'जीवन एक पहेली है, सुख-दुख की सहेली है; यदि जीवन है दुखमय, तो सभी होते दुखी. यदि जीवन है सुखमय, तो सभी होते सुखी; यह तो इन दोनों का मेल है, जीत-हार का खेल है'...जीवन में सुख-दुख और जीत-हार लगा रहता है. लेकिन सफल इंसान वही होता है, जो दुख में बिना डरे, हार में बिना विचलित हुए अपने लक्ष्य के प्रति लगातार बढ़ता रहे. समाज में कई लोगों का जीवन हमारे सामने मिसाल है. कुछ लोग फर्श से अर्श पर जाते हैं, लेकिन बहुत जल्दी फिसलकर फर्श पर चले जाते हैं, ऐसे लोग जब जिजीविषा और जुनून के बूते दोबारा सफलता हासिल करते हैं, तो बाजीगर कहलाते हैं.
साल 1984 में आज के ही दिन पंजाब में एक लड़के का जन्म हुआ. घरवालों ने नाम दिया हिरदेश सिंह. इसी बीच परिवार पंजाब से दिल्ली आ गया. दिल्ली में पढाई दौरान हिरदेश का गाने के प्रति रूझान बढ़ा. वह पंजाबी गाना गाने लगा. उसके गाने सुन लोग दीवाने हो गए. क्योंकि उसकी स्टाइल जुदा थी. वह रैप सॉन्ग सुनाता. धीरे-धीरे फिल्म इंडस्ट्री में भी पॉपुलर हो गया. लेकिन एक दिन अचानक गायब हो गया. जिंदगी में तूफान आ गया. लेकिन उस तूफान को चीरकर वो आज एक बार फिर मजबूती से खड़ा है. जी हां, हम बात कर रहे हैं यो यो हनी सिंह के बारे में, जिनका आज जन्मदिन है.
यो यो हनी सिंह आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उनका स्टाइल, उनके गाने, उनकी कंपोजिशन, सब युवाओं के हॉट फेवरेट बने हुए हैं. बात चाहें पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री की हो, एनॉनमस म्यूजिक चार्ट्स की, बॉलीवुड की या फिर वर्ल्ड वाइड म्यूजिक की, हर जगह इस पंजाबी 'गबरू' के सॉन्ग झंडे गाड़े हुए हैं. हनी एक पंजाबी रैप सिंगर होने के साथ-साथ, म्यूजिशियन और एक्टर भी हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत रिकॉर्डिंग...
'जीवन एक पहेली है, सुख-दुख की सहेली है; यदि जीवन है दुखमय, तो सभी होते दुखी. यदि जीवन है सुखमय, तो सभी होते सुखी; यह तो इन दोनों का मेल है, जीत-हार का खेल है'...जीवन में सुख-दुख और जीत-हार लगा रहता है. लेकिन सफल इंसान वही होता है, जो दुख में बिना डरे, हार में बिना विचलित हुए अपने लक्ष्य के प्रति लगातार बढ़ता रहे. समाज में कई लोगों का जीवन हमारे सामने मिसाल है. कुछ लोग फर्श से अर्श पर जाते हैं, लेकिन बहुत जल्दी फिसलकर फर्श पर चले जाते हैं, ऐसे लोग जब जिजीविषा और जुनून के बूते दोबारा सफलता हासिल करते हैं, तो बाजीगर कहलाते हैं.
साल 1984 में आज के ही दिन पंजाब में एक लड़के का जन्म हुआ. घरवालों ने नाम दिया हिरदेश सिंह. इसी बीच परिवार पंजाब से दिल्ली आ गया. दिल्ली में पढाई दौरान हिरदेश का गाने के प्रति रूझान बढ़ा. वह पंजाबी गाना गाने लगा. उसके गाने सुन लोग दीवाने हो गए. क्योंकि उसकी स्टाइल जुदा थी. वह रैप सॉन्ग सुनाता. धीरे-धीरे फिल्म इंडस्ट्री में भी पॉपुलर हो गया. लेकिन एक दिन अचानक गायब हो गया. जिंदगी में तूफान आ गया. लेकिन उस तूफान को चीरकर वो आज एक बार फिर मजबूती से खड़ा है. जी हां, हम बात कर रहे हैं यो यो हनी सिंह के बारे में, जिनका आज जन्मदिन है.
यो यो हनी सिंह आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उनका स्टाइल, उनके गाने, उनकी कंपोजिशन, सब युवाओं के हॉट फेवरेट बने हुए हैं. बात चाहें पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री की हो, एनॉनमस म्यूजिक चार्ट्स की, बॉलीवुड की या फिर वर्ल्ड वाइड म्यूजिक की, हर जगह इस पंजाबी 'गबरू' के सॉन्ग झंडे गाड़े हुए हैं. हनी एक पंजाबी रैप सिंगर होने के साथ-साथ, म्यूजिशियन और एक्टर भी हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत रिकॉर्डिंग आर्टिस्ट के तौर पर की थी. लेकिन बाद में उन्होंने पंजाबी और हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री के लिए गाना शुरू किया और अब तक कई स्टार्स के साथ नजर आ चुके हैं.
