशोदा के सामने कुछ ऐसे खुलासे होते हैं, जो कि उसे हैरान कर देते हैं. उसे समझ में आ जाता है कि सरोगेसी के नाम पर बड़े अपराध को अंजाम दिया जा रहा है. इसके बाद वो अपना रौद्र रूप दिखाती है. फिल्म में रहस्य और रोमांच के साथ एक्शन जबरदस्त देखने को मिल रहा है. 'द फैमिली मैन' सीरीज के बाद सामंथा एक बार फिर एक्शन अवतार में नजर आ रही हैं.
सोशल मीडिया पर भी फिल्म 'यशोदा' को लेकर जबरदस्त सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. ट्विटर पर विश्वजीत पाटिल 5 में से 4 स्टार देते हुए लिखते हैं, ''शानदार एंगेजिंग इमोशनल थ्रिलर फिल्म, जिसे देखकर आनंद आ गया. सामंथा रुथ प्रभु ने दमदार अभिनय प्रदर्शन किया है. उनका एक्शन सांसे थाम देने वाला है. निर्देशक हरि और हरीश को बेहतरीन निष्पादन के साथ एक साफ-सुथरी स्क्रिप्ट पर बनी फिल्म को जरूर देखना चाहिए.'' कुमार स्वयं लिखते हैं, ''गंभीर बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद सामंथा ने इस फिल्म के लिए काम किया है. इतना ही नहीं शानदार एक्शन भी किया है. उनकी मेहनत और समर्पण के लिए सलाम. पूरी फिल्म उनके कंधों पर टिकी हुई है. उनका प्रयास आदर के योग्य है. मैं उसकी सराहना करता हूं. इसके साथ ही लोगों से अपील करता हूं कि एक संवेदनशील विषय पर बनी इस फिल्म को देखने के लिए सिनेमाघरों में जाएं.''
महेश गिरी लिखते हैं, ''अभिनय प्रदर्शन, पटकथा, निर्देशन और सौंदर्य का एक दुर्लभ संयोजन जो आपको स्तब्ध कर देगा. सामंथा रुथ प्रभु ने अपने बेहतरीन अदाकारी के जरिए सरोगेसी की काला बाजारी से अवगत कराया है. विषय गंभीर होने के बावजूद इस तरह से फिल्मांकन किया गया है कि पर्याप्त मनोरंजन होता है. निर्देशक द्वय हरि और हरीश इसके लिए बधाई के पात्र हैं.'' एक दूसरे यूजर ने फिल्म की तारीफ करते हुए लिखा है, ''यशोदा का फर्स्ट हाफ सैम...सैम...सैम. सैम आपने समां बांध दिया है. फ्रेश स्टोरी के साथ दिलचस्प स्क्रीनप्ले प्री-इंटरवल से इंटरवल तक आपको बिजी रखती है.'' प्रदीप पार्कर लिखते हैं, ''हे भगवान, सामंथा ने क्या बेहतरीन एक्टिंग की है. फिल्म के पहले हॉफ में थोड़ा कम मजा आया, लेकिन सेकंड हॉफ में मजा दोगुना हो गया. मुझे फिल्म का थीम बहुत पसंद आया. यशोदा हर उम्र के दर्शकों को बहुत पसंद आएगी. बेहतरीन फिल्म है.''
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.