बॉलीवुड में फिल्म 'शकल पे मत जा' में गाए गए अपने डेब्यू सॉन्ग के बाद से उनको नई पहचान मिली. फिल्म 'मस्तान' में एक गाना गाने के लिए उनको 70 लाख रुपये दिेए गए थे, जो कि बॉलीवुड में अब तक किसी भी गायक को दी जाने वाली सबसे बड़ी रकम है. उनका गाया हुआ गाना अंग्रेजी बीट सैफ अली खान की फिल्म 'कॉकटेल' में दिखाया गया है. हनी सिंह और दिलजीत सिंह का गाना 'लक्क 28 कुड्डी दा' बीबीसी डाउनलोड चार्टस् में नंबर वन पर रहा था. उनको सबसे ज्यादा पापुलैरिटी फिल्म 'चेन्नई एक्सप्रेस' और 'बॉस' के गानों से मिली थी. 'लुंगी डांस' गाना लोगों की जुबान पर चढ़ गया.
हनी सिंह ने अभिनय करियर की शुरूआत पंजाबी फिल्म 'मिर्जा' से की थी. फिल्म में उनका कैमियो अपियरेंस ही था, लेकिन इसके लिए उन्हें बेस्ट मेल डेब्यू का पीटीसी पंजाबी फिल्म अवार्ड मिला. इसके बाद वे एक और पंजाबी कॉमेडी फिल्म 'तू मेरा 22 मैं तेरा 22' में दिखाई दिए. यह लीड रोल के रूप में उनकी पहली फिल्म थी. उन्होंने बॉलीवुड में अपना एक्टिंग डेब्यू साल 2014 में आई फिल्म 'द एक्सपोज' से किया था, लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ ज्यादा नहीं कर सकी. इस फिल्म में सिंगर कंपोजर हिमेश रेशमिया लीड रोल में थे, जिन्होंने एक्टिंग के लिए अपना वजन भी घटाया था.
'हाय मेरा दिल', 'छम्मक छल्लो', 'हाई हील्स', 'ब्रेकअप पार्टी', 'ब्लू आईज', 'देसी कलाकार', 'मैं शराबी', 'रानी तू मैं राजा', 'लोनली लोनली', 'पंजाबियां दी बैटरी', 'लुंगी डांस', 'पार्टी ऑल नाईट', 'चार बोतल वोडका', 'पार्टी विद भूतनाथ', 'यार ना मिले', 'अता माझी सटकली' और 'बर्थडे बैश' जैसे मशहूर गाने बॉलीवुड के लिए गाने वाले हनी सिंह अपनी शोहरत के शबाब पर थे. उसी समय उनके जीवन में विवादों का तड़का लग गया. उनके कुछ गानों के बोल पर लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई. कई राज्यों में उनके खिलाफ केस दर्ज हो गए. इसी बीच अचानक हनी सिंह बॉलीवुड से गायब हो गए.
इतने ख्याति प्राप्त गायक का गायब हो जाना हर तरफ चर्चा का विषय बन गया. दबे जुबान लोगों ने कहा कि उनको रिहैब सेंटर में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. वह बहुत शराब पीने लगे हैं. नशे की उनकी लत इतनी बढ गई कि इलाज के लिए उन्हें रिहैब सेंटर में भर्ती कराना पड़ा. हालांकि, बाद में हनी सिंह ने इन सभी बातों को अफवाह बताते हुए कहा, 'सच ये है कि मैं बायपोलर डिसऑर्डर से जूझ रहा हूं. यह सब 18 महीने चला, इस दौरान मैंने चार डॉक्टर्स बदले. दवाइयां मुझ पर काम नहीं कर रही थीं. मेरे साथ अजीब चीजें हो रही थीं.' बायपोलर डिसऑर्डर गंभीर मानसिक बीमारी होती है.
बीमारी और नशे की लत से उबरने के एक लंबे अंतराल के बाद हनी सिंह ने उसी जोश के साथ फिल्म इंडस्ट्री में वापसी किया. जैसा कि कमबैक के वक्त इंडस्ट्री में काम मिलना आसान नहीं होता है, लेकिन हनी सिंह ने एक सिंगल म्यूजिक वीडियो के जरिए अपनी वापसी की. रेड आउटफिट, लंबे बाल और गले में सोने की चेन पहने देसी रॉकस्टार की तरह हनी सिंह का स्वैग लोगों को एक बार फिर पसंद आया. साल 2016 में फिल्म सोनू की टीटू की स्वीटी, मितरों, लवयात्री, जबरिया जोड़ी, झूठा कहीं का और बाजार में हनी सिंह के कई गाने सुनाई दिए. इसके बाद सिंगर एक बार फिर छा गए.
साल 2019 में रिलीज हुई फिल्म मरजावां और पागलपंती में भी हनी सिंह का एक-एक गाना है. इतना ही नहीं इस महीने 19 तारीख को रिलीज होने वाली जॉन अब्राहम की फिल्म मुंबई सागा में हनी सिंह अपने ही गाने पर झूमते हुए दिखाई देने वाले हैं. हनी सिंह के जीवन से हमें सीख लेनी चाहिए. किसी को भी विफलता के बाद ही अपनी कमजोरी मालूम होती है. इसके बाद उसका समाधान संभव है. जैसे ही अपनी कमजोरी का समाधान कर लेंगे, सफलता जरूर कदम चूमेगी. विफलता ही सफलता की सीढ़ी है. बिना विफलता के सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती है. हर दिन नया होता है. कल अच्छा नहीं बीता है, तो आने वाला कल जरूर अच्छा जायेगा. क्षणिक दु:ख या क्षणिक विफलता जिंदगी का आकर्षण है. इसके बिना जिंदगी नीरस हो जाएगी.
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